"दिव्यांगता को हराकर बने चिकित्सक: डॉक्टर संतोष यादव की प्रेरणादायक यात्रा"
जन्म से दिव्यांग होने के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और आज सैकड़ों मरीजों का इलाज कर रहे हैं। डॉक्टर संतोष का जन्म 4 जून 1978 को आजमगढ़ के हरैया में हुआ। पिता के निधन के बाद उनका पालन-पोषण चाचा दुर्गा प्रसाद यादव ने किया। 1994 में हाई स्कूल और 1996 में इंटर के बाद, उन्होंने एमबीबीएस की तैयारी की। 2002 में सुभाती मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया और 2008 में डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने आजमगढ़ ब्लड चिकित्सालय में काम किया और 2012 में मऊ में चिकित्सक के रूप में कार्य शुरू किया।
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