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Hardoi241401

Hardoi: सवायजपुर वॉलीबॉल प्रतियोगिता संपन्न, विजेताओं को मिला पुरस्कार

Feb 03, 2025 15:41:49
सवायजपुर, Uttar Pradesh

हरदोई के सवायजपुर में आयोजित वॉलीबॉल प्रतियोगिता के समापन पर विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि खेल को खेल भावना से खेलना चाहिए। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के प्रदर्शन की सराहना की और युवाओं को खेलों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। प्रतियोगिता में विभिन्न टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे खेल प्रेमियों में उत्साह बना रहा।

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AAAteek Ahmed
Dec 15, 2025 10:01:55
Lucknow, Uttar Pradesh:अब आधार कार्ड पर व्यक्ति की जाती लिखकर आएगी पसमांदा मुस्लिम समाज में पीएमओ को दिया था सुझाव पीएमओ ने माना, साथी अनीस मंसूरी ने SIR और बाबरी पर भी हमला बोला पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीश मंसूरी ने आधार कार्ड पर लोगों की जातियों का जिक्र हो जिससे लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में परेशानी ना हो यह सुझाव पीएमओ को दिया था और पीएमओ ने यह सुझाव मानते हुए भी एक लेटर जारी किया पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंसूरी को भेजो कि आपका सुझाव माना गया है जल्दी इस पर निर्णय लिया जाएगा अनीस मंसूरी ने कहा कि मेरे पास कई शिकायत आती थी कि लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत आ रही है लोक एसडीएम कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं लेखपाल उनकी सुनते नहीं है पैसा वसूलते हैं इसलिए मैंने पीएमओ को एक पत्र लिखा था और उनसे गुजारिश की थी कि आधार कार्ड सबसे बड़ा डॉक्यूमेंट होता है जिस पर लोगों के उंगलियों के वेरिफिकेशन वेरिफिकेशन होते हैं इसलिए उसपे पर अगर जाती लिख दिया जाएगा तो लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में अलग से कागज नहीं देना पड़ेगा पीएमओ का लेटर आया है कि आपका सुझाव माना गया है जल्दी से कार्रवाई शुरू की जाएगी वहीं अनीस मंसूरी ने कहा SIR की प्रक्रिया में तीन करोड़ से ज्यादा जो गणना के फॉर्म गए थे वापस नहीं आए हैं जब तक यह फॉर्म वापस न जाएं SIR की प्रक्रिया चलती रहनी चाहिए , साथी कोलकाता के मुर्शिदाबाद में जो बाबरी मस्जिद बनाई जा रही है उन्होंने कहा है इससे चुनाव में कोई फर्क नहीं पड़ेगा ना यूपी के चुनाव में ना बंगाल के चुनाव में यह बीजेपी का एजेंडा है
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ADAbhijeet Dave
Dec 15, 2025 10:00:37
Ajmer, Rajasthan:अजमेर के वैशाली नगर स्थित मुख्य रोड पर सोने की खान के नाम से संचालित ज्वेलरी शॉप में चोरी की वारदात सामने आई है। चोरों ने लॉक तोड़कर दुकान से 50 लाख की ज्वेलरी और 5 लाख रुपए नगदी चोरी कर फरार हो गए। चोरों ने करीब 1 घंटे में वारदात को अंजाम दिया है। चोरी के समय क्षेत्र की लाइट बंद होने से सीसीटीवी में वारदात कैद नहीं हो पाई। माना जा रहा है कि क्षेत्र की लाइट को बंद कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। सूचना मिलने पर सोमवार सुबह सीओ शिवम जोशी और क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। एफएसएल टीम के जरिए घटना स्थल से सबूत जुटाएं है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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Amit KumarAmit Kumar
Dec 15, 2025 09:56:20
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NPNishit Pancholi
Dec 15, 2025 09:55:30
Noida, Uttar Pradesh:
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SNShashi Nair
Dec 15, 2025 09:55:19
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ASAkhilesh Sharma
Dec 15, 2025 09:55:06
Dungarpur, Rajasthan:जिला अस्पताल में पार्किंग ठेके का मामला अब तूल पकड़ रहा है | बीएपी के जिला अध्यक्ष अनुतोष रोत ने अपने कार्यकर्ताओ के साथ आज जिला अस्पताल में कार्यक्रम भाग लेकर निकल रहे भाजपा नेताओं व अधिकारियों की गाडियों को गेट से पहले रोक लिया और जबरदस्ती पार्किंग की रसीद कटवा दी | वही अस्पताल की तानाशाही की शिकायत करते हुए जनहित में पार्किंग का ठेका रद्द करने की मांग की है | दरअसल कुछ दिन पहले चौरासी से बीएपी के विधायक अनिल कटारा और बीएपी के जिला अध्यक्ष अनुतोष रोत के नेतृत्व में बीएपी के कार्यकर्ताओ ने जिला अस्पताल के पार्किंग ठेके के खिलाफ धरना दिया था और 3 दिन में ठेके को खत्म कर पार्किंग निशुल्क करने की चेतावनी दी थी | जिसके बाद करीब 5 दिन तक पार्किंग का कोई शुल्क अस्पताल में आने वाले व्यक्ति से नहीं लिया गया | लेकिन कल से पार्किंग शुल्क वसूलने की जानकारी मिलने पर बीएपी के जिला अध्यक्ष अनुतोष रोत आज अपने कार्यकर्ताओ के साथ अस्पताल पहुँच गए और अस्पताल में आने वाले अस्पताल के डॉक्टर व स्टाफ की जबरदस्ती पार्किंग की रसीद कटवानी शुरू कर दी | इधर जिला अस्पताल में जिला स्तरीय आरोग्य शिविर में भाग लेकर लौट रहे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हकरू मईडा, पूर्व सांसद कनकमल कटारा, नगरपरिषद सभापति अमृतलाल कलासुआ, उप सभापति सुदर्शन जैन व सीएमएचओ डॉ अलंकार गुप्ता की भी गाडिया बीएपी के जिला अध्यक्ष ने जबरदस्ती रुकवा ली | वही अस्पताल प्रबंधन द्वारा अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजो के परिजनों से पार्किंग शुल्क लेने की शिकायत करते हुए सभी की गाडियों की भी पार्किंग की रसीद कटवा दी | वही रसीद कटवाने के बाद सभी की गाडियों को जाने दिया | इस मौके पर बीएपी के जिला अध्यक्ष अनुतोष रोत ने बताया कि ये किसी पार्टी का मुद्दा नहीं है बल्कि जनहित का मुद्दा है | उदयपुर, बांसवाडा और प्रतापगढ़ जैसे जिलो में पार्किंग शुल्क नहीं लिया जा रहा है लेकिन डूंगरपुर जिले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से पार्किंग का ठेका करते हुए अस्पताल में आने वाले मरीज व उनके परिजनों ने पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है | उन्होंने कहा कि अगर गरीब मरीजो व उनके परिजनों से पार्किंग वसूला जा रहा है तो अधिकारियों व नेताओं से कोई नहीं वसूला जा रहा है | उन्होंने जनहित को ध्यान में रखते हुए पार्किंग ठेके को रद्द करते हुए निशुल्क पार्किंग करने की मांग की है |
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VSVaibhav Sharma
Dec 15, 2025 09:54:31
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Dec 15, 2025 09:54:11
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KBKuldeep Babele
Dec 15, 2025 09:53:21
Jabalpur, Vehicle Fac. Jabalpur, Madhya Pradesh:जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल के ICU वार्ड में चूहों के आतंक का मामला सामने आया है। ICU वार्ड में चूहे दिख रहे हैं जो मरीज के bed के आसपास घूम रहे हैं। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता आशीष मिश्रा ने वीडियो वायरल किया है और उनका आरोप है कि जिला अस्पताल में लगातार लापरवाही हो रही है और जिस तरह से चूहे यहां देखे जा रहे हैं वह मरीज के लिए खतरे का सबब है। विक्टोरिया अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि यह गंभीर मामला है; पुरानी बिल्डिंग को हटाया जा रहा है जिसके चलते काम चल रहा है और चूहों की समस्या आ जाती है। उन्होंने कर्मचारियों को निर्देश जारी किए हैं और ICU वार्ड में नर्स और वार्ड बॉय की संख्या बढ़ा दी है; पेस्ट कंट्रोल वालों को भी कार्रवाई के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा है कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है और जल्द ही कार्रवाई होगी।
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DGDeepak Goyal
Dec 15, 2025 09:52:31
Jaipur, Rajasthan:जयपुर में प्रशासन का सबसे बड़ा दफ्तर जयपुर जिला कलेक्ट्रेट खुद अपनी सबसे बुनियादी समस्या से जूझ रहा है। हैरानी की बात ये है कि अब तक 52 जिला कलेक्टर बदल चुके, लेकिन कलेक्ट्रेट की पार्किंग व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। जहां जिले की जनता अपनी समस्याओं के समाधान की आस लेकर पहुंचती है, वहीं कलेक्ट्रेट परिसर में वाहन खड़ा करना ही सबसे बड़ी समस्या बन गया है। हालात ऐसे हैं कि अफसरों की पार्किंग में आम लोगों के वाहन खड़े कराए जा रहे हैं और उनसे शुल्क वसूला जा रहा है। जयपुर कलेक्ट्रेट…जिले की सबसे बड़ी प्रशासनिक इमारत, जहां आम आदमी न्याय और समाधान की उम्मीद लेकर पहुंचता है। लेकिन विडंबना यह है कि वर्षों से यह कलेक्ट्रेट खुद अपनी सबसे बुनियादी समस्या पार्किंग का समाधान नहीं ढूंढ पाया है। हालात ऐसे हैं कि यहां पार्किंग व्यवस्था पर न तो कलेक्टरों का जोर चल पाया और न ही सिस्टम का। अब तक जयपुर में 52 जिला कलेक्टर बदल चुके हैं। हर नया कलेक्टर पदभार संभालते ही व्यवस्थाओं में सुधार की बात करता है, लेकिन कलेक्ट्रेट परिसर की पार्किंग की तस्वीर आज भी जस की तस बनी हुई है। समस्या केवल अव्यवस्था तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब यह कथित वसूली और जिम्मेदारियों के टकराव तक पहुंच चुकी है। कलेक्ट्रेट परिसर में आमजन के लिए सशुल्क पार्किंग अलग है और अधिकारियों के वाहनों के लिए अलग जगह निर्धारित है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अधिकारियों की पार्किंग में बाहर से आने वाले लोगों के वाहन खड़े कराए जा रहे हैं और उनसे पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है। यह पूरा संचालन जयपुर कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के जिम्मे बताया जा रहा है। सवाल यह है कि इस वसूली का लेखा-जोखा आखिर जाता कहां है और इसकी अनुमति किस स्तर पर है? तीन तत्कालीन जिला कलेक्टरों ने पार्किंग की समस्या को गंभीर मानते हुए यूडीएच सचिव को पत्र लिखे। तत्कालीन कलेक्टर कृष्ण कुणाल ने तो पार्किंग के लिए वैकल्पिक स्थान भी चिन्हित किए और जेडीए सचिव से निरीक्षण कर कार्रवाई की सिफारिश की। प्रस्तावों में गेट नंबर 2 और 3 के पास दोमंजिला पार्किंग, मुख्य भवन के सामने से रास्ता बनाकर बाहर शिफ्टिंग और कलेक्ट्रेट सर्किल के नीचे भूमिगत पार्किंग का सुझाव तक शामिल था। तर्क साफ था यदि भूमिगत पार्किंग बनती है तो कलेक्ट्रेट ही नहीं, पास के मिनी सचिवालय और जिला न्यायालय को भी राहत मिल सकती है। लेकिन कलेक्टर बदलते गए, जेडीए सचिव भी बदले और फाइलें वहीं की वहीं रह गईं। आज तक न तो चिन्हित स्थलों का निरीक्षण हुआ और न ही किसी ठोस योजना पर अमल। कलेक्ट्रेट परिसर के पीछे बनी एक मंजिला स्टाफ पार्किंग भी अपनी बदहाली की कहानी खुद बयां करती है। लकड़ी से बनी यह पार्किंग जगह-जगह से टूटी हुई है। नतीजतन दोपहिया वाहन अब चौपहिया पार्किंग में खड़े हो रहे हैं। अधिकारी अपने वाहन कहीं भी खड़े करने को मजबूर हैं। जिला कलेक्टर की साप्ताहिक बैठक, फरियादियों की भीड़ और सैकड़ों वाहनों की आवाजाही लेकिन पार्किंग की जगह उतनी ही सीमित। कलेक्ट्रेट जो जिले की समस्याओं के समाधान का केंद्र है, खुद एक स्थायी समस्या से जूझ रहा है। सवाल यह है कि क्या 52 कलेक्टरों के बाद भी यह समस्या सिर्फ संज्ञान तक ही सीमित रहेगी? जयपुर कलेक्ट्रेट की पार्किंग अब सिर्फ अव्यवस्था नहीं, बल्कि सिस्टम की सुस्ती और जिम्मेदारी से बचने की मिसाल बन चुकी है। जहां प्रशासन जनता को नियम और अनुशासन का पाठ पढ़ाता है, वहीं उसी परिसर में पार्किंग व्यवस्था सवालों के घेरे में खड़ी है। शायद अब जरूरत सिर्फ एक और पत्र की नहीं, बल्कि इच्छाशक्ति और ठोस फैसले की है।
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