पौष पूर्णिमा नजदीक आते ही पसका के त्रिमुहानी संगम तट पर साधु-संतों और श्रद्धालुओं का जमावड़ा बढ़ने लगा है। साधु-संत फूस की झोपड़ियां बनाकर कल्पवास की तैयारियों में जुट गए हैं। संत मनीराम ने बताया कि पसका सूकरखेत एक पौराणिक स्थल है जहां सरयू और घाघरा नदियों का संगम होता है। यह स्थान भगवान वाराह की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है। इसके अलावा, यहां श्री गुरु नरहरि आश्रम और श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर भी स्थित है।