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गोंडाः श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर आयोजित हुआ श्रीरामचरित मानस पाठ

Jan 21, 2025 16:56:45
Paraspur, Uttar Pradesh

परसपुर क्षेत्र के ग्राम डेहरास डीहा गांव में श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को श्रीराम चरित मानस का अखण्ड पाठ आयोजित हुआ। डेहरास डीहा माँ ललिता देवी के मंदिर पर रामलला प्राकट्य के प्रथम वर्षगांठ पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अखण्ड दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जितेन्द्र तिवारी ने कहा कि श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा के प्रथम वर्षगांठ पर 22 जनवरी को हवन पूर्णाहुति उपरांत विशाल भंडारा होगा।

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KNKuldeep Nageshwar Pawar
Nov 01, 2025 13:48:37
Noida, Uttar Pradesh:इंश्योरेंस पॉलिसी और प्रीमियम करने के नाम पर धोखाधड़ी. फरियादियों की शिकायत पर थाना कैनरा नगर में जांच की गई. आरोप सही पाए जाने पर एफआईआर दर्ज की गई. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया. महिला आरोपी ममता तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी महिला पहले कोटक महिंद्रा बैंक में कार्यरत थी. करीब 56 लाख रुपए की ठगी की गई है. क्राइम ब्रांच पुलिस फरार आरोपी की तलाश में जुटी है. एंकर.इंदौर में इंश्योरेंस पॉलिसी कराने के नाम पर प्रीमियम जमा कराने के बहाने धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. फरियादियों की शिकायत पर थाना कैनरा नगर में जांच की गई, जिसमें आरोप सही पाए जाने पर एफआईआर दर्ज की गई. वीओ.दरअसल पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है, जिनमें से एक महिला आरोपी ममता तोमर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसका साथी फिलहाल फरार है। जानकारी के अनुसार, आरोपी महिला पहले कोटक महिंद्रा बैंक में कार्यरत थी और बाद में प्राइवेट इंश्योरेंस का काम करने लगी। उसने खुद को इंश्योरेंस एजेंट बताकर लोगों को झूठे वादों के जरिए विश्वास में लिया और उनसे लाखों रुपए की ठगी की। आरोप है कि उसके निशाने पर ज्यादातर रिटायर्ड अधिकारी और कर्मचारी थे। महिला ने उन्हें उच्च रिटर्न और बोनस का लालच देकर पॉलिसी में निवेश करवाया, लेकिन बाद में रकम हड़प ली। क्राइम ब्रांच के अनुसार, अब तक आठ फरियादी सामने आए हैं, जिनसे करीब 56 लाख रुपए की ठगी की गई है। पुलिस का कहना है कि कई अन्य पीड़ित भी हैं जो अभी शिकायत दर्ज नहीं करा पाए हैं, लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही और लोग भी सामने आने की संभावना है। वर्तमान में क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है और फरार साथी की तलाश जारी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी कई वर्षों से इस तरह की धोखाधड़ी कर रही थी और अलग-अलग बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों का नाम लेकर लोगों को गुमराह करती थी। पुलिस का कहना है कि यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि अन्य पीड़ितों ने भी संपर्क करना शुरू कर दिया है।
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SKSantosh Kumar
Nov 01, 2025 13:48:13
Noida, Uttar Pradesh:Lucknow News: लखनऊ को यूनेस्को ने ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ की सूची में शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने दुनिया भर के लोगों से लखनऊ आकर इस शहर की विशिष्टता को जानने की अपील की. मोदी ने कहा कि लखनऊ जीवंत संस्कृति का पर्याय है. जिसके मूल में एक शानदार पाककला संस्कृति है. पीएम मोदी ने ट्वीट किया: 'मुझे खुशी है कि यूनेस्को ने लखनऊ की इस पाक कला को मान्यता दी है और मैं दुनिया भर के लोगों से लखनऊ आकर इसकी विशिष्टता को जानने का आह्वान करता हूं.' उन्होंने केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के पोस्ट के जवाब में कहा कि यूनेस्को द्वारा ‘क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’ घोषित किया जाना इसकी विशिष्ट पाककला विरासत और भारत की समृद्ध पाककला परंपराओं में इसके अमूल्य योगदान को मान्यता देता है. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सम्मान लखनऊ के वैश्विक कद को बढ़ाता है तथा इसे जायके और संस्कृति के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करता है. Gajendra Singh Shekhawat: Lucknow has been designated as a UNESCO Creative City of Gastronomy, a recognition of its distinguished culinary heritage and invaluable contribution to India’s rich gastronomic traditions. This honour enhances Lucknow’s global stature, positioning it as a premier destination for food and culture, and opens new avenues for tourism promotion, culture-led economic growth, heritage conservation, and international collaboration through the UNESCO Creative Cities Network. Guided by the visionary leadership of Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi, India’s timeless traditions, culture, and values continue to attain unprecedented recognition and respect on the global stage.
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PKPrashant Kumar
Nov 01, 2025 13:47:06
Munger, Bihar:104 शस्त्र लाइसेंस रद्द, जिलाधिकारी ने जारी की सख्त चेतावनी मुंगेर : आगमी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र जिले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के तहत जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी निखिल धनराज ने बताया कि फायरिंग की हालिया घटनाओं को देखते हुए 104 शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। डीएम ने कहा कि जिले में करीब 600 ऐसे लाइसेंसधारी हैं जिन्होंने अब तक अपने शस्त्रों का सत्यापन नहीं कराया है। सभी को नोटिस जारी किया गया है। निर्धारित समय सीमा में स्थानीय थाने में हथियारों का सत्यापन नहीं कराने पर उनके लाइसेंस भी रद्द कर दिए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। डीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि नोटिस के बाद भी सत्यापन नहीं कराने वालों के खिलाफ दो से तीन दिनों के अंदर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी。
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RSRAKESH SINGH
Nov 01, 2025 13:46:43
Chapra, Bihar:बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि राजद और तेजस्वी यादव लोगों को मुंगेरीलाल का हसीन सपना दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए एनडीए के पांच पांडव को आशीर्वाद दें। आज मांझी के सन्यासी बाजार एवं मांझी नगर पंचायत के साथ हजारों के संख्या में लोगों ने गाजे बाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया। भाजपा नेता और लोजपा के नेता भरत मांझी द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने जनता से अपील की कि गठबंधन के प्रत्याशी रणधीर सिंह को 6 नवंबर को एक-एक वोट देकर विधानसभा भेजने का आप सभी लोग काम करें। पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बिहार के युवाओं को प्रत्येक घर नौकरी देने की बात को झूठा करार दिया।
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BDBabulal Dhayal
Nov 01, 2025 13:45:53
Jaipur, Rajasthan:पीटीसी ओएफसी है मंत्री गौतम कुमारदक की बाइट इस फाइल के साथ अटैच है सहकार सदस्यता अभियान’ से राज्य में मजबूत हुआ सहकारिता का नेटवर्क 7.34 लाख के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 8.90 लाख से अधिक नए सदस्य बनाये गए 1,706 ग्राम पंचायतों में पैक्स गठन के लिए सर्वे की कार्यवाही पूर्ण 1,342 सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण के लिए हुआ भूमि का चिन्हीकरण ‘सहकार सदस्यता अभियान’ से राज्य में सहकार आंदोलन को नई ऊंचाइयां देने की दिशा में अहम कड़ी साबित हुआ है सहकारिता विभाग ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 7 लाख 34 हजार नये सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, इसके मुकाबले महकमे ने 8.90 लाख नये सदस्य बनाने में कामयाबी हासिल की है यह तय लक्ष्य की तुलना में लगभग 21.25 फीसदी अधिक है। बाइट गौतम दक सहकारिता मंत्री दो अक्टूबर से ‘सहकार सदस्यता अभियान’ की भजनलाल सरकार ने शुरूआत राज्य में सहकार आंदोलन को नई ऊंचाइयां देने की दिशा में अहम कड़ी साबित हुआ है। ‘सहकार सदस्यता अभियान’ की इस साल दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर शुरूआत हुई थी, पहले अभियान की मियाद 15 अक्टूबर तक निर्धारित की गई थी, पर मेंबरशिप ड्राइव में उम्मीद से कहीं ज्यादा सफलता ने सरकार को अभियान की अवधि बढ़ाने पर मजबूर किया, इसे 22 अक्टूबर तक बढ़ाया गया। इस दौरान लगभग 8,500 पैक्स के स्तर पर शिविरों का आयोजन किया गया। अभियांन के अंतर्गत जयपुर संभाग में 1.25 लाख नये सदस्य बनाये जाने का लक्ष्य था, जिसकी तुलना में 2.03 लाख सदस्य बनाये गए। उदयपुर संभाग में 1.01 लाख सदस्यों के निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 1.30 लाख नये सदस्य बनाये गए। अजमेर संभाग में 1.15 लाख सदस्य के निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले 1.22 लाख नये सदस्य बनाये गए। बीकानेर संभाग में 99 हजार के लक्ष्य की तुलना में 1.19 लाख सदस्य बनाये गए। कोटा संभाग में 53 हजार के लक्ष्य की तुलना में लगभग 68 हजार एवं भरतपुर संभाग में 74 हजार के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 95 हजार नये सदस्य बनाये गए। जोधपुर संभाग में 1.53 लाख नये सदस्य बनाये गए। अभियांन अवधि के दौरान पैक्सविहीन ग्राम पंचायतों में नवीन पैक्स गठन की कार्यवाही के तहत 1,706 ग्राम पंचायतों में सर्वे की कार्यवाही पूर्ण की गई। इस दौरान 1,296 पैक्स के लिए जिला स्तरीय कमेटी की बैठक आयोजित की गई। 1275 पैक्स के गठन के लिए प्रस्ताव विभाग को प्राप्त हुए। भूमिविहीन या अपर्याप्त भूमि वाली 1,342 सहकारी समितियों में गोदाम निर्माण हेतु भूमि का चिन्हीकरण किया गया तथा 1,215 सहकारी समितियों द्वारा भूमि आवंटन के लिए आवेदन किया गया। ‘सहकार सदस्यता अभियान’ के अंतर्गत पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लम्बित आवेदनों में से 38 हजार 850 कृषकों की आधार सीडिंग व 27 हजार 640 कृषकों की ई-केवाईसी का कार्य भी पूर्ण किया गया। साथ ही, इस दौरान 11 लाख से अधिक लोगों को प्रस्तावित नवीन सहकारी कानून के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी प्रदान गई। बाइट गौतम दक सहकारिता मंत्री भजनला सरकार ‘सहकार सदस्यता अभियान’ के जरिये बड़ी संख्या में युवाओं एवं महिलाओं के सहकारी समितियों से जुड़ने से राज्य में जमीनी स्तर पर सहकारिता का नेटवर्क और अधिक मजबूत हुआ है, इसका सीधा लाभ किसानों और ग्रामीणों को मिल सकेगा। भूमिविहीन समितियों को भूमि आवंटन होने से इन समितियों में गोदाम के निर्माण की राह प्रशस्त होगी, जिससे राज्य की भण्डारण क्षमता में बढ़ोतरी होगी। प्रस्तावित नवीन को-ऑपरेटिव कोड के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी आमजन के लिए उपयोगी साबित होगी।
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PPPREMANANDA PUJARI
Nov 01, 2025 13:45:23
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JPJai Pal
Nov 01, 2025 13:45:08
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Nov 01, 2025 13:41:13
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Nov 01, 2025 13:34:39
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RKRampravesh Kumar
Nov 01, 2025 13:33:40
Noida, Uttar Pradesh:वर्ष 2005 से पहले के वो दिन आप सबको याद होंगे, जब राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरायी हुई थीं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई काम नहीं होता था। छोटी-मोटी बीमारियों के इलाज के लिए भी लोगों को मजबूरी में राज्य के बाहर जाना पड़ता था। उस वक्त डॉक्टर और नर्सों की संख्या बहुत कम थी। स्वास्थ्य केन्द्र लगभग बंद ही रहते थे। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नाम पर सिर्फ एक से दो कमरों के जर्जर भवन होते थे। उन अस्पतालों में न डॉक्टर होते थे, न नर्स और न ही इलाज की कोई व्यवस्था होती थी। अस्पतालों में दवा की उपलब्धता नगण्य थी। जर्जर अस्पताल भवनों में लोग जानवर बांध देते थे। अस्पताल के बेड पर मरीज की जगह कुत्ते लेटे हुए पाये जाते थे, तब ऐसी कई तस्वीरें देखने को मिलती थी। स्वास्थ्य-व्यवस्था की स्थिति बहुत भयावह थी। उस दौर की बदहाल व्यवस्था में बिहार का पूरा हेल्थ सिस्टम आईसीयू में अपनी अंतिम सांसें गिन रहा था। मुझे याद है- जब मैं सांसद था तो एक बार मेरी मां की तबीयत खराब हो गई थी और तब मैं अपनी मां को लेकर पटना के पीएमसीएच स्थित आईजीआईसी आया था, लेकिन वहां की व्यवस्था बहुत खराब थी। बाद में जब हमलोगों की सरकार बनी तो सबसे पहले हमलोगों ने वहां की व्यवस्था को दुरुस्त करवाया और आज भी मुझे कहीं कोई कमी दिखाई पड़ती है तो उसे मैं ठीक करवाता हूं। उस वक्त स्वास्थ्य विभाग का कुल बजट मात्र 705 करोड़ रुपये था। सरकारी अस्पतालों में एक्स-रे, पैथोलोजी आदि जांच की सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती थीं। राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या मात्र 6 थी, वे भी 1990 के पूर्व ही बने थे और जर्जर हालत में थे। 1990 से 2005 के बीच राज्य में एक भी नया चिकित्सा महाविद्यालय नहीं बनाया गया था। यही कारण था कि वर्ष 2005 में और उससे पूर्व राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए औसतन प्रतिमाह मात्र 39 मरीज ही आते थे यानि प्रतिदिन एक से दो ही मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच पाते थे। 24 नवंबर 2005 को राज्य में नयी सरकार के गठन के बाद हमलोगों ने प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए काम करना शुरू किया। स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और उसमें सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया गया। सबसे पहले वर्ष 2006 से हमलोगों ने अस्पतालों में निःशुल्क दवा का वितरण शुरू किया, जिसका शुभारंभ तत्कालीन माननीय उपराष्ट्रपति स्व॰ भैरो सिंह शेखावत जी द्वारा पटना स्थित गार्डिनर रोड अस्पताल से किया गया। राज्य भर के अस्पतालों में विभिन्न प्रकार की दवायें निःशुल्क उपलब्ध करायी गयीं और आज की तारीख में मरीजों को 500 से अधिक तरह की दवायें निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही हैं। साथ ही, सरकारी संस्थानों में अनेक बीमारियों की जांच के लिए निःशुल्क सुविधा मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही है। आज राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों और सदर अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा मुहैया करायी गयी है, जबकि राज्य के 7 चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों में रियायती दर पर एमआरआई की सुविधा उपलब्ध है। वर्ष 2005 से पूर्व राज्य के किसी भी सरकारी अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा नहीं थी, आज सभी 38 जिलों के स्वास्थ्य संस्थानों में लोक-निजी साझेदारी के तहत डायलिसिस केंद्र संचालित किये जा रहे हैं। इसके अलावा राज्य के सभी जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है, जबकि कुछ चिह्नित अस्पतालों में कीमोथेरेपी की व्यवस्था की गयी है। साथ ही, मुजफ्फरपुर में 425 करोड़ रुपये की लागत से होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है। राज्य के निर्धन मरीजों पर गंभीर बीमारियों के इलाज का बोझ नहीं पड़े, इसके लिए वर्ष 2006-07 में हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष की शुरुआत की। तब से लेकर अब तक करीब 2 लाख मरीजों को गंभीर बीमारियों की चिकित्सा हेतु 1550 करोड़ रुपये से अधिक की राशि अनुदान के रूप में दी गयी है। वर्ष 2004-05 में स्वास्थ्य विभाग का बजट मात्र 705 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर अब 20035 करोड़ रुपये से भी अधिक हो गया है। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार का ही परिणाम है कि आज राज्य में कई स्वास्थ्य सूचकांकों जैसे संस्थागत प्रसव, शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और संपूर्ण टीकाकरण में अप्रत्याशित सुधार हुआ है। वर्तमान में राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या 12 हो गयी है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को विस्तारित करते हुए नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों को भी जोड़ा जाय तो यह संख्या 15 हो गयी है। इसके अतिरिक्त राज्य में 20 नये सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय निर्माणाधीन है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। इस प्रकार राज्य में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों की कुल संख्या 35 हो जायेगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 9 निजी चिकित्सा महाविद्यालय भी खोले जा रहे हैं। पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के साथ-साथ दरभंगा में भी नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का निर्माण कराया जा रहा है। साथ ही पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (PMCH) को 5462 बेड के अस्पताल के रूप में पुनर्विकसित कर देश के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में बनाया जा रहा है। अन्य पुराने 5 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को भी 2500 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान को भी 3000 बेड के अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य में अब जिला अस्पतालों की संख्या बढ़कर 35 हो गई है, जबकि अनुमंडलीय अस्पतालों की संख्या 55 और स्वास्थ्य उपकेंद्रों की संख्या 10788 से भी अधिक हो गयी है। यही कारण है कि आज सरकारी अस्पतालों में प्रति महीने 11600 से भी अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं। राज्य के लोगों की सुविधा के लिए हमलोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो आपके लिए काम किए हैं, उसे याद रखिएगा। आगे भी हमलोग ही काम करेंगे। हमलोग जो कहते हैं, उसे पूरा करते हैं। जय बिहार!
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