गाजियाबाद देहात कप्तान के आदेश पर बदमाशों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में वेव सिटी पुलिस कि शातिर बदमाश के साथ मुठभेड़ का मामला सामने आया है. पुलिस की गोली लगने से घायल बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल बदमाश पर दो दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत हैं और वेव सिटी थाने से घायल बदमाश वांछित चल रहा था. बदमाश के कब्जे से पुलिस ने बाइक, तमंचा, कारतूस भी बरामद किया है।

गाजियाबाद पुलिस की मुठभेड़ में शातिर बदमाश घायल
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हलिया थाना क्षेत्र के नदना ग्राम सभा के मझिगवां गांव मे आकाशी बिजली गिरने से नीम के पेड़ के नीचे बैठे दो सगी बहनों की मौत हो गई, वहीं सात लोग घायल हो गए. हलिया थाना क्षेत्र के नदना ग्राम सभा के मझिगवां गांव में घर के सामने स्थित नीम के पेड़ के नीचे 10 वर्षीय साधना,11 वर्षीय खुशबू ,14 वर्षीय सोनम,9 वर्षीय रनिया,5 वर्षीय अमन, 25 वर्षीय फूल कुमारी, तीन वर्षीय जागृति, 35 वर्षीय राम लल्लू ,14 वर्षीय साधना बैठे थे. उसी दौरान तेज गरज चमक के साथ आकाशी बिजली पेड़ के पास आकर गिरी, जिसकी चपेट में आकर सभी लोग अचेत हो गए. एंबुलेंस ने सभी घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया लेकर गई, जहां पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर कामेश्वर तिवारी ने देखते ही 10 वर्षीय साधना तथा 11 वर्षीय खुशबू पुत्री संतोष को मृत घोषित कर दिया।
ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के अंतर्गत हाथरस पुलिस की त्वरित कार्यवाही एवं अभियोजन की सशक्त पैरवी से घटना के मात्र 04 महीने में माननीय न्यायालय द्वारा थाना कोतवाली नगर क्षेत्रान्तर्गत हुई दो बच्चियों की हत्या के 02 अभियुक्तों को फांसी (मृत्युदण्ड) व अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई ।
मिर्जापुर कछवां क्षेत्र के भैंसा गांव के पाल बस्ती में सोमवार को अचानक पहुंची खाद्य विभाग की टीम न पांच घरों पर छापा मार कर करीब तीन कुंटल नकली छेना नष्ट कराया। खाद्य विभाग की असिस्टेंट कमिश्नर डॉ मंजुला सिंह के नेतृत्व में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी एनएन झा व खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप श्रीवास्तव, रवि शेखर कुशवाहा, विवेक मौर्य की टीम ने पुलिस बल व राजस्व की टीम के साथ पांच घरों में छापा मार कर छेना का सैंपल लिया। वही मौके से करीब तीन कुंटल नकली छेना नष्ट कराया और मौके से मिल्क पाउडर भी पाया गया जोकि बेहद खराब स्थिति में पाया गया। करीब 6 घंटे तक छापेमारी कर ऑपरेशन चलाया गया।
गाजियाबाद थाना कौशाम्बी पुलिस ने वाहन चोर गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करते हुए दो शातिर चोरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से चोरी की चार मोटरसाइकिल और एक स्कूटी बरामद की गई हैं। यह गिरफ्तारी बुधवार को आनंद विहार ठेके के पास स्थित खंडहर क्षेत्र से की गई। एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान अरमान पुत्र इरफान और बिलाल पुत्र जमील दोनों निवासी सिकन्दराबाद, जनपद बुलन्दशहर के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से दोपहिया वाहन चोरी कर उन्हें बेचते थे और इसी से अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे।
इंदिरापुरम थाना पुलिस ने बुधवार को हुई मुठभेड़ में दो शातिर चैन स्नेचर्स को घायल अवस्था में गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई वैशाली सेक्टर-5/6 की पुलिया के पास सर्विस रोड पर चेकिंग के दौरान हुई। पुलिस के रुकने के इशारे पर दोनों बाइक सवार युवक भागने लगे, जिनमें से एक ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में एक बदमाश के पैर में गोली लगी, जिसके बाद दोनों को दबोच लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम विशाल और विशाल वर्मा हैं, दोनों साहिबाबाद निवासी हैं। इनके पास से एक अवैध तमंचा, कारतूस और चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई है। पूछताछ में सामने आया कि दोनों बदमाश गाजियाबाद व एनसीआर में स्नैचिंग कर दिल्ली में माल बेचते थे।
गाजियाबाद के बज़ीराबाद की निवासी और वर्तमान में पंचवटी में रहने वाली निदा खान नामक मुस्लिम महिला ने उत्पीड़न से तंग आकर सनातन धर्म में वापसी की है। हिंदू संगठनों के सहयोग से वैदिक मंत्रोच्चार और विधिविधान के साथ निदा ने ‘घर वापसी’ की। महिला का कहना है कि उसका पति उसे लंबे समय से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था, और समाज के लोग भी उसके समर्थन में नहीं थे, जिससे वह काफी समय से आहत चल रही थी। उत्पीड़न से परेशान होकर निदा ने अब वैदिक जीवनशैली को अपनाने का निर्णय लिया है और वह खुद को अब ‘वैदिका’ कहती हैं। यह घर वापसी हिंदू रक्षा दल (HRD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी की देखरेख में संपन्न हुई। संगठन ने इसे “धर्म की ओर लौटने की साहसी पहल” बताया है।
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ महादेव के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु विधिवत पूजा-अर्चना के साथ खोल दिए गए हैं। समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर माना जाता है। कपाट खुलने के साथ ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है और जयकारों से वातावरण गूंज उठा। चोपता से लगभग 3.5 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा कर श्रद्धालु तुंगनाथ मंदिर पहुंचते हैं। यात्रा मार्ग पर सुरक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन सतर्क है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चिकित्सा, पानी और विश्राम स्थलों की उचित व्यवस्था की गई है। इस बार यात्रा में विशेष संख्या में युवा व पर्यटक भी भाग ले रहे हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है। यात्रा आगामी महीनों तक जारी रहेगी।
रायबरेली नगर कोतवाली क्षेत्र में दहेज हत्या के मामले में पुलिस ने मृतका की सास और देवर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बाराबंकी जनपद के पूरे मितई, हैदरगढ़ निवासी रामकुमार सोनी ने नगर कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उन्होंने अपनी बेटी मानसी की शादी दो वर्ष पूर्व शिवम पुत्र संजय (निवासी जजेज कॉलोनी, सिविल लाइंस, रायबरेली) से की थी। आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज की मांग कर रहे थे। मांग पूरी न होने पर उन्होंने मानसी की हत्या कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर सास सुनीता और देवर आकाश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि मृतका के ससुर प्रतिमा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर भारत-नेपाल सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित सरकारी जमीनों पर बनी अवैध मस्जिदों, मदरसों और ईदगाहों पर बुलडोजर कार्रवाई तेज़ हो गई है। महाराजगंज जनपद में प्रशासनिक सख्ती और “बाबा के बुलडोजर” के खौफ का असर इस कदर है कि लोग खुद ही अवैध निर्माणों को तोड़ने लगे हैं। फरेंदा तहसील के मैनहवा गांव में दो डिसमिल सरकारी जमीन पर बनी सैकड़ों साल पुरानी मस्जिद को ग्रामीण व मस्जिद कमेटी के लोग स्वयं ध्वस्त कर रहे हैं। कमेटी का कहना है कि चार दिन के भीतर मस्जिद को पूरी तरह हटा दिया जाएगा। शासन की इस कार्रवाई से सीमावर्ती इलाकों में हड़कंप मचा है। प्रशासन का कहना है कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून के दायरे में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
जिला अस्पताल अकबरपुर की नाइट शिफ्ट में लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पूरी तरह वातानुकूलित कमरे में आराम फरमाते पाए गए। वहीं दूसरी ओर इमरजेंसी वार्ड में एक्सीडेंट में घायल मरीज गंभीर हालत में भर्ती थे, जिन्हें तत्काल इलाज की जरूरत थी। परिजनों का आरोप है कि कई बार बुलाने के बाद भी डॉक्टर बाहर नहीं निकले। मरीज दर्द से तड़पते रहे, लेकिन डॉक्टर साहब की नींद पहले जरूरी समझी गई। अस्पताल प्रशासन की ऐसी उदासीनता न सिर्फ चिकित्सकीय सेवा की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि गंभीर मरीजों की जान भी खतरे में डालती है। इस तरह की लापरवाही पर सवाल उठना लाजमी है और संबंधित अधिकारियों को इसकी जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।