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Gautam Buddha Nagar201304
क्राइम बुलेटिन के लिए वॉकथ्रू: कोई विस्तृत खबर उपलब्ध नहीं
RRRakesh Ranjan
Oct 06, 2025 15:45:24
Noida, Uttar Pradesh
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ASABDUL SATTAR
Oct 06, 2025 18:17:47
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JSJitendra Soni
Oct 06, 2025 18:17:32
Jalaun, Uttar Pradesh:टेक्सा बुंदेलखंड के जालौन में बुंदेली खेल की परंपरा आज भी लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यहां टेसू-झिंझिया विवाह का खेल बुंदेली संस्कृति को आज भी बनाए हुए है। यह अद्भुत खेल पूरे एक महीने तक कुंवारी कन्याओं द्वारा खेला जाता है। कन्याएं इस खेल को चार चरणों में खेलती हैं जो भादौ मास की पूर्णिमा के बाद शुरू हो जाता है और शरद पूर्णिमा तक चलता है। शरद पूर्णिमा की रात टेसू-झिंझिया का विवाह होने से इस पूर्णिमा को टिसवारी पूनो के नाम से भी जाना जाता है। बुंदेलखंड की धरा पर अनेक बुंदेली परंपरा आज भी अपनी छाप को छोड़ें हुए हैं जिन्हें भूल पाना आसान नहीं है। इसी क्रम में वर्षा ऋतु की समाप्ति तथा शरद ऋतु प्रारम्भ होने की दस्तक के मध्य यह खेल कुंवारी कन्याओं द्वारा ही खेला जाता है, जिसमें कन्याओं का झुंड भोर सवेरे जाग कर पूरे 15 दिन अर्थात क्वांर मास के प्रथम पखवारे तक दीवार पर सूर्य-चंद्रमा का गाय के गोबर से चित्र बनाती हैं तथा गोबर की टिपकी लगाती हुईं ‘भौर भए सब जागो नारे, सुअटा मालिन ठांड़ी द्वार’ गीत को गाया करती हैं। एक पखवारे क्वांर मास की अमावस्या तक यह क्रम निरंतर चलता रहता है; इसी पखवारे में कन्याओं द्वारा शाम को कांटो वाला झक्कर लेकर गांव की गलियों में ‘मामुलिया के आए लिवऊआ, ठुमुक चली मेरी मामुलिया’ गीत गाकर गाँव के बाहर बने तालाब-तलईया में सिराने जाती हैं। इस एक पखवारे के बाद दूसरा चरण प्रारम्भ होता है; इस पखवारे में जिस स्थान पर गोबर की टिपकियाँ लगाई जाती हैं उसी स्थान पर मिट्टी की मूर्ति बनाकर गौरा की पूजा की जाती है; इसमें कन्याएं खड़े गेंहू तथा चना को पकाकर ‘मेरी गोरा को पेट पिरानो, बरेदी भईया हपक्कू’ गीत गाकर सुबह तथा शाम को निरंतर हपक्कू मनाती हैं। इसके बाद तीसरे चरण में जिन कन्याओं की शादी हो जाती है, वह सुअटा के बने चित्र की पूजा आदि करती हैं; नवरात्रि की अष्टमी को दीवाल पर सुअटा बनाया जाता है जिसे भौमासुर राक्षस कहा जाता है। इसके बाद प्रारम्भ होता है चौथा व अंतिम चरण जिसमें दशहरा वाले दिन से बच्चे टेसू बनाते हैं तथा कन्यायें मिट्टी के घिल्लों में दीपक जलाकर झिंझिया बनाती हैं। वहीं इस मौके पर मुहल्ले व आस-पड़ोस के घरों से अनाज, पैसा आदि मांगने की प्रथा है जिसमें ग्रामीण बड़े हर्षोउल्लास के साथ टेसू-झिंझिया के गीत सुनकर मंत्र-मुग्ध होते हैं; यह क्रम 5 दिन चलता है। वही लड़के टेसू बनाकर ‘टेसू मेरा यहीं खड़ा, खाने को मांगे दही बड़ा’ गीत गाते हुए घरों से अनाज-पैसा आदि मांगते हैं; वहीं कन्याएं ‘बूझत-बूंझत आए थे, नारे सुअटा पौर भरी दालान’ गीत गाती हैं। घरों से उन्हें दान स्वरूप अनाज, रूपये आदि देकर विदा किया जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन इस खेल का अंत टेसू-झिंझिया के विवाह के साथ हो जाता है; टेसू-झिंझिया का विवाह बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है और लोग अपनी-अपनी बारातों को सजाकर उसी स्थान पर ले जाते हैं जहाँ पर सुअटा बना होता है। इस मौके पर कन्याएं सुअटा यानी भौमासुर की पूजा पैर पूजकर करती हैं; दशहरा से शरद पूर्णिमा तक रात में महिलाएं बुंदेली गीतों को गाकर नाचती हैं। आज मनाए जाने वाले टेसू-झिंझिया के विवाह की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। विद्वान पं. देवेंद्र मिश्रा बताते हैं कि भौमासुर राक्षस कुंवारी कन्याओं से पैर पुजाता है, इसीलिए यह राक्षस की श्रेणी में आता है; श्रीकृष्ण ने इस राक्षस का वध शरद पूर्णिमा के दिन ही किया था तभी से यह परंपरा आज तक चली आ रही है। बुंदेली संस्कृति का यह खेल बुंदेलखंड के अलावा मथुरा-वृंदावन में भी खेला जाता है, साथ ही जालौन के कोंच में भी नगर में टेशू झिझिया का विवाह करवाया गया और नगर डीजे के साथ बारात निकाली गई—सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे।
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NMNitesh Mishra
Oct 06, 2025 18:17:11
Dhanbad, Jharkhand:धनबाद के हीरापुर स्थित ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग सर्विस स्टेशन में सोमवार को भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि ठनका (बिजली गिरने) से अचानक आग भड़क उठी। आग लगते ही पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। घटना के समय धनबाद में तेज बारिश और गरज-चमक का दौर जारी था। इसी दौरान ठनका गिरने से बिजली विभाग के इस सर्विस स्टेशन में आग लग गई। यहां बड़े-बड़े ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत का काम होता है, जिससे आग लगने के बाद इलाके में धुआं और लपटें दूर तक दिखाई दे रही थीं। गौरतलब है कि इससे पहले भी इसी सर्विस स्टेशन में भीषण आग लग चुकी है, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ था। इस बार भी घटना के बाद इलाके में बिजली सप्लाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल दमकल कर्मी आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। वही स्थानीय लोगों का कहना है कि ठनका गिरने के बाद अचानक आग की लपटें उठीं और देखते ही देखते पूरा ट्रांसफॉर्मर यार्ड जलने लगा। प्रशासन ने आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है。
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SJSantosh Jaiswal
Oct 06, 2025 18:16:40
Chandauli, Uttar Pradesh:खबर यूपी के जनपद चंदौली से है. शुक्रवार से लगातार बारिश के कारण बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद गड़ई नदी और चंद्रभान नदी ने पहाड़ी इलाकों में तबाही मचाई है. दर्जनों गांव बेघर हो गए हैं, हजारों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है और सैकड़ों मकान गिर गए हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है. एसडीएम और जनप्रतिनिधि बाढ़ प्रभावित गांवों में पहुँचकर राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ ने व्यापक नुकसान किया है, खासकर हसनपुर कम्हरियां, शिवनाथपुर, पचोखर आदि गांवों में. प्रशासन ने कच्चे मकान गिर चुके लोगों के लिए राहत चौकी और सर्वेक्षण जारी किये हैं. मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री आवास से सहायता की संभावना बताई जा रही है.
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NMNitesh Mishra
Oct 06, 2025 18:16:12
Dhanbad, Jharkhand:धनबाद के हीरापुर स्थित ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग सर्विस स्टेशन में सोमवार को एक बार फिर भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि ठनका (बिजली गिरने) से अचानक आग भड़क उठी। आग लगते ही पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। घटना के समय धनबाद में तेज बारिश और गरज-चमक का दौर जारी था। इसी दौरान ठनका गिरने से बिजली विभाग के इस सर्विस स्टेशन में आग लग गई। यहाँ बड़े-बड़े ट्रांसफार्मरों की मरम्मत का काम होता है, जिससे आग लगने के बाद इलाके में धुआं और लपटें दूर तक दिखाई दे रही थीं। गौरतलब है कि इससे पहले भी इसी सर्विस स्टेशन में भीषण आग लग चुकी है, जिससे लाखों रुपये का नुकसान हुआ था। इस बार भी घटना के बाद इलाके में बिजली सप्लाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल दमकल कर्मी आग पर काबू पाने में जुटे हुए हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। वही स्थानीय लोगों का कहना है कि ठनका गिरने के बाद अचानक आग की लपटें उठीं और देखते ही देखते पूरा ट्रांसफॉर्मर यार्ड जलने लगा। प्रशासन ने आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
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SJSantosh Jaiswal
Oct 06, 2025 18:15:48
Chandauli, Uttar Pradesh:खबर यूपी के जनपद चंदौली से है... शुक्रवार से लगातार हुई 48 घंटे की बारिश के बाद बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद पहाड़ी नदियों ने जमकर तबाही मचाई है। मिर्जापुर की तरफ से आने वाली गड़ई नदी और चंदौली के पहाड़ी इलाके से निकलने वाली चंद्रभान नदी के चपेट में आकर दर्जनों गांव के लोग बेघर हो गए हैं। हजारों एकड़ खेत में खड़ी धान की फसल जहां दोनों नदियों के बाढ़ के पानी में चौपट हो गई है, वहीं सैकड़ों कच्चे मकान गिर गए हैं। सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को बाढ़ राहत शिविर में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं एसडीएम और जनप्रतिनिधि बाढ़ प्रभावित गांव में पहुंचकर लोगों को बाढ़ राहत चौकी पर जाने की अपील करते नजर आए। जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील के आधा दर्जन गांवों चंद्रप्रभा और गड़ई नदी की बाढ़ में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अगस्त के अंतिम सप्ताह में इन नदियों ने बड़े पैमाने पर जिले में तबाही मचाई थी। वहीं, शुक्रवार से हुई बारिश के बाद बांधों से छोड़े गए पानी ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। मिर्जपुर? मिर्जापुर के अहरौरा क्षेत्र में स्थित बांधों से पानी छोड़ जाने के बाद गड़ई नदी ने जहां तबाही मचाई है, वहीं जिले के नौगढ़ में स्थित बांधों से पानी छोड़ने के बाद चंद्रप्रभा नदी ने कोहराम मचा रखा है। आलम यह है कि मुगलसराय-चकिया मार्ग पर पिछले तीन दिन से आवागमन पूरी तरह बंद है। इस मार्ग पर जगह-जगह बाढ़ का पानी तीन से चार फीट ऊपर सड़क पर बह रहा है। हसनपुर और कम्हरियां गांव का हाल बेहाल है। गड़ई नदी की बाढ़ ने इस गांव को तबाह कर दिया है। गांव में दर्जनों कच्चे मकान गिर गए हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील के एसडीएम अनुपम मिश्रा और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राणा सिंह अधिकारियों के साथ हसनपुर कम्हरिया गांव पहुंचे और बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। बाढ़ और बारिश से जो मकान गिरने की हालत में हैं, उनमें रहने वाले लोगों से अधिकारियों ने अपील की कि वे बाढ़ राहत चौकी में चलकर रहें। वहीं भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राणा सिंह ने बताया कि गड़ई नदी और चंद्रप्रभा नदी के बाढ़ के कारण हसनपुर कम्हारियाँ सहित आसपास के कई गांव चपेट में आए हैं। सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को यह खामियाजा उठाना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग पर बड़ा आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि अगर सिंचाई विभाग समय से गड़ई नदी और चंद्रप्रभा नदी की सफाई कराता, तो आज ये आलम नहीं होता। हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई है, लोगों का मकान गिर गया है, और लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है। उन्होंने धान के कटोरा के नाम से प्रसिद्ध जनपद चंदौली के बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज देने की सीएम योगी से अपील की है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के एसडीएम अनुपम मिश्रा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाके हसनपुर, कम्हरियां, शिवनाथपुर, पचोखर आदि गांवों का लगातार दौरा किया जा रहा है। जिनके कच्चे मकान गिर गए हैं, उनकी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जा रही है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर बाढ़ राहत चौकी पर भेजा जा रहा है। सभी को बाढ़ राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। किसी के साथ कोई अनहोनी न हो, इसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और सभी बाढ़ प्रभावितों के लिए हर संभव व्यवस्था की जा रही है। जिनके कच्चे मकान गिर गए हैं, उनके सर्वे कराकर उन्हें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास से उपलब्ध कराया जाएगा।
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ASABDUL SATTAR
Oct 06, 2025 18:15:20
Jhansi, Uttar Pradesh:झांसी के लहचूरा थाना क्षेत्र के ग्राम चकारा में शनिवार की दोपहर में गायब हुए आठ साल के बच्चे का शव रात में घर में भूसे वाले कमरे में पड़ा मिला था। घटना का खुलासा करते हुए पुलिस ने इकलौते पोते की गला दबा कर लाश को भूसे में छुपाने के मामले में उसके दादा को गिरफ्तार कर लिया। दादा ने महज 100 डेढ़ सौ रुपए की चोरी के शक में गुस्से में आकर पोते का गला दबा दिया। पोते की मौत के बाद वह घबरा गया। फिर लाश को भूसा वाले कमरे में छुपा कर दादा बकरियां चराने खेत पर चला गया। लौटकर आकर 5 घंटे तक परिजनों के साथ पोते को तलाशने का ड्रामा किया। पुलिस ने आरोपी दादा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कक्षा तीन में पढ़ने वाला मृतक बच्चे का पिता राजवेंद्र अपनी पत्नी चंद्रमुखी के साथ खेत पर गया था। घर पर मृतक मुकेश अपने दादा सरमन और दादी के साथ था। 12 बजे करीब दादी मोहल्ले में चली गई, जब लौटकर आई तो मुकेश और सरमन घर में नहीं थे। दादी ने आसपास खोजा तो बच्चे का कोई सुराग नहीं लगा। तब दादी ने खेत से परिजनों को बुलाया। परिजनों ने गांव वालों की मदद से बच्चे को खोजा। जब नहीं मिला तो पुलिस को सूचना दी गई, मौके पर आई पुलिस ने 5 घंटे बाद घर के अंदर भूसा वाले कमरे में मुकेश की लाश बरामद की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या करने की पुष्टि हुई। पुलिस को भी जांच पड़ताल में दादा सरमन की गतिविधियों पर संदेह हो गया था। ग्रामीणों ने भी सरमन को डेढ़ बजे खेत पर जाते हुए देखा था। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो सरमन ने हत्या का जुर्म कबूल करते हुए बताया की मेरी बहू चंद्रमुखी आए दिन मेरी पत्नी शांति से झगड़ा करती थी। वह घर का सामान भी उठाकर अपने घर पर ले जाती थी। पोता मुकेश भी घर का सामान उठाकर अपनी मां को दे देता था। इससे घर में अक्सर कलह होता था। मेरे पैसे भी पोता बार-बार बिना बताए उठा ले जाता था। उस दिन भी 100 रुपए गायब हो गए थे। बहू और बेटा खेत पर गए थे। पोता घर पर अकेला था। उससे गायब हुए रुपए के बारे में पूछ रहा था। तब वो जबाव देने लगा। गुस्से में आकर दादा ने पोते का गला दबा दिया और वो मर गया। यह देखकर वह डर गया और शव को भूसा में छुपा दिया। फिर बकरियां लेकर खेत पर चला गया। पुलिस ने आरोपी दादा सरमन को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया है।
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JSJitendra Soni
Oct 06, 2025 18:02:08
Jalaun, Uttar Pradesh:बुंदेलखंड की अनोखी परम्परा, टेसू-झिंझिया का विवाह हुआ सम्पन्न, यहां कुंवारी कन्याएं पूजती है राक्षस के पैर रिपोर्ट-जितेन्द्र सोनी प्लेस-जालौन यूपी डेट-06-10-2025 एंकर बुंदेलखंड के जालौन में बुंदेली खेल की परंपरा आज भी लोग बड़े हर्षाल्लास के साथ मनाते हैं यहां टेसू-झिंझिया विवाह का खेल बुंदेली संस्कृति को आज भी बनाए हुए है यह अदभुत खेल पूरे एक महीने तक कुंवारी कन्याओं द्वारा खेला जाता है कन्यायें इस खेल को चार चरणों में खेलती हैं जो भादौ मास की पूर्णिमा के बाद शुरू हो जाता है और शरद पूर्णिमा तक चलता है शरद पूर्णिमा की रात टेसू-झिंझिया का विवाह होने से इस पूर्णिमा को टिसवारी पूनो के नाम से भी जाना जाता है। बुंदेलखंड की धरा पर अनेक बुंदेली परंपरा आज भी अपनी छाप को छोड़े हुए हैं जिन्हें भूल पाना आसान नहीं है इसी क्रम में वर्षा ऋतु की समाप्ति तथा शरद ऋतु प्रारम्भ होने की दस्तक के मध्य यह खेल कुंवारी कन्याओं द्वारा ही खेला जाता है जिसमें कन्याओं का झुंड भोर सवेरे जाग कर पूरे 15 दिन अर्थात् क्वांर मास के प्रथम पखवारे तक दीवार पर सूर्य-चंद्रमा का गाय के गोबर से चित्र बनाती हैं तथा गोबर की टिपकी लगाती हुईं ‘भौर भए सब जागो नारे, सुअटा मालिन ठांड़ी द्वार’ गीत को गाया करती हैं एक पखवारे क्वांर मास की अमावस्या तक यह क्रम निरंतर चलता रहता है इसी पखवारे में कन्याओं द्वारा शाम को कांटो वाला झक्कर लेकर गांव की गलियों में ‘मामुलिया के आए लिवऊआ, ठुमुक चली मेरी मामुलिया’ गीत गाकर गाँव के बाहर बने तालाब-तलईया में सिराने जाती हैं इस एक पखवारे के बाद दूसरा चरण प्रारंभ होता है इस पखवारे में जिस स्थान पर गोबर की टिपकियाँ लगाई जाती हैं उसी स्थान पर मिट्टी की मूर्ति बनाकर गौरा की पूजा की जाती है इसमें कन्यायें खड़े गेंहू तथा चना को पकाकर ‘मेरी गोरा को पेट पिरानो, बरेदी भईया हपक्कू’ गीत गाकर सुबह तथा शाम को निरंतर हपक्कू मनाती हैं इसके बाद तीसरे चरण में जिन कन्याओं की शादी हो जाती है। वह सुअटा के बने चित्र की पूजा आदि करती हैं नवरात्रि की अष्टमी को दीवाल पर सुअटा बनाया जाता है जिसे भौमासुर राक्षस कहा जाता है। इसके बाद प्रारंभ होता है चौथा व अंतिम चरण जिसमें दशहरा वाले दिन से बच्चे टेसू बनाते हैं तथा कन्यायें मिट्टी के घिल्लों में दीपक जलाकर झिंझिया बनाती हैं। वही इस मौके पर मुहल्ले व आस-पड़ोस के घरों से अनाज, पैसा आदि मांगने की प्रथा है जिसमें ग्रामीण बड़े हर्षोउल्लास के साथ टेसू-झिंझिया के गीत सुनकर मंत्र-मुग्ध होते हैं यह क्रम 5 दिन चलता है वही लड़के टेसू बनाकर ‘टेसू मेरा यहीं खडा़, खाने को मांगे दही बड़ा’ गीत गाते हुए घरों से अनाज-पैसा आदि मांगते हैं वहीं कन्याऐं ‘बूझत-बूझत आए थे, नारे सुअटा पौर भरी दालान’ गीत गाती हैं घरों से उन्हें दान स्वरूप अनाज, रूपये आदि देकर विदा किया जाता है शरद पूर्णिमा के दिन इस खेल का अंत टेसू-झिंझिया के विवाह के साथ हो जाता है टेसू-झिंझिया का विवाह बडे धूम-धाम से मनाया जाता है लोग अपनी-अपनी बारातों को सजाकर उसी स्थान पर ले जाते हैं जहां पर सुअटा बना होता है। इस मौके पर कन्यायें सुअटा यानी भौमासुर की पूजा पैर पूजकर करती हैं दशहरा से शरद पूर्णिमा तक रात में महिलायें बुंदेली गीतों को गाकर नाचती हैं आज मनाए जाने वाले टेसू-झिंझिया के विवाह की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। विद्वान पं. देवेंद्र मिश्रा बताते हैं कि भौमासुर राक्षस कुंवारी कन्याओं से पैर पुजाता है। इसीलिए यह राक्षस की श्रेणी में आता है श्रीकृष्ण ने इस राक्षस का वध शरद पूर्णिमा के दिन ही किया था तभी से यह परम्परा आज तक चली आ रही है बुंदेली संस्कृति का यह खेल बुंदेलखंड के अलावा मथुरा-वृंदावन में भी खेला जाता है। साथ ही जालौन के कोंच में भी नगर में टेशू झिझिया का विवाह करवाया गया और नगर डीजे के साथ बारात निकाली गई सुरक्षा के پुख्ता इंतजाम थे।
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SSSUNIL SINGH
Oct 06, 2025 18:01:33
Sambhal, Uttar Pradesh:लोकेशन संभल डेट 6/10/2025 टॉपलाइन ...संभल जनपद के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में बहजोई कलेक्ट्रेट के समीप मैदान में 7 दिवसीय कल्कि महोत्सव / विकासोत्सव 2025 का भव्य उद्घाटन यूपी सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के द्वारा किया गया .. उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के हमशक्ल विकास मोहते को देखकर कल्कि महोत्सव में मौजूद लोग चौंक गए ... कल्कि महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के द्वारा एक नई परंपरा का आरम्भ कर पुष्प ,पुस्तक ,परिधान ,नारियल और पीतल का लौटा प्रदान कर शिक्षा मंत्री गुलाब देवी , विकास मोहते और अन्य अतिथियों का सम्मान किया गया। कल्कि महोत्सव के उद्घाटन के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यकम पेश किए गए ..मत्स्य विभाग और NFDP योजनाओं की जानकारी दी गई .. समर्थ उत्तर प्रदेश / विकसित उत्तर प्रदेश के विजन 2047 के संबंध में चर्चा की गई । बाइट ..राजेंद्र पेंसिया डीएम संभल
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VPVEDENDRA PRATAP SHARMA
Oct 06, 2025 18:01:23
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MJManoj Jain
Oct 06, 2025 18:01:12
Shajapur, Madhya Pradesh:शाजापुर शाजापुर के दुपाड़ा रोड पर सोमवार रात कार की टक्कर से एक मवेशी की मौत हो गई, जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस ने कार चालक महिला से पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया है और मामले की जांच जारी है। कार (एमपी04 जेडबी-9579) से दुपाड़ा रोड से गुजर रही थीं। इसी दौरान सड़क पर बैठे मवेशी उनकी कार की चपेट में आ गए। हादसे में एक मवेशी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई। सूचना मिलने पर गौ रक्षक मौके पर पहुंचे और मृत मवेशी के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। घायल मवेशी को कांजी हाउस पहुंचाया गया। लालघाटी पुलिस ने कार सहित महिला चालक को थाने ले जाकर पूछताछ की, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
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VPVEDENDRA PRATAP SHARMA
Oct 06, 2025 18:00:46
Azamgarh, Uttar Pradesh:पुलिस चौकी के नाक के नीचे लगा SDPI का झंडा, वीडियो व फ़ोटो हो रहा वायरल। आजमगढ़ जिले के निज़ामाबाद थाना क्षेत्र के फरिहां बाजार में अराजक तत्वों द्वारा प्रतिबंधित संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) का झंडा कुछ विद्युत खंभों पर लगा दिया गया। वहीं फरिहा चौकी प्रभारी ने कार्रवाई करते हुए झंडे को हटवा दिया। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की स्थापना केरल में अबू बकर ने की थी। जिसकी योजना भारत को एक इस्लामी राष्ट्र स्थापित करने की थी। मास्टर माइंड अबू बकर को गिरफ्तार भी किया गया था, इसके बाद केंद्र सरकार ने PFI और SDPI दोनों संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन जिस तरह से प्रदेश के संवेदनशील जिलों में गिने जाने वाले आजमगढ़ में SDPI का झंडा लहराया गया है, इससे समझा जा सकता है कि कहीं ना कहीं आजमगढ़ में इस संगठन को हवा दी जा रही है। हालांकि इस मामले में पुलिस गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी हुई है।
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Dussera 2025
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