Back
आगरा के लंगड़े की चौकी पर भक्ति ने मुगल क्रूरता को झुकाया
SASHAKIL AHMAD
Dec 19, 2025 13:03:16
Agra, Uttar Pradesh
ताजमहल और उसकी मोहब्बत की कहानी दुनिया जानती है, लेकिन आगरा में ताजमहलAside यहां एक ऐसी जगह है जहां भक्ति की शक्ति ने मुगल शासन की क्रूरता को भी झुका दिया। हम बात कर रहे हैं लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर की, जो करीब 500 साल पुराना है और अकबर के शासनकाल से जुड़ा हुआ ऐतिहासिक स्थल है। यहां हनुमान जी की चौकीदारी की चमत्कारी कहानी आज भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
आगरा के व्यस्त मथुरा-आगरा-फिरोजाबाद रोड के पास बसा यह लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि मुगल इतिहास की एक क्रूर लेकिन चमत्कारी घटना का गवाह भी है। यह मंदिर राजा भोज के समय का बताया जाता है, लेकिन अकबर के शासन में इसकी महिमा ने सम्राट को भी नतमस्तक कर दिया। मंदिर सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है, और यहां सुबह 6:30 बजे और शाम 6:30 बजे आरती होती है। हर मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष पूजा और चोला चढ़ाने का आयोजन होता है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। हनुमान जयंती और राम नवमी जैसे त्योहारों पर यहां का माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है। लेकिन इस मंदिर का नाम 'लंगड़े की चौकी' कैसे पड़ा? इसके पीछे मुगल शासन की क्रूरता और भक्ति की विजय की एक दिलचस्प कहानी छिपी है। अकबर के समय में मंदिर के पास एक सुरक्षा चौकी थी, जहां एक सिपाही पहरा देता था। यह सिपाही रोज रामकथा सुनने चौकी से काफी दूर जंगल में जाता था। मुगल सिपाहियों ने कोतवाल से शिकायत की, और गुस्से में कोतवाल ने क्रूरता से उस सिपाही की टांग कटवा दी, ताकि वह मंदिर न जा सके। लेकिन अगले दिन, कोतवाल ने देखा कि वही लंगड़ा सिपाही फिर मंदिर में बैठा है। चौकी पर जाकर पता चला कि वहां भी सिपाही मौजूद है! यह चमत्कार देखकर कोतवाल स्तब्ध रह गया और उसने अकबर को बताया। सम्राट अकबर खुद चमत्कृत हो गया। माना जाता है कि हनुमान जी ने खुद उस लंगड़े सिपाही की जगह चौकीदारी की, और तभी से मंदिर का नाम 'लंगड़े की चौकी' पड़ गया। यह कहानी मुगल काल की सख्ती को दिखाती है, जहां भक्ति पर रोक लगाने की कोशिश की गई, लेकिन ईश्वरीय शक्ति ने क्रूरता को हरा दिया।मंदिर महंत बताते हैं कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है, मुगल काल से। अकबर भी यहां की महिमा से प्रभावित थे। उस घटना में कोतवाल की क्रूरता साफ दिखती है, लेकिन हनुमान जी की कृपा से भक्त की रक्षा हुई। आज भी यहां चमत्कार होते हैं। करीब चार दशक पहले, एक श्रद्धालु मुंबई से आया, ट्रेन लेट हो गई, मंदिर बंद था। उसने दरवाजा खटखटाया, लेकिन मैंने नहीं खोला। अचानक दरवाजे खुद खुल गए, उजाला हुआ, और श्रद्धालु ने दर्शन किए। दर्शन के बाद दरवाजे बंद हो गए। यह हनुमान जी की लीला है。
मंदिर की पहुंच आसान है - आगरा रेलवे स्टेशन से सिर्फ 4.3 किमी, आईएसबीटी बस स्टैंड से 5.9 किमी, और खेरिया एयरपोर्ट से 8.2 किमी दूर। अक्टूबर से मार्च का समय विजिट के लिए बेस्ट है। यहां आने वाले श्रद्धालु बताते हैं कि उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। लेकिन यह जगह सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक भी है, जो मुगल शासन की Crue नीतियों के बीच भक्ति की जीत का प्रतीक है।यहां आकर मन को शांति मिलती है। मुगल काल की वो क्रूरता की कहानी सुनकर लगता है, भक्ति से बड़ा कुछ नहीं।
आगरा का यह मंदिर आज भी लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, जहां मुगल इतिहास की क्रूरता भक्ति की शक्ति से हार गई.
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement
KHKHALID HUSSAIN
FollowDec 19, 2025 14:18:370
Report
AMAnurag Mishra
FollowDec 19, 2025 14:18:200
Report
SHSAYED HUSSAIN AKHTAR
FollowDec 19, 2025 14:17:470
Report
VPVEDENDRA PRATAP SHARMA
FollowDec 19, 2025 14:17:300
Report
DKDeepesh Kumar
FollowDec 19, 2025 14:17:040
Report
VSVishnu Sharma1
FollowDec 19, 2025 14:16:570
Report
PKPrashant Kumar
FollowDec 19, 2025 14:16:310
Report
PKPrashant Kumar
FollowDec 19, 2025 14:16:130
Report
MSManish Singh
FollowDec 19, 2025 14:16:040
Report
YNYogesh Nagarkoti
FollowDec 19, 2025 14:15:490
Report
DKDeepesh Kumar
FollowDec 19, 2025 14:15:310
Report
ANAnil Nagar1
FollowDec 19, 2025 14:15:240
Report
PTPawan Tiwari
FollowDec 19, 2025 14:15:160
Report
NTNagendra Tripathi
FollowDec 19, 2025 14:10:060
Report
0
Report