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Sawai Madhopur322001
रणथम्भौर में बाघों की टेरेटी पर कब्जे के लिए जंग: जंगलों में रहस्य-मुश्किल
ASArvind Singh
Oct 13, 2025 04:02:17
Sawai Madhopur, Rajasthan
रणथंभौर में बाघों के बीच वर्चस्व की जंग-अरविंद सिंह-सवाई माधोपुर 13 अक्टूबर 2025 रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में इन दिनों बाघों के बीच वर्चस्व की जंग देखने को मिल रही है। टेरेटी को लेकर बाघों के बीच आये दिन खूनी संघर्ष हो रहा है, जिसके चलते रणथंभौर का जंगल न सिर्फ बाघों की दहाड़ से गूंज रहा है, बल्कि रणथंभौर भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को बाघों के टकराव का रोमांचकारी नज़ारा भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में रणथंभौर के जोन नम्बर तीन में टेरेटी को लेकर माँ और बेटी के बीच जबरदस्त आपस संघर्ष हुआ जिससे पूरा रणथंभौर दहल उठा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यूँ होता है बाघों के बीच आपसी टकराव, क्यूँ एक दूसरे की जान के दुश्मन बन जाते हैं बाघ, क्यूँ होती है बाघों के बीच वर्चस्व की जंग। इन सभी सवालों को लेकर पेस है हमारे संवाददाता की रणथंभौर से एक खास रिपोर्ट रणथम्भौर का नाम आते ही जहन में स्वछंद विचरण करते बाघों की अठखेलियों की छवि हिलोरें मारने लगती है, 1334 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला रणथंभौर राजस्थान का सबसे बड़ा टाईगर रिजर्व है, 1334 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाघों का विचरण रहता है, इसमें से करीब 600 वर्ग किलोमीटर इलाके को कोर व शेष इलाके को बफर जोन कहा जाता है। रणथंभौर में वर्तमान में करीब 78 बाघ- बाघिन और शावक है, जो क्षेत्रफल की तुलना में कहीं अधिक है, क्षेत्रफल के मुताबिक रणथम्भौर में तकरीबन 55 से 56 बाघ ही रह सकते है, लेकिन रनथम्भौर में बाघों की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है, जो बाघों के बीच टकराव का मुख्य कारण बनता जा रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों की माने तो रणथम्भौर में बाघों की संख्या के मुताबिक वर्तमान में एक बाघ को महज 14 से 15 वर्ग किलोमीटर का इलाका ही मिल पा रहा है, जो बेहद कम है, जिसके चलते रणथंभौर प्रदेश का ही नहीं अपितु देश का सबसे घनी टाईगर आबादी वाला टाईगर रिजर्व है। वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक एक बाघ को करीब 20 से 60 और एक बाघिन को 20 से 40 वर्ग किलोमीटर इलाके की जरूरत होती है जो रणथंभौर में फिलहाल बाघों को नहीं मिल पा रहा है, इलाके की कमी के कारण रणथम्भौर में बाघ- बाघिन एक दूसरे की टेरेटरी को ओवरलैप कर रहे है, जिसके चलते कई बार बाघों के बीच आपसी टकराव भी देखने को मिलता है धर्मेंद्र खांडल, वन्यजीव विशेषज्ञ, रणथंभौर बाघों की सघन आबादी वाले रणथम्भौर टाईगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या में इज़ाफा हो रहा है, ऐसे में टेरेटी को लेकर रणथम्भौर में आये दिन बाघों के बीच वर्चस्व की जंग देखने को मिल रही है, बाघों की बढ़ती संख्या के मुताबिक बाघों को पर्याप्त इलाका नहीं मिल पाने से इलाके पर कब्जा करने को लेकर रणथम्भौर में बाघों के बीच आलसी टकराव लगातार बढ़ रहा है। वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक बाघों के बीच आपसी संघर्ष होने के दो मुख्य कारण है— पहला टेरेटी और दूसरा मादा के लिए भी बाघों के बीच कई मर्तबा खूनी संघर्ष हो जाता है। जब भी कोई बाघ या बाघिन युवा अवस्था में प्रवेश करते है तो उन्हें अपनी माँ से अलग होकर अपने लिए नई टेरेटरी बनानी होती है, युवावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही बाघ बाघिन अपनी नई टेरेटरी की तलाश में जुट जाते है, ऐसे में सबसे पहले उनकी भिड़ंत अपनी उसी माँ से होती है जिसके साथ वे रह रहे है, रणथंभौर के जोन नम्बर तीन में भी ऐसा देखने को लिया गया था, जहां टेरेटी को लेकर माँ रिद्धि टी 124 और उसकी बेटी मीरा में जबरदस्त टकराव हुआ। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जब भी टेरेटी को लेकर माँ के साथ किसी बाघ या बाघिन का संघर्ष होता है तो वह इतना खतरनाक नहीं होता कि उनकी जान को कोई खतरा हो, जबकि माँ के अलावा अगर किसी अन्य बाघ या बाघिन से युवा होते बाघ या बाघिन की टेरेटी पर कब्जे को लेकर जंग होती है तो यह जंग बहुत खतरनाक हो सकती है और कई बार इस जंग में कमजोर बाघ बाघिन की मौत तक हो जाती है। आपसी टकराव के बाद ताकतवर का टेरेटी पर कब्जा हो जाता है और कमजोर को टेरेटी छोड़कर भागना पड़ता है। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ- बाघिन के बीच आपसी संघर्ष होना कोई नई बात नहीं है, यह संघर्ष वाइल्डलाइफ़ का हिस्सा है और हमेशा रहेगा। जंगल के कानून के मुताबिक जंगल पर कब्जा उसी का रहता है जो ताकतवर होता है, कमजोर के लिए यहाँ कोई जगह नहीं है, बाघों के बीच टेरेटी को लेकर टकराव होना आम बात है, पर जगह की कमी के चलते अगर यह टकराव बढ़ रहा है तो सरकार और वन विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि बाघों को पर्याप्त जगह उपलब्ध हो ताकि एक दूसरे की टेरेटी ओवरलैप न हो जैसी रणथम्भौर में हो रहा है, रणथम्भौर में जगह की कमी भी बाघों के बीच आपसी टकराव का मुख्य कारण है यादवेन्द्र सिंह, वन्यजीव विशेषज्ञ एवं अध्यक्ष नेचर गाईड एसोसिएशन रणथम्भौर बाघों के बीच आपसी टकराव का टेरेटी के अलावा दूसरा मुख्य कारण है मादा, मादा के लिए भी बाघों में अक्सर संघर्ष होता है, वन्यजीव विशेषज्ञों के मुताबिक एक नर बाघ को दो से तीन मादा की जरूरत होती है, लेकिन रणथम्भौर में नर और मादा का यह रेसो बिल्कुल गड़बड़ा रहा है, रणथम्भौर में वर्तमान में करीब एक नर पर महज एक ही मादा का रेसो है, जो वाइल्डलाइफ़ के मुताबिक बिल्कुल भी ठीक नहीं है, रणथम्भौर में वर्तमान में करीब 78 बाघ बाघिन ओर शावक है, जिनमें करीब 24 बाघ 25 बाघिन और 29 शावक शामिल है, ऐसे में रणथम्भौर में एक बाघ पर एक ही मादा है, जिसके चलते भी रणथम्भौर में कई बार बाघों के बीच मादा को लेकर आपसी टकराव देखने को मिलता है। बाघों के बीच आपसी टकराव के दो ही मुख्य कारण है—टेरेटी और मादा, और दोनों ही कारणों से रणथम्भौर में आये दिन बाघों के बीच आपसी टकराव देखने को मिल रहा है, लेकिन वन अधिकारियों और वन्यजीव विशेषज्ञों की माने तो बाघों के बीच संघर्ष होना वाइल्डलाइफ़ का हिस्सा है इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है रणथम्भौर में बाघों के बीच आपसी टकराव भले ही किसी भी कारण से हो लेकिन रणथम्भौर भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को जब पार्क भ्रमण के दौरान इस तरह के दृश्य देखने को मिलते हैं तो पर्यटक खासा रोमांचित हो उठते हैं, रणथम्भौर में बाघों के बीच ही आपसी टकराव नहीं होता बल्कि यहाँ पर्यटकों को कई बार बाघ और भालू, बाघ और मगरमच्छ के बीच भी संघर्ष देखने को मिलता है, रणथम्भौर में भालू की कई बार बाघ को चुनौती देता नजर आ जाता है, रणथम्भौर में टेरेटी और मादा को लेकर बाघों के बीच आपसी संघर्ष लगातार बढ़ रहा है, जिसे भले ही रोका न जा सके और अगर वन विभाग और सरकार गम्भीरता से ले तो कम जरूर किया जा सकता है
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SPSohan Pramanik
Oct 13, 2025 06:32:39
Pakur, Jharkhand:पाकुड़ पहुंचे कांके विधानसभा के विधायक सुरेश कुमार बैठा सह सदस्य अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति सदस्य ने कहा राष्ट्रव्यापी "वोट चोर-गद्दी छोड़" हस्ताक्षर अभियान 15 सितंबर से 15 अक्तूबर 2025 तक चल रहा हैं...केंद्रीय नेतृत्व ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस को इस हस्ताक्षर अभियान में कम से कम 25 लाख लोगों के हस्ताक्षर लेकर AICC को भेजने का टास्क दिया है...इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने और बैनर-झंडे के साथ घर-घर जाकर "वोट चोरी" के मुद्दे से आम जन को अवगत कराने और लोकतंत्र के लिए वोट चोरी कैसे बड़ा खतरा है इसको लेकर जागरुकता लाने के लिए कार्यक्रम किया जा रहा हैं...बड़े संख्या में लोग इस मुद्दों का समर्थन कर रहें हैं...न्याय योद्धा के रूप में उनके नेता राहुल गांधी ने लोकतंत्र को बचाने के लिए जो अभियान शुरू किया है, उसे हमसब मिलकर घर-घर तक ले जा रहें हैं...
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NKNaveen Kumar Kashyap
Oct 13, 2025 06:32:21
Noida, Uttar Pradesh:रायपुर ब्रेकिंग अपडेट- कॉन्फ्रेंस शुरू. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कॉन्फ्रेंस. डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद.. कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन. मुख्यमंत्री उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की कानून व्यवस्था की कर रहे हैं समीक्षा. गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह सहित रेंज आईजी, कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित..... कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस. नये आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर हो रही है चर्चा. जिलों के परफॉर्मेंस की हो रही है व्यापक समीक्षा. मुख्यमंत्री का निर्देश- महिला और बालिका से जुड़े आपराधिक मामलों में संवेदनशीलता और तत्परता के साथ हो कार्रवाई. इन अपराधों से जुड़े मामलों में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत हो चालान.....
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BSBHUPENDAR SINGH SOLANKI
Oct 13, 2025 06:31:08
Tonk, Rajasthan:TONK सचिन पायलट के टोंक में कांग्रेस को मिल सकता है युवा अध्यक्ष पर्यवेक्षक राजेंश कच्छप बोले नही है सचिन पायलट का दबाव हम 6 नामो का पैनल भेजेंगे । देशभर में कांग्रेस के पर्यवेक्षक जिलों में जाकर नए जिलाध्यक्षो के लिए कांग्रेेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियो से मिल रहे है ऐसे में सचिन पायलट के गढ़ में कांग्रेस पर्यवेक्षक राजेंश कश्यप टोंक पंहुचे है और उन्होंने अपनी टीम के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष को लेकर उनियारा ओर टोंक में कोंग्रेस कार्यकर्ताओ से चर्चा की है कई लोगो ने नए जिलाध्यक्ष के लिए नामांकन पत्र दिए है लेकिन पायलट के टोंक में युवा दावेदारों की तादाद ज्यादा है ऐसे में झारखंड से विधायक व विधायक दल के उपनेता है राजेश कच्छप ने मीडिया से बात करते हुए कहा की नए अध्यक्ष को लेकर मेरे ऊपर सचिन पायलट जी का कोई दबाव नही है सबकी राय लेने के बाद 6 नामो का पैनल भेजा जाएगा हा यह सही है टोंक में युवाओ में उत्साह है नए अध्यक्ष पद के लिए ।
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BSBhanu Sharma
Oct 13, 2025 06:30:54
Dholpur, Rajasthan:बाड़ी में सनाढ्य ब्राह्मण समाज की नई कार्यकारिणी का गठन सर्वसम्मति से किया गया। परशुराम धर्मशाला में हुई बैठक में पंडित पवन चंसोरिया को समाज का अध्यक्ष चुना गया। पार्षद संगीत शर्मा को युवा संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि विजय दीक्षित महामंत्री बनाए गए हैं। निर्वाचन अधिकारी जगदीश जगरिया और विष्णु महेरे की देखरेख में ये चुनाव संपन्न हुआ। निर्वाचन अधिकारी विष्णु महेरे ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए दाऊदयाल भारद्वाज, पवन चंसोरिया और विजय दीक्षित ने आवेदन किया था। बाद में सहमति बनने पर भारद्वाज और दीक्षित ने अपना आवेदन वापस ले लिया, जिससे पवन चंसोरिया का निर्विरोध निर्वाचन हुआ इसी प्रक्रिया के तहत विजय दीक्षित को महामंत्री का दायित्व दिया गया और पार्षद संगीत शर्मा को युवा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया। ये सभी नियुक्तियां सर्वसम्मति से की गईं। अध्यक्ष चुने जाने के बाद पंडित पवन चंसोरिया ने समाज के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि वे उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी का तन, मन और धन से निर्वहन करेंगे। उन्होंने समाज की एकता, शिक्षा और विकास के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। चंसोरिया ने जल्द ही अपनी कार्यकारिणी के गठन की बात भी कही
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KSKULWANT SINGH
Oct 13, 2025 06:30:36
Yamuna Nagar, Haryana:यमुनानगर के छछरौली थाना क्षेत्र के गांव मलकपुर खादर में खेत से रास्ता देने को लेकर हुआ विवाद एक खूनी संघर्ष में बदल गया। खेत से कंबाइन मशीन निकालने को लेकर हुई कहासुनी में दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई, जिसमें पति-पत्नी और पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पड़ोसी तुरंत नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उनका उपचार जारी है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। फिलहाल किसी भी पक्ष की ओर से केस दर्ज नहीं हुआ है, जबकि हमलावर पक्ष का कहना है कि उनके साथ भी मारपीट की गई है। मोहम्मद सलीम निवासी मलकपुर खादर ने बताया कि उनकी जमीन पर एक हिस्सा पोल्ट्री फॉर्म के लिए और दूसरा हिस्सा पोपलर के पेड़ों की खेती के लिए उपयोग किया गया है। उनकी जमीन के साथ ही नसीम नामक व्यक्ति के खेत लगते हैं। रविवार को सलीम अपने बेटे कलीम खान के साथ पोल्ट्री फॉर्म पर बर्तन साफ कर रहा था। इसी दौरान पड़ोसी नसीम फसल की कटाई के लिए कंबाइन मशीन लेकर वहां पहुंचा और सलीम से अपने खेत में जाने के लिए उसके खेत से रास्ता देने को कहा। घायल सलीम ने इंकार करते हुए कहा कि उसके खेत में पोपलर के पेड़ लगे हैं और यदि कंबाइन वहां से निकाली गई तो पेड़ टूट जाएंगे। इसी बात पर दोनों पक्षों में तीखी बहस हो गई। कुछ देर बाद नसीम कंबाइन लेकर वहां से चला गया और सलीम भी अपने बेटे के साथ घर लौट गया। लेकिन करीब आधे घंटे बाद नसीम अपने बेटों और पत्नी के साथ लाठी-डंडों से लैस होकर सलीम के घर में घुस आया और परिवार पर हमला बोल दिया। घायल हमलावरों ने डंडों से सलीम के बेटे कलीम खान की बाजू तोड़ दी, उसकी पत्नी की आंख पर चोट पहुंचाई और सलीम के सिर पर वार कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। मौके पर चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है。
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NPNishit Pancholi
Oct 13, 2025 06:24:54
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AMAbhishek Mathur
Oct 13, 2025 06:23:59
Hapur, Uttar Pradesh:हापुड़ जिले के पिलखुवा थाना क्षेत्रान्तर्गत गांव हिम्मतनगर में समुदाय विशेष के दो पक्ष आपस में भिड़ गये. पुराने मकान के निर्माण विवाद को लेकर दोनों पक्षों में न सिर्फ जमकर मारपीट हुई, बल्कि पथराव भी हुआ. जिसमें करीब आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं. इलाके में मारपीट और पथराव से हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस मय फोर्स के पहुंच गई. पुलिस ने विवाद शांत कराते हुए घायल हुए आधा दर्जन लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जबकि उपद्रव करने वाले 13 नामजद सहित करीब 24-25 लोगों के खिलाफ मारपीट, उपद्रव और जानलेवा हमला करने की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने इस मामले में चार अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया है. जिनके पास से दो सरिया, डंडे व ईंटें बरामद की हैं. जानकारी के अनुसार पिलखुवा क्षेत्र के हिम्मतनगर गांव में एक पुराने मकान के निर्माण को लेकर ठेकेदार शौकीन, सत्तार, मुस्तफा व हसनैन परिवार के बीच विवाद चल रहा है. बीती शाम शौकीन और हसनैन दोनों ही पक्षों से करीब 25-30 लोग आमने-सामने आ गये और दोनों पक्षों में न सिर्फ लाठी-डंडे और सरिया से जमकर मारपीट हुई, बल्कि पथराव भी हुआ. इलाके में उपद्रव की इस घटना से हड़कंप मच गया. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँच गई. पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उपद्रव शांत कराया और मौके से दोनों पक्षों के 13 नामजद सहित 8 से 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस उपद्रव करने वाले लोगों की गिरफ्तारी में जुट गई है.
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NSNITIN SRIVASTAVA
Oct 13, 2025 06:23:48
Barabanki, Uttar Pradesh:Barabanki Story – बाराबंकी के प्रसिद्ध कपड़ा व्यापारी ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, घर में मिला रिवॉल्वर और सुसाइड नोट, आर्थिक दबाव बताया कारण बाराबंकी शहर के लक्ष्मणपुरी कॉलोनी में रविवार देर रात उस वक्त अफरातफरी मच गई जब 50 वर्षीय कपड़ा व्यापारी नीरज जैन ने खुद को गोली मार ली। नगर कोतवाली क्षेत्र में हुई इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। नीरज जैन शहर के जाने-माने व्यापारी थे और धनोखर चौराहे पर स्थित कल्पना साड़ी सेंटर के मालिक थे。 जानकारी के मुताबिक नीरज जैन रविवार शाम अपने किराए के मकान में अकेले थे। रात में अचानक घर के भीतर गोली चलने की आवाज सुनकर पड़ोसी सतर्क हुए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। नगर कोतवाली पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़कर घर के भीतर प्रवेश किया गया जहां नीरज जैन खून से लथपथ पड़े मिले। पुलिस ने उनके पास से लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की और घर की तलाशी शुरू की। मौके से पुलिस को तीन पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें नीरज जैन ने अपने व्यापार में हो रहे नुकसान और आर्थिक दबाव का जिक्र किया है। शुरुआती जांच में यही सामने आया है कि लगातार बढ़ते आर्थिक संकट से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया। पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। घटना की खबर मिलते ही व्यापारी समुदाय और परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों ने बताया कि नीरज जैन पिछले कुछ महीनों से व्यापारिक लेन-देन को लेकर काफी तनाव में थे। मानसिक दबाव के चलते वे परेशान चल रहे थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच जारी है। प्रारम्भिक जांच के अनुसार यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है।
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VSVISHAL SINGH
Oct 13, 2025 06:23:38
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RMRam Mehta
Oct 13, 2025 06:23:27
Baran, Rajasthan:अंता उप चुनाव 2025 अधिसूचना जारी, 21 अक्टूबर तक भर सकेंगे नामांकन पत्र अंता उपचुनाव में निष्पक्ष मतदान को लेकर प्रशासन पूरी तरह तैयार बारां में आगामी 11 नवंबर को होने वाले अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो गई जिला निर्वाचन अधिकारी रोहिताश सिंह तोमर ने बताया अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर आज अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी उन्होंने बताया कि नामांकन पत्र 14 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक हर दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक दाखिल किए जा सकेंगे. वहीं इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच 23 अक्टूबर को की जाएगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 27 अक्टूबर दोपहर 3 बजे तक तय की गई है.
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