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भीलवाड़ा में अवैध जीएनएम-नर्सिंग कॉलेज: मान्यता के बिना डिग्री से सरकारी भर्ती जोखिम
MKMohammad Khan
Dec 14, 2025 04:18:52
Bhilwara, Rajasthan
LOCATION - BHILWARA
भीलवाड़ा। अगर आपका बच्चा बीएससी नर्सिंग या जीएनएम कर रहा है तो ये खबर आपके लिए है। भीलवाड़ा में चल रहे अवैध तरीके से जीएनएम और बीएससी नर्सिंग कॉलेज के कारण परिजन अपना पैसा तो गवां रहे है साथ ही बच्चों का समय और भविष्य दोनों दांव पर लगा रहे है। इसका कारण है कॉलेज को मान्यता नहीं मिलना। अगर मान्यता नहीं होगी तो बच्चे की डिग्री का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। वह न तो किसी सरकारी भर्ती में हिस्सेदारी ले सकेगा न ही किसी निजी अस्पताल में काम कर सकेगा। अगर वह अस्पताल में काम करता मिला और उसकी डिग्री बिना मान्यता के मिली तो अवैधानिक काम कर रहा है तो उस पर कार्यवाही की जा सकती है। जीएनएम और बीएससी नर्सिंग कॉलेज पैसा कमाने के लिए किस तरह फर्जीवाड़ा कर रहे है इसका भंडाफोड़ पॉपुलर लाइव ने किया।
मान्यता लेने के लिए नियम
किसी भी जीएनएम/नर्सिंग कॉलेज (संस्थान) के पास इंडियन नर्सिंग काउंसिल, राजस्थान स्टेट नर्सिंग काउंसिल की ओर से मान्यता होनी चाहिए। फिर ये आरयूएचएस के पास रजिस्ट्रेशन कराते है ताकि परीक्षा से लेकर सेंटर एडमिशन हो सके। फिर ये संस्थान को राज्य सरकार के पास एनओसी लेते है। यहां से एनओसी लेने के बाद इन्हें मान्यता मिलती है। आरयूएएचएस परीक्षा कराता है। फिर सीट अलॉट करता है। इसके बाद कॉलेज में एडमिशन होता है। फिर सेमेस्टर के अनुसार परीक्षा होती है। जब पास हो जाते है तो सरकारी भर्ती में स्टूडेंट्स भाग ले सकते है। किसी भी जीएनएम या नर्सिंग कॉलेज के लिए किसी अस्पताल से संबंधित होना भी जरूरी है।
नियमों से खिलवाड़ का शानदार तरीका
ये संस्थान बिना मान्यता लिए आरयूहएस में आवेदन कर देते है। आरयूहएस अपनी रजिस्ट्रेशन फीस लेकर टीम को निरीक्षण के लिए भेज देता है। वह इस बात की अनुमति देता है कि आपके संस्थान के लिए स्टूडेंट्स के एडमिशन और सीट अलॉटमेंट से लेकर परीक्षा कराने की जिम्मेदारी हमारी होगी। लेकिन मान्यता या परीक्षा के लिए एडमिशन कार्य के लिए आपको सरकार से अनुमति लेनी होगी। 2019-20 में सरकार गजट नोटिफिकेशन निकाल चुकी है कि अब किसी भी संस्थान को मान्यता नहीं दी जाएगी। कोई कॉलेज नहीं खोलेगा। लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाले लोग आरयूहएस के जरिए स्टूडेंट्स का एडमिशन करा लेते है। फिर चलता है मान्यता लेने का खेल। लेकिन सरकार मान्यता नहीं देती है। कुछ संस्थान इसके खिलाफ कोर्ट में चले जाते है। कोर्ट से स्टे लेकर सरकार से एडमिट कार्ड, रिजल्ट निकलवा लेते है। लेकिन ऐसे संस्थान के स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड पर कोर्ट के द्वारा (by court) लिखा होता है। अब जब सरकारी भर्ती निकलती है तो मान्यता वाली डिग्री मांगी जाती है। लेकिन जब मान्यता वाली डिग्री नहीं होगी तो भर्ती में शामिल कैसे होंगे। कैसे सरकारी नौकरी मिलेगी। एक स्टूडेंट्स से सरकारी फीस से अधिक वसूल की जाती है। जीएनएम या बीएससी नर्सिंग कॉलेज के लिए पेरेंटल हॉस्पिटल होना जरूरी है। यानी खुद का हॉस्पिटल हो ताकि तैयार होने वाले नर्सिंग स्टाफ के लिए प्रेक्टिल कराया जा सके। लेकिन ये कॉलेज बिना हॉस्पिटल के लिए संचालित हो रहे है।
ये नियम भी जरूरी
नर्सिंग कॉलेज मान्यता और संचालन के लिए कुछ और नियम भी जरूरी है जिनका पालन करना जरूरी है। जैसे कॉलेज की बिल्डिंग और हॉस्टल दोनों होने चाहिए। कुल सीट के अनुसार कॉलेज का स्पेस होना चाहिए। क्लासरूम पूरे हो, फंडामेंटल नर्सिंग लैब, प्रिसाइज क्लिनिकल लैब, कम्यूनिटी हेल्थ लैब, ऑब्स एडं गायनिक लैब, चाइल्ड हेल्थ, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब आदि होना जरूरी है। इसी तरह फैकल्टी का अनुपात 10 स्टूडेंट्स पर एक टीचर होना चाहिए। प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की एज्यूकेशन क्वालिफिकेशन एमएससी के साथ ही कम से कम तीन साल का अनुभव जरूरी है। रूही कॉलेज, श्रीबालाजी कॉलेज और कृष्णा नर्सिंग कॉलेज का संचालन इन नियमों के तहत नहीं हो रहा है। सरकार द्वारा निर्धारित 96 हजार फीस की जगह भी 1 लाख 20 हजार की फीस वसूली जा रही है, जिसमें ट्रांसपोर्टेशन भी शामिल है, चाहे विद्यार्थियों खुद के वाहन से आएं या नहीं उसे 96 हजार के अतिरिक्त फीस देना ही होगी।
संस्थान के साथ इंस्टीट्यूट का अलग गोरखधंधा
भीलवाड़ा में जीएनएम और नर्सिंग कॉलेज जैसे संस्थान बिना मान्यता के चल रहे है। इनके अलावा कुछ इंस्टीट्यूट भी चल रहे है जो कि कोचिंग के नाम पर एडमिशन लेते है। उनको पंजाब या मध्यप्रदेश के कॉलेजों में परीक्षा दिलाते है। जबकि नियमों के अनुसार जीएनएम या बीएससी नर्सिंग में रेगुलर एडमिशन होता है न कि प्राइवेट या डिस्टेंस के।
बिना मान्यता वाले संस्थान और इन्हें मान्यता भी नहीं मिलेगी क्योंकि सरकार ने 2020-21 के बाद पाबंदी लगा दी
1.श्री बालाजी नर्सिंग कॉलेज – यहां जीएनएम और बीएससी नर्सिंग दोनों कोर्स संचालित हो रहे है। बीएससी नर्सिंग को मान्यता नहीं है।
2.कृष्णा नर्सिंग कॉलेज – यहां जीएनएम और बीएससी नर्सिंग दोनों कोर्स संचालित है। इसे भी मान्यता नहीं है।
3. रूही नर्सिंग कॉलेज – बिना मान्यता के कोर्स संचालित हो रहे है।
4. PINC इंस्टीट्यूट - ये पंजाब और मध्यप्रदेश में एडम्शन अपने यहां दिलाता है। परीक्षा वहां दिलाता है। जबकि प्राइवेट या डिस्टेंस एजूकेशन का नियम ही नहीं है।
5. एसटेक नर्सिंग कॉलेज – इसे भी मान्यता नहीं मिली है। ये कोर्ट के आदेश से स्टूडेंट्स की परीक्षा कराना, उनके एडमिट कार्ड दिलाना, रिजल्ट जारी कराना आदि काम कर रहा है.
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