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Bharatpur321001

दिनदहाड़े चैन स्नैचिंग: बुजुर्ग महिला से सोने की चैन छीने, तीन संदिग्ध हिरासत में

DSDevendra Singh
Nov 15, 2025 09:15:20
Bharatpur, Rajasthan
भुसावर(भरतपुर)चैन स्नैचिंग की वारदात, दिनदहाड़े राहगीर बुजुर्ग महिला की गले से, अज्ञात बाइक सवारों ने तोड़ी सोने की चैन ,पीड़ित महिला ने पुलिस कंट्रोल को दी सूचना,पुलिस ने कराई नाकाबंदी, संदिग्ध तीन जनों को लिया हिरासत में,पीड़ित महिला से घटना की जानकारी ले रही है पुलिस, सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए की जा रही है आरोपियों की तलाश, गांव सलेमपुर खुर्द निवासी चंद्रकला है पीड़ित महिला, गांव के सलेमपुर खुर्द सड़क मार्ग की है घटना
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ANAnil Nagar1
Nov 15, 2025 10:34:05
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MPManish Purohit
Nov 15, 2025 10:33:55
Mandsaur, Madhya Pradesh:दिल्ली विस्फोट के बाद मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित गांधी सागर बांध की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है यहां पर आने जाने वाले रास्तों पर सख्त चेकिंग की जा रही है साथ ही बांध के आसपास भी फोर्स तैनात किया गया है गौरतलब है कि मंदसौर का गांधी सागर बांध चंबल नदी पर बना हुआ है और इसकी ऊँचाई 204 फीट लंबाई 1686 फीट और क्षमता 258.61 tmc feet है, इस बांध का जल ग्रहण क्षेत्र 22584 स्क्वायर किलोमीटर है बांध की सुरक्षा तीन विभागों द्वारा किए जाने का दावा किया जाता है, बांध को सिचाई विभाग, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड or पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जाती है सबसे पहले एंट्री पॉइंट पर सुरक्षा चौकी पर एंट्री की जाती है जिसके बाद बंद के चित्र में प्रवेश दिया जाता है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पूर्वज थी दिखाई दे रही है और यहां पर कोई अतिरिक्त सावधानी बरतनी के संकेत दिखाई नहीं दे रहे पुलिस से दावा कर रही है कि सुबह शाम यहाँ पर रूटीन चेकिंग की जाती है और किसी भी तरह का किसी और अलर्ट मिलने पर तुरंत सिंचाई विभाग के दिए गए बिंदु के अनुसार वाहनों की चेकिंग भी की जाती है वहीं विद्युत वितरण कंपनी द्वारा भी सुरक्षा गार्ड बांध की सुरक्षा के लिए लगाए जाते हैं
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KBKuldeep Babele
Nov 15, 2025 10:33:35
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KSKamal Solanki
Nov 15, 2025 10:33:19
Dhar, Madhya Pradesh:स्लग :- कारम डैम पर फिर हुआ काम शुरू एंकर :- धार जिले के धरमपुरी क्षेत्र में जल संसाधन विभाग का निर्माणाधीन कारम डैम वर्ष 2022 में बड़े हादसे की आशंका के कारण राष्ट्रीय सुर्खियों में आया था। कारम नदी पर बन रहे इस बांध में 11 अगस्त 2022 को अचानक बड़े स्तर पर रिसाव शुरू हो गया, जिससे बांध की दीवार के कमजोर होने और टूटने का खतरा पैदा हो गया। प्रशासन ने तत्काल स्थिति को गंभीर मानते हुए आसपास के 12 से ज्यादा गाँवों में अलर्ट जारी किया और हजारों ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया。 कैसे शुरू हुआ संकट भारी बारिश के चलते डैम में जलभराव काफी बढ़ गया था। इसी दौरान डैम की मिट्टी वाली दीवार में लीकेज दिखाई दिया और तेज गति से पानी का रिसाव शुरू हो गया। तकनीकी विशेषज्ञों ने संभावना जताई कि यदि रिसाव नहीं रोका गया तो बांध का बड़ा हिस्सा टूट सकता है, जिससे आसपास की बस्तियाँ और खेती-किसानी को भीषण नुकसान हो सकता था。 प्रशासन की त्वरित कार्रवाई स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन, NDRF, SDRF की टीमों ने मोर्चा संभाला। कई गाँवों को खाली कराया गया, आसपास का ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। 24 घंटे नियंत्रण कक्ष शुरू किया गया, ग्रामीणों के लिए राहत शिविर बनाए गए। विशेषज्ञों की निगरानी में ब्रीच प्लान लागू किया गया। भारी मशीनों की मदद से डैम की दीवार से नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ा गया, ताकि पानी के दबाव को कम किया जा सके। इस खतरे को लगभग 36 घंटे के कठिन ऑपरेशन के बाद नियंत्रण में लाया गया。 बाद की जांच में क्या सामने आया? घटना के बाद सरकार ने उच्चस्तरीय जांच बैठाई। जांच रिपोर्टों में पाया गया कि—निर्माण में तकनीकी त्रुटियाँ थीं, गुणवत्ता मानकों का ठीक से पालन नहीं किया गया, मिट्टी और सामग्री की क्वॉलिटी में गड़बड़ी की आशंका, सुपरविजन कमजोर। इसके बाद कई इंजीनियरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की गई। डैम की प्रमुख दीवार की ठीक-ठाक दबाई नहीं हुई जिस कारण रिसाव हुआ अब क्या? डैम का आधा हिस्सा अभी भी पुरा टुटा हुआ है, वही से दूसरे हिस्से का काम चल रहा। अभी भी डैम में छोटे पत्थरों का उपयोग हो रहा 52 गाँव के किसानों के लाभ कारम डैम का निर्माण क्षेत्र के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा था। इस बाँध के निर्माण से 52 गाँवों के किसानों सिंचाई का लाभ मिलेगा। इस बाँध की अनुमानित लागत करीब 302 करोड़ रुपये है। कारम डैम के निर्माण में चार गाँव डूब गए जिन्हे विस्तापित किया गया; लगभग 90 हेक्टेयर निजी और 65 हेक्टेयर सरकारी भूमि में इसका निर्माण हो रहा है। जब बाँध का हिस्सा काटकर पानी निकाला गया तब तक 100 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके थे। ग्रामीण भूपेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि डैम का निर्माण कार्य फिर से चालू हुआ है लेकिन अभी भी मॉनिटरिंग की खास आवश्यकता है। पहले भी लापरवाही के कारण डैम में दरार आई थी; यदि फिर से ऐसा हुआ तो इस डैम का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। अभी तक अधिकारी केवल छोटे लेवल के मौके पर आते हैं, बड़े लेवल के अधिकारी मौके पर नहीं आ रहे। Byte :-भूपेंद्र सिंह ठाकुर भारूड़पुरा एक और ग्रामीण रोहित ने बताया कि डैम की जद में जो चार गांव आए थे उन्हें तो बसाया गया, लेकिन अभी भी इस डैम की गुणवत्ता का ध्यान रखने की आवश्यकता है। Byte :- रोहित शर्मा ग्रामीण मौक़े से WT अधिकारारी कुछ भी बोलने के कों तैयार नहीं.....
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PSPrashant Shukla
Nov 15, 2025 10:32:52
Seoni, Madhya Pradesh:सिवनी जिले की जीवनरेखा कही जाने वाली वैनगंगा नदी पर बना संजय सरोवर, जिसे भीमगढ़ बांध के नाम से भी जाना जाता है, आज भी प्रदेश की सबसे अहम सिंचाई परियोजनाओं में गिना जाता है। लगभग चार किलोमीटर लंबा और बयालीस मीटर ऊँचा यह विशाल मिट्टी का बांध, क्षेत्र की पानी और खेती—दोनों से जुड़ी जरूरतों को पूरा करता है। बता दे कि यह बांध एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बांध में शुमार है इस बांध का निर्माण साल 1972 में शुरू हुआ था। कई चरणों में इसका काम आगे बढ़ा और यह परियोजना धीरे-धीरे पूरी तरह विकसित हुई। संजय सरोवर की जलधारण क्षमता पाँच हजार करोड़ लीटर से अधिक मानी जाती है, जो इसे मध्य भारत के महत्वपूर्ण जलाशयों में शामिल करती है। सिंचाई की बात करें तो यह परियोजना सिवनी और बालाघाट—दोनों जिलों के खेतों को पानी उपलब्ध कराती है। नई स्वीकृति के पहले चरण में लगभग तीन सौ गाँवों को सीधे लाभ, और करीब ग्यारह हजार हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई सुविधा मिलने की उम्मीद है। हाल के मौसम में भारी बारिश के बाद इस बांध के गेट खोले जाने की घटनाएँ भी सामने आई हैं। प्रशासन के मुताबिक यह एक नियमित प्रक्रिया है—जिसका उद्देश्य जलस्तर को नियंत्रित रखना और निचले इलाकों में किसी भी तरह की आपदा को रोकना है। रखरखाव की बात करें तो राज्य सरकार ने नहरों के कंक्रीटीकरण, मरम्मत और आधुनिकीकरण के लिए बड़ी राशि मंजूर की है। जिससे न केवल पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि रिसाव कम होने पर किसानों को और अधिक सिंचाई का लाभ मिल सकेगा। पर्यटन के लिहाज से भी यह क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बन रहा है। संजय सरोवर का शांत वातावरण, बोटिंग और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता—इसे एक उभरते हुए टूरिस्ट पॉइंट की पहचान दे रही है। कुल मिलाकर—संजय सरोवर बांध सिर्फ एक जल परियोजना नहीं, बल्कि सिवनी और आसपास के जिलों की आर्थिक और कृषि व्यवस्था की रीढ़ है। इसके संरक्षण और आधुनिक विस्तार से आने वाले वर्षों में यहां की जल-समृद्धि और भी मजबूत होने की उम्मीद है।
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PSPramod Sinha
Nov 15, 2025 10:32:00
Khandwa, Madhya Pradesh:एंकर... नदियों पर बने बड़े-बड़े बांध देश की समृद्धि और विकास में बड़ी भूमिका निभाते हैं। यह पीने और खेतों में सिंचाई के लिए पानी तो उपलब्ध कराते ही हैं, बिजली पैदा कर कर औद्योगिक विकास की गति को भी सहारा देते हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इन बांधों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए क्या सेफ्टी मेजर अपने जाते हैं? भूकंप, बाढ़, पानी का दबाव, तापमान, भूमि का क्षरण और बांध की तलहटी में जमने वाली गाद बांधों की उत्पादकता को प्रभावित करती है। यदि किसी कारणवश बांध टूट जाए तो उससे बड़े पैमाने पर होने वाले जान माल के नुकसान से कैसे बचा जाए। इन्हीं सभी बातों को लेकर बांधों का सेफ्टी ऑडिट होता है। इन सेफ्टी ऑडिट में कुछ पैरामीटर बने हुए हैं और अलग-अलग एजेंसी नियमित सेफ्टी ऑडिट करती है। जो कमियां पाई जाती है उसे तुरंत दुरुस्त किया जाता है。 देश के सबसे बड़े इंदिरा सागर बांध में यह सेफ्टी कैसे किया जाता है। किन-किन बातों का ध्यान रखा जाता है। यह ऑडिट कौन कौन सी एजेंसीज़ करती हैं और भविष्य में किसी अनहोनी से कैसे बचा जा सकता है। इन्हीं सब बातों को लेकर इंदिरा सागर बांध के महाप्रबंधक अजीत कुमार से हमने बात की। आइए जानते हैं क्या होता है बांधों का सेफ्टी ऑडिट और यह क्यों जरूरी है ? प्रोफाइल- खंडवा में नर्मदा नदी पर बांईnदिरा सागर बांध पानी धारण करने की क्षमता के आधार पर देश का सबसे बड़ा काँक्रीट ग्रेविटी बांध है। इसमें लगभग 12 बिलियन घन मीटर पानी धारण करने की क्षमता है। 913 स्क्वायर किलोमीटर में फैला इसका रिजर्वायर है और लगभग 62 वर्ग किलोमीटर में इसका कैचमेंट एरिया है। इस बांध में 20 रेडियल गेट लगाए गए हैं और 125 मेगावाट की 8 यूनिट से यहां 1000 मेगावाट जल विद्युत बनाई जाती है। यह बांध अमरकंटक से लेकर खंभात की खाड़ी तक नर्मदा नदी और उसकी सहायक नदियों पर बने सभी बांधों को नियंत्रित करता है। इसलिए इसे मदर डैम भी कहा जाता है। इंदिरा सागर बांध से छोड़ा गया पानी ही आगे ओमकारेश्वर और सरदार सरोवर बांध को पानी पहुंचता है। पानी धारण करने की क्षमता और उत्पादकता के आधार पर एक बांध की उम्र लगभग 50 वर्ष मानी जाती है। वर्ष 2004 में बनकर तैयार हुआ यह बांध लगभग 21 वर्ष का हो चुका है। सेफ्टी के नजरिए से देखा जाए तो फिलहाल यह बांध काफी सुरक्षित माना जा सकता है।
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PPPrakash Pandey
Nov 15, 2025 10:31:21
Mau, Uttar Pradesh:मऊ में एक ऐसा घटना सामने आया है जिसे देख आपके रोंगटे खड़े हो जाएँगे एक डंपर के नीचे दस मीटर तक घसीटते युवक का सीसीटीवी देख आप भी डैंग रह जाएँगे बेकाबू डंपर ने बाइक सवार को रौंद दिया। गाड़ी में फंसकर युवक करीब 10 मीटर तक घिसटता चला गया। वह चिल्लाता रहा लेकिन ड्राइवर ने ब्रेक नहीं लगाई। इसी बीच पहिए के नीचे बाइक सवार युवक का सिर आ गया। युवक के सिर के अनगिनत टुकड़े हो गए। छाती और हाथ की हड्डियां भी कई हिस्सों में टूट गईं। उधर, एक्सीडेंट के बाद ड्राइवर गाड़ी लेकर फरार होने लगा तो लोगों ने दौड़ाया। इसके बाद वह डंपर छोड़कर भाग गया। इसके बाद गुस्साए लोगों ने रोड जाम कर दिया। शनिवार सुबह की यह घटना जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर कोतवाली क्षेत्र की है। युवक की पहचान डिहवा के सतीश सोनकर के रूप में हुई है। इस विभत्स हादसे का वीडियो भी सामने आया है। 42 सेकेंड के वीडियो में डंपर के बाइक सवार को रौंदने से लेकर उसको घसीटने और सिर के कुचलने तक का फुटेज है। पूरा मामला खटीक टोला डिहवा दक्षिण का रहने वाला सतीश सोनकर (35 वर्ष) ठेला लगाकर सब्जी बेचता था। शनिवार सुबह 6 बजे वह अपनी अपाची बाइक से सब्जी मंडी जा रहा था। कस्बे के बलिया मोड पर अचानक से एक डंपर ने ओवरटेक करने की कोशिश में लेफ्ट साइड में तेजी से टर्न किया। अचानक से डंपर टर्न होने से सतीश ने अपनी बाइक को भी घुमाया। लेकिन उसके हटने के पहले ही डंपर से बाइक को ठोकर लग गई। इस ठोकर से बाइक दूर जा छिटकी लेकिन सतीश, डंपर में फंस गया। वह जोर-जोर से चिल्लाया लेकिन ड्राइवर ने ब्रेक लगाने की बजाय स्पीड बढ़ा दी। देखते ही देखते सतीश डंपर के पहिए के नीचे आ गया। करीब 10 मीटर तक वह घिसटा। इसी बीच उसका सिर पहिया के नीचे आ गया। देखते ही देखते उसका सिर बुरी तरह क्रश हो गया। हेलमेट के कई टुकड़े हो गए। सिर के कई टुकड़े बिखर गए तो कुछ हिस्सा सड़क पर ही चिपक गया।
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SKSHIV KUMAR
Nov 15, 2025 10:30:59
Piprola Ahmedpur, Uttar Pradesh:नाम शिव कुमार लोकेशन शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री ने बिहार चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने जंगल राज का सपना देख रहे हैं लोगों को छोड़कर सुशासन को चुना है। बिहार में जनता सुशासन चाहती थी। यह जीत प्रधानमंत्री मोदी और नीतीश कुमार की जीत है। सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि जनता विकास और गुड गवर्नेंस चाहती है। बिहार की जनता ने मोदी और नीतीश कुमार को एक मौका दिया है। कि वह बिहार को विकसित राज्य बना सके। वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना यहां एक स्कूल में पहुंचे थे। यहां पहुंच कर उन्होंने किताब का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में जंगल राज कायम करने की मंशा रखने वालों को जनता ने करारा जवाब दिया है। और सुशासन को चुना है। जनता विकास चाहती है और सुशासन चाहती है। यहां मोदी और नीतीश कुमार के चेहरे को देखकर वोट दिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार में अब सुशासन होगा और तिहार को विकसित राज्य बनाने की तरफ एक नया कदम होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्ष हर के बाद नए-नए बहाने बनाता है। बाईट -सुरेश कुमार खन्ना, वित्त मंत्री
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ADASHISH DWIVEDI
Nov 15, 2025 10:30:46
Hardoi, Uttar Pradesh:हरदोई में थानाध्यक्ष के घर 35 लाख की ज्वेलरी चोरी का पुलिस ने किया खुलासा,तीन महिलाएं-एक पुरुष गिरफ्तार,पांच बच्चे संरक्षण में हरदोई के शहर कोतवाली क्षेत्र में थानाध्यक्ष के सरकारी आवास से हुई करीब 35 लाख रुपये की ज्वेलरी चोरी की वारदात का पुलिस ने महज छह दिनों में सफलताप्र👉ुal खुलासा कर दिया। पुलिस ने तीन महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है,जबकि पांच बाल अपचारियों को संरक्षण में लिया गया है।आरोपियों के पास से चोरी की बड़ी तादात में ज्वेलरी बरामद कर ली गई है। गिरफ्तार महिलाएं कबाड़ बीनने का काम करती थीं और बच्चों की मदद से तालाबंद मकानों की रेकी करवाती थीं,फिर वारदात को अंजाम देती थीं। घटना 9 नवंबर की है। सवायजपुर थाने के थानाध्यक्ष उप निरीक्षक प्रिंस कुमार शीतकालीन वर्दी लेने पुलिस लाइन स्थित अपने राजकीय आवास पर पहुंचे तो देखा कि घर का ताला टूटा हुआ है।अंदर जाकर पता चला कि उनकी शादी में माता-पिता द्वारा दिए गए करीब 20 लाख रुपये के सोने के आभूषण और पत्नी को उपहार में मिले लगभग 15 लाख रुपये के आभूषण गायब हैं।थानाध्यक्ष ने 11 नवंबर को कोतवाली शहर में तहरीर दी,जिस पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और सफल अनावरण के लिए कोतवाली शहर पुलिस के साथ स्वाट एवं सर्विलांस टीम को लगाया।टीम ने सीसीटीवी फुटेज, वैज्ञानिक साक्ष्यों और मुखबिरों की मदद से वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह तक पहुंच बनाई। पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान पता चला कि आरोपी महिलाएं कबाड़ बीनने के बहाने इलाके में घूमती थीं।वे बच्चों से तालाबंद मकानों की रेकी करवाती थीं।बच्चे घर में घुसकर सामान की लोकेशन देखते, फिर महिलाएं बच्चों की मदद से दरवाजा खुलवाकर अंदर दाखिल होतीं और चोरी कर फरार हो जातीं थी।थानाध्यक्ष के घर में भी यही तरीका अपनाया गया। पुलिस ने छापेमारी कर ज्योति पत्नी अरविंद, कल्पना पत्नी विनोद निवासी प्रगति नगर,कोतवाली देहात,लक्ष्मी पत्नी राजेश,निवासी जिप्सनगंज पुल के निकट और धीरेंद्र उर्फ धीरू पुत्र अनिल, निवासी रेलवेगंज पुरानी गल्लामंडी, कोतवाली शहर को गिरफ्तार किया।पाँच बाल अपचारियों को भी संरक्षण में लिया गया।आरोपियों के कब्जे से एक गले का हार, एक मंगलसूत्र, आठ अंगूठियां, दो गले की चेन,एक मांग टीका, चार जोड़ी पायल, एक जोड़ी कान के झुमके और एक जोड़ी टॉप्स बरामद हुए।पुलिस गिरफ्तार महिलाओं और पुरुष को जेल भेजने की तैयारी में जुटी है।
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RDRAJKUMAR DIXIT
Nov 15, 2025 10:30:25
Sitapur, Uttar Pradesh:यूपी के सीतापुर में देवी देवताओं की मूर्तियों को अराजक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। सभी मूर्तियां दो अलग अलग गांवों मंदिर के अंदर लगी थी। देवी देवताओं की मूर्ति क्षतिग्रस्त होने से हिंदू संगठनों और ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त हो गया। आक्रोश के बाद ग्रामीणों ने मछरेहटा कस्बे में पहुंच कर सैकड़ो की संख्या में जाम लगा दिया। एसपी के निर्देश के बाद मौके पर एएसपी दुर्गेश सिंह पहुंचे और घंटों मशक्कत के बाद स्थिति को नियंत्रण में किया। पुलिस बल ने जाम को खुलवाया और हिंदू संगठन और ग्रामीणों को समझाया और खंडित मूर्तियों को हटाकर नई मूर्तियां की पुन स्थापना कराई जाएगी। इसके बाद ग्रामीण माने। वही इस मामले पर एएसपी दुर्गेश सिंह का कहना है कि मछरेहटा में भारा सैनी पुरवा और मिर्जापुर उत्तरी में दो अलग-अलग मंदिर है जहां पर शिव जी की भैरव बाबा की मूर्ति लगी थी। जिसे अराजक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया है। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मूर्ति स्थापित करने के लिए बता दिया गया है। जल्द ही अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की जाएगी।
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