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भोगनाडीह में हूल दिवस के लिए प्रशासन ने क्यों रोका मंडल मुर्मू का कार्यक्रम?
Godda, Jharkhand
भोगनाडीह में 30 जून को होने वाले हूल दिवस मनाने मनाने पर सिदो कान्हु के वंशज मंडल मुर्मू को प्रशासन ने अनुमति नहीं देने पर उनके समर्थकों में आक्रोश देखा जा रहा है।
मंडल मुर्मू के परदादा सिदो कान्हु को ऐतिहासिक हुल आंदोलन का अगुआ माना जाता है।अपने अद्वितीय पराक्रम से अंग्रेजों को भी धूल चटा दी थी।धोखे से अंग्रेजों ने उन्हें भोगना डीह में ही सरेआम फांसी पर लटका दिया था। नवंबर में हुए साल 2024 के आम चुनाव में मंडल मुर्मू बरहेट विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हेमंत सोरेन के प्रस्तावक बने थे। चुनाव के दौरान ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। उसी दौरान 13 नवंबर को गोड्डा आए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें सम्मानित भी किया था। मंडल मुर्मू तभी से झारखंड मुक्ति मोर्चा के आंखों की किरकिरी बने हुए हैं।
प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं जाने के विरोध में शुक्रवार को ग्रामीण कि ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया.इस अवसर पर सिद्धो कान्हू मुर्मू हूल फाउंडेशन के अध्यक्ष मंडल मुर्मू ने भोगनाडीह गांव के मांझी थान मे ग्राम प्रधान बबलू हांसदा सहित अनेक लोगों की उपस्थिति में विधिवत रूप से पूजा अर्चना करते हुए रैली निकालकर पूरे भोगनाडीह परिसर का भ्रमण करते हुए जुलूस निकाला गया।. जुलूस 30 जून को होनेवाले हूल दिवस के कार्यक्रम पर प्रशासन की ओर से सहमति नहीं करने पर विरोध जताते हुए नारेबाजी करते हुए स्टेडियम पहुंची तथा मामले को लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी से इसका विरोध जताया।
इस अवसर पर मंडल मुर्मू ने कहा कि हूल फाउंडेशन की ओर से हर वर्ष हूल पर कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।पर प्रशासन की ओर से कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी गई है इसका विरोध किया गया है.
बाइट मंडल मुर्मू
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