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दिल्ली में भारी बारिश से जलभराव, देखें गीता कॉलोनी की तस्वीरें!
ATAnuj Tomar
Aug 29, 2025 08:49:04
Noida, Uttar Pradesh
DELHI: HEAVY RAIN LEADS TO WATERLOGGING IN SEVERAL PARTS OF CITY/ VISUALS FROM GEETA COLONY, KRISHNA NAGAR & GANDHI NAGAR
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MPMAHESH PARIHAR1
FollowSept 01, 2025 16:46:05Jhalawar, Rajasthan:
झालावाड़
एंकर इंट्रो_ झालावाड़ शहर के हबीब नगर में गत 29 अगस्त को अपने घर लौट रहे पिता पुत्र पर कार में सवार होकर आए आधा दर्जन बदमाशों ने जानलेवा हमला किया था। मामले में पुलिस ने वारदात में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वही एक अन्य आरोपी को भी डिटेन किया गया है। कार्रवाई के दौरान पुलिस से बचने के लिए भाग रहे तीन आरोपी गिर कर चोटिल हो गए हैं।
मामले में जानकारी देते हुए झालावाड़ पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि झालावाड़ शहर के हबीब नगर में गत 29 अगस्त को बाइक से अपने घर लौट रहे पिता पुत्र तनवीर और नासिर को बदमाशों ने कार से टक्कर मारकर गिरा दिया था और इसके बाद तनवीर पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर गंभीर घायल कर दिया। इस दौरान बीच बचाव कर रहे पिता नासिर पर भी बदमाशों ने चाकू से हमला कर घायल कर दिया। जिला अस्पताल में पुलिस द्वारा दर्ज बयान में पीड़ित ने नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। जिस पर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित थी और मामले में सफलता प्राप्त करते हुए आरोपी अमजद, अल्फेज और अब्दुल सोमिन को गिरफ्तार किया है। एक अन्य आरोपी शाहनवाज को भी पुलिस ने डिटेन कर लिया है।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि पुलिस कार्रवाई के दौरान आरोपियों ने भागने का प्रयास किया ऐसे में वह गिरकर चोटिल हो गए हैं। 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक अन्य आरोपी शाहनवाज को भी डिटेन कर लिया गया है। चोट लगने से वह घायल हो गया है, जिसे उपचार के बाद गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है की वारदात में और कौन आरोपी शामिल थे।
Mahesh Parihar Zee Media Jhalawar
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PKPradeep Kumar
FollowSept 01, 2025 16:46:00Sri Ganganagar, Rajasthan:
विजुअल we transfer से लिंक
https://we.tl/t-jE1HztCSZd
हैडलाइन:-मिनी सचिवालय के बाहर 5 दिन से चल रहा धरना हुआ समाप्त,
एंकर:-
रायसिंहनगर ।मिनी सचिवालय के बाहर पिछले 5 दिनों से जारी धरना आखिरकार सोमवार को समाप्त हो गया। ग्राम ठंडी निवासी महेंद्र कुमार लगातार बरसात से हुए नुकसान और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे था। धरना स्थल पर सोमवार को पंचायत समिति विकास अधिकारी छगनलाल पहुंचे और पीड़ित को आश्वासन दिया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने की लेकर पोर्टल शुरू होने के बाद शीघ्र शुरू की जाएगी। वहीं, बारिश से हुए नुकसान का सर्वे कर जिला कलेक्टर को रिपोर्ट भेज दी गई है। धरना समाप्त होने के बाद महेंद्र कुमार ने जी राजस्थान न्यूज़ ने उन्होंने चैनल का आभार जताया । इस मौके पर कांग्रेस नेता *पवन देदड़, विकास ज्याणी, महेंद्र थोरी और अशोक गोदारा भी मौजूद रहे और पीड़ित को भरोसा दिलाया कि हर संभव मदद दिलाई जाएगी।
बाइट 1 महेंद्र कुमार पीड़ित
बाइट 2 छगनलाल विकास अधिकारी पंचायत समिति रायसिंहनगर
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HBHeeralal Bhati
FollowSept 01, 2025 16:45:55Jalore, Rajasthan:
आहोर जालोर
जिले के आहोर के भवरानी गांव में चारों तरफ पानी का भराव होने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी बीच गांव में एक महिला का निधन हो गया। शव को दाह संस्कार स्थल तक ले जाने के लिए रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था। मजबूरी में ग्रामीणों ने शव को ट्रैक्टर-ट्रॉली में रखकर नाला पार करवाया और उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया।इधर खारी नदी आईपुरा व सराणा के बीच पूरे वेग से बह रही है। भैंसवाड़ा डायवर्जन के नाले में लगातार पानी की आवक बनी हुई है, वहीं जवाई नदी में भी पानी का बहाव तेज बना हुआ है।
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NSNeeraj Sharma
FollowSept 01, 2025 16:45:190
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TSTHANESHWAR SAHU
FollowSept 01, 2025 16:45:12Gariyaband, Chhattisgarh:
ACCIDENT
गरियाबंद ब्रेकिंग...तेज रफ्तार कार पेड़ से
टकराया...हादसे में 3 लोग गंभीर रूप से हुए घायल...हादसे में घायल लोगो की हालत गंभीर...मैनपुर नेशनल हाइवे मार्ग नवागढ़ के पास हुआ है हादसा...हादसे के बाद अफ़रातफ़री मच गया घायलों का इलाज जिला अस्पताल में जारी।
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Makdone, Madhya Pradesh:
विधायक जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष महेश परमार का महिदपुर कार्यक्रम में जातेसमय घोंसला में स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी के साथ स्वागत कर पुष्प हार पहनाए
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Hapur, Uttar Pradesh:
बड़ी खबर यूपी के हापुड़ से है जहां तेज रफ्तार स्कार्पियो ने बाइक व स्कूटी सवार तीन लोगों को रौंद दिया है। इस दर्दनाक हादसे में पिता पुत्र सहित तीनों की दर्दनाक मौत हुई है। बताया जा रहा है पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र में NH -9 पर एक तेज रफ्तार स्कार्पियो ने बाइक व स्कूटी सवार पिता पुत्र व एक अन्य युवक को बुरी तरह टक्कर मार दी। जिसमें बाइक व स्कूटी सवार तीन लोगों की मौत हो गई है। इस दर्दनाक हादसे को अंजाम देकर स्कार्पियो सवार मौके से फरार हो गया है। फिलहाल पुलिस ने शवो को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। और इस हादसे को अंजाम देने वाले स्कॉर्पियो चालक की तलाश में जुट गई है। वहीं पिता उमेद व पुत्र सचिन सहित तीनों लोगों की मौत के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
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KHKHALID HUSSAIN
FollowSept 01, 2025 16:31:15Badgam, :
( TVU 9 )
EXCLUSIVE GROUND REPORT
1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से पलायन के साथ बंद हुए प्राचीन मंदिरों को फिर से खोला जा रहा है। इसे कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को पुनः प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और माना जा रहा है इससे घाटी के कश्मीरी पंडितों में विश्वास और आशा की बहाली में मदद मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर सरकार की विरासत संरक्षण और धार्मिक अवसंरचना योजनाओं के तहत, सदियों पुराने ऐतिहासिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों को फिर से खोला जा रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के उभार और कश्मीरी पंडितों के बड़े पैमाने पर पलायन के बाद नष्ट हुए हैं या वीरान पड़े रहे।
मध्य कश्मीर का बडगाम ज़िला कश्मीरी विरासत से समृद्ध है और प्राचीन धार्मिक स्थलों में सदियों पुराने मंदिर भी शामिल हैं। बडगाम में लगभग 25 बड़े और छोटे मंदिर हैं जो 90 के दशक से खंडहर हो गए थे। इनमें से पाँच का पहले चरण में जीर्णोद्धार किया जा रहा है और सबसे प्राचीन दो मंदिर वासुकनाग मंदिर और शारदा माता स्थापना हैं।
बडगाम ज़िले के हुशरू में स्थित वासुकी नाग मंदिर, विशेष रूप से कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए, धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और सदियों पुरानी आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ा है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं के एक प्रमुख पात्र वासुकी को समर्पित है, जिन्हें नागों का राजा कहा जाता है। हिंदू प्रतिमाओं में वासुकी को भगवान शिव के गले में लिपटे हुए दिखाया गया है और समुद्र मंथन में उनकी भूमिका के लिए उन्हें याद किया जाता है। यह मंदिर अपनी गहरी ऐतिहासिक जड़ों के लिए प्रसिद्ध है, ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण लगभग 1000 साल पहले हुआ था।
कश्मीरी पंडितों का दावा है कि वासुकी नाग मंदिर में झरना "गणेश भून" नामक एक चिनार के पेड़ से निकलता है, जिसका तना भगवान गणेश जैसा दिखता है, जिसे "गणेश भून" कहा जाता है, जो एक चिनार का पेड़ (भगवान गणेश से जुड़ा एक पेड़) है। पंडितों का दावा है कि आध्यात्मिक झरना उस पेड़ के तने से निकलता है और इस पेड़ की भी वृद्ध गणेश के रूप में पूजा की जाती है।
वृक्ष के साथ WT और बबलू जी पंडित की बाइट।
बबलू जी पंडित ने कहा, "पहले यह झरना वागम गांव में था जिसका मतलब वागेश्वरी माता है, फिर यह वागम बन गया, फिर वहां कुछ अपवित्र चीज हुई, हमने अपने बुजुर्गों से जो सुना है वह वहीं बंद हो गया और इस "गणेश बूनी" से यहां झरना निकला, तब से यह यहां है, इस चिनार के पेड़ से पानी आता है और इस कुंड में जाता है जिसका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया है, हम प्रशासन के आभारी हैं लेकिन हमें यहां और भी बहुत कुछ करना है। हम कोशिश कर रहे हैं कि जो भी मंदिर वीरान हो हम सरकार को सूचित करें और फिर सरकार मदद करे। अगर हम जिले की बात करें तो 10-15 मंदिरों का काम किया गया है। हमने 40 साल बाद हवन किया, 90 के दशक से पहले हमारे यहां दो बार कार्यक्रम होते थे। अगर मुसलमानों ने मदद नहीं की होती तो मैं 40 साल बाद में यहां नहीं होता, मुझे 40 साल बाद शांति वापस मिल गई।"
बडगाम में लगभग तीन दशकों के बाद पंडित धार्मिक गतिविधियों के पुनरुद्धार प्रारंभिक नवीनीकरण के लिए धनराशि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई थी।
बाइट
गाँव के एक अन्य स्थानीय कश्मीरी पंडित प्यारे कृष्ण भट्ट ने कहा, "मैं भी 70 साल का हूँ। हमारे बुजुर्गों ने बताया था कि वास्की नाग पहले गाँव में था। कुछ अपवित्रता के बाद वह यहाँ प्रकट हुआ। हम यहाँ साल में दो बार पूजा करते थे, लेकिन 40 साल पहले। इस साल 40 साल बाद फिर से यहाँ पूजा हुई। सभी की इसमें गहरी आस्था थी। यह एक खूबसूरत जगह है और इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था।
एक साल पहले जब हम यहाँ आए थे, तब यहाँ कुछ भी नहीं था। हमारा यहाँ एक आश्रम था, यहाँ केवल पत्थर थे, लेकिन अचानक यहाँ पानी निकलने लगा। यह भगवान शिव से जुड़ा वास्की झरना है। हमने यहाँ माता गंगा को भी रखा है। यहाँ एक हज़ार साल पुराना पेड़ है। हम उसे काटना चाहते थे, लेकिन काट नहीं पाए। हमें भगवान से अनुमति नहीं मिली। हम शौचालय बनाना चाहते थे, लेकिन उसके लिए भी भगवान ने अनुमति नहीं दी। हम इस पेड़ में एक कील भी नहीं ठोक सकते। यहाँ तक कि मुसलमान भी इसमें आस्था रखते हैं। आजकल मैं महीने में दो बार घर जाता हूँ। हम कई दिनों से यहाँ हैं, लेकिन हमने एक बार सब्ज़ी या दूध खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ी, गाँव वाले हमें सब कुछ देते हैं। हमें विश्वास है कि अब यहाँ नब्बे के दशक से बेहतर होगा। हमें पूरी उम्मीद है कि यह फिर से वही कश्मीर होगा।
जब पूजा चल रही थी, तब WT।
इस समारोह में जिला प्रशासन और स्थानीय समुदाय का सहयोग रहा, जो सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाता है। स्थानीय मुसलमान भी बहुत सहयोगी रहे और मंदिर परिसर में रहने वाले पंडितों को गाँव वालों द्वारा हर संभव मदद दी जा रही है और वे भी भाईचारे की पुरानी कश्मीरी संस्कृति को वापस पाना चाहते हैं।
स्थानीय लोगों की बाइट
स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद अशरफ गनई ने कहा, "हमें भी इस मंदिर में गहरी आस्था है। यह बहुत पुराना मंदिर है, 10 या 20 साल पुराना नहीं, बल्कि 1000 साल पुराना है। पिछले 40 सालों से यहाँ कोई गतिविधि नहीं हुई थी, लेकिन पिछले एक-दो महीने से यह फिर से शुरू हो गया है। हम सभी बहुत खुश हैं कि पंडित भाई वापस आ गए हैं और हम उन्हें हर सुविधा प्रदान कर रहे हैं जिसकी उन्हें ज़रूरत है। वे हमारे भाई हैं। हमें खुशी है कि वे वापस आ रहे हैं।"
पंडित समुदाय ने प्राचीन मंदिर को चालू तो कर दिया है, लेकिन वे मंदिर की सुरक्षा के लिए एक स्थायी सुरक्षा चौकी चाहते हैं।
बाइट
बबलू जी पंडित ने सुरक्षा के बारे में कहा, "सुरक्षा के लिए हमने एसएसपी और डिप्टी कमिश्नर को आवेदन दिया है, लेकिन उन्होंने हमें कुछ अस्थायी पीएसओ तो दिए हैं, लेकिन वे भी मेरी तरह बिना हथियारों के हैं। हथियारों वाली सुरक्षा अभी तक नहीं दी गई है। अब एक महीना हो गया है, हमें देखना होगा कि वे हमें कब सुरक्षा प्रदान करते हैं। हमें नहीं पता कि सुरक्षा न देने में क्या अड़चन है, लेकिन हमें सुरक्षा चाहिए। मंदिर में सुरक्षा होनी चाहिए।"
बडगाम में एक और मील का पत्थर इछकूट गाँव में शारदा भवानी मंदिर का फिर से खुलना है, जो आतंकवाद और घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के कारण 36 वर्षों से अधिक समय तक बंद रहा था। यह गाँव बडगाम में कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े गाँवों में से एक है। 90 के दशक से पहले यहाँ 35 पंडित परिवार रहते थे। मंदिर की 'मुहूर्त' और 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोहों के साथ पुनर्स्थापना की गई, जो देवता की पुनर्स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
जब पूजा चल रही थी, तब WT।
यह मंदिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित प्रतिष्ठित शारदा माता मंदिर की एक शाखा माना जाता है। प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और बौद्धिक केंद्रों में से एक, जो अब पीओके में स्थित है।
कहा जाता है कि इस गाँव के एक पंडित, जो माता शारदा के उपासक थे, 18वीं शताब्दी में हर साल शारदा पीठ की यात्रा करते थे और 1830 में जब वह व्यक्ति बूढ़ा हो गया और ज़्यादा चलने-फिरने में असमर्थ हो गया, तो देवी शारदा उसके सपने में आईं और उससे कहा कि मुझे पता है अब तुम बूढ़े हो गए हो और चल नहीं सकते, अब मैं तुम्हारे साथ चलूँगी। उसी समय देवी शारदा एक शारदा पीठ के पुजारी के सपने में आईं और उसे सलाह दी कि वह उपासक कें गाँव में यहाँ से एक लकड़ी की छड़ी लेकर जाए और उसे उसके गाँव में लगाने के लिए कहे। पुजारी ने ऐसा ही किया और वह छड़ी, एक बड़े चिनार के पेड़ के रूप में निकली आई और उस चिनार के पेड़ को तब से कश्मीर के पंडित देवी शारदा के रूप में मानते हैं।
बाइट
सुनील भट्ट कश्मीरी पंडित ने कहा, "ऐसा कहा जाता है कि इसका इतिहास 18वीं शताब्दी से है। हमने सुना है कि इस गाँव का एक व्यक्ति शारदा पीठ जाता था, जो नीलम घाटी, पीओके में है, जहाँ माता शारदा मंदिर है और वह हर साल वहाँ जाता था और पूजा करता था। जब वह बूढ़ा हुआ, तो माता शारदा उसके सपने में आईं माता ने उससे कहा कि मुझे पता है कि तुम बूढ़े हो गए हो। अब तुम यहाँ नहीं आ सकते, कोई चिंता नहीं, मैं वहाँ आऊँगी और उसी दिन, माता पुजारी के सपने में आईं माता ने पुजारी को इस स्थान पर जाकर यहाँ एक चिनार का पेड़ लगाने का निर्देश दिया। पुजारी आए और उन्होंने यहाँ पेड़ लगाया। तब से हम मानते हैं कि यह पेड़ देवी शारदा है और यह 18वीं शताब्दी से चल रहा है। हम इस पेड़ की माता शारदा के रूप में पूजा करते थे। 90 के दशक से पहले यहाँ रामनवमी पर एक उत्सव हुआ करता था, इसलिए हमने इसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की और कल हमने यहाँ पूजा की और हमें उम्मीद है कि हम हर साल ऐसा करेंगे। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे मंदिर के ढांचे का पुनर्निर्माण करेंगे। 90 के दशक से पहले यहाँ कश्मीरी पंडितों के 35 घर थे। इसे इलाके के बड़े गाँवों में से एक माना जाता था, लेकिन कल हमने जो देखा, वह यह था कि जब हम यहाँ पूजा कर रहे थे, तो पूरा गाँव हमारे साथ था। इससे हमें उम्मीद जगी है कि कश्मीरी पंडित वापस लौटेंगे।
35 वर्षों के बंद रहने के बाद शारदा भवानी मंदिर को फिर से खोल दिया गया। बडगाम स्थित शारदा अस्थापना समुदाय ने मंदिर के जीर्णोद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन प्रयासों को निवासियों का समर्थन भी प्राप्त था, जिससे क्षेत्र की साझा विरासत को संरक्षित करने की सामूहिक इच्छा उजागर हुई। मंदिर का पुनः खुलना क्षेत्र में कश्मीरी पंडित समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक पुनरुत्थान की दिशा में एक कदम है।
बाइट
गाँव के निवासी रहे संजय मचामा ने कहा, "हम रोज़ यहाँ आते थे और पूजा करते थे। मुख्य समारोह रामनवमी पर होता था, यह एक बड़ा उत्सव हुआ करता था, सभी पड़ोसी गाँव के लोग यहाँ आते थे और भाग लेते थे। यहाँ एक अलग ही माहौल हुआ करता था। गाँव वालों ने हमारा पूरा साथ दिया है, जैसा कि हमने कल देखा जब 36 साल बाद हमने यहाँ पूजा की, वे हमारे साथ खड़े थे। इसलिए, हमें लगा कि मानवता अभी भी जीवित है। कल हमें जो कुछ भी चाहिए था, उन्होंने हमें दिया, और हमें उम्मीद है कि हम फिर से वही कश्मीर देखेंगे।"
यहाँ भी इस कार्यक्रम में स्थानीय मुस्लिम समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई।वही सरकार ने भी मंदिर की संरचना का पुनर्निर्माण करने का वादा किया है, जो अब उस स्थान पर मौजूद नहीं है क्योंकि यह दशकों से वीरान पड़ा था। निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे पंडितों ने बताया कि जीर्णोद्धार की एक योजना स्वीकृत हो गई है, और बहुत जल्द काम शुरू हो जाएगा।
देवी शारदा मंदिर से WT
जम्मू और कश्मीर सरकार ने कई पहल की हैं, जिनमें विरासत पुनरुद्धार योजना और "जम्मू कश्मीर में वास्तुकला और विरासत का पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, संरक्षण और रखरखाव" शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य कई धार्मिक स्थलों और मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण करना है, जिनमें से कई दशकों के आतंकवाद के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे। इन परियोजनाओं में कश्मीर की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए पारंपरिक सामग्रियों और तकनीकों का उपयोग करके चरणबद्ध तरीके से सैकड़ों मंदिरों का जीर्णोद्धार शामिल है।
ख़ालिद हुसैन
जी मीडिया बड़गाम
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KHKHALID HUSSAIN
FollowSept 01, 2025 16:31:09Badgam, :
( TVU 9 )
EXCLUSIVE GROUND REPORT
1990 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से पलायन के साथ बंद हुए प्राचीन मंदिरों को फिर से खोला जा रहा है। इसे कश्मीर की सांस्कृतिक विरासत को पुनः प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और माना जा रहा है इससे घाटी के कश्मीरी पंडितों में विश्वास और आशा की बहाली में मदद मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर सरकार की विरासत संरक्षण और धार्मिक अवसंरचना योजनाओं के तहत, सदियों पुराने ऐतिहासिक मंदिरों और धार्मिक स्थलों को फिर से खोला जा रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के उभार और कश्मीरी पंडितों के बड़े पैमाने पर पलायन के बाद नष्ट हुए हैं या वीरान पड़े रहे।
मध्य कश्मीर का बडगाम ज़िला कश्मीरी विरासत से समृद्ध है और प्राचीन धार्मिक स्थलों में सदियों पुराने मंदिर भी शामिल हैं। बडगाम में लगभग 25 बड़े और छोटे मंदिर हैं जो 90 के दशक से खंडहर हो गए थे। इनमें से पाँच का पहले चरण में जीर्णोद्धार किया जा रहा है और सबसे प्राचीन दो मंदिर वासुकनाग मंदिर और शारदा माता स्थापना हैं।
बडगाम ज़िले के हुशरू में स्थित वासुकी नाग मंदिर, विशेष रूप से कश्मीरी पंडित समुदाय के लिए, धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है और सदियों पुरानी आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ा है। यह मंदिर हिंदू पौराणिक कथाओं के एक प्रमुख पात्र वासुकी को समर्पित है, जिन्हें नागों का राजा कहा जाता है। हिंदू प्रतिमाओं में वासुकी को भगवान शिव के गले में लिपटे हुए दिखाया गया है और समुद्र मंथन में उनकी भूमिका के लिए उन्हें याद किया जाता है। यह मंदिर अपनी गहरी ऐतिहासिक जड़ों के लिए प्रसिद्ध है, ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण लगभग 1000 साल पहले हुआ था।
कश्मीरी पंडितों का दावा है कि वासुकी नाग मंदिर में झरना "गणेश भून" नामक एक चिनार के पेड़ से निकलता है, जिसका तना भगवान गणेश जैसा दिखता है, जिसे "गणेश भून" कहा जाता है, जो एक चिनार का पेड़ (भगवान गणेश से जुड़ा एक पेड़) है। पंडितों का दावा है कि आध्यात्मिक झरना उस पेड़ के तने से निकलता है और इस पेड़ की भी वृद्ध गणेश के रूप में पूजा की जाती है।
वृक्ष के साथ WT और बबलू जी पंडित की बाइट।
बबलू जी पंडित ने कहा, "पहले यह झरना वागम गांव में था जिसका मतलब वागेश्वरी माता है, फिर यह वागम बन गया, फिर वहां कुछ अपवित्र चीज हुई, हमने अपने बुजुर्गों से जो सुना है वह वहीं बंद हो गया और इस "गणेश बूनी" से यहां झरना निकला, तब से यह यहां है, इस चिनार के पेड़ से पानी आता है और इस कुंड में जाता है जिसका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया है, हम प्रशासन के आभारी हैं लेकिन हमें यहां और भी बहुत कुछ करना है। हम कोशिश कर रहे हैं कि जो भी मंदिर वीरान हो हम सरकार को सूचित करें और फिर सरकार मदद करे। अगर हम जिले की बात करें तो 10-15 मंदिरों का काम किया गया है। हमने 40 साल बाद हवन किया, 90 के दशक से पहले हमारे यहां दो बार कार्यक्रम होते थे। अगर मुसलमानों ने मदद नहीं की होती तो मैं 40 साल बाद में यहां नहीं होता, मुझे 40 साल बाद शांति वापस मिल गई।"
बडगाम में लगभग तीन दशकों के बाद पंडित धार्मिक गतिविधियों के पुनरुद्धार प्रारंभिक नवीनीकरण के लिए धनराशि जम्मू और कश्मीर सरकार द्वारा प्रदान की गई थी।
बाइट
गाँव के एक अन्य स्थानीय कश्मीरी पंडित प्यारे कृष्ण भट्ट ने कहा, "मैं भी 70 साल का हूँ। हमारे बुजुर्गों ने बताया था कि वास्की नाग पहले गाँव में था। कुछ अपवित्रता के बाद वह यहाँ प्रकट हुआ। हम यहाँ साल में दो बार पूजा करते थे, लेकिन 40 साल पहले। इस साल 40 साल बाद फिर से यहाँ पूजा हुई। सभी की इसमें गहरी आस्था थी। यह एक खूबसूरत जगह है और इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता था।
एक साल पहले जब हम यहाँ आए थे, तब यहाँ कुछ भी नहीं था। हमारा यहाँ एक आश्रम था, यहाँ केवल पत्थर थे, लेकिन अचानक यहाँ पानी निकलने लगा। यह भगवान शिव से जुड़ा वास्की झरना है। हमने यहाँ माता गंगा को भी रखा है। यहाँ एक हज़ार साल पुराना पेड़ है। हम उसे काटना चाहते थे, लेकिन काट नहीं पाए। हमें भगवान से अनुमति नहीं मिली। हम शौचालय बनाना चाहते थे, लेकिन उसके लिए भी भगवान ने अनुमति नहीं दी। हम इस पेड़ में एक कील भी नहीं ठोक सकते। यहाँ तक कि मुसलमान भी इसमें आस्था रखते हैं। आजकल मैं महीने में दो बार घर जाता हूँ। हम कई दिनों से यहाँ हैं, लेकिन हमने एक बार सब्ज़ी या दूध खरीदने की ज़रूरत नहीं पड़ी, गाँव वाले हमें सब कुछ देते हैं। हमें विश्वास है कि अब यहाँ नब्बे के दशक से बेहतर होगा। हमें पूरी उम्मीद है कि यह फिर से वही कश्मीर होगा।
जब पूजा चल रही थी, तब WT।
इस समारोह में जिला प्रशासन और स्थानीय समुदाय का सहयोग रहा, जो सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाता है। स्थानीय मुसलमान भी बहुत सहयोगी रहे और मंदिर परिसर में रहने वाले पंडितों को गाँव वालों द्वारा हर संभव मदद दी जा रही है और वे भी भाईचारे की पुरानी कश्मीरी संस्कृति को वापस पाना चाहते हैं।
स्थानीय लोगों की बाइट
स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद अशरफ गनई ने कहा, "हमें भी इस मंदिर में गहरी आस्था है। यह बहुत पुराना मंदिर है, 10 या 20 साल पुराना नहीं, बल्कि 1000 साल पुराना है। पिछले 40 सालों से यहाँ कोई गतिविधि नहीं हुई थी, लेकिन पिछले एक-दो महीने से यह फिर से शुरू हो गया है। हम सभी बहुत खुश हैं कि पंडित भाई वापस आ गए हैं और हम उन्हें हर सुविधा प्रदान कर रहे हैं जिसकी उन्हें ज़रूरत है। वे हमारे भाई हैं। हमें खुशी है कि वे वापस आ रहे हैं।"
पंडित समुदाय ने प्राचीन मंदिर को चालू तो कर दिया है, लेकिन वे मंदिर की सुरक्षा के लिए एक स्थायी सुरक्षा चौकी चाहते हैं।
बाइट
बबलू जी पंडित ने सुरक्षा के बारे में कहा, "सुरक्षा के लिए हमने एसएसपी और डिप्टी कमिश्नर को आवेदन दिया है, लेकिन उन्होंने हमें कुछ अस्थायी पीएसओ तो दिए हैं, लेकिन वे भी मेरी तरह बिना हथियारों के हैं। हथियारों वाली सुरक्षा अभी तक नहीं दी गई है। अब एक महीना हो गया है, हमें देखना होगा कि वे हमें कब सुरक्षा प्रदान करते हैं। हमें नहीं पता कि सुरक्षा न देने में क्या अड़चन है, लेकिन हमें सुरक्षा चाहिए। मंदिर में सुरक्षा होनी चाहिए।"
बडगाम में एक और मील का पत्थर इछकूट गाँव में शारदा भवानी मंदिर का फिर से खुलना है, जो आतंकवाद और घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के कारण 36 वर्षों से अधिक समय तक बंद रहा था। यह गाँव बडगाम में कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े गाँवों में से एक है। 90 के दशक से पहले यहाँ 35 पंडित परिवार रहते थे। मंदिर की 'मुहूर्त' और 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोहों के साथ पुनर्स्थापना की गई, जो देवता की पुनर्स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का प्रतीक है।
जब पूजा चल रही थी, तब WT।
यह मंदिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित प्रतिष्ठित शारदा माता मंदिर की एक शाखा माना जाता है। प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और बौद्धिक केंद्रों में से एक, जो अब पीओके में स्थित है।
कहा जाता है कि इस गाँव के एक पंडित, जो माता शारदा के उपासक थे, 18वीं शताब्दी में हर साल शारदा पीठ की यात्रा करते थे और 1830 में जब वह व्यक्ति बूढ़ा हो गया और ज़्यादा चलने-फिरने में असमर्थ हो गया, तो देवी शारदा उसके सपने में आईं और उससे कहा कि मुझे पता है अब तुम बूढ़े हो गए हो और चल नहीं सकते, अब मैं तुम्हारे साथ चलूँगी। उसी समय देवी शारदा एक शारदा पीठ के पुजारी के सपने में आईं और उसे सलाह दी कि वह उपासक कें गाँव में यहाँ से एक लकड़ी की छड़ी लेकर जाए और उसे उसके गाँव में लगाने के लिए कहे। पुजारी ने ऐसा ही किया और वह छड़ी, एक बड़े चिनार के पेड़ के रूप में निकली आई और उस चिनार के पेड़ को तब से कश्मीर के पंडित देवी शारदा के रूप में मानते हैं।
बाइट
सुनील भट्ट कश्मीरी पंडित ने कहा, "ऐसा कहा जाता है कि इसका इतिहास 18वीं शताब्दी से है। हमने सुना है कि इस गाँव का एक व्यक्ति शारदा पीठ जाता था, जो नीलम घाटी, पीओके में है, जहाँ माता शारदा मंदिर है और वह हर साल वहाँ जाता था और पूजा करता था। जब वह बूढ़ा हुआ, तो माता शारदा उसके सपने में आईं माता ने उससे कहा कि मुझे पता है कि तुम बूढ़े हो गए हो। अब तुम यहाँ नहीं आ सकते, कोई चिंता नहीं, मैं वहाँ आऊँगी और उसी दिन, माता पुजारी के सपने में आईं माता ने पुजारी को इस स्थान पर जाकर यहाँ एक चिनार का पेड़ लगाने का निर्देश दिया। पुजारी आए और उन्होंने यहाँ पेड़ लगाया। तब से हम मानते हैं कि यह पेड़ देवी शारदा है और यह 18वीं शताब्दी से चल रहा है। हम इस पेड़ की माता शारदा के रूप में पूजा करते थे। 90 के दशक से पहले यहाँ रामनवमी पर एक उत्सव हुआ करता था, इसलिए हमने इसे पुनर्जीवित करने की कोशिश की और कल हमने यहाँ पूजा की और हमें उम्मीद है कि हम हर साल ऐसा करेंगे। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि वे मंदिर के ढांचे का पुनर्निर्माण करेंगे। 90 के दशक से पहले यहाँ कश्मीरी पंडितों के 35 घर थे। इसे इलाके के बड़े गाँवों में से एक माना जाता था, लेकिन कल हमने जो देखा, वह यह था कि जब हम यहाँ पूजा कर रहे थे, तो पूरा गाँव हमारे साथ था। इससे हमें उम्मीद जगी है कि कश्मीरी पंडित वापस लौटेंगे।
35 वर्षों के बंद रहने के बाद शारदा भवानी मंदिर को फिर से खोल दिया गया। बडगाम स्थित शारदा अस्थापना समुदाय ने मंदिर के जीर्णोद्धार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन प्रयासों को निवासियों का समर्थन भी प्राप्त था, जिससे क्षेत्र की साझा विरासत को संरक्षित करने की सामूहिक इच्छा उजागर हुई। मंदिर का पुनः खुलना क्षेत्र में कश्मीरी पंडित समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक पुनरुत्थान की दिशा में एक कदम है।
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गाँव के निवासी रहे संजय मचामा ने कहा, "हम रोज़ यहाँ आते थे और पूजा करते थे। मुख्य समारोह रामनवमी पर होता था, यह एक बड़ा उत्सव हुआ करता था, सभी पड़ोसी गाँव के लोग यहाँ आते थे और भाग लेते थे। यहाँ एक अलग ही माहौल हुआ करता था। गाँव वालों ने हमारा पूरा साथ दिया है, जैसा कि हमने कल देखा जब 36 साल बाद हमने यहाँ पूजा की, वे हमारे साथ खड़े थे। इसलिए, हमें लगा कि मानवता अभी भी जीवित है। कल हमें जो कुछ भी चाहिए था, उन्होंने हमें दिया, और हमें उम्मीद है कि हम फिर से वही कश्मीर देखेंगे।"
यहाँ भी इस कार्यक्रम में स्थानीय मुस्लिम समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी देखी गई।वही सरकार ने भी मंदिर की संरचना का पुनर्निर्माण करने का वादा किया है, जो अब उस स्थान पर मौजूद नहीं है क्योंकि यह दशकों से वीरान पड़ा था। निर्माण कार्य का निरीक्षण कर रहे पंडितों ने बताया कि जीर्णोद्धार की एक योजना स्वीकृत हो गई है, और बहुत जल्द काम शुरू हो जाएगा।
देवी शारदा मंदिर से WT
जम्मू और कश्मीर सरकार ने कई पहल की हैं, जिनमें विरासत पुनरुद्धार योजना और "जम्मू कश्मीर में वास्तुकला और विरासत का पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, संरक्षण और रखरखाव" शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य कई धार्मिक स्थलों और मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण करना है, जिनमें से कई दशकों के आतंकवाद के दौरान क्षतिग्रस्त हो गए थे। इन परियोजनाओं में कश्मीर की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए पारंपरिक सामग्रियों और तकनीकों का उपयोग करके चरणबद्ध तरीके से सैकड़ों मंदिरों का जीर्णोद्धार शामिल है।
ख़ालिद हुसैन
जी मीडिया बड़गाम
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ASABDUL SATTAR
FollowSept 01, 2025 16:31:04Jhansi, Uttar Pradesh:
सूचना मिलते ही मोंठ एसडीएम अवनीश तिवारी के निर्देशन में नायब तहसीलदार दीपक कुमार ने अमरा गांव का दौरा किया। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया और परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। एसडीएम ने बताया कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
लाखन लाल कुशवाहा किसान था, जो अपनी सात बीघा जमीन पर खेती कर परिवार का भरण-पोषण करता था। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा हैं, जो आर्थिक तंगी के कारण राजस्थान में मजदूरी करने गए हुए थे। घटना की रात लाखन लाल घर में अकेला था, जिसके कारण इस दुखद घटना को कोई रोक नहीं सका।
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RVRaunak Vyas
FollowSept 01, 2025 16:30:56Bikaner, Rajasthan:
Rounak vyas
bikaner
बीकानेर से खबर
श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत ने जयपुर में डिस्कॉम अध्यक्ष आरती डोगरा से की मुलाकात,
विधायक ने क्षेत्र में बिजली आपूर्ति को और सुचारु बनाने की रखी मांग,
किसानों की खड़ी फसलों को नुकसान से बचाने के लिए निर्बाध बिजली पर दिया जोर,
नए जीएसएस स्थापित करने और बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रस्ताव रखा,
किसानों के ट्रांसफार्मर उतारने में शिथिलता बरतने की भी कही बात,
डिस्कॉम अध्यक्ष ने आश्वासन दिया – किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए होगी कार्रवाई,
विधायक सारस्वत ने कहा - प्रदेश की भाजपा सरकार, प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में, आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए सर्वांगीण विकास के कार्य कर रही
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BDBabulal Dhayal
FollowSept 01, 2025 16:30:350
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VPVEDENDRA PRATAP SHARMA
FollowSept 01, 2025 16:30:29Azamgarh, Uttar Pradesh:
रिपोर्ट - वेदेन्द्र प्रताप शर्मा
स्थान - Azamgarh
भाजपा किसान नेता पर प्राण घात हमला, थाने पर शिकायत करने पर भी दर्ज नहीं हुआ मुकदमा, अपनी ही सरकार में लगाई जान की सुरक्षा को लेकर डीआईजी से गुहार।
Anchor :- जनपद आजमगढ़ के सिधारी थाना क्षेत्र के अंतर्गत मंदिर से आरती करने के बाद भाजपा के पदाधिकारी व किसान नेता घर जा रहे थे, आरोप है कि रास्ते में कुछ लोगों ने उन पर प्राण घात हमला किया। इसकी शिकायत अपनी ही सरकार में वह जबकि वर्तमान में भारतीय जनता पाटी आजमगढ़ का जिला मंत्री है, जिले के संबंधित सिधारी थाने पर किया, लेकिन इस मामले में पुलिस ने कोई न मुकदमा दर्ज किया और न ही करवाई की। इस बात की शिकायत जिले के उच्च अधिकारियों से करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई, इसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। अब उन्होंने डीआईजी से न्याय की गुहार लगाई है।
V.O. :- आजमगढ़ जिले के महेंद्र मौर्या जो नगर पंचायत मेंहनगर वार्ड नं 12 के मूल निवासी है। वर्तमान में वह नई कालोनी पल्हनी में अपने रिस्तेदार के मकान में रहते तथा साथ ही सब्जी मंडी बेलाईसा में करोबार भी करते हैं। पीड़ित भाजपा किसान नेता के अनुसार प्रति दिन की भांति वह बौरहवा बाबा मंदिर से आरती होने के बाद दो दिन पूर्व 28 अगस्त को देर शाम घर वापस आ रहे थे, वह ज्यों ही निर्माणाधीन रेलवे पुल के पास पहुंचे तभी अचानक 4 से 5 लोग गाली गलौज करते हुवे मेरे ऊपर टूट पड़े। उसमें एक व्यक्ति ललकारते हुवे कहा गोली मार दो, रोज हम लोगों के खिलाफ फेसबुक पर लिखता है और विरोध करता है। इतना कहते ही मेरे ऊपर एक व्यक्ति ने राड़ से दूसरे ने कट्टे की मुठिया से हमला कर दिया और लात घूसों से भी मारा। जिसके चलते उसके शरीर के अंदरूनी चोटें आयीं है, उस घटना के दौरान पीड़ित जान बचाकर भागा और 112 नंबर पर सूचना दिया। बताया कि वह वर्तमान में भारतीय जनता पाटी आजमगढ़ का जिला मंत्री है और मेंहनगर के जनहित एवं ज्वलंत मुद्दों की समस्या को समय-समय पर उठाता रहता है। जिससे कुछ भू-माफिया एवं गौ हत्यारे अपराधी प्रवृत्ति लोग तथा उनकी पैरवी करने वाले मुझसे हमेशा नाराज रहते हैं, आशंका है कि यही लोग जान से मारने की नीयत से मेरे ऊपर हमला किये हैं। भाजपा किसान नेता ने कहा कि इस घटना को लेकर जब शिकायत थाने पर की तो मेडिकल कराया गया, लेकिन मामले में न तो मुकदमा दर्ज किया गया न ही कोई कार्रवाई की गई। इस बात की शिकायत जिले के उच्च अधिकारियों से भी की। उन्होंने अंततः इस मामले में आजमगढ़ मंडल के पुलिस उप महानिरीक्षक से शिकायत कर दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
Bite :- महेंद्र मौर्या, भाजपा जिला मंत्री व किसान नेता, आज़मगढ़
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AMAbhishek Malviy
FollowSept 01, 2025 16:30:25Noida, Uttar Pradesh:
Update on Kalkaji Murder Case
Total of 09 Accused arrested so far. :-
1. Kuldeep Bidhuri, S/o Omprakash Bidhuri, Age 20 years, R/o Churiya Mohalla, Tughlakabad Village, Delhi.
2. Mohan Bidhuri @ Bhura, S/o Anil Bidhuri @ Dungar, Age 19 years, R/o Churiya Mohalla, Tughlakabad Village, Delhi.
3. Atul Pandey S/o Sadhu Pandey, Age 30 years, R/o Om Prakash Ka Makan, r/o Dakshinpuri Delhi, Permanent Add:- Distt. Gorakhpur, UP.
4. Nitin Pandey S/o Anil Pandey, Age 27 years, R/o Gali No. 3 Govindpuri, Delhi.
5. Sandeep Bidhuri S/o Nemchand Bidhuri, Age 33 Years, R/o Churiya Mohalla, Tughlakabad Village, Delhi.
6. Monu Kangar, S/o Kangar Mohalla, Age 31 years, R/o Kangar Mohalla, Tughlakabad Village, Delhi.
7. Rohit Bidhuri S/o Raju Bidhuri, Age 24 years, R/o Churiya Mohalla, Tughlakabad Village, Delhi.
Following are the Accused arrested for harbouring the criminals and involved in Criminal Conspiracy:-
8. Anil Pandey S/o Raghunath Pandey, Age 46 years, R/o also father of accused Nittin Pandey, r/o Gali No.3 Govindpuri, Delhi.
9. Babu, S/o Rajpal, Age 40 years R/o Churiya Mohalla, Tughlakabad Village, Delhi.
A few more accused are still at large and are likely to be arrested soon.
REP-NEERAJ GAUR
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DRDamodar Raigar
FollowSept 01, 2025 16:30:07Jaipur, Rajasthan:
जिला-जयपुर लोकेशन-जमवारामगढ़
इन्फॉर्मर-पीयुष गुप्ता
मो. 6367136568
ZeeJamwaramgarh
जमवारामगढ़
निम्स हॉस्पिटल के हॉस्टल में युवक के फंदे से लटके मिलने का मामला,
12 घण्टे बाद भी मृतक के परिजनों व अस्पताल प्रशासन के बीच नहीं बनी सहमति,
आमेर विधायल प्रशांत शर्मा, जमवारामगढ़ CO की मौजूदगी में बन्द कमरे में चली वार्ता,
मृतक के परिजन 50 लाख का मुआवजा व नोकरी की कर रहे मांग,
अभी मृतक का शव रखा है घटनास्थल पर ही,
वार्ता विफल होने के बाद आमेर विधायक हुए मौके से रवाना,
कानून व्यवस्था के लिए चंदवाजी थाने का पुलिस जाप्ता है तैनात,
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