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Shahdol484001

जल चौपाल पर अफसरों का शाही स्वागत, गांव में सूखे कुएं!

PCPUSHPENDRA CHATURVEDI
Jul 11, 2025 05:04:55
Shahdol, Madhya Pradesh
एंकर -पानी बचाने की बात हो रही है, लेकिन शहडोल जिले में जल चौपाल के नाम पर अफसरों को घी-बादाम खिलाए जा रहे हैं। काजू 5 किलो, किशमिश 3 किलो, और नमकीन 30 किलो... जी हां, ये आंकड़े किसी शादी समारोह के नहीं, बल्कि जल संरक्षण कार्यक्रम के खर्चों से जुड़े हैं। जब गांव में कुएं सूखे हों, और तालाब पानी को तरस रहे हों, तब अफसरों की थाली में कैसे हो सकता है ये शाही स्वागत? चलिए आपको दिखाते हैं, सूखे कुएं और तरबतर थालियों की ये कहानी... विओ01-छत्तीसगढ़ सीमा से सटे शहडोल के गोहपारू जनपद की ग्राम पंचायत भदवाही में बीते महीने "जल चौपाल" का आयोजन हुआ। मकसद था — गांव-गांव जाकर वर्षा जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना। लेकिन हकीकत ये है कि ये चौपाल जल बचाओ नहीं, ''''खर्च बढ़ाओ'''' योजना बन गई। चौपाल के आयोजन में पंचायत रजिस्टर में जो खर्च दर्ज हुआ है, वह किसी राजसी दावत से कम नहीं — • काजू – 5 किलो • बादाम – 5 किलो • किशमिश – 3 किलो • नमकीन – 30 किलो • बिस्किट – 20 पैकेट • दूध – 6 किलो • शक्कर – 5 किलो • और अफसरों के लिए घी – 2 किलो कुल खर्च – 19,010 और ऊपर से एक और बिल – 5,260… जिसमें विशेष रूप से ‘घी’ का जिक्र है। विओ02-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जल गंगा संवर्धन अभियान एक नेक सोच है। लेकिन जब ज़मीनी अमला इसे ''''घी-बादाम योजना'''' बना डाले, तो जनता सवाल जरूर उठाएगी। पंचायत भदवाही में अफसरों की मेज़ पर जहां बादाम और किशमिश थे, वहीं गांव की महिलाएं पानी की एक-एक बूंद के लिए मीलों चल रही हैं। लोग अब यही कह रहे हैं — साहब हम तो पानी ढो रहे हैं... आप हमारी थाली भी खाली कर गए... बाइट01- (मुद्रिका सिंह – प्रभारी जिला पंचायत सीईओ) जल चौपाल का आयोजन हुआ था, उसमें हम लोग भी थे और ग्रामीण भी। चाय-नाश्ते की व्यवस्था की गई थी, लेकिन काजू-बादाम के बिल हमारी जानकारी में नहीं थे। मामला संज्ञान में आया है, जांच कराएंगे। दिलचस्प बात ये है कि जल संरक्षण के नाम पर जिन बोरी बंधन कार्यों की बात हुई, वह भी पहली ही बारिश में बह गए। और प्रभारी सीईओ को इसकी जानकारी तक नहीं। सवाल यह है कि अगर योजना पानी को नहीं रोक पाई, तो फिर खर्चा किसके लिए और क्यों?
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