Back
मोहर्रम पर धर्मगुरु नूरी की अपील: इबादत का दिन, खुराफात का नहीं!
Delhi, Delhi
मोहर्रम: इबादत का दिन, खुराफात का नहीं - धर्मगुरु नूरी की अपील।
एंकर
दिल्ली: मोहर्रम का दसवां दिन आ चुका है और देशभर में ताजिया निकालने की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी संबंध में Zee मीडिया टीम ने मुस्लिम धर्मगुरु हाजी मोहम्मद सूफी अशफाक नूरी से खास बातचीत की। उन्होंने मोहर्रम के महत्व, ताजिया निकालने के सही तरीके और इस दौरान होने वाली खुराफातों पर अपनी राय व्यक्त की।
वीओ 1
हाजी मोहम्मद सूफी अशफाक नूरी ने जोर देकर कहा कि मोहर्रम का दिन इबादत का दिन होता है।उन्होंने स्पष्ट किया कि ताजिया बनाना कोई गुनाह नहीं है, लेकिन ताजियों के साथ सड़कों पर खुराफात मचाना इस्लाम धर्म में बहुत बड़ा गुनाह है।नूरी साहब ने बताया कि इस्लाम धर्म में ढोल, नगाड़े, ताशे बजाकर ताजिया निकालना और सड़कों पर लाठी, डंडे, तलवारें हवा में लहराते हुए खुराफात मचाना सख्त गुनाह माना जाता है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि ताजिए शांतिपूर्ण तरीके से निकाले जाएं और सड़क पर चलने वाले लोगों का भी ध्यान रखा जाए। उनका कहना था कि किसी को भी ताजिया जुलूस के कारण ट्रैफिक जाम में नहीं फंसना चाहिए।
हाजी मोहम्मद सूफी अशफाक नूरी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से विशेष अपील की कि वे ताजिया जुलूस के दौरान बनाए गए कानूनी नियमों का पालन करें।उन्होंने कहा कि ऐसा करने से न केवल प्रशासन को परेशानी नहीं होगी, बल्कि मुस्लिम धर्म भी बदनाम होने से बचेगा।
बाईट /मोहम्मद हाजी सूफी असफाख नूरी
वीओ 2
यह अपील ऐसे समय में आई है जब प्रशासन भी मोहर्रम के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कमर कस रहा है। धर्मगुरु की यह बातें निश्चित रूप से मुस्लिम समुदाय को सही दिशा दिखाएंगी और मोहर्रम के पवित्र दिन को उसकी गरिमा के साथ मनाने में मदद करेंगी।
रिपोर्ट / नसीम अहमद
Zee मीडिया
वज़ीराबाद दिल्ली
0
Report
हमें फेसबुक पर लाइक करें, ट्विटर पर फॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब्ड करें ताकि आप ताजा खबरें और लाइव अपडेट्स प्राप्त कर सकें| और यदि आप विस्तार से पढ़ना चाहते हैं तो https://pinewz.com/hindi से जुड़े और पाए अपने इलाके की हर छोटी सी छोटी खबर|
Advertisement