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योगी सरकार में पुलिसकर्मी की गुंडागर्दी: एंबुलेंस का टायर पंचर!
Mathura, Uttar Pradesh
मथुरा-योगी सरकार में पुलिसकर्मी की गुंडागर्दी
गौ वंश का ईलाज करा रह एंबुलेंस के पहिए में सुआ घोंपकर किया पंचर
डॉक्टर और गौ पालक करते रहे मना नहीं माना पुलिसकर्मी
ई रिक्शा में गौ वंश के लग रही थी ड्रिप और सिपाही टायर कर रहा था पंचर
अधिकारियों के बाहन और ई रिक्शाओं को छूट
लेकिन मेडिकल इमरजेंसी वाले वाहनों को कोई छूट नहीं
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
योगी आदित्यनाथ की सरकार में गौ वंश के हुए कृत्य की हो रही निंदा
मामला थाना गोवर्धन क्षेत्र के पशु चिकित्सालय के सामने की
डीएम मथुरा ,एसएसपी ब्रीफिंग में पुलिसकर्मियों को नहीं पढ़ा पाए शालीनता का पाठ
योगीराज में पुलिसकर्मी की गुंडागर्दी: गौवंश के इलाज करा रही एंबुलेंस का टायर पंक्चर किया
मथुरा, उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ की सरकार में गौ संरक्षण के दावों के बीच, मथुरा के गोवर्धन में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जहाँ एक पुलिसकर्मी की गुंडागर्दी ने गौवंश के इलाज में बाधा डाली। गोवर्धन थाना क्षेत्र के पशु चिकित्सालय के सामने एक एंबुलेंस (ई-रिक्शा) में गौवंश का इलाज चल रहा था, तभी एक पुलिसकर्मी ने एंबुलेंस के पहिए में सुआ घोंपकर उसे पंचर कर दिया। इस दौरान डॉक्टर और गौ पालक लगातार पुलिसकर्मी को मना करते रहे, लेकिन उसने उनकी एक न सुनी।
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि एक गौवंश बीमार था और उसे पशु चिकित्सालय के सामने एक ई-रिक्शा में ड्रिप लगाकर इलाज दिया जा रहा था। यह एक मेडिकल इमरजेंसी का मामला था, जिसमें समय पर इलाज मिलना अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसी दौरान, वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी ने बिना किसी मानवीयता के, ई-रिक्शा के टायर को पंचर कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, डॉक्टर और गौ पालक लगातार पुलिसकर्मी से ऐसा न करने की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिसकर्मी ने उनकी एक नहीं सुनी और अपना काम जारी रखा।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, हो रही निंदा
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि गौवंश को ड्रिप लगी हुई है और पुलिसकर्मी टायर पंचर कर रहा है। यह वीडियो सामने आने के बाद से योगी सरकार और पुलिस प्रशासन की जमकर निंदा हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जहाँ एक ओर सरकार गौ संरक्षण के बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी ओर पुलिसकर्मी गौवंश के प्रति ऐसी असंवेदनशीलता क्यों दिखा रहे हैं।
अधिकारियों की ब्रीफिंग पर सवाल
इस घटना ने मथुरा के डीएम और एसएसपी द्वारा पुलिसकर्मियों को दी जाने वाली "शालीनता के पाठ" वाली ब्रीफिंग पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि अगर ऐसी ब्रीफिंग का कोई असर नहीं होता, तो फिर इनका क्या औचित्य है? यह घटना पुलिस बल में संवेदनशीलता और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है।
मेडिकल इमरजेंसी वाहनों को छूट क्यों नहीं?
वायरल वीडियो और घटना के बाद यह सवाल भी उठ रहा है कि जहाँ एक ओर अधिकारियों के वाहनों और सामान्य ई-रिक्शाओं को कुछ छूट मिल जाती है, वहीं मेडिकल इमरजेंसी वाले वाहनों को ऐसी कोई छूट क्यों नहीं मिलती? क्या आपातकालीन स्थितियों में भी पुलिसकर्मी इतने कठोर नियम लागू करेंगे कि जीवन बचाने वाले प्रयास बाधित हों?
इस घटना ने न केवल पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं, बल्कि गौ संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर भी संदेह पैदा किया है। लोगों की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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