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नारनौल अस्पताल में मरीजों की जान खतरे में, प्लास्टर गिरने से मची अफरा-तफरी!
Mahendragarh, Haryana
नारनौल के नागरिक अस्पताल में इलाज कराने आ रहे मरीजों की जान हर दिन खतरे में पड़ रही है। वीरवार सुबह जन औषधि केंद्र की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया, जिससे छत पर लगा पंखा भी टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि सुबह करीब नौ बजे वहां मरीजों और कर्मचारियों की आवाजाही कम थी, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
प्लास्टर गिरने और पंखा टूटने से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया। गौरतलब है कि अस्पताल का यह पुराना भवन पीडब्ल्यूडी पहले ही कंडम घोषित कर चुका है, बावजूद इसके ओपीडी, जांच, ऑपरेशन, गायनी वार्ड समेत सभी सेवाएं इसी जर्जर भवन में संचालित हो रही हैं।
बारिश के मौसम में छत से पानी टपकना आम बात हो चुकी है, जिससे भवन की नींव और कमजोर हो रही है। करीब दो साल पहले गायनी विभाग की छत का प्लास्टर भी गिरा था। उस समय एक महिला अपने नवजात बच्चे के साथ बेड पर थी, लेकिन प्लास्टर गिरने से कुछ देर पहले ही उसने बच्चे को गोद में उठा लिया था। अन्यथा जानलेवा हादसा हो सकता था।
प्लास्टर गिरने की घटनाएं पर्ची काउंटर और अन्य कमरों में भी हो चुकी हैं। भवन की दीवारों व छज्जों पर उगे बड़े-बड़े पौधे खतरे को और बढ़ा रहे हैं।
उधर, पीडब्ल्यूडी की तरफ से बन रहा 100 बेड का नया भवन पांच साल बाद भी अधूरा है। निर्माण पूरा न करने पर एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। अब दोबारा टेंडर छोड़ा जाएगा, जिसके बाद ही काम शुरू होगा। ऐसे में तीन से चार साल तक नया भवन बनने की कोई संभावना नहीं है।
मरीज हों या स्टाफ, सभी हर दिन डर के साये में अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के जिले के इस अस्पताल की बदहाली अब किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है।
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