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Saharanpur247001

इस्लाम का मज़ाक़ उड़ाना: मौलाना गोरा की चेतावनी

NEENA JAIN
Jun 27, 2025 03:37:32
Saharanpur, Uttar Pradesh
Date....27.6.225 Name.... Neena jain location... saharanpur anchor....मीम्स और रील्स से गुमराही फैल रही है,दीन का अपमान चाहे मज़ाक़ में हो, इस्लाम से बाहर कर सकता है: गोरा जमीयत दावातुल मुस्लिमीन के संरक्षक और देश के जाने-माने देवबंदी उलेमा मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने एक अहम वीडियो बयान जारी करते हुए मुसलमानों को सोशल मीडिया पर इस्लामी तालीमात और दीन के प्रतीकों का मज़ाक़ उड़ाने से सख़्ती से बचने की सलाह दी है। उन्होंने साफ कहा कि “इस्लामी तालीमात का मज़ाक़ उड़ाना, चाहे हँसी-मज़ाक़ में ही क्यों न हो — खुला कुफ़्र है। ऐसा करने वाला इस्लाम से बाहर हो सकता है।” मौलाना ने कहा कि आज सोशल मीडिया पर इस्लाम और उसकी पहचान को हास्य और कॉमेडी का ज़रिया बना दिया गया है। मीम्स, रील्स और वीडियो क्लिप्स में अब नमाज़, अज़ान, हिजाब, रोज़ा, दाढ़ी और उलमा को हँसी का पात्र बनाया जा रहा है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कभी इमामों की नकल उतारी जाती है, कभी रोज़े, हिजाब या शरीअत के हुक्मों को हँसी-मज़ाक़ का विषय बना दिया जाता है, यहां तक कि निकाह और तलाक जैसे गंभीर फ़िक़ही मसले भी कॉमेडी क्लिप्स का हिस्सा बना दिए जाते हैं। क़ारी गोरा ने कहा कि बहुत से मुस्लिम युवक और युवतियां जाने-अनजाने में ऐसे कंटेंट को लाइक, शेयर या कॉमेंट करके आगे बढ़ा देते हैं, जबकि शरीयत कहती है कि “ऐसी मज़ाक़ उड़ाने वाली बातों को सुनना, उन पर हँसना और दूसरों तक पहुँचाना भी गुनाह-ए-कबीरा है, और कई बार ये गुनाह इंसान को ईमान से भी महरूम कर सकता है।”मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा ने पूरे मुस्लिम समाज से अपील की कि ऐसे किसी भी कंटेंट से दूर रहें, चाहे वो कितना ही वायरल क्यों न हो, अपने घर-परिवार, दोस्तों और समाज में यह बात हिकमत से समझाएं कि इस्लाम मज़ाक़ का विषय नहीं है, और अगर कभी नादानी में ऐसा कुछ किया हो तो फौरन तौबा करें, इस्तिग़फार करें और दोबारा अपने ईमान की तस्दीक करें उन्होंने कहा “तमाम बड़े-बड़े उलेमा इस बात पर एकमत हैं कि जो भी क़ुरआन, हदीस, नमाज़, हिजाब, दाढ़ी या किसी भी दीन के निशान का मज़ाक़ उड़ाए — वो इस्लाम से बाहर हो सकता है, चाहे उसका दिल का इरादा मज़ाक़ ही क्यों न हो।” यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब सोशल मीडिया पर दीनी बातें मज़ाक़ का सामान बन गई हैं, और लाखों लोग इन्हें मज़े से शेयर करते हैं। मौलाना ने कहा “ये सिलसिला सिर्फ मनोरंजन नहीं है, ये नौजवानों को धीरे-धीरे दीन से दूर कर रहा है। मुसलमानों को जागरूक होना होगा, क्योंकि ईमान मज़ाक़ का नहीं, अमानत का मामला है।”
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