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भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा: श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने मचाया धमाल!
Alwar, Rajasthan
राजगढ़ ( अलवर )
एंकर ,विजुअल
जन जन की आस्था के आराध्य देव भगवान जगन्नाथ जी महाराज की रथयात्रा सशस्त्र पुलिस की सलामी व शाही लवाजमें के साथ चौपड़ बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर से निकाली गई. इस अवसर पर भगवान को इन्द्र रूपी विमान मे आरूढ़ कर मंहत पूरणदास व मदनमोहन ने पूजा अर्चना की. दुल्हा बने जगन्नाथ की नयनाभिराम छवि को देखने चौपड़ बाजार में हजारो की भीड जमा थी. इस अवसर पर धंटे धडियाल,शंख की ध्वनि के साथ साथ जय जगदीश हरे के उद़धोष से समूचा वातावरण जगदीशमयी हो गया. रथयात्रा के आगे बैडंबाजो पर भजनो की प्रस्तुतियों के साथ सैकडो भक्तो की टोलीयॉं नाचते थिरकते महानायक की महिमा का बखान कर रही थी. श्रृदालु महिला पुरूष रथ के नीचे निकलने की होड़ में मशक्कत कर धर्मलाभ कमाने में पीछे नही रहे. दूसरी ओर रथ के पीछे उमस के बावजूद नन्हे बालको की पेट पलनियॉं परिक्रमा देने वालो की होड़ सभी के लिये आकर्षण का केन्द्र बनी हुई थी. दूल्हे बने जगन्नाथ की सीताराम मंदिर,कांकवाडी हनुमान मंदिर,अवधूत आश्रम के मंहत स्वामी श्याम भारती सहित अनेक मंदिरो के मंहतो की ओर से आरती उतार अगुवानी की. रथयात्रा के मार्ग में अनेक सामाजिक संगठन व सेवाभावी लोगो ने शीतल मीठे पानी की प्याऊ,नींबू शिकंजी व प्रसाद का वितरण कर धर्मलाभ कमाया. वही जगदीश वाल्मीकि की टीम ने पट्टेबाजी कर लोगो को रिझाया. कानूनी व्यवस्था को लेकर पुलिस व प्रशासन की ओर माकूल व्यवस्था रही. देर रात्री जानकी ब्याहने जगन्नाथ गंगाबाग पहुॅंचे. इसी के साथ गंगाबाग परिसर में सात दिवसीय मेला महोत्सव का आगाज हो गया. रथयात्रा के आगे भगवान मदनमोहनजी, राम दरबार व राधाकृष्ण की झांकियां थी. इससे पूर्व सुबह नौ बजे वैवाहिक रस्म के तहत जगन्नाथजी को कंगन डोरा महन्त मदनमोहन शास्त्री एवं पूरणदास ने बांधा और दोज पूजन हुआ. इस बार भगवान जगन्नाथ को विशेष रूप से आई सहूदी अरब सहित खाटू दरबार व कोलकाता की इत्र से महाकाया गया.
__आकर्षक रही पोशाक व विशेष रूप से सऊदी अरब से आई सहित खाटू दरबार व कोलकाता का इत्र.
महन्त पूरणदास, पं. मदनमोहन शास्त्री ने बताया कि इस बार दूल्हे बने भगवान जगन्नाथजी को विशेष रूप से सऊदी अरब से आई सहित खाटू दरबार व कोलकाता के इत्र से महकाया गया. मथुरा की शाही पोशाक धारण कराई गयी. जयपुर के मोगरे की माला से सजाया. रथयात्रा के दौरान भक्त बड़ी संया में चौपड़ बाजार स्थित मंदिर से दण्डोती देते देर रात्रि गंगाबाग पहुंचे. भगवान जगन्नाथजी की झलक पाने को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही. रथयात्रा के दौरान मार्ग में मन्दिरों पर घण्टा व घडियाल के साथ आरती उतारी गई. जगन्नाथजी की प्रतिमा को मंदिर में विराजित कराया गया. रथयात्रा गंगाबाग पहुंचते ही सात दिवसीय मेला शुरू हो गया.
रथ की विशेषताएं___
जिस रथ में दूल्हा बने जगन्नाथ विराजमान होंगे. वो रथ कैसा होगा. इसी को मध्यनजर रखते हुए रथ को तैयार किया गया है. इस रथ की बात करे तो यह एक अनोखा रथ है.
जो करीब 171 साल पुराना है. इस रथयात्रा की शुरुआत 1855 में हुई. उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर हुई. रथयात्रा के प्रारंभिक दौर में रथ की शौभा को बढाने को लेकर अलवर से पुलिस बेंड भी यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराती थी. लेकिन धीरे-धीरे इस परंपरा को ही बंद कर दिया गया. इस रथ की लम्बाई 18 फीट व चौड़ाई 10 फीट है. जबकि 2 मंजिले बने इस रथ की ऊँचाई लगभग 21 फ़ीट है. समय के साथ-साथ रथ में कई बदलाव करना भी लाजमी हो जाता है. इसी को लेकर इसे नया लुक दिया गया. कभी लकड़ी के पहियों पर सरपट दौड़ने वाले इस रथ में अब लोहे के पहियों का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही रथ को आसानी से इधर उधर घुमाने को लेकर इसमें स्टेरिंग व बेरिंग लगाए गए है.
पुष्प वर्षा से स्वागत__
वधू पक्ष ने दादूपंथी ठिकाना गंगाबाग की ओर से जगन्नाथजी के गंगाबाग पहुंचने पर गुलाब के फूलों से पुष्प वर्षा कर अगवानी व आरती की. राजगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों नेे चाट, पकौडी, ठंडा पेय, कुल्फी, गर्म-गर्म जलेबी का आनंद उठाया. बच्चों ने झूलों का आन्नद उठाया. खिलौनों की खरीदारी की. भगवान जगन्नाथजी मेला स्थल गंगाबाग में पुलिस की अस्थाई चौकी बनाई गई है.
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