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भागलपुर का कहलगांव: गंगा के बीच अद्भुत आइलैंड की कहानी!
Bhagalpur, Bihar
INTRO - भागलपुर का कहलगांव कई मायनों में खास है यह क्षेत्र पौराणिक है। सबसे खास यहाँ गंगा के बीचों बीच आइलैंड है जी हाँ आइलैंड जो बिहार में इकलौता है। गंगा के बीचों बीच तीन पहाड़ियां है तीनों की अपनी कहानियां है। यह स्थान इतना अलौकिक है कि लोग दूसरे राज्यों से घूमने यहां पहुँचते हैं। अब सरकार इसे रॉक कट टेंपल के रूप में सुरक्षित घोषित करने जा रही है।
भागलपुर से 25 किलोमीटर कहलगांव राजघाट से आगे गंगा नदी में तीन आकर्षक पहाड़ियां है। जो बिहार के लोगों के लिए अद्भुत आकर्षण का केंद्र है। जब कहलगांव घाट से आगे बढ़ेंगे तो पहला स्थान शांति बाबा पहाड़ है इसके आगे बढ़ने पर दूसरा बंगाली बाबा पहाड़ है उसके ठीक बगल में पंजाबी बाबा पहाड़ है। यह तीनों नाम बाद में पड़ा कालांतर में यह स्थान बुद्धा आश्रम, तापस आश्रम, नानकशाही आश्रम के रूप में जाना जाता था। यह तीनों पहाड़ इतना अलौकिक है सैलानी खिंचे चले आते हैं। इतना ही नहीं जिस गंगा के बीच धारा से लोग यहां पहुँचते हैं गंगा का वह हिस्सा विक्रमशिला गंगेटिक डॉलफिन सेंच्युरी भी है। जहाँ डॉल्फिन अठखेलियाँ करते नजर आते हैं इसका भी लोग खूब आनंद उठाते हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद तीन पहाड़ियां अलग अलग नजर आती है वहीं जब जलस्तर घट जाता है तो यह स्थान रमणीक हो जाता है। पूरी तरह आइलैंड बन जाता है ड्रोन व्यू से यह और अद्भुत दिखता है। लाखों लोग हर साल यहाँ पहाड़ियों पर गुफा और मन्दिर के दर्शन और प्रकृति की गोद में शांति की तलाश में पहुँचते हैं। इस स्थान की अलौकिकता तब और बढ़ जाती है जब इन पहाड़ियों से टकराकर गंगा की कल कल अविरल धारा बहती है।
इस स्थान को सरकार अब रॉक कट टेंपल के रूप में सुरक्षित घोषित करने जा रही है। कला संस्कृति एवं युवा विभाग की पहल पर इन पहाड़ियों की जाँच होगी इसके साथ ही इसे बिहार प्राचीन पुरातत्व अवशेष व कलानिधि अधिनियम 1976 के तरह अधिसूचित घोषित की जाएगी। जब यह पहाड़ियां सुरक्षित घोषित हो जाएगी तो विकास कार्य भी होंगे। हांलांकि नगर पंचायत कहलगांव में इस स्थान को रोपवे से जोड़ने का प्रस्ताव पास हुआ था लेकिन रोप वे बन जाने से अलौकिकता खत्म हो जाएगी लोग नजदीक से डॉल्फिन को नहीं देख सकेंगे साथ ही नाविकों का रोजगार भी खत्म होगा।
राजघाट या बटेश्वर स्थान घाट से लोग नाव के जरिये यहां पहुँचते हैं। कोलकाता के इधर से आने वाले सैलानी गंगा नदी से साहेबगंज के रास्ते कहलगांव पहुँचते हैं। दूसरे किनारे पर नवगछिया तीनटंगा है यहां से नाव के जरिये भागलपुर से नाव, ट्रेन, गाड़ियों से लोग पहुँचते हैं। विदेशों से सैलानी बंगाल की ओर से गंगा नदी में क्रूज या जहाज के माध्यम से या ट्रेनों के माध्यम से यहां तक पहुँचते हैं।
Wt- अश्वनी कुमार , ज़ी मीडिया,भागलपुर
Byte- प्रमोद दास, साधक, बंगाली बाबा पहाड़
Byte- सौरव कुमार, नाविक सह गाइड
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