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जगन्नाथ रथ यात्रा: भव्य उत्सव में रंग-बिरंगे फूलों की बारिश!

Dilip Chouhan
Jun 27, 2025 14:39:01
Ajmer, Rajasthan
BEAWAR ASSEMBLY DILIP CHOUHAN 9252160080 ब्यावर। समतुल्यता, एकीकरण एवं सामाजिक सदभाव से महकती, जन जन की धार्मिक आस्थाओं को परिपूर्ण करती महाप्रभु जगन्नाथजी की नवीना यात्रा एवं रथ उत्सव शुक्रवार को प्राचीन गोपालजी मौहल्ला से प्रारम्भ होकर नगर भ्रमण करती हुई सुरजपोल गेट बाहर स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर पहुंची। जगन्नाथ रथ यात्रा प्रमुख विजय तंवर ने बताया कि विगत 14 वर्षों की भांति इस वर्ष भी गोपालजी मौहल्ला स्थित प्राचीन गोपालजी मंदिर से रथ यात्रा प्रारंम्भ होकर शहर के मुख्खय मार्गों से गुजरती हुई जगन्नाथजी के ननिहाल गुंडिचा धाम बांकेबिहारी मंदिर पहुंची। उपखंड अधिकारी दिव्यांशसिंह सहित प्रशासनिक अधिकारियों एवं संत महात्माओं ने महाप्रभुजी का पूजन अर्चन कर चेरापौरी की परंपरा का निर्वाह किया। यात्रा हेतु विशेष प्रकार की लकड़ी से बने नंदीघोष नामक रथ को रंग रोगन करके पूर्ण साज-सज्जा से श्रृंगारित किया गया। जगन्नाथ जी के रथ को लाल, पीले एवं नीले रंग के वस्त्रों एवं विभिन्न प्रकार की रंग बिरंगी फूल मालाओं से सजाया गया। रथ के द्वारपाल जय एवं विजय सहित काम, क्रोध, मद, लोभ के प्रतीक चार अश्व शंख, बलाहक, श्वेत एवं हरिदाअश्व नामक सफेद घोड़े भी नवीन रंगरोगन से आाल्हादित होकर शोभा बढ़ा रहे थे। रथ के दोनों तरफ प्रतीकात्मक गज, गुलाबी परिधान में हरे रामा हरे कृष्णा भजन पर नाचती गाती महिलाओ की टोली, बालिकाओं द्वारा किया जाने वाला ओडिसी नृत्य, बैंड बाजो की मधुर ध्वनि पर इस्कॉन, प्रभात फेरियो के भक्तजन एवं महिला भजन मंडल द्वारा किया जाने वाला हरिनाम मुख्खय आकर्षण रहा। रथ में विराजमान होने से पूर्व तीनों देवताओं का पूजन अर्चन एवं शंख, घंटा, घडिय़ाल की ध्वनि से आरती उतारी गई। रथ में लहराते त्रिलोक्यवाहिनी ध्वज एवं सुदर्शन चतख तले महाप्रभु जगन्नाथजी, बहन सुभद्रा एवं भैया बलरामजी अदभुत आभा और तेज के साथ विराजमान होकर शंखचूड़ रस्सी से भक्तों द्वारा चलायमान होकर नगर भ्रमण करके बांके बिहारी मंदिर पहुचें।  रथयात्रा मार्ग में विभिन्न सामाजिक,व्यापारिक एवं धार्मिक संस्थाओ द्वारा जगन्नाथजी पर पुष्पवर्षा एवं आरती उतार कर स्वागत किया गया। बांके बिहारी मंदिर में भी रथयात्रा का भावभीना स्वागत किया गया। हीरालाल जगन्नाथ डाणी ट्रस्ट के अध्यक्ष माणक डाणी ने बताया कि गुंडिचा धाम की तरह सजे धजे बांके बिहारी मंदिर में प्रभुजी का आगमन पर मंदिर ट्रस्ट द्वारा आरती उतारकर ढोल धमाकों एवं पुष्प वर्षा, कलश के साथ स्वागत किया किया। बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट के मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने बताया कि महाप्रभुजी बहन सुभद्रा एवं भाई बलराम के साथ यहां 10 दिन तक विराजमान रहेंगे। रथयात्रा महोत्सव के तहत बांके बिहारी मन्दिर में निर्मित नवीन पांडाल में प्रतिदिन दोपहर 3 बजे वृन्दावन से पधारे पुण्डरीक्षाचार्य वेदांतीजी महाराज गीत गोविंद पर आधारित जगन्नाथ रसकथा का अमृतपान करवाएंगे। रात्री 8 बजे से श्यामा श्याम वन्दना परिवार के गोपाल वर्मा द्वारा संकीर्तन कि प्रस्तुति दी जायेगी।
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