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क्या नाम में है कुछ? दिग्विजय चौटाला का विवादास्पद बयान!
HHHarvinder Harvinder
FollowJul 12, 2025 14:07:14
Mahendragarh, Haryana
---- एक तीर से कई निशाने साधे
---- दूसरी तरफ दिग्विजय चौटाला ने कहा नाम में क्या रखा ऐसा काम हो जिसमें ग्रामीणों का हित सर्वोपरि हो
नारनौल के साथ लगते कोरियावास के महर्षि च्यवन मेडिकल कॉलेज के नाम बदलकर राव तुलाराम के नाम पर रखने की मांग को लेकर एक तरफ जहां कोरियावास गांव के कुछ लोग पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। वहीं दूसरी तरफ नाम न बदलने को लेकर नारनौल बार के पूर्व प्रधान मनीष वशिष्ठ ने इतिहास एवं संस्कृति संरक्षक मंच के तले एक मुहिम शुरू करके क्षेत्र की सामाजिक संस्थाओं से समर्थन जुटाने की मुहिम शुरू की हुई है। मंच की मुहिम को शहर की बड़ी सामाजिक संस्थाओं का समर्थन मिलने लगा तो इस मुद्दे पर तीन दिन पहले कोरियावास गांव के सरपंच प्रतिनिधि ने भी अपने सहयोगियों के साथ एक पत्रकार वार्ता की। जिसमें उन्होंने सरकार को सीधे तौर पर चेतावनी दी है कि जब तक इस मेडिकल कॉलेज का नाम नहीं बदला जाएगा, उनका धरना समाप्त नहीं होगा। हालांकि इस पत्रकारवार्ता के दौरान सरपंच प्रतिनिधि नौनिहाल सिंह के पास इस बात का कोई ठोस जवाब नहीं था कि मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने की बजाय यहां सुविधाओं की मांग के संदर्भ में धरनारत लोगों ने अब तक सरकार से क्या डिमांड की है। उन्होंने यह भी माना कि मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन सरकार को देने का प्रस्ताव पास करते समय नामकरण राव तुलाराम के नाम पर हो इस तरह की कोई मांग या शर्त नहीं की गई थी। इस तरह पत्रकार वार्ताओं के दौर के बाद यह मुद्दा गर्माया हुआ था। ऐसे में अब नांगल चौधरी से दो बार विधायक रहे पूर्व मंत्री डॉ अभय सिंह यादव ने 11 जुलाई को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम एक पत्र लिखकर ना केवल अप्रत्यक्ष रूप से नाम बदलने को लेकर धरनारत लोगों को जवाब दिया है बल्कि एक तीर से कई निशाने साथ दिए हैं।
पूर्व मंत्री डॉक्टर अभय सिंह यादव ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम लिखे अपने इस पत्र में सबसे पहले नसीबपुर के उस शहीदी स्मारक का जिक्र करते हैं उसे राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने की मांग की है जहां से 1857 में अमर शहीद राव तुलाराम के नेतृत्व में अंग्रेजों से लड़ाई शुरू की गई थी। पूर्व मंत्री ने यहां पर लाइब्रेरी, तरणताल, जिम, आधुनिक कॉम्लेक्स आदि अनेक हाईटेक सुविधा उपलब्ध करवा कर इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस में दशकों पहले बनाए गए राव तुलाराम कॉलेज को सालों से बंद होने का हवाला देकर इसे शुरू करवाने के लिए दिल्ली सरकार से बात करने के लिए भी पत्र में लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ कैंपस का यह कॉलेज कभी अग्रणी कॉलेज रहा है लेकिन दुर्भाग्य से अब यह कई दशकों से बंद पड़ा है और इस कालेज के प्रांगण का प्रयोग अब किसी निजी संस्था या क्लब द्वारा निजी हित के लिए किया जा रहा है। इसलिए दिल्ली सरकार से बातचीत करके इसे खुलवाया जाए, ताकि अमर शहीद राव तुलाराम की यादगार राष्ट्रीय राजधानी में बनी रहे।
इस तरह डॉक्टर अभय सिंह यादव ने अपने इस पत्र के माध्यम से पहले तो उन लोगों को अप्रत्यक्ष रूप में यह संदेश दे दिया है कि जो लोग मेडिकल कॉलेज का नाम बदलवाने के लिए धरना दे रहे हैं उन्हें सबसे पहले नसीबपुर के उस शहीद स्मारक की सुध लेनी चाहिए जो दशकों से अब तक बदहाल पड़ी रही और कुछ सालों पहले उसका कुछ जीर्णोद्धार कनीना की एक सामाजिक संस्था के अगवा होने के बाद हुआ। वहीं दूसरी तरफ अमर शहीद राव तुलाराम के नाम पर दिल्ली विश्वविद्यालय के साउथ केंपस में बंद पड़े अमर शहीद राव तुलाराम के नाम के कॉलेज को चालू करवाने का जिक्र करके इस क्षेत्र की जनता को यह अवगत करवा दिया है कि देश की राष्ट्रीय राजधानी के पाश इलाके में आखिरकार करीब 30 साल से बंद पड़े उस कॉलेज के बंद होने का क्या राज है और अब वहां कौन सी निजी क्लब या संस्था चल रही है। जिसके बारे में पूर्व मंत्री नहीं है लिखा है कि उस कॉलेज प्रांगण में कोई निजी संस्था या क्लब निजी हित के लिए चल रही है। मेडिकल कॉलेज के नाम पर चल रही है राजनीति को पूर्व मंत्री डॉक्टर अभय सिंह यादव के पत्र से ना केवल गरमा गई है बल्कि सरकार और भाजपा के बड़े नेताओं का ध्यान केंद्रित इस बात पर करने की भी कोशिश की गई है कि दिल्ली का राव तुलाराम कॉलेज क्यों बंद है और वहां अमर शहीद राव तुलाराम की प्रतिमा धूल क्यों फांक रही है।
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नाम में क्या रखा है गांव का हित सुरक्षित हो ऐसा काम हो: दिग्विजय
जेपीपी के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने आज नारनौल में एक पत्रकावार्ता के दौरान इस बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि नाम में क्या रखा है। ग्राम पंचायत ने सरकार को जमीन दी है तो ग्राम पंचायत को इसका फायदा मिलना चाहिए। नाम की बजाय वहां ऐसा काम हो, जहां गांव का हित सर्वोपरि हो। इसके लिए ग्रामीणों को इसमें सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए या फिर गांव के लोगों के लिए रोजगार को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि अमर शहीद राव तुलाराम का सपना भी सरकार हो सके।
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पूर्व मंत्री द्वारा लिखा गया पत्र
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