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कुशीनगर में उर्वरक विक्रेताओं का विरोध, कृषि विभाग पर लगाया उत्पीड़न का आरोप!
Kushinagar, Uttar Pradesh
Breaking - कुशीनगर
- उर्वरक विक्रेताओं ने विकास भवन में किया प्रदर्शन
- दुकानों को बंद कर जताया विरोध
- कृषि विभाग पर उत्पीड़न का लगाया आरोप
- ओवर रेटिंग के आरोप में बेवजह छापामारी का आरोप
- विकास भवन परिसर में धरना देकर किया विरोध प्रदर्शन
बाइट- अतिंद्र सिंह,जिला कृषि रक्षा अधिकारी।
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Slug- उत्पीड़न के विरोध में प्रदर्शन
एंकर - कुशीनगर में कृषि विभाग की गलत नीतियों के कारण उर्वरक विक्रेताओं में भरी आक्रोश है।जिले भर से आए उर्वरक विक्रेताओं ने विकास भवन परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।अपनी दुकानों को बंद करके विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे उर्वरक विक्रेताओं का कहना था कि यूरिया या अन्य खाद को दुकान तक लाने के लिए उन्हें ट्रांसपोर्टिंग , मजदूरी सहित कई अन्य खर्चा करना पड़ता है जिससे प्रति बोरे की कीमत बढ़ जाती है।इसके बाद किसान को सब जोड़कर दिया जाता है। सरकार ने जो मूल्य निर्धारित किया है उससे अधिक लेने पर कृषि विभाग उन्हें बेवजह परेशान करता है।
वी०ओ० - दरअसल कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा निर्धारित रेट से अधिक मूल्य पर उर्वरक बेच रहे विक्रेताओं के खिलाफ कार्यवाही के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मच गया है । मंत्री द्वारा की गई कार्यवाही के बाद कुशीनगर जनपद में भी कृषि विभाग द्वारा टीम गठित कर उर्वरक विक्रेताओं की जांच की जा रही है। जांच के दौरान स्टॉक के मिलान के साथ उनके द्वारा उर्वरक बिक्री की भी जांच की जा रही है। विभाग द्वारा की जा रही जांच से जनपद के समस्त विक्रेताओं में हड़कंप मच गया है। उर्वरक विक्रेताओं ने विभाग की छापेमारी के खिलाफ अपनी दुकानों को बंद कर दिया गया है । दुकानों के बंद होने से धान की रोपाई के पिक सीजन में किसानों को उर्वरक नहीं मिल पा रहा है। विभाग और दुकानदारों की इस लड़ाई में किसान पीस रहा है ।
बाइट - अतीन्द्रं सिंह - जिला कृषि रक्षा अधिकारी
वी०ओ० - कृषि विभाग की कार्यवाही के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे उर्वरक विक्रेताओं का कहना है कि विभाग द्वारा उन्हें यूरिया की बिक्री 266रु०50 पैसे की दर से करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। जबकि यूरिया की खरीद ,ट्रांसपोर्टिंग,लोड अनलोड करने में यह यूरिया उनके दुकानों तक पहुंचकर 285 रु० की पड़ जा रही है। इतना ही नहीं विभाग द्वारा विक्रेताओं को यूरिया के साथ 140 रुपए के अन्य उत्पाद टैगिंग भी किया जा रहा है । स्टाकिस्टों से महंगी यूरिया खरीद कर हम किस तरह किसानों को 266.50 की दर से बिक्री कर पाएंगे। विभाग सब कुछ जानते हुए भी हमारा उत्पीड़न कर रहा है जिससे हम लोगों को अपनी दुकानें बंद कर धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ा है ।
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