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भूस्खलन से खूप गांव का अस्तित्व खतरे में, लोग पलायन पर मजबूर!
GJGaurav Joshi
FollowJul 16, 2025 06:30:49
Nainital, Uttarakhand
एंकर - सरोवर नगरी नैनीताल का खूंपी गांव भूस्खलन की दृष्टि से बेहद संवेदनशील बनता जा रहा है वर्ष 2014 से गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिसके चलते अब तक कई परिवार गांव से पलायन कर चुके है। भूस्खलन के चलते लगातार कमजोर हो रही है। गांव में लगातार बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही है जिससे गांव का अस्तित्व अब खतरे में नजर आ रहा है। इसके बावजूद भी अब तक शासन प्रशासन का ध्यान खुपी गांव के प्रभावितों की तरफ नहीं गया। गांव में सालों से हो रहे भूस्खलन से हालात इतने बदहाल हो चले हैं कि घरों में लगातार बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी है।जिसके चलते लोग अपने घरों को खाली कर विस्थापन को मजबूर है।
क्षेत्रीय निवासी मुन्नी देवी बताते हैं कि लगातार गांव में हो रहे भूस्खलन से ग्रामीणों की करीब 100 नाली भूमि अब तक भूस्खलन में समा चुकी है। गांव में हो रहे भूस्खलन से अधिकांश घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी है। घरों में पड़ी दरार के चलते करीब आधा दर्जन से अधिक परिवार गांव छोड़कर दूसरे सुरक्षित स्थान पर में चले गए।
स्थानीय महेंद्र प्रसाद बताते है 2011 गांव में भूस्खलन हो रहा है गांव के सामने मंडरा रहे खतरे से निजाद दिलाने को लेकर कई बार उन्होंने सरकारी नुमाइंदों समेत राजनेताओं से फरियाद लगाई लेकिन अब तक उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी।
स्थानीय मुन्नी देवी बताती हैं मेहनत मजदूरी का दो कमरों का घर बनाया जो अब भूस्खलन की जद में आ चुका है घर में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। पेट काट काट कट कर बनाया ... घर आज खतरे में है लगातार प्रशासनिक अधिकारी और नेताओं से भूस्खलन से निजात दिलाने के लिए संपर्क किया लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ
कई दशकों से गांव में हो रहे से नैनीताल के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है क्योंकि खूपीगांव नैनीताल की तलहटी समेत बलिया नाले से लगता हुआ है। जिस गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है जिससे अब नैनीताल के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। खूपी गांव के ठीक ऊपर आर्मी कैंट एरिया और आलूखेत गांव है जिन पर सबसे ज्यादा भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है।
वही नैनीताल के एसडीएम नवाजिश खालिक ने बताया भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने के लिए कार्य योजना बनाई जा रही है पूर्व में एक स्थान चिन्हित किया गया था जिसे भूगर्भीय दृष्टि से असुरक्षि घोषित किया है। दूसरा स्थान विभाग द्वारा चिन्हित किया जा रहा है।
बाइट - विक्की कुमार,स्थानीय (टोपी वाले बुजुर्ग)
बाइट - मुन्नी देवी ,स्थानीय ( दोनों महिला मुन्नी)
बाइट - महेंद्र प्रसाद, स्थानीय ( रेड अपर में )
बाइट - नवाजिश खालिक,एसडीएम नैनीताल।
वॉक थ्रू......
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