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बलरामपुर में करोड़ों का गबन: दो गिरफ्तार, क्या और भी आरोपी हैं?
PTPawan Tiwari
FollowJul 08, 2025 12:39:27
Balrampur, Uttar Pradesh
बलरामपुर जिले की उतरौला कोतवाली पुलिस ने उपडाकघर उतरौला में करोड़ों रुपये की सरकारी धनराशि के गबन के मामले का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देशन में की गई। गिरफ्तार किए गए आरोपी पूर्व पोस्ट मास्टर नरेन्द्र प्रताप और उनके सहयोगी सुनील कुमार हैं, जिन्होंने मिलकर 1,00,60,249 की सरकारी राशि का गबन किया था।
घटना का खुलासा उस समय हुआ जब बलरामपुर डाक उपमंडल के सहायक अधीक्षक अशोक कुमार ने दिनांक 12 जून 2025 को कोतवाली उतरौला में लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया था कि तत्कालीन पोस्ट मास्टर नरेन्द्र प्रताप ने 14 दिसंबर 2023 से 9 जुलाई 2024 के बीच उपडाकघर उतरौला से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, शाखा उतरौला में फर्जी तरीके से धनराशि प्रेषण दिखाया, जबकि वास्तव में वह धन बैंक को भेजा ही नहीं गया था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोतवाली उतरौला में भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की गई। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडे, क्षेत्राधिकारी उतरौला राघवेंद्र प्रताप सिंह व क्षेत्राधिकारी ललिया डॉ. जितेन्द्र कुमार के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह ने एक टीम गठित कर जांच तेज की।
आज पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर प्रभारी निरीक्षक व उनकी टीम ने दोनों वांछित अभियुक्तों को गोण्डा रोड स्थित नहर पुलिया भड़वाजो के पास से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान नरेन्द्र प्रताप निवासी रानीपुर थाना कप्तानगंज, बस्ती (वर्तमान पता- कृष्णा विहार कॉलोनी, गोंडा) और सुनील कुमार निवासी विशुनापुर बेलभरिया, थाना खरगूपुर, गोंडा के रूप में हुई।
मामले पर जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक बलरामपुर विकास कुमार ने बताया कि पूछताछ में नरेन्द्र प्रताप ने बताया कि जब उन्होंने उपडाकघर उतरौला में कार्यभार संभाला, उस समय वहां कोई खजांची नहीं था और लेखा मिलान भी दो-तीन साल पीछे चल रहा था। इसी का फायदा उठाकर उन्होंने और उनके साथी सुनील ने फर्जी दस्तावेज बनाकर रकम बैंक में भेजने का दिखावा किया और करोड़ों रुपये गबन कर लिए। उन्होंने यह भी कबूल किया कि बैंक और डाकघर के स्टेटमेंट मेल न खाने के कारण उन्हें लगा कि यह घोटाला पकड़ा नहीं जाएगा।
गिरफ्तार आरोपियों को आवश्यक विधिक कार्रवाई के बाद न्यायालय भेज दिया गया है। पुलिस मामले से जुड़े अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। इस कार्रवाई से जिले भर में हड़कंप मचा हुआ है।
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