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दिया शर्मा बनी गोल्डन गर्ल, कोच ने किया गर्व का इज़हार!
Bhiwani, Haryana
बाइट: गोल्डन गर्ल बनी दिया शर्मा व कोच संजय शयोराण
एक और बेटी बनी गोल्डन गर्ल
बॉक्सर दिया शर्मा ने नेशनल गेम्स में जीता गोल्ड मेडल
गोल्ड मेडल के साथ दिया को मिला बेस्ट बॉक्सर का अवॉर्ड
बीते साल भी दिया में गोल्ड के साथ बेस्ट बॉक्सर का ख़िताब मिला था
भिवानी पहुँचने पर दिया का हुआ ज़ोरदार स्वागत
अब वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी करेगी दिया शर्मा
परिजनों व कोच की मेहनत से मिला ये मुकाम - दिया
कोच संजय शयोराण ने दिया पर जताया गर्व
बोले, वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए दिया चाइना में लेगी ट्रेनिंग
दिया एक दिन देश का गौरव बढ़ाएगी- कोच
मिनी क्यूबा कहे जाने वाले भिवानी की एक और बेटी ने बॉक्सिंग की दुनिया में झंडे गाड़े हैं। बॉक्सर दिया शर्मा ने नेशनल चैंपियनशिप में दूसरी बार गोल्ड मेडल जीता और साथ ही बेस्ट बॉक्सर का ख़िताब जीता है। इस उपलब्धि पर दिया का भव्य स्वागत हो रहा है।
भिवानी के बॉक्सर बेटों व बेटियों ने समय समय पर दुनिया में अपने दमदार मुक्कों की धमाकेदार बौछार कर नाम कमाया है। जिसकी बदौलत भिवानी को मिनी क्यूबा कहा जाता है। भिवानी की बॉक्सर बेटी स्वीटी, पूजा, नीतू, साक्षी व नुपूर ने देश व बेटियों का गौरव बढ़ाया है। इसमें अब एक नाम दिया का भी जुड़ गया है।
बॉक्सर बेटी दिया शर्मा ने हाल ही में रोहतक में आयोजित नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में लगातार दूसरे साल गोल्ड मेडल जीता है। यही नहीं, दिया ने लगातार दूसरी साल भी बेस्ट बॉक्सर का ख़िताब भी जीता है। यानी , दिया बीते दो सालों से नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल व बेस्ट बॉक्सर का ख़िताब जीत रही है। दिया भिवानी में बॉक्सिंग के जनक कहे जाने वाले
गोल्डन गर्ल बनी दिया शर्मा बेहद खुश है। उसका कहना है कि परिजनों के सहयोग व कोच की मेहनत से वो लगातार विजयी हो रही है। दिया ने कहा कि वो अब वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी करेगी। उसने कहा कि बेटियों को मौका मिले और परिजनों का सहयोग हो तो वो कोई भी मुकाम हासिल कर सकती हैं।
वहीं कोच संजय शयोराण का कहना है कि दिया जूनियर बॉक्सर है, लेकिन लगातार दो साल से नेशनल में गोल्ड मेडल के साथ बेस्ट बॉक्सर का ख़िताब जीत रही है। जो दिया कि बड़ी अचीवमेंट है। उन्होंने कहा कि दिया अब चाइना जाएगी। वहाँ ट्रेनिंग लेकर वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी करेगी। कोच संजय शयोराण का कहना है कि दिया की कामयाबी के पिछे उसकी माँ की बहुत मेहनत व सहयोग है।
लगातार दो साल विजेता बनकर दिया ने जता दिया है कि म्हारी बेटी, बेटों से कम नहीं। बस ज़रूरत है तो उन्हें प्रोत्साहित करेंगी की। उसके बाद दिया की तरह हर बेटियां की मेहनत रंग लाती है और देश का गौरव बढ़ाती है।
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