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वंदे मातरम विवाद: जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में पाठ अनिवार्य के विरोध में मुसलमान मौलवियों ने जताई आपत्ति

KHKHALID HUSSAIN
Nov 05, 2025 13:47:40
Chaka,
जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में हर सोमवार को 'वंदे मातरम' का पाठ अनिवार्य करने वाले एक परिपत्र ने विवाद खड़ा कर दिया है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे धर्म में सीधा हस्तक्षेप बताया है। 'वंदे मातरम' के पाठ को अनिवार्य करने वाला यह परिपत्र राष्ट्रीय गीत की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक राष्ट्रव्यापी पहल के तहत जारी किया गया था। अधिकारी ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों, युवाओं और नागरिकों में "देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की गहरी भावना" जगाना है। जारी किया गया परिपत्र इस सप्ताह भर चलने वाले समारोह (7-14 नवंबर, 2025) को गीत की विरासत और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान "स्वतंत्रता सेनानियों के आह्वान" के रूप में इसकी अनूठी भूमिका का सम्मान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह विवाद तब और गहरा गया जब जम्मू-कश्मीर के डोडा जिला प्रशासन ने हर सोमवार सुबह की प्रार्थना सभाओं में सभी स्कूलों में राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' का पाठ अनिवार्य कर दिया। इस अनिवार्य निर्देश ने क्षेत्र के मुस्लिम मौलवियों और नेताओं की धार्मिक आपत्तियों के कारण एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ्ती नसीर-उल-इस्लाम और कश्मीर के प्रमुख मौलवी मीरवाइज उमर फारूक सहित क्षेत्र के प्रमुख मुस्लिम मौलवियों ने इस निर्देश का कड़ा विरोध किया। मौलवियों ने तर्क दिया कि गीत के बोलों में हिंदू धार्मिक संदर्भ हैं, जो केवल ईश्वर के आगे झुकने की इस्लामी मान्यता के विपरीत हैं। कई धार्मिक और राजनीतिक हस्तियों ने इस आदेश को मुस्लिम बहुल क्षेत्र पर एक वैचारिक एजेंडा थोपने जैसा बताया। मुस्लिम मौलवियों और राजनीतिक नेताओं ने इस आदेश को वापस लेने की मांग की, यह चिंता जताते हुए कि इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ़्ती नसीरुल इस्लाम ने एक कड़ा बयान जारी कर डोडा प्रशासन के परिपत्र की निंदा करते हुए इसे "इस्लामी आस्था पर हमला और आरएसएस द्वारा संचालित वैचारिक एजेंडा थोपने का प्रयास" बताया। उन्होंने अधिकारियों से शांति बनाए रखने और जम्मू-कश्मीर की विविध धार्मिक जनसांख्यिकी का सम्मान करने के लिए इस आदेश को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया। मुफ़्ती नासिर ने कहा, "मुसलमान अपने धर्म के अनुसार जीते हैं। सरकारी निर्देश तब तक स्वीकार किए जाते हैं जब तक वे किसी की धार्मिक भावनाओं में हस्तक्षेप न करें। ऐसे निर्देश केवल नफ़रत फैलाते हैं और असमान स्थिति पैदा करते हैं। उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को इस आदेश को वापस लेने की अपील करनी चाहिए ताकि सौहार्द बिगड़े नहीं और भ्रम की स्थिति न बने." जम्मू-कश्मीर के ग्रैंड मुफ़्ती के साथ कश्मीर के प्रमुख मौलवी और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ भी शामिल हुए, जिन्होंने क्षेत्र के शीर्ष धार्मिक नेताओं का एकजुट विरोध प्रदर्शित किया। मीरवाइज़ मंज़िल कार्यालय ने X के आधिकारिक हैंडल पर लिखा, "मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (MMU) ने स्कूलों में वंदे मातरम लागू करने के सरकारी निर्देश पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों के नेतृत्व वाले प्रशासन से इस तरह के बाध्यकारी निर्देश को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है।" मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ की अध्यक्षता वाली जम्मू-कश्मीर के सभी मुस्लिम धार्मिक संगठनों का संगठन, मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (MMU), जम्मू-कश्मीर सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा हाल ही में जारी उस निर्देश पर गंभीर चिंता व्यक्त करता है जिसमें क्षेत्र भर के स्कूलों को वंदे मातरम के 150वें वर्ष का जश्न संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनाने का निर्देश दिया गया है जिसमें सभी छात्रों और कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। MMU ने कहा कि वंदे मातरम गाना या सुनाना गैर-इस्लामी है, क्योंकि इसमें ऐसी भक्ति की अभिव्यक्तियाँ शामिल हैं जो अल्लाह की पूर्ण एकता (तौहीद) में मूल इस्लामी विश्वास के विपरीत हैं। इस्लाम किसी भी ऐसे कार्य की अनुमति नहीं देता जिसमें किसी व्यक्ति या वस्तु के प्रति पूजा या श्रद्धा शामिल हो। सृष्टिकर्ता के अलावा अन्य। एमएमयू ने कहा कि जहाँ मुसलमानों से अपनी मातृभूमि से गहरा प्रेम और सेवा करने का आग्रह किया जाता है, वहीं यह समर्पण सेवा, करुणा और समाज में योगदान के माध्यम से व्यक्त किया जाना चाहिए - न कि आस्था के विपरीत कार्यों के माध्यम से। मुस्लिम छात्रों या संस्थानों को उनकी आस्था के विपरीत गतिविधियों में भाग लेने के लिए मजबूर करना अन्यायपूर्ण और अस्वीकार्य दोनों है। बयान में कहा गया है कि यह निर्देश वास्तविक एकता और विविधता के सम्मान को बढ़ावा देने के बजाय, सांस्कृतिक उत्सव की आड़ में मुस्लिम बहुल क्षेत्र पर आरएसएस द्वारा संचालित हिंदुत्व विचारधारा थोपने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है। एमएमयू उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री, दोनों के नेतृत्व वाले प्रशासन से आग्रह करता है कि वे ऐसे बाध्यकारी निर्देश को तुरंत वापस लें, जिससे सभी मुसलमानों को पीड़ा हुई है और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी छात्र या संस्थान को उनकी धार्मिक मान्यताओं के विरुद्ध कार्य करने के लिए मजबूर न किया जाए। इस विवाद ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय पहचान और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच अंतर्संबंध को लेकर बहस छेड़ दी है। कुछ मुस्लिम धर्मगgurुओं ने कहा कि 'वंदे मातरम' में एक मातृदेवी के प्रति समर्पण की अभिव्यक्ति है, जो एकेश्वरवाद के मूल इस्लामी सिद्धांत - अल्लाह की पूर्ण एकता में विश्वास - के सीधे विपरीत है। कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि देशभक्ति के नाम पर यह सांस्कृतिक उत्सव की आड़ में जम्मू-कश्मीर की मुस्लिम बहुल आबादी पर आरएसएस द्वारा संचालित हिंदुत्व विचारधारा थोपने का प्रयास है। उन्होंने इस आदेश को तुरंत वापस लेने की माँग की, यह कहते हुए कि इस तरह की हरकतें सांप्रदायिक कलह पैदा कर सकती हैं और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
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DRDamodar Raigar
Nov 05, 2025 15:48:15
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Nov 05, 2025 15:48:03
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DGDeepak Goyal
Nov 05, 2025 15:48:01
Jaipur, Rajasthan:पवित्र कार्तिक मास का समापन पूर्णिमा के साथ हुआ। इस अवसर पर देव दिवाली के उत्सव ने छोटीकाशी के देवालयों को रोशनी और श्रद्धा से भर दिया। मंदिरों और घरों में तुलसी, पीपल आदि के पास घी और तेल के असंय दीपक जलाए गए। मंदिरों में भगवान की सेवा पूजा में बदलाव के साथ गुनगुने पानी से स्नान और सर्दी से बचाव के लिए मफलर पहनाने की परंपरा शुरू हो गई है। भगवान को गर्म तासीर वाले व्यंजनों का भोग भी लगाया गया। गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में रास पूर्णिमा की विशेष झांकी सजाई गई। ठाकुरजी को स्वर्णिम पोशाक धारण कराकर गर्भगृह में रास खाट सजाई गई, जिसमें चौसर और शतरंज खेलने के प्रतीकात्मक सामान रखे गए। सुभाष चौक स्थित सरस निकुंज में महंत अलबेली माधुरीशरण के सान्निध्य में झांकी के दर्शन और देव दिवाली के पदों का गायन हुआ। लाड़लीजी मंदिर और राधादामोदरजी मंदिर में भी रास झांकी और दीपदान कार्यक्रम हुआ। आनंदकृष्ण बिहारी मंदिर में विशेष झांकी सजाकर पदों का गायन हुआ। कल से मार्गशीर्ष मास की शुरुआत हो रही है। ज्योतिषाचार्य पं. दामोदरप्रसाद शर्मा ने बताया कि यह शरद ऋतु का दूसरा महीना है और इसमें ठंड का असर बढ़ेगा। इस माह में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की परंपरा है। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि ‘मासानां मार्गशीर्षोसह यानी अर्थात सभी महीनों में मार्गशीर्ष मेरा स्वरूप है। इस माह में नदी स्नान, दान-पुण्य और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है
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BSBhanu Sharma
Nov 05, 2025 15:47:48
Dholpur, Rajasthan:0511ZRJ_DHOL_CASUALTY_R डंपर की टक्कर से बाइक सवार मां व बेटी की मौके पर ही मौत तथा मामा ने इलाज के दौरान तोड़ा दम डंपर की टक्कर में तीन जिंदगियां गई धौलपुर जिले के मनियां थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार डंपर ने बाइक sवारों को टक्कर मार दी। इस हादसे में मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल मामा ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। तीनों उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश जा रहे थे。 पुलिस के अनुसार, मनोज (38) अपनी भांजी लाडो (26) और उसकी 2 वर्षीय बेटी के साथ बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। वे लाडो के मायके सैंया, आगरा से अपने गांव मुरैना, मध्य प्रदेश लौट रहे थे। मनियां थाना क्षेत्र में पहुंचने पर पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार डंपर ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी。 डंपर की चपेट में आने से लाडो और उसकी दो वर्षीय बेटी की मौके पर ही मौत हो गई। बाइक चला रहे मनोज गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही मनियां थाना पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस की मदद से तीनों को जिला अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में डॉक्टरों ने मां-बेटी को मृत घोषित कर दिया, जबकि मनोज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया
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AMALI MUKTA
Nov 05, 2025 15:47:09
Gohara Marufpur, Uttar Pradesh:छप्परनुमा घर में लगी आग, वीडियो वायरल कौशांबी जिले के सैनी थाना क्षेत्र के कोरियो गांव में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब एक छप्परनुमा मकान में अचानक आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही देर में पूरा घर जलकर राख हो गया। गृहस्वामी ओम प्रकाश सिंह का कहना है कि उसकी बेटी ने कुछ लोगों को घर के पास भागते हुए देखा था। परिवार का आरोप है कि इन्हीं लोगों ने घर में आग लगाई है। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश सिंह का गांव के कुछ लोगों से पहले भी विवाद हुआ था, और अब आगजनी की यह वारदात उसी रंजिश का नतीजा मानी जा रही है।सूचना पर सैनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आग के कारणों की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस आग के कारणों की जांच कर रही है।
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MGMOHIT Gomat
Nov 05, 2025 15:46:56
Bulandshahr, Uttar Pradesh:बुलन्दशहर रामघाट में लगे कार्तिक मेले में हुआ हादसा जरगवां में गंगा नदी के राम घाट पर लगे मेले में शाम करीब 6 बजे अचानक एक झूला टूट गया झूले में कई बच्चे सवार थे, हादसे में 7 वर्षीय बच्ची हिमांशी पुत्री भानु निवासी रामघाट की मौत हो गई हादसे में चार लोग घायल हो गए हैं। जिसमें नीरज पत्नी शशिकांत यादव, करण पुत्र वेद प्रकाश, जितेंद्र पुत्र करू, डब्बू पुत्र हेतराम, दीक्षा पुत्री नरेश हादसे घायल हो गए, हादसे की चीख पुकार मच गई सूचना मिलते एसपी देहात तेजवीर सिंह व पुलिस क्षेत्राधिकारी शोभित कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे। घटना की जानकारी के बाद मृतक लड़की के शकव को पोस्टमार्टम के लिए बुलंदशहर भेज दिया गया है, घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा。
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Nov 05, 2025 15:46:54
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BSBhanu Sharma
Nov 05, 2025 15:45:34
Dholpur, Rajasthan:धौलपुर। धौलपुर में गुरु नानक जयंती धूमधाम से मनाई गई, हुआ भव्य लंगर धौलपुर। जिलेभर में प्रथम सिख गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज का 556वां प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा और हर्षोलास के साथ मनाया गया। गुरुपर्व के अवसर पर शहर के सभी गुरुद्वारों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और गुरु वाणी का श्रवण किया。 पटियाला बाग़ गुरुद्वारा साहिब से भव्य प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान संगत ने “वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के जयकारे लगाए और नगरवासियों को गुरु के उपदेशों का संदेश दिया। गुरुद्वारा परिसर में दिनभर कीर्तन दरबार आयोजित हुआ, जिसमें प्रसिद्ध रागी जत्थों ने मधुर शब्द गायन कर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कीर्तन के बाद अखंड पाठ का समापन और अरदास की गई。 गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि गुरु नानक देव जी ने समाज में समानता, भाईचारा, सेवा और ईमानदारी का संदेश दिया था। इसी भावना को जीवंत रखने के लिए इस अवसर पर रक्तदान शिविर, जरूरतमंदों को कंबल वितरण और नि:शुल्क लंगर सेवा का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा के लंगर में सभी धर्मों और वर्गों के लोग एक साथ बैठे और प्रसाद ग्रहण किया। महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग सेवा में जुटे रहे। लंगर में छोले-भटूरे, खीर और हलवा-पूरी जैसी पारंपरिक वस्तुएँ परोसी गईं。 शाम के समय दीप प्रज्वलन के साथ गुरुद्वारा परिसर को रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया।
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