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मधेपुरा के सीसीटीवी कैमरे: करोड़ों की लागत, फिर भी बंद!
Madhepura, Bihar
मधेपुरा नगर परिषद में कई महीनों से बंद पड़े हैं अधिकांश सीसीटीवी कैमरे,अब कैसे होगी तीसरी आँखों से शहर की निगरानी,जिला कंट्रोल रूम भी है प्रभावित। डीएम तरणजोत सिंह ने कहा शहर मे 170 सीसीटीवी है ख़राब कार्यपालक पदाधिकारी को दी गयी है निर्देश बहुत जल्द ख़राब पड़े सीसीटीवी को करवा लिया जाएगा ठीक। दरअसल मधेपुरा में शहर की सड़कों पर अवांछित तत्वों पर पैनी नजर रखने के लिए चौक-चौराहे पर लगाए गए अधिकांश सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं हैं। कहीं सीसीटीवी कैमरे का तार कटा हुआ है तो कहीं रखरखाव के अभाव में सीसीटीवी खराब पड़े हैं और तो और कई संवेदनशील जगहों पर से कैमरे हीं गायब हो गये हैं। वहीं मधेपुरा नगर परिषद के द्वारा सीसीटीवी लगाने के मद मे करीब दो करोड़ रुपये खर्च की गयी लेकिन इसका कोई खास लाभ होता शहर वासियों को नहीं मिल पा रहा है। इतना हीं नहीं शहर के कलेक्ट्रेट, मुख्य बाजार, पूर्णिया गोला, कर्पूरी चौक, स्टेशन चौक, कॉलेज चौक समेत अन्य प्रमुख स्थानों पर नगर परिषद की ओर से वर्ष 2022 में 170 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जहाँ सीसीटीवी के मद मे 1.95 करोड़ रुपये खर्च भी किए गए थे। इसके बाद वर्ष 2024 में सीसीटीवी कैमरे के मेंटनेंस पर 30 लाख रुपये खर्च किए गए। बावजूद चौक- चौराहे पर लगाए गए आधा से अधिक कैमरे बंद पड़े हैं या गायब है। खासकर शहर मे ख़राब व बंद पड़े सीसीटीवी कैमरे के कारण मधेपुरा समहारणालय परिसर स्थित जिला नियंत्रण कक्ष भी प्रभावित हैं। जहाँ फुटेज के डिस्प्ले के लिये चार मॉनिटर लगाए तो गये हैं लेकिन इसको ऑपरेट करने वाला कोई नहीं है जबकि सीसीटीवी कैमैरे अवांछित तत्वों पर नजर रखने के लिए लगाए गए हैं। वहीं दूसरी ओर नगर परिषद के अधिकारियों को कई बार बैठक में डीएम ने शहर में सीसीटीवी लगाने का सख्त निर्देश जारी की लेकिन कोई अनुपालन भी नहीं हो रहा है। जबकि पूर्व से लगाए गए सीसीटीवी के रखरखाव के प्रति नगर परिषद के अधिकारी गंभीर भी नहीं दिख रहे हैं। वहीं इस मामले को लेकर मधेपुरा डीएम तरनजोत सिंह ने बताया कि मधेपुरा नगर परिषद में लगभग 170 सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल किये गए हैं, कार्यपालक पदाधिकारी के साथ हमने समीक्षा भी की थी। 06 जून के आस पास आये आंधी तूफान में बड़ी संख्या में कैमरे की वायरिंग डैमेज होने की वजह से ये खराब हुए हैं। इसके लिए कार्यपालक पदाधिकारी को फिर निर्देश दिया गया है कि एक महीने के अंदर सभी कैमरे को चालू करवाया जाय और सतत रूप से रिपेयरिंग और मेंटेनेंस करने के लिए भी विभागीय नियमन के अनुसार कर्मियों व संबंधित एजेन्सी की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित की जाय। जरा आप भी सुनिए क्या कूछ बता रहे हैं डीएम।
बाइट : तरनजोत सिंह, जिलाधिकारी, मधेपुरा
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