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बिहार पुलिस ने पुराने थ्री-नॉट-थ्री राइफल को किया हटाने का बड़ा फैसला!

PJPrashant Jha2
Jul 16, 2025 10:32:17
Patna, Bihar
बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर बिहार पुलिस ने अब पुलिसकर्मियों के हाथ से पुराने थ्री-नॉट-थ्री राइफल हटाने का फैसला लिया है . अब आपको बिहार पुलिस के जवानो के पास पुराने थ्री-नॉट-थ्री राइफल की जगह नए इंसास राइफल और छोटे हथियार में पिस्टल देने का फैसला किया है . बिहार पुलिस के प्रोविजन एडीजी अजिताभ कुमार ने बताया की बिहार पुलिस के पुरानी थ्री-नॉट-थ्री राइफल अब पूरी तरह हाटाय जायेंगे. बिहार में बढ़ते अपराध की रोकथाम के लिए पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों को छोटे और अत्याधुनिक ऑटोमेटिक हथियार देने का निर्णय लिया है . पुलिस आधुनिकीकरण के तहत एके-47 और एके-203 , इंसास जैसे हथियार शामिल किए गए हैं. साथ ही लॉ एंड आर्डर की सिचुएशन जहां खराब हो वहाँ के लिए पुलिसकर्मियों को पिस्टल दिया जाएगा ताकि उनके हाथ भारी हथियार की वजह से इंगेज ना हो उनके हाथ खुले हों और वे अपराध पर नियंत्रण आसानी से कर सकें . इसके लिए नए सिपाहियों को प्रशिक्षण देने की विशेष व्यवस्था भी कराई जा रही है . बिहार पुलिस का यह फैसला पुलिस की नकारात्मक छवि को सुधारने के लिए लिया गया है. बिहार पुलिस के इन चार जवानो को देखिये . इनके हाथों में कार्वाइन , इंसास के साथ अभी भी पुराने थ्री-नॉट-थ्री राइफल मौजूद हैं . जबकि अपराधियों के पास अब AK 47 और AK 56 जैसे हथियार आ गए हैं ऐसे में पुराने थ्री-नॉट-थ्री से अपराधियों का मुकाबला आसान नहीं है . इन सिपाहियों को अत्याधुनिक के साथ पुराने थ्री-नॉट-थ्री राइफल होने से अपराधियों के बीच खाकी का खौफ नहीं होता . अपराधी जब इन सिपाहियों के हाथ में अत्याधुनिक हथियार देखता है तो वह इनकाउन्टर से भागता है . लेकिन सिपाहियों के हाथ पुराने थ्री-नॉट-थ्री देखकर अपराधी पुलिस से लोहा लेने को तैयार हो जाते हैं . WT प्रशांत झा पटना में तैनात इन सिपाहियों से जब पूछा गया की अत्याधुनिक इंसास के सामने पुराने थ्री-नॉट-थ्री कितना कारगर है तो देखिये चार में तीन सिपाही अत्याधुनिक पर जोर देते हैं जबकि पुराने थ्री-नॉट-थ्री रखने वाले सिपाही की दलील है की यह राइफल हाथी है जिसकी मारक क्षमता 1700 मीटर है . लेकिन पुराने थ्री-नॉट-थ्री के साथ सबसे बड़ी समस्या अपराधियों से लोहा लेने में आती है क्योंकि पुराने थ्री-नॉट-थ्री में सेल्फ लोडिंग नहीं है जबकि इंसास जैसे राइफल में एक बार ही ट्रिगर दबाना होता है . BYTE पुलिस के सिपाही दरअसल , बिहार में थ्री नॉट थ्री राइफल को 2005 में नीतीश कुमार के सत्ता में आते ही चरणबद्ध तरीके से बदलने की शुरुआत हो गई थी. अब तो अंग्रेजों के जमाने की इन राइफलों को होमगार्ड के बेड़े से भी हटाने का फैसला ले लिया गया है . सिपाहियों के कंधे पर टंगी लंबी थ्री नॉट थ्री राइफल की जगह पहले एसएलआर 7.62 एमएम राइफल ने ले ली और अब पुलिस मुख्यालय इंसास , AK 47 के साथ ही छोटे अत्याधुनिक पिस्टल व अन्य ऑटोमैटिक हथियार पुलिस कर्मियों को उपलब्ध करा रही है . एडीजी अजिताभ कुमार के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र समेत जिन थोड़े-बहुत जगहों पर थ्री नाट थ्री राइफल प्रचलन थी उन्हें भी धीरे-धीरे हटाने की योजना पर काम चल रहा है. इसका उद्देश्य पुलिस आधुनिकीकरण तो है ही, जनता के बीच पुलिस की बेहतर छवि भी पेश करना है. अपर पुलिस महानिदेशक प्रोविजनिंग अजिताभ कुमार ने बताया कि बिहार पुलिस को सेमी ऑटोमैटिक हथियार उपलब्ध कराने के साथ ही अब बड़ी संख्या में ऑटोमैटिक हथियार उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिनमे एके-47, ब्लाक पिस्टल, 7.62 एमएम असाल्ट राइफल, 7.62 एसएलआर राइफल, 5.66 एमएम इंसास और 9 एमएम आटो पिस्टल जैसे अत्याधुनिक शस्त्र शामिल हैं. BYTE अजिताभ कुमार ADG प्रोविजनिंग बहरहाल , बिहार पुलिस अब अपराधियों से लोहा लेने के लिए पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक हथियार दे रही है ताकि पुलिस कर्मियों का अपराध के खिलाफ मनोबल उंचा रहे और जनता के बीच पुलिस हथियारों का कम से कम प्रदर्शन और इस्तेमाल हो यह नीति लागू कर रही है . इसी वजह से पुलिस को गश्ती और विधि-व्यवस्था कायम रखने के लिए छोटे और अत्याधुनिक हथियार देने का निर्णय लिया गया है .
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