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डिग्गी कल्याण मंदिर में दानपात्रों से निकले 14.48 लाख रुपये, जानें कैसे!
PJPurshottam Joshi
FollowJul 12, 2025 15:03:53
Tonk, Rajasthan
डिग्गी कल्याण मंदिर में दानपात्रों की गिनती का कार्य जारी, दूसरे दिन निकले 14.48 हजार रुपये
डिग्गी।
एंकर-टोंक जिले के विश्व प्रसिद्ध डिग्गी कल्याण धणी मंदिर में सावन-भादवे मेले और जयपुर से आने वाली विशाल पदयात्रा को ध्यान में रखते हुए इन दिनों दानपात्रों की गिनती का कार्य प्रगति पर है। इस कार्य की शुरुआत शुक्रवार को हुई, जिसमें दो छोटे दान पात्रों को खोला गया। इसके बाद शनिवार को दोपहर 1 बजे बड़े दानपात्र के एक खंड को खोला गया, जिससे 14 लाख 48 हजार रुपये की नगदी प्राप्त हुई। यह कार्य पूर्ण पारदर्शिता और सरकारी निगरानी में संपन्न हो रहा है, जिसमें स्थानीय पटवारी व गिरदावरों की मौजूदगी के साथ-साथ पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग भी कराई जा रही है। डिग्गी के नायब तहसीलदार हंसराज चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष एवं मालपुरा एसडीएम अमित कुमार चौधरी के निर्देशानुसार दान पात्रों की यह गिनती करवाई जा रही है। शनिवार को गिनती के दौरान बड़ी मात्रा में नोटों के बंडल निकले, जिन्हें क्रमवार तरीके से गिनने के बाद कुल 14,48,000 रुपये की गणना दर्ज की गई। यह राशि केवल बड़े दानपात्र के एक खंड से प्राप्त हुई है। अभी एक अन्य खंड को खोलना बाकी है, जिसकी गिनती आने वाले दिनों में की जाएगी। रविवार को अवकाश होने के कारण गणना का कार्य स्थगित रखा गया, लेकिन सोमवार से इसे पुनः शुरू किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि गिनती के अंतिम चरण में और भी अच्छी राशि सामने आ सकती है। हर वर्ष की भांति इस बार भी सावन और भादवे के मेलों के दौरान लाखों श्रद्धालु डिग्गी कल्याणजी के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचेंगे।एसडीएम अमित कुमार चौधरी ने हाल ही में मालपुरा में आयोजित डिग्गी पदयात्रा संबंधी बैठक के दौरान विशेष निर्देश देते हुए कहा था कि मंदिर परिसर में स्थापित दान पात्रों के आगे किसी प्रकार का अवरोध नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दान पात्र श्रद्धालुओं को स्पष्ट रूप से दिखाई दें, ताकि श्रद्धालु सहज रूप से दान दे सकें और मंदिर ट्रस्ट को अधिक से अधिक आय प्राप्त हो सके।मंदिर ट्रस्ट के अनुसार दान पात्रों से प्राप्त राशि का उपयोग विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। इसमें मंदिर कर्मचारियों की मासिक तनख्वाह, गौशाला का संचालन,(बेरी केटिंग), बिजली-पानी की व्यवस्था, सफाई, सुरक्षा, और मंदिर के नवीनीकरण कार्य सम्मिलित हैं।
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