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चाईबासा में 10 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण, क्या बदलेगा हाल?
APAnand Priyadarshi
Sept 25, 2025 09:22:45
Chaibasa, Jharkhand
चाईबासा में बड़ी सफलता : 10 नक्सलियों ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
ANCHOR READ:- पश्चिमी सिंहभूम में नक्सल विरोधी अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। गुरुवार को प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े 10 नक्सलियों ने चाईबासा में डीजीपी अनुराग गुप्ता और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। राज्य सरकार की प्रत्यर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने हथियार डाले और मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प लिया।
डीजीपी के साथ आईजी अभियान माइकल राज, आईजी ऑपरेशन सीआरपीएफ साकेत कुमार सिंह, आईजी सीआरपीएफ अनूप बिरथरे, डीआईजी कोल्हान अनुरंजन किस्पोट्टा, सीआरपीएफ आईजी, सीआरपीएफ डीआईजी, एसपी चाईबासा अमित रेनू आदि उपस्थित रहे।
आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल माओवादियों में पश्चिम सिंहभूम जिले के गोईलकेरा निवासी रांदो बोइपाई उर्फ कांति बोईपाई, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन, सावित्री गोप उर्फ मुतुरी उर्फ फुटबॉल, टोंटो निवासी गार्दी कोड़ा, घोनोर देवगम, कैरा कोड़ा, जॉन उर्फ जोहर पुरती, छोटानागरा निवासी निरसो सिदू उर्फ आशा उर्फ निराशा, चाईबासा निवासी कैरी कायम उर्फ गुलांची, और तमाड़ निवासी प्रदीप सिंह मुंडा शामिल है।
डीजीपी ने मौके पर कहा कि पूरे देश में झारखण्ड राज्य का आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति सबसे बेहतर है। यही वजह है कि नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा की अब कुछ ही नक्सली गिने चुने बचे हैं। अगर वे भी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे तो हमारे अभियान में मारे जायेंगे। झारखण्ड से बहुत जल्द नक्सलवाद का खात्मा होने जा रहा है।
2022 से लगातार सफलता
चाईबासा पुलिस व सुरक्षा बलों ने 2022 से अब तक नक्सलियों के खिलाफ सैकड़ों अभियान चलाए हैं। इस दौरान दर्जनों नक्सली गिरफ्तार हुए, 10 से अधिक मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि बड़ी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और कारतूस बरामद किए गए। यही दबाव और लगातार अपील नक्सलियों को आत्मसमर्पण की ओर ले आई है।
नक्सली संगठन को बड़ा झटका
हाल ही में माओवादी संगठन ने दावा किया था कि उनके सदस्य आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। लेकिन गुरुवार की घटना ने इस दावे को कमजोर कर दिया। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि यह कदम नक्सल आंदोलन की कमजोर होती पकड़ और संगठन की टूटती संरचना का संकेत है।
तीन साल में 26 नक्सली बने मुख्यधारा का हिस्सा
पश्चिमी सिंहभूम में पिछले तीन वर्षों में 26 नक्सलियों ने राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर आत्मसमर्पण किया है। इस बीच ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का संचालन मिसिर बेसरा और पतिराम मांझी जैसे कुख्यात नक्सलियों द्वारा किया जा रहा है, जिन पर नकेल कसने के लिए पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा और जगुआर की टीमें लगातार अभियान चला रही है।
BYTE:- अनुराग गुप्ता - डीजीपी, झारखण्ड
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