कृषि उपज मंडी के पास कृषि उद्योग समागम मेले का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्व राज्यसभा सांसद कैलास सोनी पहुंचे। उन्होंने मेले की तारीफ करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य कृषि से जुड़े उत्पादों का बेहतर तरीके से उपयोग और संरक्षण करना है। उन्होंने बताया कि गन्ने के छिलके से प्लेट और चम्मच बनाकर प्लास्टिक का इस्तेमाल कम किया जा सकता है जिससे पर्यावरण को फायदा होगा। साथ ही किसानों से अपील की कि वे इस मेले में आकर नए कृषि यंत्रों को देखें और जानें। पूर्व सांसद ने बताया कि प्रदर्शनी में जापान के आम जैसे महंगे और खास किस्मों के आम भी दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इस मेले में जरूर आएं और नई जानकारी प्राप्त करें।
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तरन तारन के झब्बाल रोड पर पुलिस की पेट्रोल व्हीकल और बाइक की आमने सामने भिड़ंत हो गई। घटना में बाइक सवार दो दोस्तों की मौके पर मौत हो गई जिनकी पहचान सिमरजीत सिंह और विक्रमजीत सिंह निवासी गांव मनन के रूप में हुई है। थाना झब्बाल की पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पुलिस वाहन चालक ए एस आई हरजिंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मृतक सिमरजीत बारहवीं का स्टूडेंट था और तीन बहनों का इकलौता भाई था।
डिबीजन पावरकाम के मुलाजिमों ने सोमवार से सामूहिक छुट्टी लेकर तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल के पहले दिन ही पावरकाम दफ्तरों में सन्नाटा पसरा रहा। लोग अपने काम करवाने के लिए दफ्तर पहुंचे, लेकिन काउंटर बंद मिले। इससे बिजली संबंधी कामों के लिए आए उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
डिबीजन पातड़ां के अंतर्गत मुलाजिमों ने दफ्तर के बाहर धरना लगाकर सरकार और मैनेजमेंट के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली सप्लाई में आ रही बाधाओं और उपभोक्ताओं की दिक्कतों के लिए पंजाब सरकार और पावरकाम प्रबंधन जिम्मेदार हैं। मुलाजिमों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तीन दिन तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा
सतना। कोलगवां थाना क्षेत्र के होटल सिद्धांत में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान कानपुर निवासी आकाश विश्वकर्मा (30) के रूप में हुई। पुलिस को युवक के पास से एक सुसाइड लेटर मिला, जिसमें उसने कानपुर में भाई-बहन की हत्या करने की बात कबूल की और स्वेच्छा से मरने की इच्छा जताई। घटना सोमवार दोपहर की है, जब होटल के कमरा नंबर 27 में आकाश का शव पंखे से लटका मिला। पुलिस के अनुसार, युवक ने पर्दे फाड़कर फांसी लगाई। आकाश ने शनिवार को कमरा बुक किया था, रविवार को चेकआउट के बाद ट्रेन छूटने पर वापस लौटकर उसी कमरे में रुका। सोमवार को सफाई कर्मी को कोई हलचल न होने पर होटल स्टाफ ने पुलिस को सूचित किया। कोलगवां थाना प्रभारी सुदीप सोनी ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा कार्रवाई की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पहचान पत्र के आधार पर परिजनों को सूचना दी गई। पुलिस सुसाइड लेटर और हत्या के मामले की जांच कर रही है।
दिल्ली नगर निगम के ‘दिल्ली को कूड़े से आज़ादी’ अभियान के तहत आज यमुनापार उत्तर पूर्वी दिल्ली भजनपुरा इलाके में आज विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया. जिसमें स्थानीय विधायक अजय महावर और यमुना विहार वार्ड के निगम पार्षद प्रमोद गुप्ता ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया.
अभियान के दौरान दोनों जनप्रतिनिधि खुद कूड़ा उठाते और झाड़ू लगाकर सफाई करते दिखाई दिए. जिससे स्थानीय लोगों में स्वच्छता को लेकर सकारात्मक संदेश गया.
स्वच्छता कर्मियों और निगम अधिकारियों के साथ मिलकर विधायक और पार्षद ने सड़कों और गलियों से कचरा हटाया तथा लोगों को अपने आस-पास सफाई बनाए रखने की अपील की उन्होंने कहा कि स्वच्छ वातावरण न केवल सौंदर्य बढ़ाता है बल्कि बीमारियों से भी बचाव करता है इसलिए यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वे साफ-सफाई में अपना योगदान दें
अभियान में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठन और स्कूल के बच्चे भी शामिल हुए जिन्होंने ‘स्वच्छ दिल्ली, स्वस्थ दिल्ली’ के नारे लगाए और गंदगी फैलाने वालों को जागरूक करने का संकल्प लिया निगम अधिकारियों के अनुसार इस प्रकार के स्वच्छता अभियान शहर के अन्य इलाकों में भी चलाए जाएंगे ताकि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरी दिल्ली को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके
स्थानीय लोगों ने विधायक अजय महावर और पार्षद प्रमोद गुप्ता के इस पहल में खुद शामिल होने को सराहा और कहा कि जब जनप्रतिनिधि खुद सफाई में हाथ बंटाते हैं तो लोगों में भी सफाई के प्रति जिम्मेदारी की भावना बढ़ती है.
बाइट -- अजय महावर विधायक
बाइट -- प्रमोद गुप्ता
rakesh chawla
north east delhi
9999186003
फतेहाबाद (हरियाणा)।
एंकर रीड - पेयजल की कमी से जूझ रहे ग्रामीण पहुंचे सांसद के द्वार, ग्रामीणों ने कहा पिछले लंबे समय से नही पा रही पर्याप्त नहरी पानी की आपूर्ति, ग्रामीणों को मजबूरी में प्रयोग करना पड़ा भूमिगत पानी, भूमिगत पानी खराब होने के कारण स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव
वॉयस -गांव जांडली में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की कमी से जूझ रहे ग्रामीण आज बड़ी संख्या में राज्यसभा सांसद सुभाष बराला से मिले। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में नहरी पानी की कमी के कारण पेयजल की आपूर्ति भूमिगत जल से होती थी। मगर अब भूमिगत जल पीने लायक नही रहा, पानी मे टीडीएस की मात्रा खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। वहीं खेतों के सिंचाई के लिए भी उन्हें पर्याप्त पानी नही मिल रहा, जिससे उनकी फसले प्रभावित हो रही हैं। राज्यसभा सांसद सुभाष बराला से मिलने पहुंचे ग्रामीणों को सांसद ने आश्वस्त किया और मौके पर ही अधिकारियों को जरूरी निर्देश देकर ग्रामीणों की समस्या का शीघ्र समाधान करने को कहा। सुभाष बराला ने कहा सरकार की सोच है हर घर नल हर घर जल। इसके लिए सरकार संसाधन भी मुहैया करवा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों तक पीने के पाने पर्याप्त पहुंचे इसके लिए हर सम्भव प्रयास किये जायेंगे।
बाइट - सुनील कुमार, ग्रामीण
बाइट - सुभाष बराला, सांसद राज्यसभा
गुरुग्राम-
पटौदी में 31 वर्षीय युवक की बेहरमी से हत्या
मामूली सी कहानी के बाद युवकों ने लोहे की रोड, लाठी- डंडों से मृतक को जमकर पीटा
मृतक की पहचान 31 वर्षीय रितेश उर्फ कालू के रूप में हुई
पुलिस ने 8 से 9 लोगो को किया हिरासत में
गुरुग्राम पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की
वी.ओ 1- गुरुग्राम के पटौदी इलाके में एक युवक की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है।पटौदी के गुढ़ाना गांव के 31 वर्षीय रितेश उर्फ कालू की हत्या कर दी गई। यह मामला एक मामूली कहासुनी से शुरू हुआ, जो हिंसक में तब्दील हो गया।पुलिस ने बताया कि रितेश और कुछ लोगों के बीच मामूली विवाद हुआ ये विवाद इतना बढ़ गया कि हमलावरों ने रितेश पर लोहे के डंडों और सरियों से जानलेवा हमला किया। घायल रितेश को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बाइट- संदीप कुमार, पुलिस PRO, गुरुग्राम
वी.ओ 2- मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और 8 से 9 संदिग्धों को हिरासत में ले पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस आगे की जांच में जुटी हुई है। पुलिस इस हत्या के पीछे कारण का भी पता लगाने में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि नामजत आरोपियों के साथ अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
स्लग:- बाहरी दिल्ली के अलीपुर इलाके में बना शहीद स्मारक अंग्रेजों के खिलाफ साल 1857 की क्रांति का गवाह है.
एंकर
दिल्ली देहात के क्रांतिकारियों को अंग्रेजों ने मुखबिरी के आरोप पर खौलते तेल की कड़ाही में डाला तो कुछ स्वतंत्रता सेनानियों को पेड़ से लटकाया तो कुछ स्वतंत्रता सेनानियों को कोल्हू में पिलवाने जैसे कठोर यातनाएं दी । उन स्वतंत्रता सेनन की याद में अलीपुर में शहीद स्मारक तो बना लेकिन यह शहीद स्कारक भ्रष्टाचार असमाजिक तत्वों की भेंट चढ़ा। स्वतंत्रता सेनानियों की वंशजों की मांग अलीपुर में बनना चाहिए शहीदी संग्रहालय।
वीओ 1
आजादी की 78वीं वर्षगांठ हम बड़े हर्षोल्लाह से बना रहे हैं 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ। आजादी के दौरान किन क्रांतिकारी योद्धाओं ने अंग्रेजों से लोहा लिया यह शहीद हुए यह बात हम सभी को पता है लेकिन आजादी की चिंगारी सन 1857 में सुलगी। जिसमें अलीपुर गांव के करीब 150 स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजो द्वारा दी गयी कठोर यातनाएं झेलने के बाद भारत के प्रति शहीद हो गए। इस दर्दनाक इतिहास के बारे में किसी भी युवा को जानकारी नहीं।
PTC -नसीम अहमद ओपनिंग ....
वीओ 2
यह बदहाल स्थिति में दिख रहा अलीपुर गांव का वह शहीदी इस मार्ग है जिसमें 1857 की क्रांति में अलीपुर के स्वतंत्रता सेनानी व नव युवाओं को अंग्रेजों द्वारा यातनाएं झेलता हुआ देखा। आज यह है शहीदी स्मारक बदहाली की मार झेल रहा है। इतिहास विशेषग्यों के मुताबिक 1857 की क्रांति में अलीपुर की स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों को यहीं से पहली बार करनाल के रास्ते लाहौर तक का खदेड़ दिया था। फिर कुछ महीनों के बाद अंग्रेज लाहौर से लाव लश्कर के साथ ठीक इसी शहीदी स्मारक पर पहुंचे। जहां अंग्रेजो ने बदले भी भावना से मुखबारी के आरोप में स्वतंत्रता सेनानियों को पेड़ से उल्टा लटकाया, किसी को खोलते हुए तेल की कढ़ाई में डाला तो किसी को जिंदा कोल्हुओं में पीलवा कर करीब 150 स्वतंत्रता सेनानी को शहीद कर दिया।
बाईट / हरपाल सिंह राणा , स्वतंत्रता सेनानी के वंशज और इतिहास विशेषज्ञ। पहचान सर पर पगड़ी।
बाईट / अशोक टोकस , स्थानीय निवासी पहचान स्काई ब्लू शर्ट।
वीओ
स्मारक 1857 की पहली क्रांति का गवाह
अलीपुर इलाके में बना शहीद स्मारक देश की अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की पहली क्रांति का मुख्य गवाह है. जो क्रांति मेरठ में महान क्रांतिकारी मंगल पांडे के नेतृत्व में शुरू हुई, उसकी चिंगारी दिल्ली तक भी पहुंची. दिल्ली के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के दमनकारी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की तो अंग्रेजों ने धोखे से उन क्रांतिकारियों को बंधक बनाकर मरवा दिया. आज यह शहीद स्मारक बदहाली की मार झेल रहा है और असमाजिक तत्वों का ठिकाना बन गया है।
वाकथरु :- नसीम अहमद
वीओ 2
इस शहीदी स्मारक में 1857 की क्रांति में शहीद हुए। स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से पठशिला लगी हुई है जिन पर कुछ क्रांतिकारी के नाम लिखे हैं।वही 1857 की क्रांति में शहीद हुई और उनके वंशज शहीद करतार सिंह जिन्होंने सन 1965 में भारत-पाकिस्तान व शहीद बलबीर सिंह ने सन 1971 मे भारत-बंगला देश का युद्ध लड़ा उनके वंशज विजय सिंह और अजित सिंह से Zee मीडिया ने खास बात की जिसमें उन्होंने बताया कि वह शहीद स्मारक में हर रोज आते हैं और अपने पूर्वजों को याद करते हैं। सरकार से कई बार पत्राचार कर चुके हैं कि यहां उनके पूर्वजों की याद में इस शहीदी स्मारक को शाहिद संग्रहालय बनाया जाए।
बाईट / अजित सिंह , सन 1965 युद्ध के युद्धा शहीद करतार सिंह के वंशज।
बाईट / विजय सिंह , सन 1971 युद्ध के योद्धा शहीद बलबीर सिंह के वंशज।
वीओ 3
फिलहाल गुमनामी की मार झेलता यह ऐतिहासिक शहीदी समार्क बदहाल और असामाजिक तत्वों का ठिकाना बन गया है। जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों की नजर नहीं। हालांकि यहां पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा शहीदी स्मारक को बनाया गया और यहां एक कम्युनिटी सेंटर बनाया था। लेकिन वह भी अब जर्जर हालात में है। जिसमे तमाम खिड़की , दरवाजे , विंडो चोर चुराकर ले जा चुके हैं। 1857 की क्रांति से देश के लिए हर बार शहीद हुए उन पूर्वजों की याद में उनके वंशज सरकार से मांग कर रहे हैं कि यहां एक संग्रहालय बनाया जाए जिससे ऐतिहासिक और आजादी के इतिहास को युवा दोहरा सके।
PTC क्लोजिंग ...
रिपोर्ट :- नसीम अहमद
Zee मीडिया
अलीपुर , उत्तरी दिल्ली
रिपोर्ट -- चरणसिंह सहरावत
लोकेशन -- द्वारका,
स्टोरी :-- 1999 के कारगिल युद्ध में दुश्मन के ठिकानों को तबाह करने वाले तोपखाने के जांबाज कैप्टन अखिलेश सक्सेना का जीवन साहस, दृढ़ता और देशप्रेम की एक अविस्मरणीय गाथा है। उन्होंने न केवल सीमा पर अपना शौर्य दिखाया, बल्कि युद्ध के बाद जीवन की चुनौतियों को भी उसी जुझारूपन से पार किया, जो उन्हें एक सच्चा नायक बनाता है।
सैन्य परिवार से आने वाले कैप्टन सक्सेना, जिन्होंने सैनिक स्कूल गोरखल और एनडीए से प्रशिक्षण लिया, 1995 में भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल हुए। कारगिल युद्ध के दौरान, उन्होंने 2 राजपूताना राइफल्स और 13 जम्मू-कश्मीर राइफल्स के साथ मिलकर टोलोलिंग, हंप और थ्री पिंपल्स जैसे महत्वपूर्ण मोर्चों पर दुश्मन के ठिकानों पर सटीक गोले बरसाए। युद्ध के बीच, गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई और अपनी टीम को जीत तक पहुंचाया।
युद्ध के दौरान, उन्होंने अपनी पत्नी को एक भावुक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने शहादत पर गर्व करने की बात कही थी। यह पत्र आज भी उनकी अटूट देशभक्ति और साहस की कहानी कहता है।
युद्ध के बाद, स्वास्थ्य कारणों से उन्हें सेना से रिटायर होना पड़ा। लेकिन यह उनके लिए अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत थी। उन्होंने एमबीए में गोल्ड मेडल हासिल किया और कॉर्पोरेट जगत में कदम रखा। विप्रो और एयरटेल जैसी शीर्ष कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर काम करने के बाद, आज वे टाटा कम्युनिकेशंस में वाइस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं।
कैप्टन सक्सेना अब देशभर में एक प्रेरणादायक वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। वे युवाओं और कॉर्पोरेट पेशेवरों को अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए नेतृत्व, साहस और ''देश पहले'' के संदेश से प्रेरित करते हैं। उनका जीवन यह साबित करता है कि सच्ची वीरता केवल युद्ध के मैदान तक सीमित नहीं होती, बल्कि जीवन के हर मोर्चे पर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने में होती है।
टिकटेक -- चरणसिंह सहरावत
एंकर
कारगिल योद्धा लॉन्स नायक सरसबीर सिंह (चिता) की गौरव गाथा...
आजादी का जश्न बड़े ही हर्षोल्लास के साथ बनाने की तैयारियां की जा रही है। लेकिन ऐसे में क्या जो कारगिल जंग जीत चुके भारतीय सेना के वीर जवान इस जश्न पर खुशी मनाएंगे या नहीं। मुखमेलपुर गांव में रह रहे राजपूताना दो राइफल बटालियन लॉन्स नायक सतवीर सिंह (चिता) ने कारगिल युद्ध जीता । जीत के बाद भी भारतीय सरकार ने उनको नहीं दिया सम्मान जिसकी वजह से परिवार की आर्थिक स्थिति है खराब और सरकारी तंत्र से है मायूस।
वीओ
पैरों में दो गोलियों के साथ पूरे शरीर में कई जगहों पर र्छें लगने के बावजूद कारगिल युद्ध के दौरान लांस नायक सतबीर ने चार दुश्मनों को ढेर कर दिया था। उन्होंने 15 हजार फीट ऊंची चोटी तोलोलिंग पर करीब दस घंटे तक मोर्चा थामे रखा था। कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले सतबीर सिंह बुराड़ी के मुखमेलपुर गांव के निवासी हैं। वह कहते हैं कि वर्ष 1999 की 12 जून की रात की यादें आज भी उनके जेहन में जिंदा हैं। उस रात 11 बजे करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित तोलोलिंग हिल पर उनका पाकिस्तानी सैनिकों व घुसपैठियों से सामना हुआ था, जो उनसे ऊंचाई पर थे।
बाईट / लॉन्स नायक सतवीर सिंह (चिता) राजपूताना दो राइफल बटालियन ।
वीओ
कुल 24 सैनिकों की तीन टीम एक दिन व दो रात की चढ़ाई के बाद दुर्गम तोलोलिंग हिल पर पहुंची थी। पहाड़ी पर चढ़ते ही उनकी नजर ऊंचाई पर मौजूद दुश्मनों पर जैसे ही पड़ी तो उन्होंने हैंड ग्रेनेड से उन पर हमला किया, लेकिन हैंड ग्रेनेड के फटने से पहले ही अपनी राइफल से कुछ ही सेकेंड में तीस गोलियां दुश्मनों पर बरसा दीं। जिससे तीन दुश्मन मौके पर ही ढेर हो गए। गोलियों व हैंड ग्रेनेड के हमले के बाद दुश्मनों ने ऊंचाई से ही हेवी मशीनगनों से गोलियां व हथगोले बरसाने शुरू कर दिए ।
बाईट / लॉन्स नायक सतवीर सिंह (चिता) राजपूताना दो राइफल बटालियन ।
वीओ
दुश्मनों ने पहाड़ी पर तीन तीन मंजिल के बंकर बना रखे थे। दुश्मनों ने उस इलाके को करीब डेढ़ सालों से कब्जे में ले रखा था और ऊंचाई पर होने के कारण उन्हें भारतीय सेना की हर गतिविधियों का पहले से ही पता चल जाता था, लेकिन यह हमला उनके लिए अप्रत्याशित था। गोलियों की बौछार से दुश्मन दल के कई सदस्य मौत की नींद सो चुके थे। अंत में दो बचे थे, जिनमें एक को सतबीर ने मार गिराया। इस दौरान कंपनी कमांडर विवेक गुप्ता समेत कुल सात सैनिक शहीद हो चुके थे।
बाईट / लॉन्स नायक सतवीर सिंह (चिता) राजपूताना दो राइफल बटालियन ।
वीओ
सतबीर के दाहिने पैर में दो गोलियां लगी थीं व उनके पीछे चल रहे राजस्थान के सुरेंद्र सिंह को भी गोलियां लगी थीं, लेकिन सतबीर व उनके साथी दुश्मनों की अंधाधुंध फायरिंग के बीच उन्हें शिकस्त देते हुए सुबह साढे चार बजे दुश्मनों के अड्डे तक पहुंच गए व हजारों फीट ऊंचाई पर तिरंगा फहरा दिया। इसके बाद भी सतबीर व उनके साथियों ने दस घंटे तक मोर्चा जमाए रखा, जब तक दूसरे सैन्य दल ने वहां पहुंचकर मोर्चा थाम नहीं लिया।
बाईट / लॉन्स नायक सतवीर सिंह (चिता) राजपूताना दो राइफल बटालियन ।
वीओ
फिलहाल लॉन्स नायक सतवीर सिंह कहना है कि एक बार भारत 78 हुआ स्वतंत्रता दिवस बना रहा है जरूरत है भारत सरकार और दिल्ली सरकार लॉन्च नायक सतवीर सिंह की तरफ देखें उनके घर की बिगड़ी आर्थिक स्थिति में सुधार ले ताकि गर्व से कहे कि में भारतीय सैनिक है .क्योंकि जब उनके साथ सरकार की तरफ से भेदभाव किया गया और सरकारी तंत्र ने उन्हें जो सुविधा सरकार की तरफ से मिलने थी वह नहीं पहुंचाई तो उनका मनोबल टूट गया. उनकी मांग है कि सरकार जो योजनाओं का लाभ देने की बात कारगिल युद्ध के दौरान कही गई थी सरकार उसे धरातल पर उतरे।
रिपोर्ट / नसीम अहमद
Zee मीडिया
मुखमेल पुर ,दिल्ली
दिल्ली एनसीआर की गलियों को आवारा कुत्तों से मुक्त कराने के लिए SC ने सख्त दिशानिर्देश जारी किए
SC ने दिल्ली सरकार/MCD/NDMC/ एनसीआर में सम्बंधित ऑथोरिटी को निर्देश दिया कि वो शहर को, गलियों को आवारा कुत्तों से फ्री करें ।सभी जगहो से आवारा कुत्तों को उठाया जाए। कुत्तों को डॉग शेल्टर होम में रखा जाए । ऑथोरिटी अगले 6 हफ्ते में 5000 कुत्तों से शुरुआत करें।
कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी है अगर कोई व्यक्ति या संगठन इसमे बाधा बनता है तो * * * *कोर्ट को सूचित करें। * * * *कोर्ट उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा
कोर्ट ने कहा कि दिल्ली एनसीआर की सभी ऑथिरिटी तुंरत डॉग शेल्टर बनाए और इसके इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर आठ हफ्ते में कोर्ट को जानकारी दे । कुत्तो की नसबंदी के लिए पर्याप्त लोग वहां तैनात किए जाए। कुत्तों को सार्वजनिक जगहों पर न छोड़ा जाए। CCTV कैमरों की निगरानी रखी जाए।
पूरे मामले पर जनता से बात की गई तो जनता ने कहा कुत्तों से बच्चे और आम लोग खौफ के साए में जी रहे है है कोर्ट के आदेश से जनता को राहत मिलेगी लेकिन कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन होना भी जरूरी है
vox pox
इंदौर देशवासियों को देशभक्ति की भावना से जोड़ने और उन्हें देश की आजादी व स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करने को लेकर हर घर तिरंगा हर घर स्वच्छता अभियान का आयोजन 11 अगस्त से 15 अगस्त तक किया जा रहा है इसी को लेकर आज इंदौर पुलिस ने तिरंगा यात्रा का आयोजन किया
इंदौर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा हर घर तिरंगा अभियान के तहत बाइक रैली का आयोजन किया जिसमें 500 से अधिक पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी सम्मिलित हुए बाइक रैली में हाथों में तिरंगा थाम कर पुलिस कमिश्नर कार्यालय से राजवाड़ा तक रैली का आयोजन किया गया रैली के माध्यम से लोगों से आह्वान किया गया कि हमारे इस राष्ट्रीय पर्व पर इस अभियान में पर चढ़कर हिस्सा ले और अपने राष्ट्र का गौरव तिरंगा अपने घर पर जरूर फहराएं तिरंगा यात्रा के दौरान हर कोई राष्ट्र भावना से ओतप्रोत नजर आया बाइक रैली में डीसीपी एडिशनल डीसीपी एसीपी थाना प्रभारी सहित नगर सुरक्षा समिति के सदस्य भी शामिल हुए
कवर्धा ,दिनांक 11 अगस्त, स्लग-किसान, रिपोर्ट सतीश तंबोली
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किसानों की बुनियादी समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ का प्रदर्शन, प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
कलेक्ट्रेट परिसर में बैठकर खूब नारेबाजी
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एंकर
कवर्धा जिले के किसानों की लगातार बढ़ती समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ ने आज कवर्धा कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। बिजली कटौती, सिंचाई के लिए पानी की कमी, खाद की किल्लत और गन्ना किसानों को बोनस न मिलने जैसी मूलभूत मांगों को लेकर सैकड़ों किसान एकजुट होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद की।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने धरना देते हुए अपनी समस्याएं स्पष्ट शब्दों में प्रशासन के सामने रखीं। उनका कहना था कि बार-बार शिकायतों के बावजूद न तो बिजली की आपूर्ति सुधरी है और न ही सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है। ऊपर से खाद की भारी किल्लत ने खेती को और मुश्किल बना दिया है। गन्ना किसानों ने भी बोनस न मिलने को लेकर नाराजगी जाहिर की।
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। संघ ने कहा कि ऐसी स्थिति में उत्पन्न होने वाले हालात की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन की होगी।
बॉइट-डॉमन चंद्रवंशी, जिला अध्यक्ष भारतीय किसान संघ
किसानों से वन टू वन
एंकर...
हरसूद के सरकारी कॉलेज में भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। यह लोग जिला मुख्यालय करेक्ट कलेक्टर कार्यालय आए थे। यहां जब काफी समय तक उनकी मांगों को सुनने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया तो वह कलेक्टर कार्यालय के सामने ही सड़क पर धरने पर बैठ गए । बाद में एसडीएम उनके पास पहुंचे और उनकी समस्या सुनी।
Vo - शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में हरसुड रोड पर एबीवीपी के कार्यकर्ता अपनी मांग को लेकर चक्का जाम करने बैठ गए। जैसे ही यह खबर यह प्रशासनिक अधिकारियों को लगी पुलिस दलबल के साथ यहां पहुंची और इन्हें समझाइस दी गई। दरअसल एबीपी कार्यकर्ताओं इस बात से नाराज थे कि हरसूद महाविद्यालय में हुए कथित खरीदी और अन्य सामग्री में घोटाले को लेकर वह लगातार जांच की मांग कर रहे हैं । लेकिन अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं । आज जब ज्ञापन देने पहुंचे तो अधिकारी नहीं मिले जिससे कार्यकर्ता आक्रोशित होकर चक्का जाम करने बैठ गए।
बाइट - हर्ष वर्मा, abvp
इस मामले में एसडीएम बजरंग बहादुर सिंह ने बताया कि इसके लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है जो अपर कलेक्टर की निगरानी में इस पूरे मामले की जांच करेगी. प्रशासन के आश्वासन के बाद एबीपी कार्यकर्ताओं ने अपना धरना चक्का जाम समाप्त किया।
बाइट - बजरंग बहादुर ( SDM) खंडवा