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Jabalpur482003

नोएडा के स्कूल में 8वीं कक्षा के छात्र की हॉस्टल वार्डन ने की पिटाई

Sept 27, 2024 06:56:17
Jabalpur, Madhya Pradesh

खबर जबलपुर की है, जहां रीवा निवासी का पुत्र नोएडा में पढ़ाई करता है। बता दें कि नोएडा के नामजद स्कूलों में से एक स्कूल के हॉस्टल वार्डन द्वारा एक 8वीं कक्षा के छात्र की पिटाई की गई, जिसमें छात्र को गंभीर चोटें आईं है। बता दें कि छात्र को कान के पर्दें में चोट के अलावा हाथ भी फ्रैक्चर हुआ है। वहीं इस घटना की जानकारी छात्र ने अपने माता-पिता को दी, जो रीवा से उससे मिलने पहुंचे। दूसरी ओर पिता ने गौर पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके आधार पर हॉस्टल वार्डन के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है।

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DDDeepak Dwivedi
Dec 09, 2025 10:11:10
Gwalior, Bhopal, Madhya Pradesh:भोपाल के इस्लामनगर का नाम 3 साल पहले जगदीशपुर कर दिया गया था, लेकिन अभी भी कई जगह पर इस्लाम नगर के साइन बोर्ड लगे हुए हैं, हिंदूवादी संगठनों ने जेसीबी लेकर उन तमाम साइन बोर्ड पर जगदीशपुर के पोस्टर चिपका दिए हैं, इस दौरान इस्लामनगर के बोर्ड्स पर कालिक भी पोती गई है, हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि जब नाम बदल दिए गए हैं तो प्रशासन अभी तक जगह-जगह साइन बोर्ड क्यों नहीं बदल रहा, अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करेगा तो हम खुद सड़कों पर उतरकर इस तरह के बोर्ड लगाएंगे, हिंदूवादी संगठनों ने इससे पहले मस्जिद के बाहर यह कहते हुए भी हंगामा किया कि जगदीशपुर के नाम के पत्थर तोड़े जा रहे हैं, और खास तौर पर मस्जिद और मदरसों के सामने यह बोर्ड तोड़े गए हैं
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SPSatya Prakash
Dec 09, 2025 10:10:51
Raipur, Chhattisgarh:संसद के साथ ही देशभर में वंदे मातरम पर चर्चा के बीच इसे लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस ने वंदे मातरम के मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए कहा है कि जब आजादी के लड़ाई के परवाने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रहे थे तब जो लोग अंग्रेजों की चाटुकारिता कर रहे थे, आज चुनावी लाभ के लिए वंदे भारत पर बड़ी-बड़ी बात कर रहे हैं. भाजपा-आरएसएस की किसी बैठक में वंदे मातरम का गायन नहीं होता, जबकि कांग्रेस की बैठकों की शुरुआत ही वंदे मातरम से होता है, अगर एक भी उदाहरण है तो भाजपा-आरएसएस वीडियो जारी करे वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने, पंडित नेहरू ने वंदे मातरम गीत को खंडित किया, कांग्रेस के चाटुकार लोग वोटबैंक की राजनीति करते हैं. भाजपा के हर कार्यक्रम में वंदे मातरम गीत होता है. भाजपा इसे खंडित नहीं बल्कि मंडित करने का काम करती है. कांग्रेस न सिखाये हमें वंदे मातरम का सम्मान करना
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SKSumit Kumar
Dec 09, 2025 10:10:18
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DMDILEEP MISHRA
Dec 09, 2025 10:09:47
Baibahamunnusingh, Uttar Pradesh:लखीमपुर खीरी के एक सरकारी अस्पताल में अजगर दिखाने के बाद हड़प्पा मच गया । दुधवा टाइगर रिज़र्व के जंगल से भटककर आया 10 फुट का विशालकाय अजगर सरकारी अस्पताल में जा घुसा। जिसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया। मामला पलिया वन रेंज के त्रिकौलिया स्थित सरकारी अस्पताल का है जहां विशालकाय अजगर अस्पताल परिसर में पहुंच गया। अचानक सांप को देखकर वहां मौजूद मरीजों और स्टाफ में अफरा-तफरी मच गई। अस्पताल में मौजूद कुछ लोगों ने मोबाइल निकाल कर अजगर का वीडियो बनाना शुरू कर दिया तो कुछ लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचीं महिला अभिप्रेरक और मोटीवेटर नाज़रून निशा, जिन्होंने बिना समय गंवाए खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाली। काफी मशक्कत और साहस दिखाते हुए उन्होंने अजगर को सावधानीपूर्वक बोरे में पकड़कर सुरक्षित रेस्क्यू किया। इसके बाद वन विभाग की मदद से अजगर को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया। बाइट – नाज़रून निशा
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APAbhay Pathak
Dec 09, 2025 10:09:35
Anuppur, Madhya Pradesh:अनूपपुर अनूपपुर तुलसी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के द्वारा चक्का जाम किया गया है छात्र-छात्राओं का कहना है कि महाविद्यालय में व्याप्त समस्याओ को लेकर चक्का जाम किया गया है चक्का जाम से आने जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है सूचना मिलते ही तत्काल कोतवाली पुलिस एवं यातायात पुलिस उपस्थित हुई जुड़े हुए हालात को सुधारने की कोशिश में लगी हुई है छात्र-छात्राओं की मांग है कि 70% रिजल्ट बिगड़ा हुआ आया है एवं महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाएं अटेंडेंस लगाकर बाहर खड़े रहते हैं पढ़ते नहीं है अन्य ऐसी कई मांगों को लेकर आज तुलसी कॉलेज के छात्र-छात्राओं के द्वारा चक्का जाम कर अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की है
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SHShahzad Hussain Bhat
Dec 09, 2025 10:09:21
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WMWaqar Manzoor
Dec 09, 2025 10:08:58
:Central University of Kashmir (CUKashmir) successfully implemented the first phase of the National Apprenticeship Training Scheme (NATS) and formally distributed offer letters to the selected interns during a function at Tulmulla Ganderbal. The initiative has been undertaken in alignment with the vision and academic direction provided by the Vice-Chancellor, Prof. A. Ravinder Nath, who has consistently emphasized the importance of practical exposure and skill development for students. Speaking on the occasion, Dean Academic Affairs and Chairman, NATS at CUKashmir, Prof. Shahid Rasool, spoke about the global relevance of internship programmes and cited international examples where students actively contribute to office operations as part of their training. He encouraged the interns to grab the opportunity with dedication and a commitment to developing essential skills. In his address, Registrar, Dr. Nisar Ahmad Mir, highlighted the pivotal role of internships in strengthening students’ academic and professional growth. He underscored the importance of sincerity, discipline, and consistent effort during the training period. Earlier in his welcome address, Dr. Yash Paul, Nodal Officer NATS, gave an overview of the scheme and briefed the attendees about the selection process, noting that from a substantial number of applicants, 20 students were selected for the first phase following a careful and competitive evaluation. The ceremony concluded with the formal distribution of offer letters to the selected interns by the Registrar and the DAA, marking the commencement of their apprenticeship tenure.
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VMVimlesh Mishra
Dec 09, 2025 10:05:50
Mandla, Madhya Pradesh:मण्डला - दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे मण्डला जिले में नक्सलियों का अंत हुआ। केंद्र सरकार की तय समय सीमा मार्च 2026 के पहले ही मण्डला नक्सल मुक्त हुआ। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे जिले के वनांचल क्षेत्र मोतीनाला, मवई ओर बिछिया थाना क्षेत्रों में बीते कई वर्षों से नक्सली दल जैसे कान्हा भोरमदेव दलम, बोड़ला कमेटी ओर खटिया मोचा दलम के करीब 50 सशक्त नक्सली सक्रिय थे जो न केवल ग्रामीणों के लिए ख़ौफ़ का सबब थे बल्कि पुलिस ओर वन विभाग के लिए चुनोती भी थे लेकिन बीते करीब 2 सालों से नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की कार्यवाहियां ओर ग्रामीणों के बीच चलाये गए जनजागरूकता ओर रोजगारोन्मुखी कार्यक्रमो ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी। पुलिस ने एक रणनीति के तहत नक्सलियों के जंहा एनकाउंटर किये गए वंही इनके लिए बनाई गई पुनर्वास नीति से अवगत कराया गया फलस्वरूप नक्सलियों ने हथियार डाले और जिला नक्सलमुक्त हुआ। पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा का कहना है कि हमने एक रणनीति के तहत बीते वर्षो में जिले को नक्सल मुक्त करने काम किया। हमारे प्रयास सफल हुए और जिला नक्सल मुक्त हुआ।
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DGDeepak Goyal
Dec 09, 2025 10:05:00
Jaipur, Rajasthan:राज्य सरकार ने किरायेनामों का पूरा गणित बदल दिया है। पहले लोग 11 महीने का एग्रीमेंट कराते थे। ताकि न रजिस्ट्रेशन कराना पड़े… न स्टाम्प ड्यूटी चुकानी पड़े। लेकिन अब एक महीने की किरायेदारी भी रजिस्ट्रेशन के दायरे में होगी। नए नियम कहते हैं जितना लंबा किराया, उतनी ज्यादा स्टैंप ड्यूटी…और अगर विवाद हुआ तो ‘कागज़ नहीं तो हक़ नहीं। यानी मालिक और किरायेदार, दोनों के लिए अब ‘नोटरी की मुहर’ से काम नहीं चलेगा… कानूनी दस्तावेज़ को रजिस्टर्ड कराना ज़रूरी होगा। सरकार का दावा राजस्व बढ़ेगा, अधिकार स्पष्ट होंगे। लेकिन चुनौती नियमों को लेकर जागरूक कौन करेगा? क्या किरायेदार अब और महंगा किराया भुगतेंगे? क्या मालिकों का फर्जी समझौता खेल अब बंद? …बहरहाल, किरायानामे की रजिस्ट्री को अनिवार्य करने से सरकार का उद्देश्य न केवल राजस्व बढ़ाना है, बल्कि मकान मालिक और किरायेदार के अधिकारों को कानूनी सुरक्षा देना भी है। अब किराये पर दी जाने वाली अचल सम्पत्ति से जुड़े शर्तों, जिम्मेदारियों और अवधि को लिखित रूप में सुरक्षित किया जा सकेगा। विवाद की स्थिति में यह दस्तावेज अदालत में प्रमाणिक साक्ष्य की तरह मान्य होगा। नए नियमों के लागू होने से 11 माह के करार का ‘बचाव फार्मूला’ समाप्त हो रहा है। छोटे से छोटे अवधि वाले किरायेनामे की भी कानूनी वैल्यू सुनिश्चित होगी। इसलिए जो भी संपत्ति किराये पर दें या लें किरायानामा बनवाकर उसे रजिस्टर्ड कराना अब जरूरी हो गया है।
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ADAbhijeet Dave
Dec 09, 2025 10:04:24
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VSVISHAL SINGH
Dec 09, 2025 10:03:25
Noida, Uttar Pradesh:जैसा कि विदित है कि आज से संसद में चूंकि चुनाव सुधार को लेकर चर्चा हो रही है। अतः बी.एस.पी. की ओर से इस सम्बन्ध में यह कहना है कि चुनाव की प्रक्रिया में अन्य सुधार लाने के साथ-साथ निम्न तीन ख़ास सुधार लाना बहुत ज़रूरी हैं। SIR को लेकर जो पूरे देश में व्यवस्था चल रही है BSP उसके विरोध में नहीं है। परन्तु BSP का यह कहना है कि इस सम्बन्ध में मतदाता सूची में नाम भरने की जो भी प्रक्रिया होनी है, उसके लिए जो समय सीमा निर्धारित की गई है वो बहुत ही कम है, जिसकी वजह से BLO के ऊपर भी काफी दबाव है और कई BLO काम के दबाव के वजह से अपनी जान भी गवां चुके हैं। जहाँ करोड़ों मतदाता हैं वहाँ BLO को उचित समय मिलना ही चाहिये और ख़ासतौर पर उस प्रदेश में जहाँ जल्दी ही कोई भी चुनाव नहीं है। उत्तर प्रदेश में लगभग 15.40 करोड़ से भी ज़्यादा मतदाता हैं और अगर वहाँ SIR का कार्य जल्दबाज़ी में पूरा करने की कोशिश की जायेगी तो इसका नतीजा यह होगा कि अनेकों वैध-मतदाता ख़ासतौर पर जो गरीब हैं और काम करने के सिलसिले में बाहर गये हैं, तो फिर उनका नाम मतदाता सूची से रह जायेगा और वो बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी द्वारा ऐसे व्यक्तियों को दिया गया वोट डालने का संवैधानिक अधिकार से वंचित कर देगा, जो कि पूर्ण रूप से अनुचित होगा। अतः ऐसे में SIR की प्रक्रिया को पूरी करने में जल्दबाज़ी ना करते हुये उचित समय दिया जाना चाहिये अर्थात् वर्तमान मे दी गई समय सीमा को बढ़ाना चाहिये। इसके साथ ही, मा. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार चुनाव आयोग द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं। ऐसे लोग जिनका कोई भी आपराधिक इतिहास है उन्हें अपने हलफनामें में इसका अपने आपराधिक इतिहास का पूरा ब्योरा देना होगा और इसके साथ-साथ स्थानीय अख़बारों में भी इसका पूरा विवरण भी प्रकाशित करना होगा तथा जिस राजनैतिक पार्टी से वे चुनाव लड़ रहे हैं, उस राजनैतिक पार्टी की भी ज़िम्मेदारी होगी कि वह इस सूचना को अपने स्तर से भी राष्ट्रीय अख़बारों में भी प्रकाशित करेगी। इस सम्बन्ध में BSP का कहना है कि अक्सर यह पाया गया है कि जिस व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए टिकट/सिम्बल दिया जाता है उनमें से कुछ लोग अपना आपराधिक इतिहास पार्टी को नहीं बतातें हैं तथा कुछ लोगों के सम्बन्ध में स्क्रूटनी (scrutiny) के समय ही पार्टी को इसका पता लग पाता है, जिसकी वजह से इसकी ज़िम्मेवारी पार्टी के ऊपर आ जाती है और वैसे भी ऐसे प्रत्याशियों के आपराधिक इतिहास को राष्ट्रीय अख़बारों में छपवाने की ज़िम्मेवारी पार्टी के ऊपर डाली गयी है। जबकि इस सम्बन्ध में हमारी पार्टी का यह सुझाव है कि आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों के सम्बन्ध में सभी औपचारिकताएं पूरी करने की ज़िम्मेदारी उन्हें ही पर डालनी चाहिये ना कि पार्टी के ऊपर होनी चाहिये। और अगर आगे चलकर यह मालूम होता है कि किसी प्रत्याशी ने अपना आपराधिक इतिहास छुपाया है तो इससे सम्बद्ध हर प्रकार की कानूनी liability और ज़िम्मेदारी भी उसी पर आनी चाहिये ना कि पार्टी के ऊपर। इसके इलावा हमारी पार्टी का यह भी सुझाव है कि EVM के द्वारा उसमें लगातार उठती गड़बड़ियों की शिकायत जो चुनाव के दौरान और उसके बाद व्यक्त की जाती है उसे दूर करने के लिए और चुनाव प्रक्रिया में सभी का पूर्ण रूप से विश्वास पैदा करने के लिए अब EVM के द्वारा vote डलवाने की जगह पुनः बैलेट पेपर से ही vote डलवाने की प्रक्रिया लागू की जाये और अगर किसी वजह से ऐसा अभी नहीं किया जा सकता है तो कम से कम VVPAT के डब्बे में जो vote डालते समय पर्ची (slip) गिरती है उन सभी पर्चियों की गिनती सभी बूथों में करके EVM के वोटों से मिलान किया जाये। ऐसा ना करने का जो कारण Election Commission द्वारा बताया जाता है, कि इसमें काफी समय लग जायेगा जबकि इनका यह तर्क बिलकुल भी उचित नहीं है। क्योंकि अगर सिर्फ कुछ और घन्टे गिनती में लग जाते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिये, जबकि वोट डालने की चुनाव प्रक्रिया महीनों चलती है। और यह इसलिए भी जरूरी है कि इससे देश की आमजनता का चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा तथा इस प्रकार के जो अनेकों प्रकार के सन्देह उत्पन्न होते हैं उनपर भी पूर्ण विराम लगेगा, जो देश हित में होगा।
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