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Hoshangabad461001

नर्मदापुरम में भारतीय किसान संघ ने किसानों को तीन प्रमुख समस्याओं को लेकर किया चक्काजाम

Aug 01, 2024 05:00:43
Narmadapuram, Madhya Pradesh

भारतीय किसान संघ ने किसानों की शासन प्रशासन से प्रमुख तीन मांगो को लेकर बुधवार को सिवनी मालवा में तहसील कार्यालय के सामने हरदा नर्मदापुरम मुख्य मार्ग पर चक्काजाम पर जमकर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। संघ के सदस्यों ने किसानों की मूंग खरीदी, स्लॉट बुकिंग, किसानों की मूंग खरीदने के बाद उनकी राशि का भुगतान जल्द से जल्द किया जाने सहित अन्य मांगो को लेकर चक्काजाम कर प्रदर्शन किया।

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SGSANJEEV GIRI
Oct 28, 2025 06:06:25
Latehar, Jharkhand:एंकर :- लातेहार 15 लाख रुपए का इनामी माओवादी नक्सली रविंद्र गंझु की पत्नी ललिता देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है । ललिता देवी पर भी नक्सली गतिविधियों से संबंधित मामले दर्ज थे न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने छापामारी अभियान चलाकर उसे गिरफ्तार किया लातेहार एसपी कुमार गौरव ने इसकी पुष्टि की है ।कुख्यात नक्सली रविंद्र गंझू भाकपा माओवादी का कमांडर है इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापामारी अभियान चला रही है । इस पर कई पुलिस कर्मियों की हत्या का भी आरोप है इधर रविंद्र की पत्नी ललिता पर भी लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में शामिल रहने और कई संगीन मामलों में वांछित होने का आरोप था । ललिता देवी पूर्व में भी जेल जा चुकी थी पर जमानत मिलने के बाद जब जेल से बाहर आई तो फिर से नक्सली गतिविधियों में शामिल हो गई । मामला दर्ज होने के बाद वह फरार चल रही थी उसकी गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से वारंट भी निकला हुआ था । लातेहार एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली कि ललिता देवी लोहरदगा जिला के जोबांग थाना क्षेत्र के इलाके में देखी गई है । सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम गठित की गई और छापामारी कर ललिता देवी को गिरफ्तार कर लिया गया । एसपी कुमार गौरव ने बताया कि ललिता देवी को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है । 15 लाख के इनामी नक्सली रविंद्र गंझु पर तीन दर्जन से अधिक नक्सली हिंसा के मामले दर्ज हैं । लातेहार और लोहरदगा के इलाके में रविंद्र सक्रिय रहता है इस इलाके में सक्रिय रहने वाला यह एकमात्र नक्सली कमांडर बचा हुआ है । इस पर एनआईए में भी मामला दर्ज है इसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है, पर अभी तक यह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है । लातेहार एसपी कुमार गौरव ने मुख्य धारा से भटके हुए सभी नक्सलियों से अपील किया है कि वह सरेंडर करके सरकार की नई दिशा कार्यक्रम के तहत आत्मसमर्पण योजना का लाभ लें । उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को सरकारी प्रावधान के तहत पुनर्वास के लिए सुविधा तथा सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी । जो भी नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे उन्हें पुलिस हरसंभव सहयोग भी प्रदान करेगी । एसपी ने कहा कि नक्सलवाद और हिंसा हमेशा विनाश की ओर ले जाता है इसलिए हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्य धारा में लौट आएं ।
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JCJitendra Chaudhary
Oct 28, 2025 06:06:05
Begusarai, Bihar:एंकर बेगूसराय में चुनाव से पहले पुलिस की कारवाई और गुंडागर्दी से एक गावं में ना सिर्फ हड़कंप मचा हुआ है। बल्कि लोगो में पुलिस के खिलाफ काफी ज्यादा आक्रोश ब्याप्त है। पुलिस के द्वारा घर में घुसकर महिला एवं पुरुष के साथ बर्बरतापूर्वक पिटाई से नाराज लोगों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वही पुलिस के द्वारा पिटाई करने का वीडियो भी सामने आया है जहाँ रात के अंधेरे में घर में घुसकर महिला के साथ मारपीट और बदतमीजी की जा रही है इसका वीडियो भी उन लोगों के द्वारा उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि जब वीडियो बना रहे थे तो पुलिस के द्वारा मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया गया और मारपीट की गई साथ ही साथ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। इस دوران गावं के लोग इसे लोक तंत्र की हत्या और इस कारवाई को राजनीतिक से प्रेरित बता रहे है। साथ ही पुलिस पर एक खास बिधायक के पक्ष में की गई कारवाई का आरोप लगा रहे है। आरोप है की पुलिस मटिहानी बिधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के उम्मीदवार नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह के एक समर्थन के घर पर यह कारवाई रात के अंधरे में की, जिसमें घर की महिला की पिटाई के साथ पुलिस अपने साथ लाई पिस्टल को घर के मुखिया के हाथों में रखकर उसको गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। जब विरोध किया गया तो पुलिस के द्वारा महिला एवं पुरुष के साथ बेरहमी से पिटाई की गई। इस पुलिस की कार्रवाई से काफी ज्यादा गांव के लोग आक्रोश हो गए और आंदोलन करने की चेतावनी दे डाली। परिबार के लोग बताये है की जिस समर्थक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर आज तक 107 का भी मुकदमा दर्ज नहीं है। मटिहानी थाना की पुलिस द्वारा की गई इस कारवाई का वीडियो फूटेज भी सामने आया है। बताया जाता है की मटिहानी पुलिस बीती रात अचानक से जगतपुरा स्थित चकवाली गावं दल बल के साथ पहुँचती है। और बोगो सिंह के समर्थक के घर का कोना कोना छान मानती है। घर के किसी कोने में कुछ नहीं मिलने पर पुलिस अपने साथ लाई देशी कट्टा को रिकवरी दिखाकर घर के मुखिया को गिरफ्तार कर ले जाती है। जिस घर में यह कारवाई की गई है वो घर बोगो सिंह के समर्थक है आरोप है की इसी बजह से पुलिस गावं में दहशत फैलाने के लिए यह कारवाई की है। इस दौरान पुलिस की कारवाई का वीडियो बनाने पर पुलिस ने महिला की भी बेरहमी से पिटाई की है। इस कारवाई में एक भी महिला पुलिस साथ नहीं था। घटना की खबर मिलते है गावं के लोगो में आक्रोश ब्याप्त है। और लोग इसे लोक तंत्र की हत्या मान रहे है。
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HUHITESH UPADHYAY
Oct 28, 2025 06:04:37
Pratapgarh, Rajasthan:जिला : प्रतापगढ़ विधानसभा : प्रतापगढ़ खबर की लोकेशन : अरनोद हेडर/हेडलाईन : अरनोद में नालियां बनी मुसीबत, हल्की बारिश में ही दुकानों में घुसा गंदा पानी, प्रशासन के दावे हुए फेल एंकर/इंट्रो : हल्की सी बारिश ने एक बार फिर अरनोद नगर की सफाई व्यवस्था और प्रशासनिक दावों की पोल खोल दी। सोमवार को हुई मामूली बरसात के बाद ही नगर की प्रमुख नालियां उफान पर आ गईं और मुख्य बाजार सहित कई क्षेत्रों में गंदा पानी दुकानों में घुस गया। अचानक आई इस स्थिति से व्यापारियों और राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मुख्य बाजार, बस स्टैंड क्षेत्र और मंदिर मार्ग पर पानी भरने से पैदल चलना तक मुश्किल हो गया। दुकानदार अपनी दुकानों से बाल्टियों और झाड़ू की मदद से पानी निकालते नजर आए। वहीं वाहन गुजरने पर सड़क पर जमा पानी के छींटे राहगीरों और श्रद्धालुओं पर उड़ते रहे। व्यापारियों ने बताया कि वर्षों से नालियों की सफाई नहीं हुई है। कई स्थानों पर तो नालियों के ऊपर सीसीकरण कर दिया गया है, जिससे अब उनकी सफाई करना लगभग असंभव हो गया है। परिणामस्वरूप हल्की बारिश में ही गंदा पानी सड़कों पर फैल जाता है और पूरा बाजार तालाब में तब्दील हो जाता है। स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार पंचायत और अब नगरपालिका प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि नगरपालिका बनने के बाद भी सफाई व्यवस्था में सुधार की जगह हालात और बिगड़ गए हैं। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते नालियों की सफाई और मरम्मत का कार्य नहीं किया गया, तो आगामी बरसात में स्थिति और भयावह हो सकती है। व्यापारियों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अरनोद जैसे कस्बे में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव होना आमजन के साथ सरासर अन्याय है। बाइट- नगरवासी
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BSBarun Sengupta
Oct 28, 2025 06:03:38
Barrackpore, Kolkata, West Bengal: যে দিন অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায় গ্রেফতার হবে সেই দিন আমি কলকাতা থেকে বাড়ি আস্তে দেখব অধ্যেক তৃণমূল শেষ হয়ে গেছে। আর অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায়কে গ্রেফতার হতেই হবে। এমন কি মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় কেও গ্রেপ্তার হতে হবে। যারা বলছে আগুন জ্বালাব,লন্ডভন্ড করে দেবো তাদের বলছি আগুন টা জ্বালিয়ে দেখুক, লাঠি উচু করলে মাঠ ফাঁকা হয়ে যায়। আবার এরা আগুন জ্বালাবে। পুলিশ বাদদিয়ে দিলে এদের দেখা যাবে না।এমনটাই মন্তব্য বারাকপুরের প্রাক্তন সাংসদ অর্জুন সিংয়ের। ছট পুজোর উপলক্ষ্যে জল পথে বিভিন্ন ঘাট ঘুরে জন সংযোগ সাররেন তিনি। লক্ষলক্ষ মানুষ আজ বিভিন্ন ঘাটে ছট পুজা সারেন। করেন সূর্যের আরাধনা。
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BMBiswajit Mitra
Oct 28, 2025 06:03:02
Ranaghat, West Bengal:সর্বপ্রথম ঘটে জগদ্ধাত্রী পুজোর সূচনা নদিয়ারের শান্তিপুরে সময়টা ১৭৬০ সাল। রবার্ট ক্লাইভ মীরজাফরকে সরিয়ে মীরকাশিমকে বাংলার নবাব করেন। ইস্ট ইন্ডিয়া কোম্পানির পক্ষ নিয়ে কর দিতে অস্বীকার করায় নদিয়ার রাজা কৃষ্ণচন্দ্রকে মীরকাশিম মুঙ্গেরে বন্দী করেন। ১৭৬৩ সালে মীরকাশিম ও ইংরেজদের যুদ্ধে সুযোগ পেয়ে রাজা পালিয়ে আসেন। ফেরার পথে গঙ্গায় দুর্গা বিসর্জন দেখে ব্যথিত রাজা স্বপ্নাদেশ পান কার্ত্তিকী শুক্লা নবমীতে দুর্গামন্ত্রে দেবী জগদ্ধাত্রীর পূজা করতে। কোনো রূপ না পেয়ে তিনি ঘটপূজায় সূচনা করেন, যা পরে নদিয়ায় বিখ্যাত হয়। নদিয়ার শান্তিপুরের কাছে ব্রহ্মশাসন গ্রামে বাস করতেন সাধক চন্দ্রচূড় তর্কচূড়ামণী পঞ্চানন। ধ্যানযোগে তিনি সূর্যোদয়ের সময় দেবীকে সিংহবাহিনী, চতুর্ভুজা, রক্তিমবর্ণ রূপে দর্শন করেন। দেবীর আদেশে তিনি প্রথম মূর্তি গড়ে জগদ্ধাত্রীর পূজা শুরু করেন। পরে রাজা গিরিশচন্দ্র রায়ের পৃষ্ঠপোষকতায় তিনি দেবীর কাছ থেকে পূজার মন্ত্র ও পদ্ধতি লাভ করেন। মহামারীতে গ্রাম নিশ্চিহ্ন হলে ব্রাহ্মণরা দেবীর চরণপিঠ ও সামগ্রী সূত্রাগড় বিশ্বাসপাড়ায় রেখে যান। তখন থেকেই সূত্রাগড়ে নিষ্ঠার সঙ্গে মা জগদ্ধাত্রীর পূজা চলে আসছে। জানা যায় ১০৮ ঘর ব্রাহ্মণের ভিতর বর্তমানে রয়েছে এক ঘর ব্রাহ্মণের পরিবার। ব্রাহ্মণ পরিবারের বংশধর রমা প্রসাদ মুখার্জী জানিয়েছেন আজ থেকে প্রায় চারশো বছরও বেশি আগে সর্বপ্রথম এখানে জগদ্ধাত্রী পুজোর সূচনা হয়েছিল ঘটে পরবর্তীতে মূর্তি পূজার সূচনা হয়। রাজ পরিবারের হাত ধরেই এ pujोর সূচনা হয়েছিল সাধক চন্দ্রচুর তর্ক চুরা মনি শান্তিপুর হরিপুর অঞ্চলের ব্রহ্ম শাসন এলাকায় নদীর পাড়ে কামরাঙ্গা গাছের গোড়ায় পঞ্চমুন্ডির আসনে ধ্যানযোগে তিনি সূর্যোদয়ের সময় মায়ের রূপ দেখতে পান। এরপর শুরু হয় এখানে দেবী মূর্তি গড়ে পূজা অর্চনা। যদিও পূজা উদ্যোক্তা সুমন্ত ব্যানার্জি জানিয়েছেন আমাদের এখানে ঘট পুজোর প্রচলন ছিল পরবর্তীতে মূর্তি পুজো অনুষ্ঠিত হয় , তবে এই পুজোর সাথে রাজ পরিবারের যোগ রয়েছে। কারণ সেই সময় রাজ পরিবারের নির্দেশেই এখানে ঘট পূজোর প্রচলন শুরু হয়েছিল। তবে এখানে ঘট পুজো চালু হলেও ছিল না, কোন মূর্তি ও মন্ত্র , পরবর্তী সময়ে মূর্তি ও মন্তের সূচনা হয় রাজ পরিবারের হাত ধরে। জানা যায় শান্তিপুর হরিপুর অঞ্চলের ব্রহ্মশাসন এই এলাকায় ১০৮ ঘর ব্রাহ্মণ বসবাস করতেন কিন্তু মারণ রোগ দেখা দেওয়ায় একটি ব্রাহ্মণ পরিবারের ছাড়া বাকি পরিবার সকলেই মারা যান। এই এক ঘর ব্রাহ্মণ পরিবারের সদস্যরা কেউ থাকেন কলকাতায় বা কেউ থাকেন অন্যত্র। এছাড়াও এই গ্রামে রয়েছেন এই পরিবারের সদস্যরা।
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BMBiswajit Mitra
Oct 28, 2025 06:02:27
Ranaghat, West Bengal:সর্বপ্রথম ঘটে জগদ্ধাত্রী পুজোর সূচনা নদিয়ারের শান্তিপুরে সময়টা ১৭৬০ সাল। রবার্ট ক্লাইভ মিরজাফরকে সরিয়ে মীরকাশিমকে বাংলার নবাব করেন। ইস্ট ইন্ডিয়া কোম্পানির পক্ষ নিয়ে কর দিতে অস্বীকার করায় নদিয়ারের রাজা কৃষ্ণচন্দ্রকে মীরকাশিম মুঙ্গেরে বন্দী করেন। ১৭৬৩ সালে মীরকাশিম ও ইংরেজদের যুদ্ধে সুযোগ পেয়ে রাজা পালিয়ে আসেন। ফেরার পথে গঙ্গায় দুর্গা বিসর্জন দেখে ব্যথিত রাজা স্বপ্নাদেশ পান কার্ত্তিকী শুক্লা নবমীতে দুর্গামন্ত্রে দেবী জগদ্ধাত্রীর পূজা করতে। কোনো রূপ না পেয়ে তিনি ঘটপূজায় সূচনা করেন, যা পরে নদিয়ায় বিখ্যাত হয়। নদিয়ার শান্তিপুরের কাছে ব্রহ্মশাসন গ্রামে বাস করতেন সাধক চন্দ্রচূড় তর্কচূড়ামণী পঞ্চানন। ধ্যানযোগে তিনি সূর্যোদয়ের সময় দেবীকে সিংহবাহিনী, চতুর্ভুজা, রক্তিমবর্ণ রূপে দর্শন করেন। দেবীর আদেশে তিনি প্রথম মূর্তি গড়ে জগদ্ধাত্রী পূজা শুরু করেন। পরে রাজা গিরিশচন্দ্র রায়ের পৃষ্ঠপোষকতায় তিনি দেবীর কাছ থেকে পূজার মন্ত্র ও পদ্ধতি লাভ করেন। মহামারীতে গ্রাম নিশ্চিহ্ন হলে ব্রাহ্মণরা দেবীর চরণপিঠ ও সামগ্রী সূত্রাগড় বিশ্বাসপাড়ায় রেখে যান। তখন থেকেই সূত্রাগড়ে নিষ্ঠার সঙ্গে মা জগদ্ধাত্রীর পূজা চলে আসছে। জানা যায় ১০৮ ঘর ব্রাহ্মণের ভিতর বর্তমানে রয়েছে এক ঘর ব্রাহ্মণের পরিবার। ব্রাহ্মণ পরিবারের বংশধর রমা প্রসাদ মুখার্জী জানিয়েছেন আজ থেকে প্রায় চারশো বছরও বেশি আগে সর্বপ্রথম এখানে জগদ্ধাত্রী পুজোর সূচনা হয়েছিল ঘটে পরবর্তীতে মূর্তি পূজার সূচনা হয়। রাজ পরিবারের হাত ধরেই এ পুজোর সূচনা হয়েছিল সাধক চন্দ্রচুর তর্ক চুরা মনি শান্তিপুর হরিপুর অঞ্চলের ব্রহ্ম শাসন এলাকায় নদীর পাড়ে কামরাঙ্গা গাছের গোড়ায় পঞ্চমুন্ডির আসনে ধ্যানযোগে তিনি সূর্যোদয়ের সময় মায়ের রূপ দেখতে পান। এরপর শুরু হয় এখানে দেবী মূর্তি গড়ে পূজা অর্চনা। যদিও পূজা উদ্যোক্তা সুমন্ত ব্যানার্জি জানিয়েছেন আমাদের এখানে ঘট পুজোর প্রচলন ছিল পরবর্তীতে মূর্তি পুজো অনুষ্ঠিত হয় , তবে এই পুজোর সাথে রাজ পরিবারের যোগ রয়েছে। কারণ সেই সময় রাজ পরিবারের নির্দেশেই এখানে ঘট পূজোর প্রচলন শুরু হয়েছিল। তবে এখানে ঘট পুজো চালু হলেও ছিল না, কোন মূর্তি ও মন্ত্র , পরবর্তী সময়ে মূর্তি ও মন্তের সূচনা হয় রাজ পরিবারের হাত ধরে। জানা যায় শান্তিপুর হরিপুর অঞ্চলের ব্রহ্মশাসন এই এলাকায় ১০৮ ঘর ব্রাহ্মণ বসবাস করতেন কিন্তু মারণ রোগ দেখা দেওয়ায় একটি ব্রাহ্মণ পরিবার ছাড়া বাকি পরিবার সকলেই মারা যান। এই এক ঘর ব্রাহ্মণ পরিবারের সদস্যরা কেউ থাকেন কলকাতায় বা কেউ থাকেন অন্যত্র। এছাড়াও এই গ্রামে রয়েছেন এই পরিবারের সদস্যরা।
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CDChampak Dutta
Oct 28, 2025 06:01:31
Kaji Chak, West Bengal:গত কয়েকদিন ধরে অবিরাম রক্ত ঝরছে গাছ থেকে! শুনতে অবিশ্বাস্য মনে হলেও ঘটনাটি একেবারেই বাস্তব বলে দাবি এলাকাবাসীদের। পশ্চিম মেদিনীপুর জেলার চন্দ্রকোনা এক নম্বর ব্লকের লক্ষ্মীপুর গ্রাম পঞ্চায়েতের নতুন গ্রাম এলাকায় ঘটছে এমনই এক রহস্যময় ঘটনা। গ্রামের মানুষ দাবি,নতুন গ্রামে মমতা মিদ্যা নামে এক গৃহবধূ বহু বছর ধরে নিজেদের বাড়ির সামনে থাকা কাঠাল গাছের তলায় কালীপুজো করে আসছেন।প্রায় চার বছর বন্ধ থাকার পর এ বছর আবারও কালীপুজোর দিন মাটির প্রতিমা না তুলে ঘটে পুজো হয় সেই গাছতলায়।আর তার ঠিক পরের দিন থেকেই শুরু হয়েছে অদ্ভুত ঘটনা।গাছের গায়ে হঠাৎই দেখা যায় রক্তের মতো লাল তরল পদার্থ যা চার দিন ধরে অবিরাম ঝরছে, পড়ছে মাটিতে। স্থানীয়দের মধ্যে ছড়িয়ে পড়েছে কৌতূহল।কেউ বলছেন,deবীর অলৌকিক উপস্থিতির ইঙ্গিত এটি, আবার কেউ বলছেন, এটি কোনো অশুভ লক্ষণ।অনেকে আবার গাছের নিচে ধূপ-ধুনো জ্বালিয়ে প্রণাম করতে শুরু করেছেন। ঘটনাস্থলে ইতিমধ্যে ভিড় জমাচ্ছেন আশপাশের গ্রামের মানুষও।কেউ ছবি তুলছেন,কেউ ভিডিও করছেন আবার কেউ চুপচাপ দাঁড়িয়ে তাকিয়ে আছেন রক্তাক্ত সেই গাছের দিকে।যেন কোনো অলৌকিক রহস্যের সাক্ষী। তবে প্রশাসন ও বনদপ্তর সূত্রে জানা গেছে,বিষয়টি বৈজ্ঞানিকভাবে খতিয়ে দেখা হবে।প্রাথমিকভাবে ধারণা করা হচ্ছে গাছের অভ্যন্তরে থাকা কোনো ছত্রাক বা রাসায়নিক বিক্রিয়ার ফলেই এমন ঘটনা ঘটতে পারে। তবু গ্রামের মানুষ বলছেন, "চার বছর পর পুজো হল। তারপরই গাছ থেকে রক্ত ঝরছে,এটা শুধু বিজ্ঞান দিয়ে বোঝানো যাবে না." অলৌকিক না বৈজ্ঞানিক,রহস্যের জট এখনো কাটেনি। তবে আপাতত চন্দ্রকোনার নতুন গ্রাম জুড়ে ভাসছে একটাই প্রশ্ন,গাছ কি সত্যিই কাঁদছে؟
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MDMritunjay Das
Oct 28, 2025 06:00:47
Bankura, West Bengal:এসআইআর বিতর্কের মাঝেই বাঁকুড়ে ভুয়ো ভোটারের খোঁজ, আপাদমস্তক হিন্দু গ্রামের ভোটার তালিকায় একের পর এক মুসলিম ভোটারের নাম। গ্রামে গিয়ে বিশদ জেনে রাজ্য সরকারকে তোপ প্রাক্তন কেন্দ্ৰীয় মন্ত্রীদের, পাল্টা কমিশনকে দূষলো তৃনমূল। আপাদমস্তক হিন্দু গ্রাম। গ্রামে কস্মিনকালেও কোনো সংখ্যালঘু মুসলিম পরিবারের বসবাস ছিল না। আজো নেই। কিন্তু গ্রামের ভোটার তালিকায় বহাল তবিয়তে রয়েছে একাধিক সংখ্যালঘু মুসলিম নাম। ভোটার তালিকায় থাকা সেই সব নামের ব্যক্তিদের চেনেন না গ্রামের কেউই। তাহলে কীভাবে ভোটার তালিকায় ঢুকে পড়ল সেই নামগুলি? বাঁকুড়া এক নম্বর ব্লকের শ্যামপুর গ্রামে গিয়ে ভোটার তালিকা হাতে ভুয়ো ভোটারদের তথ্য যাচাই করে এরজন্য রাজ্যের সরকারকেই দূষলেন প্রাক্তন কেন্দ্রীয় মন্ত্রী তথা বিজেপি নেতা সুভাষ সরকার। পাল্টা বিজেপিকে একহাত নিয়ে নির্বাচন কমিশনকে দূষেছে তৃনমূল। নির্বাচনের কমিশনের তরফে গতকালই এ রাজ্যে এসআইআর এর বিজ্ঞপ্তি দেওয়া হয়েছে। এ রাজ্যে ভুয়ো নাগরিকদের চিহ্নিত করে বাদ দেওয়ার প্রক্রিয়া কার্যত শুরু হয়ে গেছে। আর এরই মাঝে চাঞ্চল্যকর অভিযোগ উঠে এল বাঁকুড়া এক নম্বর ব্লকের শ্যামপুর গ্রামে। এই গ্রামেই রয়েছে ২৮৫ নম্বর বুথ। এই বুথের ভোটার তালিকায় নাম রয়েছে মোট ১০৪৬ জন ভোটারের। সেই ভোটার তালিকায় নিজেদের নাগরিকত্ব সংক্রান্ত তথ্য যাচাই করতে গিয়ে স্থানীয়েরা দেখেন ওই তালিকায় একের পর এক সংখ্যালঘু ভোটারের নাম রয়েছে। ভোটার তালিকায় ৬ নম্বরে রয়েছে সুয়েরাবানু খাতুন, ৩২২ নম্বরে রয়েছে রিপন મল্লિક, ৩২৩ নম্বরে মুস্তারা খাতুন ও ৪৮৫ নম্বরে রয়েছে আকলিন মুস্তাক মিদ্যার নাম। প্রতিটি নামের পাশে রয়েছে বাবার নাম বাড়ির নম্বর, বয়স, ছবি এমনকি ভোটার কার্ড নম্বরও। প্রত্যেকেরই বয়স ২২ থেকে ২৩ বছর। স্থানীয় বাসিন্দাদের দাবি শ্যামপুর গ্রাম তো দূরের কথা আশপাশের গ্রামেও কস্মিনকালে সংখ্যালঘু মুসলিম সম্প্রদায়ের কোনো মানুষের বসবাস ছিল না। আজো নেই। তাহলে ওই নামগুলি কীভাবে ঢুকে গেল ভোটার তালিকায়? হতবাক স্থানীয়বাসিন্দারা। ভুয়ো ভোটারদের তথ্য যাচাই করতে ভোটার তালিকা হাতে গ্রামে গিয়েছিলেন প্রাক্তন কেন্দ্রীয় শিক্ষা প্রতিমন্ত্রী সুভাষ সরকার। তাঁর দাবি ইচ্ছাকৃতভাবে এই ধরনের ভুয়ো ভোটারদের নাম ভোটার তালিকায় তুলে তা রেখে দেওয়া হয়েছে। এর জন্য রাজ্য সরকারকে দূষে তাঁর দাবি এসআইআর চলাকালীন বিএলও দের এই তথ্য দিয়ে নামগুলি তালিকা থেকে বাদ দেওয়ার আবেদন জানানো হবে। বিজেপির দাবিকে আমল না দিলেও তৃনমূল ওই ভোটার তালিকায় ভুয়ো ভোটারদের অস্তিত্ব কার্যত মেনে নিয়েছে। তবে তাঁদের দাবি প্রযুক্তিগত ভুল বা আবেদনের ত্রুটির কারনে এই ঘটনা ঘটে থাকতে পারে। তবে তাদের দাবি স্বাভাবিক নিয়মেই এই ভুয়ো নামগুলি বাদ চলে যাবে।
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PSPIYUSH SHUKLA
Oct 28, 2025 06:00:17
Panna, Madhya Pradesh:बच्चों को पढ़ाते पढ़ाते शिक्षिका की हुई मौत विद्यालय में हृदय गति रुकने से शिक्षिका की मौत पन्ना जिले के शाहनगर विकासखंड के शासकीय माध्यमिक शाला रंगोली में उस समय शोक की लहर दौड़ गई जब विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। जानकारी के अनुसार शिक्षिका रेखा सिंह पति मूर्तध्वज सिंह, उम्र लगभग 55 वर्ष, की सोमवार दोपहर करीब 3 बजे विद्यालय में अचानक तबीयत बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि उन्हें दिल का दौरा (हृदय गति रुकने) का अटैक आया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। विद्यालय परिसर में यह घटना होते ही साथी शिक्षकों और विद्यार्थियों में शोक छा गया। सूचना मिलते ही परिजन भी मौके पर पहुंच गए।अचेत अवस्था में शिक्षिका को सीएचसी शाहनगर लाया गया,जहां चिकित्सक द्वारा शिक्षिका को मृत घोषित कर दिया गया। शिक्षिका रेखा सिंह का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम बुधरौंड़ में आज मंगलवार को किया जाएगा। विद्यालय परिवार और ग्रामीणों ने उनकी असामयिक मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
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HSHITESH SHARMA
Oct 28, 2025 05:55:35
Durg, Chhattisgarh:एंकर-दुर्ग से इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है जहां दुर्ग के शिक्षक नगर में सुने मकान में चोरी करने वाले तीन अपचारी बालकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है तीनों अपचारी चोरों के पास से 6 लाख 5 हजार 800 का सोने का 50 ग्राम का बिस्किट समेत कांसे पीतल के सामान भी बरामद किए गए हैं दरअसल शिक्षक नगर की रहने वाली उमाशंकर पटेरिया ने सिटी कोतवाली थाने में लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी कि 11 से लगातार वे तक वह शहर से बाहर गई हुई थे इसी बीच जब वापस लौटे तो उनके घर का ताला टूटा हुआ मिला और घर के अंदर रखे 50 ग्राम सोने के बिस्किट एक पीतल का लोटा पीतल का कलश और पीतल की एक छोटी टंकी गायब मिली जिसके बाद उमाशंकर पटेरिया ने लिखित में शिकायत दर्ज कराई शिकायत मिलते ही पुलिस ने घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो सीसीटीवीवी में तीन संदिग्ध आपचारी बालक दिखाई दिए जो की बोरी में आधी रात सामान लेकर जा रहे थे इसके बाद पुलिस ने की तीनों ही नाबालिक चोरों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो तीनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया इसके बाद पुलिस ने तीनों को बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है.
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DGDeepak Goyal
Oct 28, 2025 05:55:23
Jaipur, Rajasthan:जयपुर। राजस्थान में लोकतंत्र के स्थानीय नगाड़े फिलहाल थम गए हैं। निर्वाचन आयोग ने प्रदेश को विशेष गहन पुनरीक्षण के दायरे में शामिल कर दिया है। जिससे पंचायत और निकाय चुनाव की प्रक्रिया अब फरवरी 2026 तक टल गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह ने साफ कहा है कि अब चुनाव तभी होंगे जब एसआईआर के आधार पर नई मतदाता सूची जारी हो जाएगी। 7 फरवरी 2026 तक चलेगा पुनरीक्षण अभियान मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार, एसआईआर की प्रक्रिया आज से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगी। इसके लिए प्रदेशभर में बूथ स्तर पर विशेष अभियान चलाने की तैयारी है। इस दौरान प्रत्येक वोटर का पुनः सत्यापन किया जाएगा-यानी मतदाता सूची अब पूरी तरह ‘रीफ्रेश मोड’ में जाएगी। चुनावी कार्यकाल पूरा, पर चुनाव अधर में राज्य की पंचायते और शहरी निकाय पहले ही अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, लेकिन चुनाव की तारीखें लगातार टलती रहीं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद तत्कालीन राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने चुनाव प्रक्रिया शुरू भी कर दी थी, मगर वर्तमान आयुक्त राजेश्वर सिंह ने नई मतदाता सूची की जरूरत का हवाला देते हुए प्रक्रिया पर विराम लगा दिया。 राजनीतिक गलियारों में हलचल एसआईआर लागू होने से जहां प्रशासन इसे लोकतांत्रिक सफाई अभियान बता रहा है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार मतदाता सूची संशोधन के नाम पर चुनावों से भाग रही है। गांवों में भी इस निर्णय को लेकर हलचल है। सरपंची की तैयारी कर रहे कई संभावित उम्मीदवार अब अगले डेढ़ साल तक इंतजार की मुद्रा में हैं。 ‘लोकतंत्र को विराम’ या ‘मतदाता सूची की सफाई’? यह सवाल अब शहरों से लेकर गांव-गांव गूंज रहा है कि यह कदम लोकतंत्र को विराम देने वाला है या मतदाता सूची को शुद्ध करने की दिशा में एक सही पहल? जनता का धैर्य और राजनीतिक दलों की रणनीति दोनों की असली परीक्षा अब 2026 की फरवरी में होगी, जब ‘एसआईआर’ के बाद फिर बजेगा चुनावी नगाड़ा。
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