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Harda461331

हरदा में धारदार हथियार से एक की गई जान, खिरकिया में झगड़े में तीन घायल

Sept 19, 2024 01:41:48
Harda, Madhya Pradesh

हरदा शहर में हुई चाकूबाजी की घटना में एक व्यक्ति की जान चली गई। वहीं, खिरकिया में बीती रात दो पक्षों के बीच हुए विवाद में एक व्यक्ति की जान चली गई, जबकि तीन लोग घायल हो गए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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JPJitendra Panwar
Nov 22, 2025 07:39:08
Karnaprayag, Uttarakhand:उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपदों में जंगली जानवरों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे आम आदमी का जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। भालू व तेंदुए का खौफ ग्रामीण क्षेत्रों में इस कदर बढ़ गया है कि ग्रामीण गाँव के आसपास दिन में अकेले जाने पर भी डर रहे हैं। वहीं सबसे ज्यादा दहशत भालू के आतंक की बनी हुई है। ग्रामीण इलाकों में भालू दिन-दहाड़े दिखने लगा है। भालू के हमलों की घटनाएँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। ताज़ा घटनाक्रम चमोली जनपद के पोखरी ब्लॉक के पाब गाँव का है, जहाँ पास के जंगल में चारापत्ती लेने गई महिला पर भालू ने अचानक हमला कर दिया। घटना के दूसरे दिन बुरी तरह घायल महिला मिली, जिनका उपचार ऋषिकेश एम्स में किया जा रहा है। इस घटना के बाद जहाँ ग्रामीण दहशत के माहौल में जी रहे हैं, वहीं उन्होंने भालू को मारने की त्वरित परमिशन की मांग की है। इसी संबंध में आज पाब के ग्रामीणों ने वनक्षेत्राधिकारी नागनाथ रेंज के नवल किशोर को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। वनक्षेत्राधिकारी नवल किशोर का कहना है कि बीते कई दिनों से भालू के ग्रामीण المجالات में दिखने की सूचना पर विकासखंड के अनेक गाँवों में दिन व रात को गश्त की जा रही है। पाब गाँव की घटना के बाद यहाँ वन विभाग की टीम के द्वारा रात्रि व दिन की गश्त तेज की गई है। वहीं पाब गाँव में महिला पर भालू के हमले की घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत के साथ-साथ रोष भी व्याप्त है। ग्रामीणों ने वन विभाग से आदमखोर भालू को मारने की परमिशन माँगी है। भालू के हमले में पीड़ित 42 वर्षीय रामेश्वरी देवी के परिजनो का कहना है कि भालू के आतंक से डर और भय का माहौल है। ग्रामीणों में आक्रोश है, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भालू के आतंक से हम घर से बाहर नहीं जा पा रहे हैं। वन विभाग की टीम गाँव में गश्त कर रही है, लेकिन इसका स्थायी समाधान निकालना जरूरी है।
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VKVINOD KANDPAL
Nov 22, 2025 07:38:53
Haldwani, Uttarakhand:स्थाई प्रमाणपत्रों के सत्यापन अभियान के दौरान एक और फर्जी मामला सामने आया है, जाँच के दौरान आवेदन में अंजुमन मोमिन अंसार सोसाइटी आज़ाद नगर, नैनीताल द्वारा द्वारा जारी कथित “ प्रमाणपत्र” प्रस्तुत किया जाना पाया गया है, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी, एस.डी.एम. हल्द्वानी तथा तहसीलदार हल्द्वानी की संयुक्त टीम द्वारा सोसाइटी के पते का सत्यापन किया गया लेकिन सोसाइटी अपने पंजीकृत पते पर मौजूद नहीं पाई गयी, स्थानीय जांच में यह तथ्य सामने आया कि रईस अहमद अंसारी जो साहूकर लाइन में दुकान चलाते है वाही सोसाइटी के नाम पर अवैध रूप से प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। मौके पर पूछताछ में रईस अहमद अंसारी द्वारा स्वीकार किया गया कि वह वर्ष 2007 से ऐसे प्रमाणपत्र जारी कर रहा है। रिकॉर्ड सत्यापन में पाया गया कि यह सोसाइटी वर्ष 2007 से रिंन्यू नहीं हुई है। सोसाइटी के अध्यक्ष एवं महासचिव का निधन हो चुका है तथा सोसाइटी पूर्णतः निष्क्रिय/अवैध स्थिति में है। इसके बावजूद एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा सोसाइटी का संचालन कर अवैध प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे। ऐसे प्रमाणपत्रों का उपयोग कई व्यक्तियों द्वारा जाति, जन्म एवं निवास प्रमाण के रूप में किया जा रहा था, जबकि सोसाइटी को ऐसे किसी प्रमाणपत्र जारी करने का कानूनी अधिकार नहीं है। एस.डी.एम. हल्द्वानी द्वारा तहसीलदार को निर्देशित किया गया है कि ऐसे प्रमाणपत्रों के आधार पर जारी सभी जाति प्रमाणपत्रों की जांच तत्काल की जाए। टीम द्वारा संबंधित सभी दस्तावेज सीज़ कर लिए गए हैं। एस.डी.एम. हल्द्वानी ने अवैध प्रमाणपत्र जारी करने में संल्लित व्यक्ति के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश जारी किए हैं। सोसाइटी से संबंधित सभी विवरणों एवं गतिविधियों की जांच प्रचलित है।
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RSRAJEEV SHARMA
Nov 22, 2025 07:38:34
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DVDinesh Vishwakarma
Nov 22, 2025 07:38:20
Narsinghpur, Madhya Pradesh:एनकर धान का कटोरा कहे जाने वाला नरसिंहपुर इस बार सोने सा लहलहा उठा है। खेतों में बम्फर पैदावार है, हर तरफ सुनहरी धान की बालियां लहरा रही हैं। लेकिन किसे पता था कि ये खुशहाली किसानों के लिए परेशानी का सबब बन जाएगी। खेत खलिहानों में फसल तो तैयार है, लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीदी केंद्रों के ताले अब तक नहीं खुले। अन्नदाता की मेहनत अब औने-पौने दामों में बिकने को मजबूर है अन्नदाता के आंसू पोंछने वाला कोई नहीं देखिए हमारी खास रिपोर्ट वीओ-01: देखिए, हर खेत उम्मीद से भरा है, लेकिन इन चमकती बालियों के पीछे छुपा है किसानों का दर्द। खलिहानों में धान की फसल सूखकर तैयार है, फिर भी खरीदार नहीं। व्यापारी मौके का फायदा उठाकर माटी मोल धान खरीद रहे हैं। किसान दिनभर मंडी के चक्र लगाकर लौट रहे हैं मायूस। सरकार ने समर्थन मूल्य तय करने का भरोसा तो दिया, मगर रेट अब तक तय नहीं हुए। खरीदी केंद्रों के ताले बंद हैं और देरी इतनी बढ़ गई है कि अब गेहूं की बोनी पर भी असर पड़ रहा है। बाइट - हरिओम लोधी किसान बाइट - मनीराम किसान सिर पर रुमाल बाइट - शिवराज किसान वीओ-02: नरसिंहपुर की कलेक्टर रजनी सिंह का कहना है कि शासन स्तर पर दर तय करने की प्रक्रिया जारी है। व्यवस्थाएं पूरी हैं, और जैसे ही सरकार रेट तय करेगी, खरीदी केंद्र खोल दिए जाएंगे। लेकिन किसानों को अब इंतजार भारी पड़ रहा है। बाइट - रजनी सिंह कलेक्टर नरसिंहपुर वीओ-03: हर साल नवंबर की शुरुआत में समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो जाती थी, पर इस बार देरी ने किसानों की उम्मीदों को ठंडा कर दिया है। एक तरफ मौसम की मार, दूसरी तरफ रेट तय न होने की बेचैनी। किसान चाहते हैं कि सरकार जल्द कदम उठाए, ताकि उनकी मेहनत मिट्टी में न मिल जाए। अन्नदाता की यही पुकार है— मेहनत का सही मूल्य मिले, तभी खेतों का यह सुनहरा रंग मायने रखेगा।
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ACAshish Chauhan
Nov 22, 2025 07:37:47
Jaipur, Rajasthan:PHED-दो अफसरों के नाम पर फर्म को फर्जी प्रमाण का दोषी माना,फिर भी फर्म पर ना ब्लैक लिस्टेड का एक्शन हुआ,ना FIR दर्ज करवाई,फाइल दबी आशीष चौहान, जयपुर- PHED में चीफ इंजीनियर मनीष बेनीवाल,रिटायर्ड एक्सईएन मोहनलाल कंवल के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र के मामले में फाइल दब गई है. चूरू की डबल ए क्लास फर्म राठौड कंस्ट्रक्शन ने दोनों अफसरों के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर 55 लाख के प्रमाण पत्र बनाए .चीफ इंजीनियर तकनीकी नीरज माथुर ने डेढ़ महीने पहले 8 अक्टूबर को जयपुर नॉर्थ अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र सिंह राठौड़ को पत्र लिखकर निर्देश दिए.लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र मामले में अधीक्षण अभियंता दफ्तर ने कोई कार्रवाई नहीं की.अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर के केस में जलदाय विभाग ने ना ही मुकदमा दर्ज करवाया और ना ही कोई एक्शन लिया.जिम्मेदार अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि फाइल नीचे के स्टाफ में चल रही है.जल्द ही इस पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी.वहीं अतिरिक्त मुख्य अभियंता 2 शुभांशु दीक्षित का कहना है कि मामले में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.अधीक्षण अभियंता दफ्तर में टैंडर लगाने पर पूरा मामला खुला,तब पूरा प्रकरण जानकारी में आया.लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब पीएचईडी ने फर्जी प्रमाण पत्र के लिए राठौड कंस्ट्रक्शन को दोषी मान लिया तो फाइल क्यों दबी? कैसे खुली पूरे खेल की पोल- चूरू के हरदेसर की डबल ए क्लास फर्म मैसर्स राठौड कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जयपुर नार्थ की निविदा में भाग लिया.इस निविदा में राठौड कंस्ट्रक्शन ने शहरी जल योजना राजलदेसर के तहत पुराने उच्च जलाशय को ध्वस्त करने,निर्माण का 55 लाख का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया.जिसमें अनुभव प्रमाण पत्र की तारीख 13 अप्रैल 2020 लिखी गई और एक्सईएन मोहनलाल कंवल के हस्ताक्षर किए हुए.लेकिन जब इस अनुभव प्रमाण पत्र की जांच के लिए रतनगढ चिट्ठी भेजी तो पोल खुल गई.मोहनलाल कंवल तो 2018 में रिटायर्ड हो गए थे. तत्कालीन अधीक्षण अभियंता मनीष बेनीवाल के नाम से 10 मार्च 2019 की तारीख का वर्क आर्डर जारी किया,जबकि मनीष बेनीवाल तो 23 मार्च 2018 से 7 सितंबर 2019 तक जयपुर वृत में पोस्टेड थे.अब मनीष बेनीवाल चीफ इंजीनियर है.मोहनलाल कंवल का कहना है कि मैं तो रिटायर्ड हो चुका था,मेरे नाम से कैसे हस्ताक्षर कर दिए.विभाग को इसमें कार्रवाई करनी चाहिए. ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई होगी- डबल ए क्लास फर्म राठौड कंस्ट्रक्शन के इस कारनामे के बाद चीफ इंजीनियर तकनीकी नीरज माथुर ने कार्रवाई के लिए प्रपोजल अधीक्षक अभियंता दफ्तर भेजा हुआ है.उनका कहना है कि पहले अधीक्षक अभियंता नॉर्थ दफ्तर पूरे मामले में इस पर कार्रवाई करेगा,वो देखेगा कि कहां कहां ये फर्जी प्रमाण पत्र लगाया है.इसके बाद चीफ इंजीनियर दफ्तर नियमों के तहत ब्लैक लिस्टेड और डिबार की कार्रवाई करेगा. दोषी माना,फिर देरी क्यों? PHED में पदमचंद और महेश मित्तल ने इरकॉन के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर 900 करोड के टैंडर हासिल किए थे,जिसमें ईडी ने एक्शन लेते हुए 5 गिरफ्तारियां की.लेकिन बड़ा सवाल ये है कि राठौड कंस्ट्रक्शन को दोषी माना फिर भी अधीक्षक अभियंता सुरेंद्र राठौड के दफ्तर कार्रवाई नहीं कर रहा,क्यों फाइल दबी हुई है? क्यों डबल ए क्लास फर्म के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जा रहा? क्या फर्म को बचाने की कोशिश की जा रही है?
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KCKashiram Choudhary
Nov 22, 2025 07:37:25
Jaipur, Rajasthan:जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रोजाना औसतन 75 फ्लाइट संचालित हो रही हैं, लेकिन सर्दियों के सुहावने मौसम में शहरवासी जिन शहरों के लिए यात्रा करना चाहते हैं, उनके लिए सीधी हवाई सेवा उपलब्ध नहीं हैं। इसके लिए हवाई यात्रियों को कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़ने का विकल्प दिया जा रहा है। आपको बता दें कि एयरलाइंस हवाई किराए में तो आम यात्रियों को ठग ही रही हैं। वे जनहित के लिहाज से ऐसे शहरों के लिए फ्लाइट संचालित नहीं करना चाहतीं, जहां के लिए आमजन की मांग ज्यादा रहती है। जी मीडिया ने शुक्रवार को खुलासा किया था कि एयरलाइंस द्वारा यात्रियों को टिकट बुकिंग के 24 घंटे में फ्लाइट टिकट में संशोधन या कैंसिलेशन का अधिकार नहीं दिया जा रहा है. वहीं एयरलाइंस की मनमर्जियों का एक और उदाहरण यह भी है कि वे केवल कमर्शियली वायबल शहरों के लिए ही फ्लाइट चलाती हैं। जयपुर से ज्यादातर केवल बड़े शहरों के लिए ही फ्लाइट चल रही हैं। जयपुर से जैसलमेर और जोधपुर के लिए जो फ्लाइट संचालित की जा रही हैं, वे सर्दियों में चलती हैं और फरवरी माह के बाद इन्हें बंद कर दिया जाता है। बड़ी बात यह है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन होने के तुरंत बाद 1 फरवरी से अयोध्या के लिए फ्लाइट शुरू हुई थी। लेकिन मात्र 1 महीने बाद ही यह फ्लाइट बंद कर दी गई। जयपुर से मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए जम्मू जाने वाले यात्रियों की फ्लाइट की Heavy मांग रहती है, लेकिन इस रूट पर कोई सीधी फ्लाइट उपलब्ध नहीं है। जयपुर से देश के 20 शहरों के लिए हवाई सेवा - जयपुर से दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, पुणे के लिए फ्लाइट - अहमदाबाद, गोवा, सूरत, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, उदयपुर, जोधपुर के लिए फ्लाइट - इंदौर, चंडीगढ़, लखनऊ, देहरादून, बेलगाम, जैसलमेर के लिए सीधी फ्लाइट्स उपलब्ध धार्मिक महत्व के किन शहरों के लिए फ्लाइट की दरकार - वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शनार्थियों के लिए हो सीधी फ्लाइट - सुबह 8:25 बजे वाराणसी की फ्लाइट SG-2958 पिछले 8 माह से बंद - अयोध्या के लिए सुबह 7:15 बजे की फ्लाइट SG-3421 मार्च 2024 से बंद - जम्मू के लिए मां वैष्णो देवी के दर्शनार्थियों की लंबे समय से फ्लाइट की मांग - जम्मू के लिए वर्ष 2016 में चली थी फ्लाइट, पिछले 9 साल से बंद - स्वर्ण मंदिर दर्शनार्थियों के लिए अमृतसर की फ्लाइट 8 माह से बंद - दोपहर 1:40 बजे अमृतसर जाती थी फ्लाइट SG-2960 - सुबह 7:30 बजे प्रयागराज की फ्लाइट SG-2963 पिछले 9 माह से बंद - शिरडी साईं बाबा के लिए मार्च 2019 तक थी फ्लाइट, 6 साल से नहीं कहीं कम न पड़ें यात्री, इसलिए नहीं चलाते फ्लाइट! दरअसल पर्यटन या धार्मिक महत्व के शहरों के लिए कई बार कुछ दिनों के लिए हवाई यात्रियों की कमी हो जाती है। ऐसे में कहीं आर्थिक नुकसान न हो, इसके लिए एयरलाइंस इन शहरों के लिए फ्लाइट चलाने से बचना चाहती हैं। अगले माह क्रिसमस और सर्दियों की छुट्टियों में जयपुर शहरवासी परिवारजनों के साथ धार्मिक या पर्यटन महत्व के शहरों के लिए हवाई यात्रा पर निकलेंगे, लेकिन उन्हें सीधी फ्लाइट्स नहीं मिल सकेंगी। हरिद्वार-ऋषिकेश जाने वालों के लिए देहरादून के लिए सीधी फ्लाइट उपलब्ध है। पर्यटन महत्व के शहरों की बात की जाए तो इनके लिए भी सीधी फ्लाइट्स की कमी है. पर्यटन महत्व के इन शहरों के लिए नहीं सीधी फ्लाइट - सुबह 8:40 बजे धर्मशाला की फ्लाइट SG-3441 थी, पिछले 4 साल से बंद - बागडोगरा के लिए मार्च 2022 तक थी सीधी फ्लाइट, अब बंद - सुबह 7:50 बजे कुल्लू के लिए अलायंस एयर की फ्लाइट 9I-805 - लेकिन कुल्लू जाने वाली यह फ्लाइट ज्यादातर रहती है रद्द - हिमाचल प्रदेश जाने वालों के लिए केवल चंडीगढ़ की फ्लाइट्स का विकल्प - श्रीनगर, लेह के लिए पर्यटकों की रहती है डिमांड, लेकिन फ्लाइट नहीं - दक्षिण भारत के कोचीन, मदुरई, त्रिवेन्द्रम के लिए सीधी फ्लाइट्स नहीं - आगरा के लिए भी पिछले 19 माह से संचालित नहीं हो रही फ्लाइट
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NJNarendra Jaiswal
Nov 22, 2025 07:36:50
Jasa, Bihar:स्लग - सरदार पटेल जयंती पर भभुआ में निकाला गया पैदल मार्च पटेल चौक से लिच्छवी भवन तक छात्रों और ग्रामीणों ने मार्च किया; विधायक भरत बिंद ने हरी झंडी दिखाकर कार्यक्रम की शुरुआत की और सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी。 कैमेरू जिलाे के भभुआ शहर में सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर स्कूली बच्चों और ग्रामीणों द्वारा एक भव्य पैदल मार्च का आयोजन किया गया। यह पैदल मार्च पटेल चौक भभुआ से शुरू होकर एकता चौक से गुजरते हुए लिच्छवी भवन भभुआ तक पहुंचा। पूरे मार्ग में भारत माता की जय और “सरदार वल्लभ भाई पटेल अमर रहे” के नारों से वातावरण गूंज उठा, जिससे माहौल राष्ट्रभक्ति से सराबोर हो गया。 भभुआ विधायक भरत बिंद ने हरी झंडी दिखाकर पैदल मार्च को रवाना किया और उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरदार पटेल की जयंती पहले मनाई जानी थी, मगर चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज का यह पैदल मार्च सरदार पटेल के त्याग, समर्पण और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है。 विधायक ने आगे कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जिस त्याग और दूरदर्शिता के साथ देश को एक सूत्र में बांधा, वह अद्वितीय है। उनका जीवन बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। विधायक बिंद ने कहा कि शिक्षा और खेल के क्षेत्र में बच्चों के आगे बढ़ने से न केवल कैमूर जिला, बल्कि पूरा बिहार गौरवान्वित होगा। उन्होंने सभी छात्रों को मेहनत और अनुशासन के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी。 लिच्छवी भवन के पास पहुंच कर एक संक्षिप्त सभा आयोजित की गई, जिसमें सरदार पटेल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बच्चे, शिक्षक, ग्रामीण और स्थानीय लोग शामिल हुए, जिन्होंने सरदार पटेल के विचारों और आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।
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RBRAMESH BALI
Nov 22, 2025 07:36:27
Chikri Ban, :धूमधाम से मनाया गया 78वां पुंछ लिंक-अप दिवस। इस मौके पर सेना की 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी. के. मिश्रा, 25 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी सहित सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीदी नमन स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुंछ जिले को भारत के साथ जोड़ने के उपलक्ष्य में 78वां पुंछ लिंक-अप दिवस आज बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। गौरतलब है कि 15 अगस्त 1947 को भारत आज़ाद हुआ था, लेकिन उसी समय स्वायत पुंछ राज्य पर पाकिस्तानी सेना और कबायलियों ने हमला कर कब्जा कर लिया था। केवल पुंछ नगर में ब्रिगेडियर प्रीतम सिंह की अगुवाई में भारतीय सेना की एक टुकड़ी मौजूद थी, जिसने सवा साल तक पाकिस्तानी सेना और कबायलियों से मोर्चा संभाले रखा। 22 नवम्बर 1948 को भारतीय सेना ने दुश्मनों को पीछे धकेलते हुए पुंछ को भारत के साथ जोड़ दिया। इसी ऐतिहासिक विजय की याद में हर वर्ष यह दिन लिंक-अप दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज पुंछ राज्य का केवल एक हिस्सा भारत के साथ है, जबकि तीन हिस्से आज भी पाकिस्तान के कब्जे में हैं। लेकिन जो क्षेत्र भारत का हिस्सा हैं, उनकी रक्षा में सैंकड़ों सैनिकों और हजारों आम नागरिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया, जिनकी वीरता आज भी लोगों को प्रेरित करती है। हर वर्ष की तरह इस बार भी शहीदी नमन स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी. के. मिश्रा, 25 इन्फैंट्री डिवीजन के जीओसी मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस मौके पर डीसी पुंछ अशोक कुमार, हवेली के विधायक एजाज जान, पूर्व सैनिकों के साथ 93 इन्फैंट्री ब्रिगेड के सभी अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
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DGDeepak Goyal
Nov 22, 2025 07:36:02
Jaipur, Rajasthan:48 IAS तबादला सूची ने बदला नौकरशाही का पावर-मैप। नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के कार्यभार संभालने के पाँचवें दिन ही राज्य सरकार ने शीर्ष नौकरशाही में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर दिया। एक ही आदेश में 48 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए, जिनमें सबसे अहम बदलाव मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में हुआ है। यह फेरबदल न केवल बड़े प्रशासनिक संकेत देता है, बल्कि सत्ता केंद्र की कार्यशैली और प्राथमिकताओं में बदलाव का भी संकेत माना जा रहा है। अखिल की CMO में एंट्री, शिखर बाहर। सबसे बड़ा परिवर्तन अखिल अरोड़ा की सीएमओ में एसीएस पद पर तैनाती के रूप में सामने आया है। अरोड़ा अपने मूल विभाग जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी (पीएचईडी) को भी साथ रखेंगे। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री के एसीएस रहे शिखर अग्रवाल को सीएमओ से हटाकर उद्योग विभाग में एसीएस, रीको अध्यक्ष और राजसिको सीएमडी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसे नौकरशाही में एक बड़े ‘मैसेज’ की तरह देखा जा रहा है, खासकर तब जब सुधांश पंत के केंद्र में डेपुटेशन पर जाने से सीएमओ में पहले ही हलचल थी। तबादला सूची में कई अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ मिली हैं, तो कुछ का प्रभाव कम भी हुआ है। उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के विशिष्ट सहायक के रूप में कार्यरत आइएएस ललित कुमार को अब चिकित्सा शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव बनाया गया है। वहीं, पीएम की सभा में तकनीकी गड़बड़ी के बाद एपीओ की जा चुकीं अर्चना सिंह की वापसी करते हुए उन्हें कार्मिक विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। कार्मिक विभाग हाल ही में केके पाठक के दिल्ली जाने के बाद अतिरिक्त जिम्मेदारियों के भरोसे चल रहा था। प्रवीण के पास PWD के साथ पर्यटन-कला-संस्कृति की कमान। पीडब्ल्यूडी के एसीएस प्रवीण गुप्ता को सबसे बड़े पोर्टफोलियो विस्तार के रूप में देखा जा रहा है। गुप्ता को पर्यटन, कला-संस्कृति, आरटीडीसी के अध्यक्ष और आमेर विकास प्राधिकरण के सीईओ जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी सौंप दिए गए हैं। ऐसे में उप मुख्यमंत्री को दिए गए दोनों प्रमुख विभाग अब पूरी तरह प्रवीण गुप्ता के पास आ गए हैं। पहले सीएमओ से हटाया, अब इंडस्ट्री से हटाकर पॉल्यूशन बोर्ड लगाया। उद्योग विभाग से हटाए गए आलोक गुप्ता को राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल का अध्यक्ष बनाया गया है। वही सामान्य प्रशासन विभाग में भी संशोधन करते हुए जोगाराम की जगह नवीन जैन को तैनाती दी गई है। एपीओ चल रहे हिमांशु गुप्ता को आईटी और राजकॉम्प में भेजा गया है। वित्त विभाग में दो महिला IAS की एंट्री। वित्त विभाग में भी दो महिला अधिकारियों की एंट्री दर्ज हुई है। डॉ. टीना सोनी को वित्त व्यय और अमिता शर्मा को संयुक्त सचिव वित्त व्यय के पद पर नियुक्त किया गया है। नए मुख्य सचिव के आने के बाद की यह पहली तबादला सूची है, जिसमें सीएमओ से लेकर प्रमुख प्रशासनिक ढाँचों में व्यापक बदलाव कर सरकार ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि शीर्ष स्तर पर नई कार्यशैली और प्राथमिकताओं के साथ प्रशासनिक पुनर्संरचना आगे भी जारी रह सकती है।
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KCKashiram Choudhary
Nov 22, 2025 07:35:42
Jaipur, Rajasthan:लोकेशन- जयपुर फीड- 2सी हैडर- - रोज 75 फ्लाइट, धार्मिक शहरों के लिए नहीं! - केवल कमर्शियल एंगल से चल रही हैं फ्लाइट - एयरलाइंस जनहित को लेकर नहीं चला रही फ्लाइट - केवल कमर्शियली वायबल शहरों के लिए फ्लाइट्स - धार्मिक महत्व के शहरों के लिए हवाई सेवा नहीं - अयोध्या, वाराणसी, जम्मू की फ्लाइट्स नहीं - अमृतसर के लिए भी हवाई सेवा 3 साल से बंद - पर्यटन महत्व के शहरों के लिए भी फ्लाइट्स का टोटा - लेह, श्रीनगर, आगरा के लिए भी फ्लाइट्स का अभाव - क्या एयरपोर्ट प्रशासन करेगा इसके प्रयास ? वीओ- 1 एयरलाइंस हवाई किराए में तो आम यात्रियों को ठग ही रही हैं। वे जनहित के लिहाज से ऐसे शहरों के लिए भी फ्लाइट संचालित नहीं करना चाहतीं, जहां के लिए आमजन की मांग ज्यादा रहती है। जी मीडिया ने शुक्रवार को खुलासा किया था कि एयरलाइंस द्वारा यात्रियों को टिकट बुकिंग के 24 घंटे में फ्लाइट टिकट में संशोधन या कैंसिलेशन का अधिकार नहीं दिया जा रहा है। वहीं एयरलाइंस की मनमर्जियों का एक और उदाहरण यह भी है कि वे केवल कमर्शियली वायबल शहरों के लिए ही फ्लाइट चलाती हैं। जयपुर से ज्यादातर केवल बड़े शहरों के लिए ही फ्लाइट चल रही हैं। जयपुर से जैसलमेर और जोधपुर के लिए जो फ्लाइट संचालित की जा रही हैं, वे सर्दियों में चलती हैं और फरवरी माह के बाद इन्हें बंद कर दिया जाता है। बड़ी बात यह है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर का उद्घाटन होने के तुरंत बाद 1 फरवरी से अयोध्या के लिए फ्लाइट शुरू हुई थी। लेकिन मात्र 1 महीने बाद ही यह फ्लाइट बंद कर दी गई। जयपुर से मां वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए जम्मू जाने वाले यात्रियों की फ्लाइट की भारी डिमांड रहती है, लेकिन इस रूट पर कोई सीधी फ्लाइट उपलब्ध नहीं है। पर्यटन महत्व के किन शहरों के लिए फ्लाइट की दरकार - वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शनार्थियों के लिए हो सीधी फ्लाइट - सुबह 8:25 बजे वाराणसी की फ्लाइट SG-2958 पिछले 8 माह से बंद - अयोध्या के लिए सुबह 7:15 बजे की फ्लाइट SG-3421 मार्च 2024 से बंद - जम्मू के लिए मां वैष्णो देवी के दर्शनार्थियों की लंबे समय से फ्लाइट की मांग - जम्मू के लिए वर्ष 2016 में चली थी फ्लाइट, पिछले 9 साल से बंद - स्वर्ण मंदिर दर्शनार्थियों के लिए अमृतसर की फ्लाइट 8 माह से बंद - दोपहर 1:40 बजे अमृतसर जाती थी फ्लाइट SG-2960 - सुबह 7:30 बजे प्रयागराज की फ्लाइट SG-2963 पिछले 9 माह से बंद - शिरडी सांई बाबा के लिए मार्च 2019 तक थी फ्लाइट, 6 साल से नहीं वीओ- 2 दरअसल पर्यटन या धार्मिक महत्व के शहरों के लिए कई बार कुछ दिनों के लिए हवाई यात्रियों की कमी हो जाती है। ऐसे में कहीं आर्थिक नुकसान न हो, इसके लिए एयरलाइंस इन शहरों के लिए फ्लाइट चलाने से बचना चाहती हैं। अगले माह क्रिसमस और सर्दियों की छुट्टियों में जयपुर शहरवासी परिवारजनों के साथ धार्मिक या पर्यटन महत्व के शहरों के लिए हवाई यात्रा पर निकलेंगे, लेकिन उन्हें सीधी फ्लाइट्स नहीं मिल सकेंगी। हरिद्वार-ऋषिकेश जाने वालों के लिए देहरादून के लिए सीधी फ्लाइट उपलब्ध है। पर्यटन महत्व के शहरों की बात की जाए तो इनके लिए भी सीधी फ्लाइट्स की कमी है। पर्यटन महत्व के इन शहरों के लिए नहीं सीधी फ्लाइट - सुबह 8:40 बजे धर्मशाला की फ्लाइट SG-3441 थी, पिछले 4 साल से बंद - बागडोगरा के लिए मार्च 2022 तक थी सीधी फ्लाइट, अब बंद - सुबह 7:50 बजे कुल्लू के लिए अलायंस एयर की फ्लाइट 9I-805 - लेकिन कुल्लू जाने वाली यह फ्लाइट ज्यादातर रहती है रद्द - हिमाचल प्रदेश जाने वालों के लिए केवल चंडीगढ़ की फ्लाइट्स का विकल्प - श्रीनगर, लेह के लिए पर्यटकों की रहती है डिमांड, लेकिन फ्लाइट नहीं - दक्षिण भारत के कोचीन, मदुरई, त्रिवेन्द्रम के लिए सीधी फ्लाइट्स नहीं - आगरा के लिए भी पिछले 19 माह से संचालित नहीं हो रही फ्लाइट क्लोजिंग पीटीसी- काशीराम चौधरी
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ACAshish Chauhan
Nov 22, 2025 07:35:23
Jaipur, Rajasthan:PHED दो अफसरों के नाम पर फर्म को फर्जी प्रमाण का दोषी माना, फिर भी फर्म पर न ब्लैक लिस्टेड का एक्शन हुआ, न FIR दर्ज करवाई, फाइल दबी आशीष चौहान, जयपुर- PHED में चीफ इंजीनियर, रिटायर्ड XEN के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाने के मामले फाइल दब गई. चूरू की डबल ए क्लास फर्म राठौड़ कंस्ट्रक्शन ने अफसरों के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर 55 लाख के प्रमाण पत्र बनाए. चीफ इंजीनियर तकनीकी नीरज माथुर ने डेढ़ महीने पहले 8 अक्टूबर को जयपुर नॉर्थ अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र सिंह राठौड़ को पत्र लिखकर निर्देश दिए. लेकिन फर्जी प्रमाण पत्र मामले में अधीक्षण अभियंता दफ्तर ने कोई कार्रवाई नहीं की. अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर के केस में जलदाय विभाग ने ना ही मुकदमा दर्ज करवाया और ना ही कोई एक्शन लिया. जिम्मेदार अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि फाइल नीचे के स्टाफ में चल रही है. जल्द ही इस पर नियमों के तहत कार्रवाई होगी. वहीं अतिरिक्त मुख्य अभियंता 2 शुभांशु दीक्षित का कहना है कि मामले में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. अधीक्षण अभियंता दफ्तर में टेंडर लगाने पर पूरा मामला खुला, तब पूरा प्रकरण जानकारी में आया. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब PHED ने फर्जी प्रमाण पत्र के लिए राठौड़ कंस्ट्रक्शन को दोषी मान लिया तो फाइल क्यों दबी? कैस खुली पूरे खेल की पोल- चूरू के हरदेसर की डबल ए क्लास फर्म मैसर्स राठौड़ कंस्ट्रक्शन कंपनी ने जयपुर नार्थ की निविदा में भाग लिया. इस निविदा में राठौड़ कंस्ट्रक्शन ने शहरी जल योजना राजलदेसर के तहत पुराने उच्च जलाशय को ध्वस्त करने, निर्माण का 55 लाख का अनुभव प्रमाण पत्र लगाया. जिसमें अनुभव प्रमाण पत्र की तारीख 13 अप्रैल 2020 लिखी गई और एक्सईएन मोहनलाल कांवल के हस्ताक्षर किए हुए. लेकिन जब इस अनुभव प्रमाण पत्र की जांच के लिए रतनगढ़ चिट्ठी भेजी तो पोल खुल गई. मोहनलाल कांवल तो 2018 में रिटायर्ड हो गए थे. तत्कालीन अधीक्षक अभियंता मनीष बेनीवाल के नाम से 10 मार्च 2019 की तारीख का वर्क आर्डर जारी किया, जबकि मनीष बेनीवाल 23 मार्च 2018 से 7 सितंबर 2019 तक जयपुर वृत्त में पोस्टेड थे. अब मनीष बेनीवाल चीफ इंजीनियर है. मोहनलाल कांवल का कहना है कि मैं तो रिटायर्ड हो चुका था, मेरे नाम से कैसे हस्ताक्षर कर दिए. विभाग को इसमें कार्रवाई करनी चाहिए. ब्लैक लिस्टेड की कार्रवाई होगी- डबल ए क्लास फर्म राठौड़ कंस्ट्रक्शन के इस कारनामे के बाद चीफ इंजीनियर तकनीकी नीरज माथुर ने कार्रवाई के लिए प्रस्ताव अधीक्षण अभियंता दफ्तर भेजा हुआ है. उनका कहना है कि पहले अधीक्षण अभियंता नॉर्थ दफ्तर पूरे मामले में इस पर कार्रवाई करेगा, वो देखेगा कि कहां कहां ये फर्जी प्रमाण पत्र लगाया है. इसके बाद चीफ इंजीनियर दफ्तर नियमों के तहत ब्लैक लिस्टेड और डिबार की कार्रवाई करेगा. बाइट-नीरज माथुर, चीफ इंजीनियर, तकनीकी (ब्राउन जैकेट में) दोषी माना, फिर देरी क्यों? PHED में पदमचंद और महेश मित्तल ने इरकॉन के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर 900 करोड़ के टैंडर हासिल किए थे, जिसमें ED ने एक्शन लेते हुए 5 गिरफ्तारियां की. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि राठौड़ कंस्ट्रक्शन को दोषी माना फिर भी अधीक्षक अभियंता सुरेंद्र राठौड़ के दफ्तर कार्रवाई नहीं कर रहा, क्यों फाइल दबी हुई है? क्यों डबल ए क्लास फर्म के खिलाफ एक्शन नहीं लिया जा रहा? क्या फर्म को बचाने की कोशिश की जा रही है?
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