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Kullu175101

Kullu: ड्रोन उड़ाने पर लगा प्रतिबंध

May 10, 2025 09:19:58
Kullu, Himachal Pradesh
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला में ड्रोन उड़ाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस बारे कुल्लू पुलिस के द्वारा सूचना जारी की गई है और लोगों से नियमों का पालन करने का भी आग्रह किया गया है। कुल्लू पुलिस के द्वारा निर्देश जारी किया गया है कि दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए समस्त प्रकार के ड्रोन की उड़ान पर प्रतिबंध रहेगा।
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PSParmeshwar Singh
Nov 23, 2025 07:45:41
Sheopur, Madhya Pradesh:श्योपुर जिला पंचायत में आए प्रस्ताव: जिला पंचायत अध्यक्ष गुड्डी बाई आदिवासी की कुर्सी खतरे में आने की संभावनाएं. जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 8 जिला पंचायत सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लेकर चंबल संभाग आयुक्त के दरबार में पहुंचे. सदस्यों के प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के लिए 1 दिसंबर को विशेष सम्मेलन की तारीख तय कर दी गई है. अब एक दिसंबर को यह साफ होगा कि जिला पंचायत अध्यक्ष गुड्डी बाई की कुर्सी बचेगी या नहीं. इस खबर के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल है. आम जनता में चर्चा है कि जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा श्योपुर प्रशासनिक मामलों में हस्तछेप करने और आवाज उठाने की वजह से कुछ बड़े नेताओं को उनकी कार्यशैली समझ में नहीं आ रही थी, इसी वजह से यह सब किया जा रहा है.
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SDShankar Dan
Nov 23, 2025 07:45:27
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Nov 23, 2025 07:42:15
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KSKartar Singh Rajput
Nov 23, 2025 07:38:47
Morena, Madhya Pradesh:ग्वालियर में बड़ा हादसा टला: चलते-चलते बस धंसी सड़क में, घंटों जाम! ग्वालियर शहर में बारिश के बाद बनी खस्ताहाल सड़कों पर एक बार फिर बड़ा हादसा होते-होते टला गुड़ा–गुड़ी नाका रोड पर पेट्रोल पंप से कुछ दूरी पर जा रही एक बस का अगला पहिया अचानक सड़क में धंस गया। अचानक हुई इस घटना से आसपास अफरा-तफरी मच गई और रोड पर लंबा जाम लग गया। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत क्रेन को सूचना दी। लगभग दो घंटे की मशक्कत के बाद बस को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। गनीमत रही कि किसी यात्री को चोट नहीं आई, लेकिन इस घटना ने शहर की बदहाल सड़कों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई दिनों से सड़क धंसी हुई थी, लेकिन मरम्मत नहीं की गई। अब लगातार ऐसी घटनाएँ लोगों की जान को जोखिम में डाल रही हैं。
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RRRakesh Ranjan
Nov 23, 2025 07:38:33
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SKSundram Kumar
Nov 23, 2025 07:38:08
Patna, Bihar:लोकेशन पटना बिहार के पर्यटन स्थलों में घूमने के लिए पर्यटन विभाग कैरा वैन की सुविधा शुरू करने जा रही है. बिहार स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉपोरेशन ने अभी दो बसों की खरीदारी की है जो पटना पहुंच गई है. बिहार में पर्यटन यात्राओं के दौरान यात्री रहने, सोने, टीवी देखने, म्यूजिक, खाना पकाने का आनंद ले सकते हैं. इसके साथ ही मिनी किचन और बाथरूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध है. पर्यटक अपने हिसाब से यात्रा का आनंद ले सकेंगे. यह बसें स्पेशल टूर पैकेज का हिस्सा होंगी जैसे बोधगया नालंदा वन-डे ट्रिप या वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व सफारी. इसे लगभग 75 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से न्यूनतम ढाई सौ किलोमीटर के लिए लिया जा सकता है. इसके अलावा एक दिन के लिए बुकिंग लगभग ₹20000 प्रतिदिन की दर से होगी ज्यादा यात्रा पर प्रति किलोमीटर की दर लागू होगी.
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SDShankar Dan
Nov 23, 2025 07:37:16
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KSKartar Singh Rajput
Nov 23, 2025 07:36:28
Morena, Madhya Pradesh:कलेक्टर रुचिका चौहान ने जिले के सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे एसआईआर के तहत मतदाताओं को घरों तक पहुँचाए गए गणना पत्रकों को भरकर शीघ्र अतिशीघ्र अपने क्षेत्र के बीएलओ को उपलब्ध कराएं, ताकि निर्धारित समय-सीमा में उन का डिजिटाइजेशन बीएलओ के माध्यम से किया जा सके। BLO को दिए जाने वाले फार्म को भरने की प्रक्रिया भी वीडियो जारी कर विस्तार से समझाइ है। रुचिका चौहान ने मतदाताओं से कहा है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 4 दिसम्बर तक शतप्रतिशत मतदाताओं के प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन का कार्य संपन्न किया जाना है। ग्वालियर जिले के सभी मतदाताओं के घरों तक बीएलओ के माध्यम से प्रपत्र पहुँचा दिए गए हैं। मतदाताओं से आग्रह है कि वे 26 नवम्बर तक अपने प्रपत्रों को भरकर अपने क्षेत्र के बीएलओ को प्रस्तुत करें। मतदाताओं को प्रपत्र भरने में यदि किसी भी प्रकार की कोई परेशानी है तो उनके सहयोग के लिये नगर निगम के सभी जनमित्र केन्द्रों, तहसीलों एवं कलेक्ट्रेट कार्यालय में मतदाता सहायता केन्द्र स्थापित किया गया है।
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ADArvind Dubey
Nov 23, 2025 07:35:43
Obra, Uttar Pradesh:सोनभद्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुए हादसे ने खनन सुरक्षा व्यवस्था की जड़ें हिला दी हैं। प्रतिबंध के बावजूद खनन कैसे चलता रहा किसकी अनुमति से मजदूरों को जोखिम भरे जोन में उतारा गया और इतने बड़े हादसे से पहले खतरे के संकेत क्यों नजरअंदाज किए गए अब यही सवाल जांच के केंद्र में आ गए हैं। हादसे के बाद खान सुरक्षा महानिदेशालय की टीम मौके पर पहुँची है। निरीक्षण के दौरान जो तथ्य सामने आए, उन्होंने साफ संकेत दिया है कि खदान में न सिर्फ सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हो रहा था, बल्कि संचालन व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लग चुके हैं। अब यह जांच सिर्फ एक हादसे तक सीमित नहीं है बल्कि यह तय करेगी कि खतरे की अनदेखी किस स्तर पर हुई और इस त्रासदी के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है। ओबरा थाना क्षेत्र की बिल्ली मारकुंडी खदान जहाँ 15 नवंबर को ढहने वाली पहाड़ी ने सात मजदूरों की जान ले ली। हादसे के कई दिन बाद खान सुरक्षा महानिदेशालय की टीम यहां पहुंची और खदान के उस हिस्से को देखा, जहाँ खनन पर रोक थी, फिर भी काम लगातार जारी था। निरीक्षण में टीम ने जो पाया, उसने खनन संचालन पर गहरी शंका खड़ी कर दी। खतरनाक ढलान के बावजूद वहां मशीनें चल रही थीं सुरक्षा बैरिकेड नहीं, रॉक स्टेबिलिटी टेस्ट नहीं मजदूरों के लिए बेसिक सुरक्षा उपकरण तक उपलब्ध नहीं थे। माइंस एक्ट की धारा 22(3) का उल्लंघन भी सामने आया। यानि खदान को ऐसे क्षेत्र में चलाया जा रहा था, जहाँ अनुमति नहीं थी और खदान की स्थिति का आकलन किए बिना मजदूरों को उतारा जा रहा था। जांच टीम का आकलन है कि हादसा सिर्फ प्राकृतिक ढहाव नहीं था बल्कि लगातार ढलान कमजोर होने, और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का नतीजा था। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि आसपास की कई अन्य खदानों में भी इसी तरह की लापरवाहियां हो सकती हैं। अब DGMS उन खदानों की भी व्यापक सुरक्षा समीक्षा करेगा। और रिपोर्ट सीधे राज्य सरकार को भेजी जाएगी। हादसे में अब तक सात मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं। कुछ घायल मजदूरों ने बताया कि खदान की दीवारें लंबे समय से अस्थिर थीं। लेकिन संचालन जारी रखने के दबाव में चेतावनियों को नजरअंदाज किया जाता रहा। DGMS की अंतिम रिपोर्ट यह तय करेगी कि इस हादसे की असली जिम्मेदारी किस पर जाती है।खनन संचालन करने वाली कंपनी पर, स्थानीय प्रबंधन पर या उन अधिकारियों पर, जिन्हें सुरक्षा की निगरानी करनी थी और जिन्होंने खतरे के संकेतों को अनदेखा कर दिया। यह जांच सिर्फ दोष तय करने की प्रक्रिया नहीं बल्कि सोनभद्र के खनन मॉडल को दुरुस्त करने की एक जरूरी शुरुआत है。
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