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कैथल के ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की पक्का रोजगार और गुलामी से आज़ादी मांग
VSVIPIN SHARMA
Dec 06, 2025 09:21:07
Kaithal, Haryana
कैथल में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन, पक्की नौकरी और पंचायती गुलामी से आज़ादी की मांग
कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले 19 साल से सफाई कार्य कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें पक्का नहीं किया गया है। उन्होंने मांग उठाई कि उन्हें पंचायतों की गुलामी से मुक्त कर नियमित कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा 2024 में जींद रैली में की गई घोषणाओं पर अब तक अमल नहीं हुआ। उस घोषणा में कहा गया था कि ग्रामीण सफाई कर्मचारों को नियमित किया जाएगा और तब तक उन्हें ₹26,000 मासिक वेतन दिया जाएगा, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ। इसके साथ ही ₹2,100 की किस्त शहरी सफाई कर्मचारियों को दी गई है, जबकि ग्रामीण कर्मचारियों को अब तक यह लाभ नहीं मिला।
ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने यह भी शिकायत की कि गांवों में सरपंच और पंच उनसे निजी काम करवाते हैं, जिससे सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है। यदि वे विरोध करते हैं तो उनकी हाजरी काटने की धमकी दी जाती है। उनका कहना है कि उन्हें इस गुलामी से मुक्ति दिलाई जाए।
ग्रामीण सफाई कर्मचार ने एक मांग पत्र का ज्ञापन सचिवालय में सौंपा है जो इस प्रकार है
1. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 24 नवम्बर 2024 को 26000 रू0 मासिक वेतन दिए जाने की जीन्द में की गई घोषणा को लागू किया जाए तथा सिरसा में 11 जून 2025 को की गई वेतन 2100 रू0 मासिक बढ़ौतरी को ऐरियर सहित तुरन्त भुगतान किया जाए।
2. बढ़ती महंगाई को देखते हुऐ सफाई कर्मियों के वेतन को महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए तथा जनवरी 2023 में बनी सहमति अनुसार सालाना 3 प्रतिशत की बढ़ौतरी का अलग से प्रावधान किया जाए।
3. विधान सभा में नई नीति (बिल) बनाकर कर ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को रेगूलर कर्मचारी का दर्जा देकर एक कलम से सबको पक्का किया जाए।
4. बीडीपीओ के पेरोल पर लेकर 5-6 गाँवों का का जोन बनाकर ग्रामीण सफाई कर्मियों में से ही पढ़े-लिखे कर्मचारियों को सफाई सुपरвайजर लगाकर सफाई कर्मियों के काम की देखरेख और हाजरी लगाने की व्यवस्था की जाए तथा सरपंचों के अधीन करने वाला 25 नवम्बर का पत्र वापिस लिया जाए।
5. सफाई कर्मियों के वेतन का भुगतान 7 तारीख तक किया जाए तथा इसके लिए पहले की तरह सालभर का बजट जारी किया जाए। एक माह की देरी पर सरकार के आदेशानुसार 500 रू0 अतिरिक्त भुगतान किया जाए।
6. 10 अक्तूबर से 30 नवम्बर 2023 में हुई राज्यव्यापी हड़ताल के दौरान कैथल के ढाण्ड ब्लॉक में नवम्बर, गुरूग्राम के फरुखनगर ब्लॉक में अक्तूबर-नवम्बर तथा महेन्द्रगढ़ के सिमहा, और निजामपूर में नवम्बर माह के बकाया मानदेय का भुगतान किया जाए। जब बाकी पूरे हरियाणा में भुगतान हो चुका है तो इनको विशेष टारगेट क्यों किया जा रहा है।
7. सफाई कर्मचारी की सेवानिवृृति पर 10 लाख रू० सहायता राशि लागू की जाए। 10 लाख देने का निर्णय हो तब तक चौकीदारों की तरह सेवानिवृति पर 2 लाख रू० सहायता तुरन्त प्रभाव से दी जाए।
8. पूर्व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा 1000 की आबादी पर एक कर्मचारी करते हुए 9795 नये कर्मचारी भर्ती हों तथा भविष्य में 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई भर्ती की जाये।
9. सफाई कर्मियों के लिए ईपीएफ व ईएसआई में कवर होने की वेतन सीमा को बढ़ाकर 27 हजार रू़ मासिक किया जाए।
10. सफाई कर्मी की मौत होने पर ईपीएफ बोर्ड से मिलने वाले लाभ के लिए कागज कार्यवाही बीडीपीओ कार्यालय की तरफ की जाए तथा इस काम के लिए ब्लॉक कार्यालयों द्वारा हायर की गई प्राईवेट एजेंसी की लूट पर रोक लगे।
11. ग्रामीण सफाई कर्मचारी की मृत्यु होने पर दीन दयाल उपाध्य योजना के तहत बीपीएल परिवारों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से अलग किया जाए क्योंकि 16 हजार वेतन होने के कारण ये बीपीएल क्षेणी से बाहर हो चुके हैं। मौत होने पर सरकार की तरफ से दिए जाने वाली मुआवजा राशि के कागजात ऑनलाईन सीएससी की बजाए बीडीपीओ कार्यालय के माध्यम से ऑफलाईन जमा हों तथा कर्मचारियों के परिजनों को ये राशि मिलना सुनिश्चित किया जाए।
12. डीडीपीओ की अध्यक्षता में जिला स्तर पर बनी कमेटियों में हमारी यूनियन के प्रतिनिधियों के नाम हटाने की भेदभावपूर्ण कार्यवाही पर रोक लगाई जाए और यूनियन के सदस्यों को कमेटी में जोड़ा जाए।
13. पंचायतों की बजाए ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को बीडीपीओ के पे-रोल रखा जाए तथा सफाई कर्मियों को विभाग की गारन्टी पर लोन की व्यवस्था हो।
14. कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के सदस्य को सफाई कर्मचारी लगाया जाए। इसके लिए एक्सग्रेसिया नीति बनाई जाये।
15. गाँव से बाहर ब्लॉक अथवा चुनावी कार्य के लिए बुलाए जाने पर उस दिन का किराया और चाय और खाने का भत्ता दिया जाए।
16. ग्रामीण सफाई कर्मियों के लिये साल में कम से कम 4 वर्दी, 2 जोड़ी जुतों के लिये 8000 रु० वार्षिक वर्दी भत्ता दिया जाए।
17. ठेकेदारी प्रथा के तहत लगाए गये डोर टू डोर के कर्मचारियों को विभाग के पेरोल पर लिया जाए और उनको पहले से कार्यरत ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन और भत्ते दिय जाएं।
18. सफाई कर्मचारियों को दिवाली पर कानूनी बोनस दिया जाए और अनाज खरीदने के लिए बिना ब्याज के 24 हजार रू० अग्रिम भुगतान करते हुए 2000 रू0 मासिक वसूली का प्रावधान किया जाए।
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