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Raipur492009

कांकेर घटना दुर्भाग्यपूर्ण, कांग्रेस ने सरकार पर आरोप

RGRupesh Gupta
Nov 07, 2025 14:15:33
Raipur, Chhattisgarh
कांग्रेस ने कांकेर की घटना को दुर्भाग्यजनक बताया है और कहा है कि इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष ने जो नफरत फैलाई है उसी का ये नतीजा है
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SDSurendra Dasila
Nov 07, 2025 16:30:55
Dehradun, Uttarakhand:राज्य स्थापना 25 साल विशेष एंकर उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 साल पूरे हो रहे हैं। इन 25 सालों में उत्तराखंड ने काफी प्रगति की। लेकिन राजनीतिक तौर पर उत्तराखंड के लिए 25 साल बड़े चुनौती भरे रहे। 25 सालों में राजनीति के उतार चढ़ाव को लेकर देखिए रिपोर्ट 9 नवंबर सन 2000 को देश के 27 वे राज्य के तौर पर उत्तराखंड की स्थापना हुई। नए पहाड़ी राज्य उत्तराखंड के लिए देश के बड़े राज्यों के बीच खुद को स्थापित करना किसी चुनौती से काम नहीं था। उत्तराखंड में 25 सालों में काफी प्रगति की। लेकिन उत्तराखंड इन 25 सालों में राजनीतिक तौर पर काफी अस्थिर भी नजर आया। 25 साल में राजनीति में काफी उतार-चढ़ाव उत्तराखंड में देखने को मिला। उत्तराखंड राज्य की स्थापना के साथ सबसे पहले अंतरिम सरकार में संघ के करीबी रहे भाजपा नेता नित्यानंद स्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया। जमीनी तौर पर नित्यानंद स्वामी मजबूत पकड़ वाले नेता नहीं थे। इसलिए कुछ समय के बाद भाजपा ने आरएसएस के करीबी और भाजपा के जमीनी नेता भगत सिंह कोश्यारी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन कोश्यारी राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में 2002 में कमल नहीं दिखा पाए और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई। राज्य में पहली निर्वाचित सरकार के तौर पर 2002 में नारायण तिवारी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी। इस दौरान भी देश की राजनीति करने वाले नारायण दत्त तिवारी को कांग्रेस ने तरजीह दी । लेकिन जमीनी तौर पर मजबूत हरीश रावत को झटका मिला। इन 5 सालों में हरीश रावत और नारायण दत्तारी के बीच में तकरार जमकर दिखती रही। साल 2007 में प्रदेश में दूसरी बार विधानसभा के चुनाव हुए जिसमें भाजपा ने जीत दर्ज की। केंद्रीय मंत्री रह चुके ईमानदार नेता के तौर पर जाने जाने वाले भुवन चंद खंडूरी को भाजपा ने मुख्यमंत्री पद पर बैठाया। लेकिन खंडूरी का सख्त मिजाज और कार्यकर्ताओं से दूरी उन्हें भारी पड़ी और कुर्सी पर रमेश पोखरियाल निशंक को बैठाया गया। निशंक कार्यकर्ताओं के करीब तो थे लेकिन प्रशासनिक तौर पर निशंक मजबूत नहीं दिखाई दिए और भ्रष्टाचार के आरोप भी निशंक सरकार पर जमकर लगे। इसके बाद चुनाव से पहले निशंक को हटाकर फिर से भुवन चंद खंडूरी को कुर्सी में बैठाया गया। लेकिन भुवन चंद खंडूरी भी 2012 के तीसरे विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता में वापस नहीं ला पाए। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी । और सबको उम्मीद थी की जमीन से जुड़े हुए हरीश रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा लेकिन कांग्रेस आला कमान की पसंद विजय बहुगुणा बने और 2012 में विजय बहुगुणा को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। साल 2014 में केदारनाथ आपदा में फेल रहने के कारण कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को हटाया और कमान हरीश रावत को सौंप गई। लेकिन मार्च 2016 उत्तराखंड के इतिहास में कोई भी नहीं भूल सकता। जब सदन में बजट पेश किया जा रहा था और बहुमत के आधार पर हरीश रावत सरकार सदन में गिर गई। इसके बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। इस दौरान हरीश रावत का एक स्ट्रिंग भी सामने आया जो चर्चाओं का विषय रहा। हालांकि हरीश रावत 2 महीने के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट से जीतकर दोबारा सत्ता में वापस आ गए। साल 2017 में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई और त्रिवेंद्र रावत को राज्य का मुख्यमंत्री بنایا गया। लेकिन 4 साल बाद 2021 में त्रिवेंद्र रावत को हटाया गया और बीजेपी आला कमान ने तीरथ सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया। तीरथ सिंह रावत के अटपटे बयानों की वजह से 3 महीने के बाद ही वह सत्ता से हटा दिए गए और राज्य की कमान युवा पुष्कर सिंह धामी को दी गई। पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर 2022 का चुनाव लड़ा गया और भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ गई और राज्य में एक नया रिकॉर्ड बना क्योंकि इससे पहले कोई भी पार्टी दूसरी बार सत्ता में वापस नहीं आ पाई थी। इसलिए उत्तराखंड में राजनीतिक उथल-पुथल भी इन 25 सालों में काफी अच्छी गई है। पूर्व सीएम हरीश रावत कहते हैं कि राजनीतिक अस्थिरता 25 सालों में बड़े पैमाने पर देखी गई है। उनकी सरकार गिराने वाले और भाजपा में शामिल होने वाले लोगों को भी लोगों ने देखा है । बाइट हरीश रावत पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि 25 सालों में राजनीतिक तौर पर अस्थिरता भी देखी गई और कई बार लोगों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी इसका सबसे बड़ा कारण रही है। बाइट गणेश जोशी कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं की प्रदेश में सबसे बड़ी राजनीतिक अस्थिरता का कारण हरीश रावत रहे जिनके रहते हुए उनकी सरकार भी गिरी और लोग दूसरी पार्टी में शामिल होना पड़ा । हरीश रावत पर सुबोध उनियाल ने कहा कि एनडी तिवारी के 5 साल के कार्यकाल में हरीश रावत ने उन्हें काफी परेशान किया जो लोगों ने देखा है बाइट सुबह उनियाल कैबिनेट मंत्री भाजपा के वरिष्ठ नेता और मुख्य प्रवक्ता सुरेश जोशी कहते हैं कि 25 सालों में राज्य ने काफी प्रगति की है हर सेक्टर में राज्य ने वह हासिल किया जो बड़े-बड़े राज्यों को हासिल नहीं हुआ। राजनीतिक तौर पर कुछ उथल-पुथل रही लेकिन कई बार यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बेहतर परंपरा भी है बाइट सुरेश जोशी वरिष्ठ नेताभाजपा 25 सालों के उत्तराखंड को आर्थिक तौर पर प्रगति करने वाले राज्य के तौर पर देखा जाता है। 25 सालों में राज्य में सड़क कनेक्टिविटी बेहतर देखी गई। लेकिन 25 सालों में उत्तराखंड राजनीतिक तौर पर कई बार अस्थिर नजर आया वॉक थ्रू सुरेंद्र डसीला
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AKAtul Kumar
Nov 07, 2025 16:30:38
Mainpuri, Uttar Pradesh:सपा सांसद डिंपल यादव का बयान बिहार के चुनाव में बहुत ही अच्छा संदेश है बहुत ही बंफर वोटिंग हुई है और युवाओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है बीजेपी के द्वारा चलाए जाने वाले वंदे मातरम अभियान पर बोली डिंपल यादव अक्सर देखा गया है जब-जब चुनाव आते है इसी तरह के निगेटिव प्रोपगेंडा वाले कार्यक्रम सरकार चलाती है वंदे मातरम तो रोज होना चाहिए क्यों नहीं होना चाहिए लोगों का ध्यान भटकने के लिए और जो मूल मुद्दे हैं जहां युवाओं और रोजगार का मुद्दा है जहां पर आप युवाओं को नौकरी नहीं दे पा रहे हैं जहां शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गई है पूरे उत्तर प्रदेश में जिस तरह का भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है इतना भ्रष्टाचार कभी किसी सरकार में नहीं हुआ होगा मुख्यमंत्री योगी के द्वारा दिए गए बयान अप्पू पप्पू टप्पू पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया जिस पर बोली डिंपल यादव यह बड़े नेताओं की बात है इसमें कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहती हूं बिहार के पहले चरण के मतदान को लेकर बोली डिंपल यादव अच्छे परिणाम रहने वाले हैं और गठबंधन के लिए बहुत अच्छी सूचनाएं आ रही हैं और दूसरा चरण का मतदान होने वाला है उसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे वाले हैं बिहार के मतदान के दौरान भी बिहार में पहले चरण के मतदान में कई लोगों को मतदान से वंचित होने पर बोली डिंपल यादव बिहार में उम्मीदवार सूची और वोट लिस्ट के अंतर पर भी चिंता जताती हैं राहुल गांधी के बयान वोट चोरी का मुद्दा GEN-Z तक लेकर जाएंगे पर बोली डिंपल यादव क्योंकि युवा लोग बहुत जागरूक हैं सोशल प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं फोन उनके हाथ में है कहीं ना कहीं यह बात लोगों तक पहुँच रही है बिहार का चुनाव महा गठबंधन के पक्ष में आता है तो क्या बिहार की रणनीति उत्तर प्रदेश के चुनाव में काम करेगी उत्तर प्रदेश में 2024 का जो परिणाम रहा है बढ़-चढ़कर लोगों ने जो हिस्सा लिया और कहीं ना कहीं रुझान ऐसा दिया की सरकार बदले जो उत्तर प्रदेश के परिणाम रहे हैं उसी की वजह से भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बना पाई।
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Nov 07, 2025 16:28:13
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DSdevendra sharma2
Nov 07, 2025 16:15:57
Rajsamand, Mohi, Rajasthan:उद्योपति मुकेश अंबानी ने नाथद्वारा पहुंचकर किए प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन, गोस्वामी विशाल बावा से लिया आशीर्वाद। शाम को नाथद्वारा पहुँचे, अंबानी ने प्रभु श्रीनाथजी की संध्या आरती के दर्शन किये जिसके बाद तिलकायत पुत्र विशाल बावा ने उनका मंदिर परम्परानुसार समाधान कर आशीर्वाद प्रदान किया। मुकेश अंबानी सबसे पहले श्रीनाथजी की हवेली पहुँचे, उन्होंने श्रीजी की संध्या आरती के दर्शन किये, इसके बाद मोती महल में पहुँचे जहाँ मंदिर के तिलकायत पुत्र चिरंजीव गोस्वामी विशाल बावा ने अंबानी को रजाई ओढ़ाकर व श्रीनाथजी का प्रसाद भेंट कर समाधान किया। मुकेश अंबानी ने विशाल बावा से आशीर्वाद लिया व करीब आधे घंटे चर्चा की। इस अवसर पर मुकेश अंबानी ने यात्रि एवं वरिष्ठ सेवा सदन की औपचारिक घोषणा की。
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AMAsheesh Maheshwari
Nov 07, 2025 16:15:29
Noida, Uttar Pradesh:बिल्डर की मनमानी जारी — तीन दिन बाद भी नहीं हुई कार्रवाई! जयपुर — शहर में अवैध निर्माणों का साम्राज्य लगातार फैल रहा है। नक्शा पास नहीं, RERA नंबर नहीं — फिर भी ऊँची इमारतें खड़ी की जा रही हैं! दो प्लॉटों को जोड़कर बिना अनुमति प्रोजेक्ट बना दिए जा रहे हैं, और यह सब नगर निगम और RERA की आँखों के सामने हो रहा है। सबसे ज़्यादा उल्लंघन के मामले मालवीय नगर ज़ोन, और आदर्श नगर ज़ोन में सामने आए हैं। इन इलाकों में RERA और निगम के नियमों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं, लेकिन कार्रवाई नाम मात्र की है। बिल्डरों के हौसले किसने बुलंद कर दिए हैं रिहायशी इलाकों में हो रहे इन अवैध प्रोजेक्ट्स से ट्रैफिक, पार्किंग और सुरक्षा पर गहरा असर पड़ रहा है। बात करने पर अधिकारियों का कहना है कि “जांच जारी है, जल्द सख्त कार्रवाई की जाएगी।” वहीं निगम अधिकारियों ने भी नोटिस जारी करने की बात कही थी, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी जमीनी कार्रवाई नहीं हुई। अब बड़ा सवाल — क्या बिल्डरों को कानून का डर नहीं? क्या RERA और निगम की कार्रवाई सिर्फ कागज़ों तक सीमित है? जयपुर के मालवीय नगर और आदर्श नगर ज़ोन में नियमों की अनदेखी अब जनता की सुरक्षा पर भारी पड़ रही है。
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