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मोंथा तूफान के बाद पेंड्रा में धान की खड़ी फसल भारी नुकसान
DBDURGESH BISEN
Nov 06, 2025 06:45:35
Pendra, Chhattisgarh
एंकर - चक्रवर्ती तूफान मोंथा के बाद छत्तीसगढ़ में हुई बे मौसम बारिश ने पेंड्रा गौरेला मरवाही इलाके में धान की खड़ी फसल को बड़ा नुकसान पहुंचा है, अचानक हुई बे मौसम बारिश की वजह से धान की तैयार फसल खेतों में ही सो गई है, जो खेत सूख गए थे उनमें भी पानी भरा हुआ है, ऐसे में किसानों को बड़ा नुकसान का अंदेशा है, वहीं कृषि विभाग फसलों का सर्वे कराकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं आरबीसी 6- 4 के तहत किसानों को फसल हानि का मुआवजा दिलाने की बात कह रहा है...
चक्रवाती मोंथा तूफान से हो इस बे मौसम बारिश ने खरीफ की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचा है खासकर धान की वह फसल जो पैक कर पूरी तरह तैयार हो चुकी थी तूफान की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है क्योंकि धान की बालियो में धान के बीजपूर्णतः विकसित धान आ चुके थे और जब बारिश हुई तो धान के पौधे पानी और धान वजन से खेतों में गिर गए, ऐसा एक दो क्षेत्र में नहीं है बल्कि जिले के 30% से अधिक क्षेत्र में धान की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचा है, दरअसल नवंबर माह में किसान धान की फसल काटकर अपने खलिहानों तक लाने की शुरुआत कर देता है पर इसी महीने हुई झमाझम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया, खेतों में पानी भर गया और धान की फसल खेतों में ही गिर गई, ऐसे में गिरे हुए धन को काटना किसानों के लिए लगभग नामुमकिन सा काम होता है, यदि किसी तरह किसान उसे फसल को काट भी ले तो उपज में बड़ा नुकसान की संभावना भी है... वही खेतों में गिरी हुई धान की फसल का धान पौधों में खराब हो रहा है या उसमें बीमारी लग रही है, किसानों का कहना है कि इतना नुकसान होने के बावजूद अभी तक प्रशासन की ओर से किसी ने उनके खेतों का सर्वे नहीं किया उन्हें अब सरकार से मुआवजे की उम्मीद है...
बाइट - दलदीप सिंह - किसान गले में गमछा नीली शर्ट
बाइट - पुनवासी सिंह -
बाइट - राय सिंह - किसान
Vo 2-इस बार खरीफ की फसल लगाने के बाद से क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है हालांकि जब धन पकाने का समय आया तब बारिश बंद हो गई पर जैसे ही मोंथा तूफान आया फिर झमाझम बारिश शुरू हो गई, ऐसे में किसानों के सूखे खेतों में फिर से पानी भर गया, इससे कोई फसल की हानि की जानकारी कृषि विभाग को भी है उनका कहना है कि हमारे जिले में कृषि विस्तार अधिकारी खेतों के सर्वे में लगे हुए हैं, हालांकि कृषि विभाग के पास अब तक आंकड़े प्राप्त नहीं हुए हैं पर जैसे ही आंकड़े प्राप्त होंगे विभाग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं आरबीसी 6- 4 के तहत किसानों को हुए नुकसान की याद आएगी के लिए प्रयासरत रहेगा
बाइट - शेर सिंह आर्मो - कृषि अधिकारी पेंड्रा (सफेद टोपी पहने हुए)
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में ज्यादातर किसान धान की फसलों पर ही आधारित रहते हैं, ऐसे में यदि धान की फसल को नुकसान होगी तो उनकी वर्ष भर की व्यवस्था प्रभावित होती है, हालांकि अधिकारी सर्वे के बाद मुआवजे की बात कह रहे हैं पर फिर भी किसान को हुआ फसल नुकसान उसके लिए बड़ी क्षति है...
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