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SC ने कहा: पटाखे पर बैन पूरे देश में क्यों नहीं लागू?
ASArvind Singh
Sept 12, 2025 12:46:56
New Delhi, Delhi
'सिर्फ दिल्ली के 'एलीट' ही नहीं, पूरे देश को साफ हवा का हक़', SC ने सवाल किया, पटाखों पर बैन देश भर में क्यों नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पटाखों पर बैन का आदेश सिर्फ दिल्ली एनसीआर तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि देश भर में लागू होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि साफ, प्रदूषण मुक्त हवा सिर्फ दिल्ली में रहने वाले एलीट लोगों का ही अधिकार नहीं है बल्कि इस ओर देश भर में रहने वाले लोगों का भी हक़ बनता है। ऐसे में पटाखों को लेकर लाई जाने वाली पॉलिसी पूरे देश भर में लागू होनी चाहिए
अमृतसर में भी वायु प्रदुषण
जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने यह टिप्पणी दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण से जुड़े मसले की सुनवाई के दौरान की।
बेंच ने सवाल किया कि अगर दिल्ली एनसीआर के लोगो को साफ हवा का हक है तो देश के दूसरे हिस्सों मद रहने वाले लोगों को क्यों नहीं ! सिर्फ इसलिए कि दिल्ली देश की राजधानी है और यहां सुप्रीम कोर्ट है,इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें ही प्रदूषण मुक्त हवा मिले।
जस्टिस गवई ने कहा कि मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर था।वहां की हवा दिल्ली से भी ज़्यादा खराब थी। हम दिल्ली को सिर्फ इसलिए स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दे सकते क्योंकि यहाँ एलीट (अभिजात्य) किस्म के लोग रहते है। अगर यहां पटाखों ओर बैन लगता है तो यह पूरे देश भर में लागू होना चाहिए।
'प्रदूषण की मार गरीब तबके पर ज़्यादा'
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा कि यह ग़लत धारणा है कि वायु प्रदूषण सिर्फ एलीट किस्म के लोगो की दिक्कत है। एलीट लोगों के पास तो प्रदूषण से निपटने के अपने तरीके है। असली दिक्कत तो गलियों में मौजूद लोगों को उठानी पड़ती है फिर चाहे वो कंस्ट्रक्शन में लगे मजदूर हो या दिहाड़ी मजदूर ।
पटाखा निर्माताओं की अर्जी
दरअसल दिल्ली एनसीआर में राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के मद्देनजर पटाखों की बिक्री और भंडारण पर पूरी तरह बैन लगाया हुआ है। इसको फायरवर्क ट्रेडर्स एसोसिएशन, इंडिक कलेक्टिव और हरियाणा फायरवर्क मैन्युफैक्चरर्स नाम की संस्थाओं ने कोर्ट चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक कई पटाखा कारोबारियों के पास 2027-28 तक का वैध लाइसेंस था। लेकिन कोर्ट के पिछले आदेशों के कारण उन्हें रद्द किया जा रहा है।
उनका कहना है कि उन्हें कम से कम ग्रीन पटाखों के उत्पादन और बिक्री की अनुमति दी जाए इस पर कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि क्या ग्रीन पटाखों के मानक तय हो गए हैं? ASG ने बताया कि नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) ने इस पर कुछ रिसर्च किया है। वह अगली सुनवाई में उसे कोर्ट के सामने रखेंगी।
SC ने CAQM से जवाब मांगा
कोर्ट ने ऑथरिटी को निर्देश दिया है कि वो अभी पटाखा कारोबारियों के लाइसेंस रद्द न करें।कोर्ट ने पटाखा निर्माताओं की मांग पर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन से जवाब मांगा है।22 सितंबर को अगली सुनवाई होगी।
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