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जयपुर के गुर्जर घाटी में लैपर्ड पिटाई से मर गया, तीन दिन बाद शव बरामद
ACAshish Chauhan
Nov 17, 2025 10:35:37
Jaipur, Rajasthan
जयपुर में रिहायशी इलाके में लैपर्ड को डंडे-लाठी से पीटने के बाद उसकी मौत हो गई. आज तीन दिन बाद वन विभाग ने नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र से लैपर्ड کا शव बरामद किया है. वन अधिनियमों के तहत अब आने लैपर्ड पर अटैक करने वालों की गिरफ्तारियां होगी. आखिर कैसे पीट-पीट कर लैपर्ड को मार डाला..देखे इस रिपोर्ट में! 3 दिन बाद शव बरामद- नाहरगढ़ वन्यजीव अभयारण्य की तलहटी में गुर्जर घाटी में पहाड़ी से घायल लैपर्ड की मौत हो गई. वन विभाग की टीम ने आज सुबह लैपर्ड کا शव बरामद किया है. 3 दिन पहले इसी इलाके में लैपर्ड एक मकान में घुसा था, जिसके बाद अफरा तफरी मची. जिसमें दो लोगों पर लैपर्ड نے हमला किया. जिसके बाद लोगों ने शावक लैपर्ड को कंबल में लपेटकर लाठी डंडों से पीटा. दो दिन से वन विभाग के रेंजर यघुवेंद्र सिंह राठौड़ टीम के साथ क्षेत्र में घायल लैपर्ड के लिए रेस्क्यू चला रहे थे. आज सुबह नाहरगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में लैपर्ड को शव मिला. लोगों ने कहा था कि हमने सेल्फ डिफेंस के लिए लैपर्ड को कंबल से पकड़ा था. लेकिन वीडियो में लोग लैपर्ड को पकडकर सिर पर वार करते दिखाई दे रहे है. अब वन विभाग हमला करने वाले लोगों पर कार्रवाई करेगी. लैपर्ड का बॉयोलॉजिक पार्क में पोस्टमार्टम किया, उसके बाद अंतिम संस्कार किया गया. मौत की खबर से वन्यजीव प्रेमी हैरान- लेपर्ड को डंडे से मारने का वीडियो सामने आने के बाद वन्यजीव प्रेमियों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है. लेकिन उनका गुस्सा तब और बढ़ गया जब लैपर्ड की मौत की खबर सामने आई. रेंजर यघुवेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि पूरे मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है. लैपर्ड को पीटने वाले लोगों की तलाश की जा रही है. अभी वो सभी युवक फरार है. जल्दी ही वन अधिनियमों के तहत उनकी गिरफ्तारियां की जाएगी. वन्यजीवों पर हमला करने से वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 का उल्लंघन होता है. इस अधिनियम की धारा 9 स्पष्ट रूप से कहती है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी जंगली जानवर का शिकार नहीं कर सकता. इस अधिनियम के उल्लंघन के लिए दंड निर्दिष्ट हैं, और यदि अदालत दोषी पाती है तो व्यक्ति को कैद और या जुर्माना हो सकता है. बाइट-यघुवेंद्र सिंह राठौड़, रेंजर (चश्मे में) MONITORING पर सवाल- लेकिन बड़ा सवाल ये भी जंगल से बार बार क्यों लेपर्ड रिहायशी इलाकों में पहुंच रहे है? क्या वन विभाग के जिम्मेदारों की मॉनिटरिंग फेल साबित हो रही. क्या रेंजर, एसीएफ, डीसीएफ की सघन मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही. क्योंकि जयपुर के रिहायशी इलाकों में पहली बार नहीं बल्कि बार बार लेपर्ड जंगल छोड़कर रिहायशी इलाकों तक पहुंच रहे है. इस खबर की फीड ओएफसी से स्लग से भेजी गई है।
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