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योगी ने गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए तेज समीक्षा शुरू की
RRRakesh Ranjan
Sept 16, 2025 16:02:52
Noida, Uttar Pradesh
PLAYOUT ALERT: LUCKNOW (UP): UP CM YOGI ADITYANATH HOLDS REVIEW MEETING/ VISUALS
मुख्यमंत्री का निर्देश, त्योहारों से पहले सभी सड़कें दुरुस्त हो जाएं
मुख्यमंत्री ने की गड्ढामुक्ति, सड़क मरम्मत अभियान की विभागवार समीक्षा
गड्ढामुक्ति अभियान में अब तक 21.67% प्रगति, 44,196 किमी सड़कों का है लक्ष्य
मुख्यमंत्री की चेतावनी, नगरीय अवस्थापना के कार्य समय पर और पारदर्शिता के साथ हों, अन्यथा महापौर के अधिकारों पर होगा पुनर्विचार
उत्तर-दक्षिण कॉरीडोर की रूपरेखा पर भी हुआ विमर्श, बोले मुख्यमंत्री, बेहतर होगी कनेक्टिविटी और आर्थिकी को भी मिलेगा बल
सड़क नवीनीकरण में पीडब्ल्यूडी ने 84.82% प्रगति दर्ज की, अन्य विभागों को भी गति बढ़ाने के निर्देश
रेस्टोरेशन व विशेष मरम्मत में 2,750 किमी सड़कें चिन्हित, काम में तेजी के निर्देश
त्योहारों के दृष्टिगत 114 मार्ग असंतोषजनक स्थिति में पाए गए, मुख्यमंत्री ने तुरंत सुधार कर सुचारु यातायात सुनिश्चित करने को कहा
लखनऊ, 16 सितम्बर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मॉनसून वर्षा के कारण खराब हुईं सड़कों की मरम्मत और आवश्यकतानुसार पुनर्निर्माण के लिए जारी कार्यवाही को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि हाई-वे हों या एक्सप्रेस-वे, ग्रामीण सड़कें हों या नगरीय क्षेत्र की सड़कें, दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली और छठ जैसे आगामी प्रमुख पर्वों से पहले सभी महत्वपूर्ण मार्ग पूरी तरह अच्छी स्थिति में होनी चाहिए, ताकि आमजन को असुविधा न झेलनी पड़े।
मुख्यमंत्री, मंगलवार को विभिन्न विभागों के साथ महत्वपूर्ण बैठक में सड़कों की मररमत, गड्ढामुक्ति अभियान आदि की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में अधिकारियों ने गड्ढा मुक्ति अभियान की कार्ययोजना के संबंध में अवगत कराया कि प्रदेश की कुल 6,78,301 सड़कों (लंबाई 4,32,989 किमी) में से 44,196 किमी को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में औसतन 21.67 प्रतिशत प्रगति दर्ज हुई है। मुख्यमंत्री ने एनएचएआई, मंडी परिषद, पीडब्ल्यूडी, ग्राम विकास, पंचायती राज, नगर विकास, सिंचाई, गन्ना एवं चीनी विकास सहित विभिन्न विभागों से अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए निर्देश दिया कि सभी विभाग लक्ष्य की प्राप्ति में समान गति बनाएं और कमजोर प्रगति वाले विभाग और बेहतर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों की मरम्मत में तेजी की अपेक्षा जताई।
नगर विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों में अवस्थापना संबंधी कार्यों की धनराशि का समय से और सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए। कार्य का आवंटन पारदर्शिता के साथ हो और कार्यों में अनावश्यक विलंब न हो। अन्यथा की स्थिति में महापौरों के अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिस भी नगर निगम में ईईएसएल का बकाया है, उसका तत्काल भुगतान करा दिया जाए।
सड़क नवीनीकरण कार्यों की समीक्षा में बताया गया कि 31,514 किमी लंबाई की सड़कों को इसमें शामिल किया गया है। लोक निर्माण विभाग ने इसमें 84.82 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है। मुख्यमंत्री ने कहा किया कि नवीनीकरण कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करना सभी विभागों की जिम्मेदारी है, इसमें कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
बैठक में अवगत कराया गया कि रेस्टोरेशन एवं विशेष मरम्मत के अंतर्गत 2,750 किमी सड़कें चिन्हित की गई हैं। अधिकारियों ने जानकारी दी कि ग्रामीण विकास विभाग ने इसमें 62.99 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है, नगर विकास विभाग ने 35.50 प्रतिशत और अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने 48.77 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 30 सितम्बर तक लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे पूरा कर कार्ययोजना शासन को प्रस्तुत की जाए।
त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 649 मार्ग संतोषजनक स्थिति में हैं, जबकि 114 मार्ग असंतोषजनक स्थिति में पाए गए हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन मार्गों को तत्काल सुधार कर सुचारु यातायात सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि त्योहारों के समय सड़कों की स्थिति प्रदेश की छवि से जुड़ी होती है, इसलिए किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान प्रदेशवासियों की सुविधा और सुरक्षा से सीधे तौर पर जुड़ा है। इसलिए सभी विभागीय अधिकारी पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और समयबद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि कार्यों की प्रगति की दैनिक निगरानी हो तथा शासन स्तर पर नियमित रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के विकास की रूपरेखा पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में अधिकांश राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पूर्व-पश्चिम दिशा में केंद्रित हैं, ऐसे में अब आवश्यकता है कि नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ने वाला एक सुदृढ़ उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार किया जाए। इस उद्देश्य से राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के अंतर्गत आने वाले हिस्सों में एनएचएआई का सहयोग लिया जाए और शेष मार्गों का निर्माण, सुदृढ़ीकरण तथा चौड़ीकरण राज्य स्तर पर कराया जाए। जहां आवश्यक हो, वहां ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएं।
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