Become a News Creator

Your local stories, Your voice

Follow us on
Download App fromplay-storeapp-store
Advertisement
Back
Mandi175019

पिता-पुत्री का अदम्य साहस, मलबे में दबकर भी नहीं हारी हिम्मत!

NSNitesh Saini
Jul 10, 2025 10:05:57
Sundar Nagar, Himachal Pradesh
लोकेशन - मंडी स्लग - पिता-पुत्री के हौसले को सलाम, बेटी ने मलबे में दबने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, पिता ने तीन लोगों का किया रेस्क्यू बगस्याड के शरण गांव की तुनेजा और भरत राज ने डटकर किया आपदा का सामना 30 जून की रात को घर के पीछे वाली पहाड़ी से आ गया था भारी मलबा यहां के लोग अब घर से हो चुके हैं बेघर, स्कूल में ले रखी है पनाह तुनेजा की मांग, पढ़ाई पर पड़ रहा विपरित असर, सरकार निकाले इसका समाधान एंकर - 30 जून की रात को आई आपदा में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने अदम्य साहस का परिचय देकर इसका डटकर मुकाबला भी किया और दूसरों की जानें भी बचाई। ऐसी ही कहानी सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले शरण गांव के पिता और पुत्री की है। भरत राज और उनकी बेटी तुनेजा ठाकुर ने इस आपदा में अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। इन्होंने बताया कि 30 जून की रात को जब घर के पीछे वाली साइड से भारी मलबा आने लगा तो आस पास के घरों के करीब 20 लोग इनके घर पर आकर इकट्ठा हो गए। लेकिन जब मलबा और बढ़ गया और घर में पानी घुसने लग गया तो सभी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। ऐसे में तुनेजा, उसकी छोटी बहन टविंकल, माता मंशा देवी, दादा हरि सिंह और एक अन्य महिला राधू देवी मलबे में फंस गए। भरत राज ने टविंकल, मंशा देवी, हरि सिंह और राधू देवी को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाल दिया लेकिन तुनेजा को नहीं निकाल सके। अपनी बेटी की चीखो पुकार सुनकर मन विचलित हो उठा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। तुनेजा ने बताया कि वो मलबे के साथ थोड़ी आगे तक बह गई और छाती तक डूब गई थी। एक लकड़ी के टुकड़े को पकड़कर खुद को बहने से बचाया। उसके बाद खुद को जैसे तैसे इससे बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान की तरफ भागी। सुबह जब परिवार के लोगों के साथ मिलना हुआ तो सभी की जान में जान आई। उसके बाद सभी बगस्याड स्कूल पहुंचे और अभी तक वहीं पर ही रह रहे हैं। बाइट - तुनेजा ठाकुर, आपदा प्रभावित बाइट - भरत राज, आपदा प्रभावित वीओ - पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जब शरण गांव पहुंचे और उन्हें इस बेटी और इसके पिता के साहस की कहानी का पता चला तो उन्होंने जमकर इसके लिए दोनों की पीठ थपथापाई। वहीं, सराज दौरे के दौरान सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी दोनों को शाबाशी दी। अभी यह परिवार बगस्याड स्कूल के अस्थायी शिविर में रह रहा है। तुनेजा और भरत राज ने बताया कि आपदा ने उनका सबकुछ छीन लिया है। तुनेजा बीएसई की पढ़ाई कर रही है। तुनेजा ने सरकार से मांग उठाई है कि अब उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं बचा है और उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। ऐसे में सरकार इनकी पढ़ाई के बारे में सोचे और उसका खर्च उठाए। वहीं, भरत राज ने सरकार से प्रभावितों के स्थायी पुर्नवास की तरफ प्रभावी कार्रवाई की गुहार लगाई है। बाइट - तुनेजा ठाकुर, आपदा प्रभावित बाइट - भरत राज, आपदा प्रभावित बता दें कि बगस्याड़ क्षेत्र के तीन पटवार वृतों के तहत 27 घर, 3 दुकानें और 28 गौशालाएं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा 15 घर, 3 दुकानें और 2 गौशालाओं को आंशिक नुकसान पहुंचा है। राहत की बात यह है कि यहां किसी की जान नहीं गई है।
14
Report

For breaking news and live news updates, like us on Facebook or follow us on Twitter and YouTube . Read more on Latest News on Pinewz.com

Advertisement
Advertisement
Back to top