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Mandi175019

सराज में जवानों की मेहनत, राहत सामग्री पहुंचाने में जुटे हैं दिन-रात!

NSNitesh Saini
Jul 08, 2025 11:33:44
Sundar Nagar, Himachal Pradesh
लोकेशन - मंडी स्लग - पीठ पर कई किलो का बोझा, न रास्तों का पता न कोई परवाह, बस... राहत पहुंचाना एकमात्र लक्ष्य रेस्क्यू टीमों के जवानों के जज्वों को सलाम, सिर्फ रेस्क्यू ही नहीं कर रहे, राहत भी पहुंचा रहे सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, होमगार्ड और पुलिस के जवान दिन-रात जुटे हैं राहत कार्यों में 250 से अधिक जवान हैं पूरे सराज क्षेत्र में तैनात, घर-घर जाकर पहुंचा रहे राहत सामग्री कहीं फंसे हैं लोग तो उन्हें भी निकाल रहे सुरक्षित बाहर, मौके पर ही दे रहे हैं उपचार भी एंकर - सराज में आई आपदा ने न सिर्फ घरों और सड़कों को तोड़ा है बल्कि उन रास्तों का भी नामों निशां मिट गया है जिनके सहारे पैदल गांवों तक पहुंचा जा सकता था। अब प्रभावित गांवों तक जाने के लिए न तो रास्ते बचे हैं और न ही कोई और साधन। ऐसे में रेस्क्यू कार्यों में जुटे जवान किसी बात की भी परवाह किए बीना दिन-रात सिर्फ एक ही लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं कि इन्हें किसी न किसी तरह प्रभावितों तक पहुंचना है और उन्हें राहत पहुंचाने के साथ ही सुरक्षित बाहर भी निकालना है। पीठ पर कई किलो की राहत उठाकर और कठिनाईयों को पार करते हुए यह जवान लोगों तक राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि सराज में इस वक्त 250 से ज्यादा लोग राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं जिनमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, वायु सेना, आइटीबीपी, होमगार्ड और हिमाचल पुलिस के जवान शामिल हैं। इन लोगों के अथक प्रयासों से राहत सामग्री भी प्रभावितों तक पहुंच पा रही है और फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू भी हो पा रहा है। इसके अलावा निरंकारी मिशन सहित अन्य सामाजिक संस्थाएं भी इस कार्य में मदद कर रही हैं। बाइट - अपूर्व देवगन, डीसी मंडी वीओ - कुल्लू से 46 जवानों के साथ सराज पहुंचे आइटीबीपी के असिस्टेंट कमांडर मेडिकल ऑफिसर डा. रवनीश पराशर ने बताया कि उनका एकमात्र लक्ष्य लोगों तक मदद पहुंचाना और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का ही है। सभी जवान जिस भी क्षेत्र में रेस्क्यू के लिए जा रहे हैं तो अपने साथ राशन, दवाईयां और जरूरत का अन्य सामान साथ लेकर जा रहे हैं। यदि कोई घायल है तो उसे मौके पर ही उपचार दिया जा रहा है। लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है और यदि कोई गंभीर रूप से बीमार है तो फिर उनका रेस्क्यू भी किया जा रहा है। लोग यहां बूरी तरह से प्रभावित हुए हैं और परेशान हैं। दुख की इस घड़ी में हमें उनका सहारा बनने का अवसर मिला है, यह हमारे के लिए सुखद बात है। बाइट - डा. रवनीश पराशर, असिस्टेंट कमांडर, मेडिकल ऑफिसर, आइटीबीपी कुल्लू
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