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कैमूर के नियोजन मेले में मंत्री ने किया वादा “पलायन रोकेंगे, रोजगार देंगे”

Jun 25, 2024 08:53:15
Varanasi, Uttar Pradesh

बिहार के कैमूर जिले में नियोजन मेले का आयोजन हुआ था। सूचना के अनुसार वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि यह मेला बिहार से पलायन रोकने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि आचार संहिता के कारण रुके विकास कार्य अब शुरू होंगे। मंत्री ने युवाओं को रोजगार के अवसर देने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री के ऐलान के अनुसार, आगामी चुनाव से पहले बड़ी संख्या में नौकरियां दी जाएंगी। मेले में कई कंपनियां भाग ले रही हैं और युवाओं की भारी भीड़ देखी गई।

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Oct 24, 2025 06:39:01
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ASAkash Sharma
Oct 24, 2025 06:34:51
Moradabad, Uttar Pradesh:मुरादाबाद के पाकबड़ा थाना क्षेत्र के एक मदरसे में पढ़ने वाली सातवी क्लास की छात्रा के परिवार ने मदरसा मैनेजमेंट पर आरोप लगाए हैं. आरोप है कि परिवार जब बच्ची को घर से मदरसे में वापस लाया गया तो मैनेजमेंट ने उनके बीच गलत संबंधों के आरोप लगाकर कहा कि यदि मदरसे में बच्ची को वापस भेजना है तो पहले मेडिकल करवाओ, फिर उसे मदरसे में जमा कराने पर ही एंट्री दी जाएगी. मदरसा परिसर से निकलते समय परिजनों के साथ अभद्रता और गालियाँ भी की गईं. टीसी कटवाने के लिए जो लैटर लिखा गया है, वह भी बच्ची की तरफ से लिखा गया बताया गया जिसे कहा गया कि उसे वापस आने पर मेडिकल करवाना पड़ेगा. परिजनों ने कहा कि वे ऐसी स्थिति के लिए तैयार नहीं थे और बच्ची को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया. पीड़ित बच्ची चंडीगढ़ की रहने वाली है; घटना के बाद से परिवार आहत है और उन्होंने मदरसा मैनेजमेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए एसएसपी मुरादाबाद के सामने तहरीर दी है. पिता मोहम्मद यूसुफ का आरोप है कि 2024 में पुत्र ने लोदीपुर में स्थित मदरसे में बेटी का एडमिशन कराया था. उनकी पत्नी की तबीयत खराब होने के कारण वे इलाहाबाद से लौटे और बेटी के एडमिशन के लिए मदरसे गए, लेकिन टीसी देने से मना कर दिया गया. टीसी के फॉर्म पर बेटी और पत्नी ने मेडिकल कराने और एडमिशन से पहले मेडिकल करवाने के कारण लिखा, जिससे बेटी का एडमिशन रोका गया. पिता ने सरकार, कानून और पुलिस से कठोर कार्रवाई की मांग की है. पीड़िता का पिता, सेल्फ भेजी बाइट मामले के सम्वन्ध मे जानकारी देते हुए एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह का कहना है कि पंजाब/चंडीगढ़ के रहने वाले व्यक्ति ने शिकायत पत्र दिया है और कहा गया कि बेटी के कैरेक्टर को लेकर कमेंट्स के कारण जबरदस्ती टीसी देकर मदरसे से बाहर किया गया. प्रार्थना पत्र की जाँच के लिए भेजी गई है; आगे की वैधानिक कार्रवाई उचित होगी. बाइट:- बच्ची के पिता (सेल्फ बाइट) कुमार रणविजय सिंह, एसपी सिटी मुरादाबाद।
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NTNagendra Tripathi
Oct 24, 2025 06:34:29
Gorakhpur, Uttar Pradesh:रिपोर्ट: गोरखपुर से बेहद चौंाने वाली खबर सामने आई है। घटना तिवारीपुर थाना क्षेत्र के संकट मोचन नगर की है। क्लास 3 के मासूम बच्चे सूर्यांश शर्मा को एक सरकारी टीचर ने दौड़ा कर पकड़ा, सड़क पर गिरा कर जमकर पीटा, फिर उसके बाल पकड़ कर गर्दन में खींच कर घर ले गया और कमरे में बन्द कर 30 मिनट तक पीटा। चेहरे पर दस से अधिक थप्पड़ मारे गए, मुक्का मारकर दांत टूट गए और हाथ-पैर-कान पर भी चोटें आईं। बच्चे ने नाली में पड़ी एक क्रिकेट बॉल उठाई थी, जिस पर उसका विवाद शुरू हुआ। पिता दयानन्द शर्मा के अनुसार आरोपी टीचर बिहार के सरकारी स्कूल में तैनात हैं और अब घर के करीब किराए के मकान में रहते हैं। बच्चे के भागने के बाद परिजनों को सूचना दी गई, 112 पर पुलिस बचाव के लिए बुलवाई गई, और गांव में मेडिकल चेकअप के बाद मामला दर्ज किया गया। इतने दबे-छिपे तरीके से बच्चों के साथ ऐसी घटनाओं की निंदा होनी चाहिए; अब गोरखपुर पुलिस इस हैवान टीचर पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
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ACAshish Chaturvedi
Oct 24, 2025 06:33:17
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MKMohammad Khan
Oct 24, 2025 06:32:54
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FWFAROOQ WANI
Oct 24, 2025 06:32:31
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RRRakesh Ranjan
Oct 24, 2025 06:31:15
Noida, Uttar Pradesh:मुख्यमंत्री योगी का बड़ा निर्णय, 30 वर्ष बाद बढ़ेंगे पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकार पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पांच गुना तक वृद्धि का निर्णय वर्ष 1995 में तय सीमाएं अब पुरानी, लागत बढ़ने के अनुरूप अब हो रहा वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण मुख्य अभियंता को अब ₹10 करोड़, अधीक्षण अभियंता को ₹5 करोड़ तक कार्य स्वीकृति का अधिकार अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता के अधिकारों में भी बढ़ोतरी से निर्णय प्रक्रिया होगी त्वरित मुख्यमंत्री के निर्णय से निविदा, अनुबंध व कार्यारंभ प्रक्रिया में तेजी, प्रशासनिक दक्षता व पारदर्शिता में वृद्धि होगी उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में होगा संशोधन विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद शामिल मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या बढ़ी, पदोन्नति प्रक्रिया स्पष्ट होगी लखनऊ, 24 अक्टूबर:- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक निर्माण विभाग के विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पाँच गुना तक की वृद्धि किए जाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बदलावों से विभागीय अधिकारियों को निर्णय लेने में अधिक स्वायत्तता प्राप्त होगी। उच्च स्तर पर अनुमोदन की आवश्यकता घटने से निविदा, अनुबंध गठन एवं कार्यारम्भ की प्रक्रिया में गति आएगी। यह सुधार वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने में सहायक होगा。 शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग की बैठक में यह तथ्य सामने आया कि विभाग के अधिकारियों के वित्तीय अधिकार वर्ष 1995 में निर्धारित किए गए थे। इस बीच निर्माण कार्यों की लागत में पाँच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार वर्ष 1995 की तुलना में वर्ष 2025 तक लगभग 5.52 गुना वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण आवश्यक है, जिससे निर्णय प्रक्रिया में तेज़ी आए और परियोजनाओं का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप से किया जा सके। अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग ने मुख्यमंत्री को सिविल, विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए वित्तीय अधिकारों की वर्तमान व्यवस्था की जानकारी दी। विमर्श के उपरांत निर्णय लिया गया कि सिविल कार्यों के लिए अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों की सीमा अधिकतम पाँच गुना तक तथा विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए कम से कम दो गुना तक बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्णय के अनुसार मुख्य अभियंता को अब ₹2 करोड़ के स्थान पर ₹10 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार होगा। अधीक्षण अभियंता को ₹1 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार दिया जाएगा। अधिशासी अभियंता के वित्तीय अधिकार ₹40 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ किए जाएंगे। सहायक अभियंता को भी सीमित दायरे में टेंडर स्वीकृति एवं छोटे कार्यों की अनुमति देने के अधिकार बढ़ाए जाएंगे। बता दें कि यह पुनर्निर्धारण तीन दशकों के बाद होने जा रहा है。 बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन के माध्यम से विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग की सेवा संरचना, पदोन्नति व्यवस्था तथा वेतनमान के पुनर्गठन से जुड़े प्रस्तावों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि नियमावली में किया जा रहा यह संशोधन विभागीय अभियंताओं की सेवा संरचना को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के उद्देश्य से किया गया है। संशोधित नियमावली में विद्युत एवं यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद सम्मिलित किया गया है। इसके साथ मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में वृद्धि की गई है। नवसृजित पदों को नियमावली में समाहित करते हुए उनके पदोन्नति स्रोत, प्रक्रिया और वेतनमान को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है, जिससे सेवा संरचना अधिक पारदर्शी और संगठित हो सके। बैठक में यह भी बताया गया कि मुख्य अभियंता (स्तर-एक) के पद पर पदोन्नति अब मुख्य अभियंता (स्तर-दो) से वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी। इसी प्रकार मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों पर भी पदोन्नति की प्रक्रिया को नियमावली में स्पष्ट किया गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप अधिशासी अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता (स्तर-एक) तक के पदों के वेतनमान और मैट्रिक्स पे लेवल भी निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ चयन समिति की संरचना को अद्यतन किया गया है, ताकि पदोन्नति और नियुक्ति की कार्यवाही अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जा सके。 मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में एक प्रमुख विभाग है, इसलिए अभियंताओं की सेवा नियमावली को समयानुकूल, व्यावहारिक और पारदर्शी बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति व्यवस्था से विभाग की कार्यकुशलता, तकनीकी गुणवत्ता और सेवा भावना को नई दिशा मिलेगी。
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