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Mau276401

"गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की ओैर से मिलेगी वित्तीय सहायता

Nov 21, 2024 09:55:54
Chaliswan, Uttar Pradesh

मऊ जनपद के मोहम्मदाबाद गोहना के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) हेमंत चौधरी ने बताया कि प्रशासन द्वारा गंभीर बीमारियों से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को मुख्यमंत्री अनुदान आयोग से सहायता राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत, आवेदक को आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, और संबंधित अस्पताल से इलाज का अनुमान (एस्टीमेट) जमा करना आवश्यक होता है। यह सहायता उन व्यक्तियों के लिए है, जो यदि आप या आपके परिचित इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं

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KCKULDEEP CHAUHAN
Nov 16, 2025 10:18:17
Baghpat, Uttar Pradesh:कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय राय बागपत के बड़ौत पहुंचे, जहाँ उन्होंने भाजपा और एनडीए सरकार पर सीधा हमला बोला। पत्रकारों से बातचीत के दौरान अजय राय ने बिहार विधानसभा चुनाव, दिल्ली धमाके, सोनभद्र हादसे और प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए। अजय राय का दावा है कि बिहार में एनडीए की जीत “वोट चोरी” का नतीजा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और भाजपा पूरे देश में वोट कटवाकर चुनाव जीतने की साजिश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बिहार चुनाव में 65 लाख वोट काटे गए और गुजरात के ऑब्जर्वर को खास तौर पर चुनाव ड्यूटी दी गई ताकि मनमाफिक परिणाम लिए जा सकें। राय ने इसे “बेइमानी से जीता गया चुनाव” बताया।उन्होंने कहा कि 2027 में यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अभी से तैयारी शुरू कर चुकी है और जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी। साथ ही दावा किया कि यूपी में थाने, तहसील, ब्लॉक और बिजली विभाग दलाली के अड्डे बन गए हैं, जिससे जनता परेशान है। दिल्ली धमाके पर बोलते हुए अजय राय ने इसे चुनावी टाइमिंग से जोड़ दिया। उन्होंने कहा — 10 नवंबर को हमला और 11 नवंबर को बिहार चुनाव… यह संयोग नहीं हो सकता। पुलवामा हमले का उदाहरण देते हुए उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। सोनभद्र की घटना पर भी उन्होंने सरकार को घेरा। कहा कि मुख्यमंत्री योगी वहीं मौजूद थे, फिर भी चट्टान धँसने से श्रमिकों की मौत हो गई, जो गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की।
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ASAkash Sharma
Nov 16, 2025 10:18:06
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UCUmesh Chouhan
Nov 16, 2025 10:17:49
Jhabua, Madhya Pradesh:झाबुआ जिले के भोले-भाले आदिवासी मजदूरों की मजबूरी और उनकी पीड़ा एक बार फिर पूरे प्रदेश को हिला देने वाली घटना के रूप में सामने आई है। मंडियों में मजदूरी खत्म, पंचायतों में मनरेगा में काम बंद… ऐसे माहौल में झाबुआ के आदिवासी मजदूर घर में बैठे-ब Bots भूखे मरने की कगार पर पहुँच जाते हैं और यही मजबूरी उन्हें गुजरात जैसे महानगरों में धक्के खाने पर मजबूर कर देती है। ऐसा ही एक दर्दनाक और तीखा मामला झाबुआ जिले के ग्राम मालखंडवी में सामने आया, जिसने जिले की व्यवस्था पर कई कटु प्रश्न खड़े कर दिए हैं। वेतन नहीं, PF नहीं… उल्टा नौकरी से निकालने की तैयारी — मजदूरों का फूटा गुस्सा अहमदाबाद के बेहरमपुरा क्षेत्र में कचरा वाहनों पर काम कर रहे थांदला तहसील के मालखंडवी और आसपास के गांवों के दर्जनों आदिवासी ड्राइवर महीनों से वेतन और PF के इंतजार में थे। इनका आरोप है कि किसी का 3 महीने, किसी का 4 महीने का वेतन नहीं दिया गया। PF का एक रुपया तक नहीं मिला। वादा किया था—“सब मिलेगा, सिर्फ काम करो।” अब ठेकेदार नए ड्राइवर रख रहा था, पुराने को निकालने की तैयारी में था।ड्राइवरों को जब यह पता लगा, तो दर्द और गुस्से में उन्होंने गुजरात से एक साथ 12 कचरा वाहन लेकर सीधे अपने गांव वापस आने का फैसला कर किया। सुपरवाइजर भी गुजरात से पीछे-पीछे पहुंचा — GPS काटने से चली पकड़ जैसे ही ड्राइवर गाड़ियां लेकर निकल पड़े, वाहनों की GPS लोकेशन गायब हो गई। बेहरमपुरा के सुपरवाइजर ने बताया “दो गाड़ियों का GPS नहीं चल रहा था। इंक्वायरी की तो पता चला कि सभी गाड़ियां गांव की तरफ जा चुकी हैं। हम गुजरात से सीधे झाबुआ तक आए, तो मालखंडवी में 12 गाड़ियां खड़ी मिलीं।” सोकड़िया नामक ठेकेदार के अंडर में काम करते थे सभी ड्राइवरों का कहना है कि वे सोकड़िया नाम के ठेकेदार के अंडर में कचरा वाहन चलाते थे। वहीं गांव पहुँचने वाले सुखराम गरवाल ने बताया मेरे अंडर 35 गाड़ियां काम करती थीं। अब इन सबका करीब 55 लाख रुपए वेतन और PF बन रहा है। मैं गरीब इंसान हूं, ये रकम कहां से दूं? ठेकेदार इनकी पूरी रकम दे, तब गाड़ियां वापस ले जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सभी गाड़ियों की चाबियाँ उनके पास रख दी गई हैं, जब तक मजदूरी नहीं मिलेगी वाहन वापस नहीं होंगे। गांव में सरपंच, पटेल, तड़वी को भी सूचना — पुलिस को भी मामला बताया गया ड्राइवरों ने गांव पहुँचकर सबसे पहले इस स्थिति की जानकारी सरपंच, तड़वी, पटेल और ग्रामीणों को दी। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई। गांव के लोग भी मजदूरों के साथ खड़े दिखाई दिए। झाबुआ के आदिवासियों की सबसे बड़ी समस्या — काम नहीं, मजबूरी अधिक 1. मंडी पूरी तरह ठप पहले मंडी में मजदूरों को भरपूर काम मिलता था। आज स्थिति यह है कि न दुकाने लगती हैं, न मंडी में खरीदी होती है, न मजदूरी मिलती है。 2. पंचायतों में मनरेगा बंद जैसा हाल मनरेगा सिर्फ कागजों में चल रही है। गांवों में महीनों से एक भी मजदूरी का काम नहीं खुला। 3. मजबूरी में गुजरात जाना पड़ता है काम नहीं → भूख भूख → पलायन और पलायन → शोषण गुजरात की कंपनियों में इन्हें, कम वेतन, देर से भुगतान, PF न देना, रात-दिन काम करना, ऊपर से नौकरी से निकालने की धमकी, यह सब इन भोलेभाले लोगों को सहना पड़ता है。 क्यों उठाना पड़ता है इतना बड़ा कदम? छोटे-छोटे गांवों के भोलेभाले आदिवासी गुजरात जाते हैं सिर्फ पेट पालने के लिए。 लेकिन जब वहां महीनों की मेहनत का पैसा न मिले…, काम से निकालने की धमकी मिले…, वादा करके PF तक न दिया जाए, तो फिर उनके पास कोई रास्ता नहीं बचता। मालखंडवी के मजदूरों ने भी यही किया— न्याय न मिला, तो 12 गाड़ियां उठाकर गांव ले आए। अब वे साफ-साफ कह रहे हैं, कि हमारी पगार दो… और गाड़ी ले जाओ!” गुजरात में प्रताड़ना, झाबुआ में बेरोजगारी — किसकी जिम्मेदारी? इस घटना ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं, क्या झाबुआ के मजदूर सिर्फ शोषण के लिए पैदा हुए हैं? मंडी, मनरेगा, रोजगार सभी बंद… सरकार किसका भला कर रही है..?आदिवासियों पर गुजरात में बढ़ता अत्याचार किसकी चिंता है? झाबुआ से रोज़गार खत्म करने वाले अधिकारी–जनप्रतिनिधि मौन क्यों हैं?
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UCUmesh Chouhan
Nov 16, 2025 10:17:34
Jhabua, Madhya Pradesh:झाबुआ जिले के भोले-भाले आदिवासी मजदूरों की मजबूरी और उनकी पीड़ा एक बार फिर पूरे प्रदेश को हिला देने वाली घटना के रूप में सामने आई है। मंडियों में मजदूरी खत्म, पंचायतों में मनरेगा में काम बंद… ऐसे माहौल में झाबुआ के आदिवासी मजदूर घर में बैठे-बैठे भूखे मरने की कगार पर पहुँच जाते हैं और यही मजबूरी उन्हें गुजरात जैसे महानगरों में धक्के खाने पर मजबूर कर देती है। ऐसा ही एक दर्दनाक और तीखा मामला झाबुआ जिले के ग्राम मालखंडवी में सामने आया, जिसने जिले की व्यवस्था पर कई कटु प्रश्न खड़े कर दिए हैं। वेतन नहीं, PF नहीं… उल्टा नौकरी से निकालने की तैयारी — मजदूरों का फूटा गुस्सा अहमदाबाद के बेहरमपुरा क्षेत्र में कचरा वाहनों पर काम कर रहे थांदला तहसील के मालखंडवी और आसपास के गांवों के दर्जनों आदिवासी ड्राइवर महीनों से वेतन और PF के इंतजार में थे। इनका आरोप है कि किसी का 3 महीने, किसी का 4 महीने का वेतन नहीं दिया गया। PF का एक रुपया तक नहीं मिला। वादा किया था—“सब मिलेगा, सिर्फ काम करो।” अब ठेकेदार नए ड्राइवर रख रहा था, पुराने को निकालने की तैयारी में था।ड्राइवरों को जब यह पता लगा, तो दर्द और गुस्से में उन्होंने गुजरात से एक साथ 12 कचरा वाहन लेकर सीधे अपने गांव वापस आने का फैसला कर लिया। सुपरवाइजर भी गुजरात से पीछे-पीछे पहुंचा — GPS काटने से चली पकड़ जैसा ही ड्राइवर GPS लोकेशन गायब हो गई। बेहरमपुरा के सुपरवाइजर ने बताया “दो गाड़ियों का GPS नहीं चल रहा था। इंक्वायरी की तो पता चला कि सभी गाड़ियां गांव की तरफ जा चुकी हैं। हम गुजरात से सीधे झाबुआ तक आए, तो मालखंडवी में 12 गाड़ियां खड़ी मिलीं।” सोकड़िया नामक ठेकेदार के अंडर में काम करते थे सभी ड्राइवरों का कहना है कि वे सोकड़िया नाम के ठेकेदार के अंडर में कचरा वाहन चलाते थे। वहीं गांव पहुँचने वाले सुखराम गरवाल ने बताया मेरे अंडर 35 गाड़ियां काम करती थीं। अब इन सबका करीब 55 लाख रुपए वेतन और PF बन रहा है। मैं गरीब इंसान हूं, ये रकम कहां से दूं? ठेकेदार इनकी पूरी रकम दे, तब गाड़ियां वापस ले जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सभी गाड़ियों की चाबियाँ उनके पास रख दी गई हैं, जब तक मजदूरी नहीं मिलेगी वाहन वापस नहीं होंगे। गांव में सरपंच, पटेल, तड़वी को भी सूचना — पुलिस को भी मामला बताया गया। गांव के लोग भी मजदूरों के साथ खड़े दिखाई दिए। झाबुआ के आदिवासियों की सबसे बड़ी समस्या — काम नहीं, मजबूरी अधिक 1. मंडी पूरी तरह ठप पहले मंडी में मजदूरों को भरपूर काम मिलता था। आज स्थिति यह है कि न दुकाने लगती हैं, न मंडी में खरीदी होती है, न मजदूरी मिलती है। 2. पंचायतों में मनरेगा बंद जैसा हाल मनरेगा सिर्फ कागजों में चल रही है। गांवों में महीनों से एक भी मजदूरी का काम नहीं खुला। 3. मजबूरी में गुजरात जाना पड़ता है काम नहीं → भूख भूख → पलायन और पलायन → शोषण गुजरात की कंपनियों में इन्हें, कम वेतन, देर से भुगतान, PF न देना, रात-दिन काम करना, ऊपर से नौकरी से निकालने की धमकी, यह सब इन भोलेभाले लोगों को सहना पड़ता है। क्यों उठाना पड़ता है इतना बड़ा कदम? छोटे-छोटे गांवों के भोलेभाले आदिवासी गुजरात जाते हैं सिर्फ पेट पालने के लिए। लेकिन जब वहां महीनों की मेहनत का पैसा न मिले…, काम से निकालने की धमकी मिले…, वादा करके PF तक न दिया जाए, तो फिर उनके पास कोई रास्ता नहीं बचता। मालखंडवी के मजदूरों ने भी यही किया— न्याय न मिला, तो 12 गाड़ियां उठाकर गांव ले आए। अब वे साफ-साफ कह रहे हैं, कि हमारी पगार दो… और गाड़ी ले जाओ!” गुजरात में प्रताड़ना, झाबुआ में बेरोजगारी — किसकी जिम्मेदारी? इस घटना ने कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं, क्या झाबुआ के मजदूर सिर्फ शोषण के लिए पैदा हुए हैं? मंडी, मनरेगा, रोजगार सभी बंद… सरकार किसका भला कर रही है..? आदिवासियों पर गुजरात में बढ़ता अत्याचार किसकी चिंता है? झाबुआ से रोज़गार खत्म करने वाले अधिकारी–जनप्रतिनिधि मौन क्यों हैं?
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SPSatya Prakash
Nov 16, 2025 10:16:39
Raipur, Chhattisgarh:विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह का विभिन्न मसले में बयान. बिहार में BJP की जीत, सीएम पद की शपथ पर कहा- ऐतिहासिक विजय है. प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने कार्य योजना बनाकर काम किया. बिहार विकास के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनेगी, पूर्ण बहुमत की सरकार बनी है भूपेश बघेल को बिहार में जिम्मेदारी मिलने और फिर हार पर कहा- भूपेश बघेल को जब-जब जिम्मेदारी मिली है तब सभी जानते है क्या होता है. नीतीश कुमार की ईमानदारी और उनके नीतियों की यह जीत है. जो ईमानदारी से सरकार चलाएगा उसकी जीत होगी डीजी कॉन्फ्रेंस को लेकर डॉ. रमन सिंह ने कहा- डीजी कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ अन्य राज्य के डीजी शामिल होंगे. नक्सल समस्या को लेकर एक निर्णायक दौर आया है. नक्सलवाद से देश आगे बढ़ चुका है. 2026 मार्च तक नक्सलवाद खात्मे की डेडलाइन तय हो चुकी है. शत प्रतिशत नक्सल समाप्ति करने सफलता मिलेगी 18 नवंबर को विशेष सत्र का आयोजन. विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा- पुराने विधानसभा में एक दिन का सत्र होगा 18 नवंबर को. जहां 25 साल बिताए उसका यह सत्र है. सभी की यादें है पुराने विधानसभा में. पुराने विधानसभा में यह अंतिम सत्र रहेगा, शीतकालीन सत्र नया विधानसभा में होगा
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ACAshish Chauhan
Nov 16, 2025 10:15:12
Jaipur, Rajasthan:जयपुर में लैपर्ड को डंडों से पीटा,घायल लैपर्ड के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन\nजयपुर-जल महल के नजदीक गुर्जर घाटी में लैपर्ड को डंडों से पीटने की घटना के बाद वन विभाग सक्रिय हो गया है. वन विभाग की टीम ने घायल लैपर्ड को ढूंढने के लिए रेस्क्यू नाहरगढ अभ्यारण्य में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. लैपर्ड से संघर्ष के बीच दो लोग बुरी तरह से जख्मी हुए. लैपर्ड के काटने के बाद महिला एसएमएस अस्पताल में भर्ती है. लोगों का कहना है कि लैपर्ड पर सेल्फ डिफेंस में हमला किया, जबकि वन विभाग के रेंजर यगुवेंद्र सिंह राठौड़ का कहना है कि वन अधिनियमों के तहत लैपर्ड पर डंडे बरसाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई करेंगे.
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Nov 16, 2025 10:11:43
Orai, Uttar Pradesh:ब्रेकिंग न्यूज़ जालौन यूपी रिपोर्ट = अखिलेश सिंह जालौन में दिखा रफ्तार का कहर, तेज रफ्तार गिट्टी से भरे डंपर ने बाइक में मारी टक्कर हादसे में एक युवक की मौत, दूसरा युवक हुआ घायल मृतक शादी का कार्ड लगाने सदूपुरा से जा रहे थे भिंड, जालौन- औरैया रोड पर डंपर ने मारी टक्कर, पुलिस ने डंपर चालक को किया गिरफ्तार, मेडिकल कॉलेज शव पहुंचने पर परिजनों ने कालपी रोड पर लगाया जाम, जाम की सूचना पर पहुंची पुलिस, पुलिस ने परिजनों को समझा बुझाकर कराया शांत पुलिस ने शव कब्जे में लेकर भेजा पोस्टमार्टम के लिए भेजा जालौन कोतवाली क्षेत्र के जालौन औरैया स्टेट हाईवे की घटना बाइट: रंजीत मृतक के परिजन
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KMKuldeep Malwar
Nov 16, 2025 10:07:02
Bagheri Kalan, Rajasthan:खैरथल तिजारा जिले के किशनगढ़बास थाना अंतर्गत मूसाखेड़ा गांव में नौ माह की मासूम बच्ची की हत्या का मामला सामने आया है। आरोप है कि बच्ची की मां रूमिज़ा ने अपनी ही बालिका का गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया। मृतक बालिका के दादा आज़ाद खान की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बच्ची के शव को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया गया। बताया जा रहा है कि घटना के बाद से आरोपी महिला रूमिज़ा घर से लापता है, जिसकी तलाश में पुलिस जुट गई है। परिजनों ने बताया कि रूमिज़ा का व्यवहार पिछले कई महीनों से संदिग्ध था और वह घर में लगातार तनाव का माहौल बना रही थी। आरोप है कि कुछ समय पहले महिला ने घर के पशुओं को भी जहर दे दिया था, जिसमें 11 नवंबर को दो भैंसों की मृत्यु हो गई थी। इसके अलावा कुछ दिन पहले घर में आगजनी की घटना भी उसकी ओर से की गई थी, जिससे परिवार में दहशत का माहौल बना हुआ था। वही मासूम बच्ची की मौत के बाद पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है और अस्पताल परिसर में परिजनों व ग्रामीणों की भारी भीड़ मौजूद है। हालांकि पुलिस अभी सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है, साथ ही आरोपी महिला की गिरफ्तारी के प्रयास भी जारी हैं।
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AMABHAYA MOHANTY
Nov 16, 2025 10:06:21
Keonjhar, Odisha:ଆଙ୍କର: ଭଗବାନ ବିର୍ଶା ମୁଣ୍ଡାଙ୍କର ୧୫୦ତମ ଜନ୍ମ ଜୟନ୍ତୀ ଉପଲକ୍ଷେ କେନ୍ଦୁଝର ଅଡ଼ିଟୋରିୟମ୍ ରେ ପାଳିତ oଛି ଜନଜାତୀୟ ଗୌରବ ଦିବସ । ମୁଖ୍ୟ ଅତିଥି ରୂପେ ଯୋଗଦେଇ, ଏହି କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମକୁ ପ୍ରଦୀପ ଜାଳି ଉଦଘାଟନ କରିଥିଲେ କେନ୍ଦୁଝର ସାଂସଦ ଅନନ୍ତ ନାୟକ । ଭଗବାନ ବିର୍ଶା ମୁଣ୍ଡାଙ୍କର ଗୌରବମୟ ଇତିହାସକୁ ପୂର୍ବରୁ ଅଣଦେଖା କରାଯାଉଥିବା ବେଳେ, ଏବେ ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦି ଭଗବାନ ବିର୍ଶା ମୁଣ୍ଡା ଜୟନ୍ତୀକୁ ଜନଜାତୀୟ ଗୌରବ ଦିବସ ରୂପେ ପାଳନ ପାଇଁ ଘୋଷଣା କରିବା ସହିତ, ଜନଜାତି ବର୍ଗର ଉନ୍ନତି ପାଇଁ ଅନେକ କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମ କରାଯାଉଥିବା କହିଛନ୍ତି ସାଂସଦ ଅନନ୍ତ ନାୟକ । ଏଥିସହିତ, ମୁଖ୍ୟମନ୍ତ୍ରୀ ମୋହନ ଚରଣ ମାଝୀ, ଜନଜାତି ବର୍ଗର ଲୋକଙ୍କ ଆର୍ଥିକ ବିକାଶ ସହିତ, sେମାନଙ୍କ ପରମ୍ପରା ଓ ସଂସ୍କୃତିର ସଂରକ୍ଷଣ ଦିଗର ଧ୍ୟାନ ଦେଉଥିବା ସେ କହିଛନ୍ତି । କାର୍ଯ୍ୟକ୍ରମଣରେ କୃତି ଛାତ୍ରଛାତ୍ରୀଙ୍କୁ ପୁରସ୍କାର ବଣ୍ଟନ କରାଯାଇଥିଲା । ଏଥିସହିତ, bଇଟ ୧-ଅନନ୍ତ ନାୟକ, sାଂସଦ, କେନ୍ଦୁଝର ।
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RJRahul Joshi
Nov 16, 2025 10:06:09
Kota, Rajasthan:रामगंजमंडी, कोटा रामगंजमंडी में अखिल भारतीय आदिवासी भील समाज शाखा द्वारा धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई,पारंपरिक परिधानों में सजे समाजजन साबू क्रीड़ांगन से रवाना हुए,शोभायात्रा में भगवान बिरसा मुंडा की आकर्षक झांकी मुख्य केंद्र रही, ढोल-नगाड़ों व पारंपरिक नृत्य के बीच महिलाओं की बड़ी भागीदारी रही, राह में जगह-जगह समाजजन पानी व शरबत की सेवा में जुटे रहे, जुलूस दोपहर में नगर पालिका पहुंचा, जहां नगर कांग्रेस परिवार ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया और झांकी पर माल्यार्पण किया, मुख्य मार्गों से होकर शोभायात्रा वापस साबू क्रीड़ांगन पहुंची जहां कार्यक्रम का समापन हुआ, आयोजन में प्रशासन व स्वयंसेवकों का सहयोग सराहनीय रहा।
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ASAkhilesh Sharma
Nov 16, 2025 10:06:00
Dungarpur, Rajasthan:जिला डूंगरपुर विधानसभा डूंगरपुर लोकेशन डूंगरपुर ग्रामीण डाक सेवकों ने सांसद को सौंपा ज्ञापन, सिवियल कर्मचारी का दर्जा देने व 8 वे वेतनमान का लाभ दिलाने की रखी मांग डूंगरपुर जिले के ग्रामीण डाक सेवकों ने आज बांसवाड़ा - डूंगरपुर के सांसद राजकुमार रोत को ज्ञापन सौंपते हुए ग्रामीण डाक सेवकों को सिवियल कर्मचारी का दर्जा दिलाने व 8 वेतनमान का लाभ दिलाने की मांग रखी है। डूंगरपुर जिलेभर के ग्रामीण डाक सेवक आज डूंगरपुर शहर के राणा पूंजा सर्किल पर एकत्रित हुए। इस दौरान ग्रामीण डाक सेवक सांसद राजकुमार के ऑफिस पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सांसद राजकुमार को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर ग्रामीण डाक सेवकों ने बताया कि ग्रामीण डाक सेवक डाक विभाग की रीढ़ की हड्डी है। वे ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक डाक सेवा उपलब्ध करवा रहे है जो कि शहरी क्षेत्र की सेवाओं के समतुल्य है। लेकिन ग्रामीण डाक सेवकों को 12 से 15 हजार रूपये का बहुत कम मानदेय दिया जा रहा है। विभाग द्वारा उनके साथ एक्स्ट्रा डिपार्टमेंटल कहकर उनके साथ वेतन व दर्जे में भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने सांसद से ग्रामीण डाक सेवकों को सिवियल कर्मचारी का दर्जा देने, 8 वे वेतन आयोग में शामिल करते हुए वेतनमान पुनरनिर्धारण करने , ऑफिस का किराया बढ़ाने, पेंशन शुरू करने की मांग की है। वही उनकी आवाज को केंद्र सरकार के समक्ष उठाते हुए उन्हें राहत पहुंचाने की मांग की है।
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BKBRAJESH KUMAR
Nov 16, 2025 10:05:37
Khunti, Jharkhand:खूँटी में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा वृहत संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा विशेष रूप से उपस्थित रहे। विद्यार्थी परिषद् का उद्देश्य बिरसा मुंडा के संदेशों को जन-जन तक पहुँचाना लक्ष्य है। इस कार्यक्रम को अर्जुन मुंडा ने दीप जलाकर उद्घाटन किया। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष आर्यन मान एवं विशेष अतिथि के रूप में अभाविप के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री गोविंद नायक की उपस्थिति रहे। इस आयोजन में सैकड़ों विद्यार्थी व आमजन भी शामिल हुए। संगोष्ठी के अलावे बिरसा मुंडा संदेश यात्रा की शुरुआत की गयी। जो भगवान बिरसा की जन्मस्थली उलिहातु से होते हुए खूंटी, चक्रधरपुर, चाईबासा, सरायकेला, रांची, जमशेदपुर, गुमला, लोहारगदा, लातेहार, मोदिनीनगर, गढ़वा, दुद्धीनगर, राबर्ट्सगंज, वाराणसी, जौनपुर, कुशभवनपुर, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, सहारनपुर के रास्ते होते हुए देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन के अधिवेशन स्थल पर 27 नवंबर को पहुंचेगी। यात्रा के दौरान उक्त विराम स्थानों पर संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनी एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन कर भगवान बिरसा द्वारा जनजातीय गौरव को बढ़ाने हेतु किए गए कार्यों को आम जन तक पहुंचाया जाएगा। मौक़े पर, अर्जुन मुंडा ने कहा कि
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