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Mathura281501

मथुरा में प्रेमी के साथ षडयंत्र रच 'पत्नी ने कराई पति की हत्या'

Nov 26, 2024 06:24:07
Adeeng, Uttar Pradesh

मथुरा-थाना हाइवे पुलिस ने तीन दिन पूर्व गांव नगला माना, उस्फार निवासी युवक की हत्या का खुलासा किया। युवक की हत्या उसकी पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर कराई थी। इसके लिए आठ लाख रुपये सुपारी दी गयी थी। पुलिस टीम तभी आरोपियों की तलाश में थी। सोमवार को मुठभेड़ में एक हत्यारोपी गोली लगने से घायल हो गया, जबकि पत्नी समेत तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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RSRanajoy Singha
Nov 15, 2025 17:09:04
Malda, West Bengal:দিল্লি বিস্ফোরণের সঙ্গে বাংলা যোগ। উত্তর দিনাজপুরে থেকে গ্রেফতার মেডিক্যাল ছাত্র। উত্তর দিনাজপুরের সূর্যাপুর বাজার এলাকা ধৃত নিশার আলম। এনআইএর হাতে ধৃত নিশার। ধৃত যুবক আল ফলাহ মেডিক্যাল কলেজের ছাত্র। স্থানীয় সূত্রে খবর, নিশারের আদি বাড়ি লুধিয়ানায় হলেও তাঁর পৈতৃক বাড়ি উত্তর দিনাজপুরের ডালখোলার কোনাল গ্রামে। ঠিক দুই দিন আগে এক আত্মীয়ের বিয়েতে যোগ দিতে নিশার তাঁর মা ও বোনকে নিয়ে কোনাল গ্রামে আসেন। ঠিক সেই সময়ে তাকে গ্রেফতার করে এনআইএ ফুরফুরা শরিফের পীরজাদা ত্বরহা সিদ্দিকী এ বার পাশে দাঁড়ালেন ভাঙড়ের ত্রীণমূল নেতা আরাবুল ইসলাম এবং কাইজার আহমেদের। নাম না করে তীব্র আক্রমণ শানালেন দলের তরফে ভাঙড়ের দায়িত্বপ্রাপ্ত সাংসদ শওকত মোল্লার দিকে। তাঁর অভিযোগ, আরাবুল, কাইজার এবং আরাবুলের পুত্র হাকিমুলকে খুন করতে পারে শাসক দল আমি মনে করি এ রাজ্যের মূল দুটো সমস্যা হচ্ছে সন্ত্রাস এবং দুর্নীতি।। ইলেকশনের আগে এই سন্ত্রас কমাতে হবে এবং দুর্নীতিকে নির্বাচন প্রক্রিয়া থেকে দূরে রাখতে হবে ।। এই দুটোকে অবিলম্বে দূর করতে হবে ।। ন্যথো এ রাজ্যে অবাধ নির্বাচন হবে না।।---GOVERNOR পশ্চিমবঙ্গে নির্বাচনটা ব্যালটে করতে হবে বুলেট নয় ।। পশ্চিমবঙ্গে এই পরিবর্তনটা অবিলম্বে দরকার ।।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 15, 2025 17:08:17
Jodhpur, Rajasthan:नोट इसमें सुप्रीम कोर्ट के विजुअल चलावे जोधपुर --सर्वोच्च न्यायालय ने मेहरानगढ़ दुखांतिका प्रकरण में गठित जस्टिस जसराज चोपड़ा जांच आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने संबंधी जनहित याचिका के स्थानांतरण के लिए दायर याचिका का निस्तारण कर दिया है। याचिकाकर्ता ईश्वर प्रसाद खंडेलवाल ने प्रार्थना की थी कि उक्त याचिका, जो वर्तमान में राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर खंडपीठ में लंबित है को निष्पक्ष एवं त्वरित सुनवाई के हित में गुजरात उच्च न्यायालय, अहमदाबाद स्थानांतरित किया जाए। जस्टिस एस.वी.एन. भट्टी की एकलपीठ ने प्रार्थना-पत्र पर विचार करते हुए कहा कि प्रस्तुत आधारों पर स्थानांतरण का कोई औचित्य सिद्ध नहीं होता। न्यायालय ने अभिलेखों का अवलोकन करते हुए उल्लेख किया कि वर्ष 2008 की मेहरानगढ़ दुखांतिका के परिप्रेक्ष्य में गठित आयोग ने मई 2011 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी तथा लंबित रिट याचिका का मुख्य आरोप रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की प्रक्रिया में कथित विलंब से संबंधित है। न्यायालय ने यह भी कहा कि केवल विलंब की आशंका के आधार पर न्यायिक कार्यवाही को एक उच्च न्यायालय से अन्य उच्च न्यायालय को स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने स्थानांतरण का विरोध करते हुए आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय में लंबित दोनों मामलों के शीघ्र निपटारे हेतु पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। सरकार के आश्वासन को न्यायालय ने रिकॉर्ड पर लिया। याचिकाकर्ता ने भी न्यायालय को अवगत कराया कि वह उच्च न्यायालय में लंबित कार्यवाही में अनावश्यक स्थगन का अनुरोध नहीं करेगा। दोनों पक्षों के आश्वासनों को संज्ञान में लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने स्थानांतरण याचिका पर विचार की आवश्यकता न पाते हुए उसे निस्तारित कर दिया। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि राजस्थान उच्च न्यायालय स्वयं प्रकरण की प्रगति के लिए आवश्यक कदम उठाए।
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UCUmesh Chouhan
Nov 15, 2025 17:07:31
Jhabua, Madhya Pradesh:थांदला क्षेत्र के ग्राम बोरवा में जो हुआ, उसने पूरे जिले की स्वास्थ्य और आंगनवाड़ी व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि आंगनवाड़ी में विषाक्त भोजन खाने के बाद 11 मासूम बच्चे तड़पते हुए बीमार पड़े, जिनमें से 1 बच्चे की हालत बेहद गंभीर है। जब बच्चों को सिविल हॉस्पिटल थांदला लाया गया, तब तक कई बच्चे उल्टी, चक्कर और पेट दर्द से तड़प रहे थे। डॉक्टरों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 5 से 6 बच्चों को झाबुआ जिला चिकित्सालय रेफर किया, जहां उनका इलाज जारी है। बीएमओ बीएस डावर ने माना कि बच्चे अस्पताल लाए गए थे और कुछ को झाबुआ भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि फूड पॉयजनिंग की पुष्टि जांच में होगी, लेकिन जब बच्चे एक जैसी तकलीफ लेकर भर्ती हों, तो आखिर शक किस पर जाएगा..? क्या बच्चों के स्वास्थ्य को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है? आंगनवाड़ी – बच्चों की पोषाहार की जगह या हादसों का घर? आंगनवाड़ी उन मासूमों के लिए होती है? जो खुद अपनी रक्षा नहीं कर सकते, जिन्हें पोषण चाहिए, सुरक्षा चाहिए, ध्यान चाहिए। लेकिन बोरवा की यह घटना बता रही है? कि इनके नाम पर सिर्फ दिखावा, घोर लापरवाही और कचरा प्रबंधन हो रहा है। बच्चों का भोजन कौन बनाता है? किसकी देखरेख में परोसा जाता है? भोजन की गुणवत्ता कौन जांचता है? अगर यह सब हो रहा है? तो फिर बच्चे क्यों बीमार पड़ते जा रहे हैं? जिले में फूड पॉयजनिंग के मामले—कहीं ये लापरवाही का ‘सीरियल एपिसोड’ तो नहीं? यह पहली घटना नहीं है। जिले के कई छात्रावासों, स्कूलों और आंगनवाड़ियों में बार-बार फूड पॉयजनिंग के मामले सामने आ चुके हैं। कभी 8 बच्चे बीमार, कभी 15, कभी पूरा छात्रावास बीमार… और हर बार वही सरकारी बयान— “जांच की जाएगी, देखने में आया, निर्देश दिए गए…” लेकिन न जांच पूरी होती है, न कार्रवाई होती है, न ही व्यवस्था सुधरती है। क्या विभाग बच्चों की जान पर प्रयोग कर रहा है? क्यों हर बार घटना के बाद ही अधिकारी सक्रिय होते हैं? क्यों पहले से कोई निगरानी नहीं? बच्चों की थाली में जहर, और अधिकारी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं! जब बच्चे अस्पतालों में भर्ती हों, स्ट्रेचर पर पड़े हों, जब एक बच्चे की हालत गंभीर हो— तब भी विभागीय अधिकारी “अभी कुछ नहीं कह सकते” कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। क्या इस जिले में बच्चों की जिंदगी की कोई कीमत नहीं रह गई? आंगनवाड़ी केंद्रों की निगरानी कौन कर रहा है? क्या भोजन सप्लाई में भ्रष्टाचार है? क्या सामग्री खराब आती है? या फिर निरीक्षण सिर्फ फाइलों में होता है? जब मासूमों की जान दांव पर हो तो विभाग की चुप्पी अपराध बन जाती है। अंत में सबसे बड़ा सवाल— छात्रावासों में बार-बार ज़हर, विभाग मौन, किसका इंतज़ार—एक बड़ी ट्रेजेडी का..؟ करीब 11 बच्चे एक साथ बीमार होना कोई छोटी घटना नहीं है। ये पूरे सिस्टम की नाकामी है। अगर आज सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो कल यह संख्या 11 नहीं, 50 या 100 भी हो सकती है। अब बस एक ही आवाज उठ रही है बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ बंद करो। जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करो। और आंगनवाड़ी व्यवस्था की पूरी जांच कराओ।
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PPPrakash Pandey
Nov 15, 2025 17:07:20
Mau, Uttar Pradesh:स्लग - शादी की तैयारी कर रहे परिवार का घर हुआ आग के हवाले सारा सामान जलकर हुआ खाक मऊ मधुबन तहसील के ग्राम पंचायत दुबारी के खैरा गांव में अचानक लगी भीषण आग ने कई परिवारों को हादसे का शिकार बना दिया। शादी की खुशियों के बीच लगी इस आग ने पूरे माहौल को मातम में बदल दिया। जानकारी के अनुसार घर में शादी की तैयारीयाँ जोरों पर थीं, लेकिन शादी से पहले ही आग लगने से पूरा सामान जलकर खाक हो गया। ग्रामीणों के अनुसार आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कुछ ही मिनटों में कई घर इसकी चपेट में आ गए। इस घटना में रामानंद चौहान, हरीलाल चौहान, राधेश्याम, विजय और राममूरत चौहान के घरों को भारी नुकसान पहुँचा है। घरों में रखा जरूरी सामान, कपड़े, बर्तन, अनाज और शादी से जुड़े कीमती सामान जलकर पूरी तरह नष्ट हो गए। आग लगते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने बिना समय गंवाए पानी, मिट्टी और संसाधनों की मदद से आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने आग पर काबू तो पा लिया, लेकिन तब तक लाखों का नुकसान हो चुका था।
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KSKartar Singh Rajput
Nov 15, 2025 17:06:58
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KKKamal Kumar
Nov 15, 2025 17:06:30
Pakhanjur, Chhattisgarh:बड़गॉव थाना अंतर्गत बड़गाँव और छिंदपाल के पास एक भीषण सड़क हादसे में नौ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। दो की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। हादसा उस वक्त हुआ जब सड़क किनारे खड़े हार्वेस्टर की मरम्मत चल रही थी, तभी तेज़ रफ्तार ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि सड़क किनारे हार्वेस्टर का पंचर बनाया जा रहा था। कुछ मजदूर वहीं काम में जुटे थे, तभी विपरीत दिशा से रफ्तार में आ रहा ट्रक अचानक अनियंत्रित हो गया… और सीधे हार्वेस्टर से जा भिड़ा। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वहां मौजूद मजदूर और ग्रामीण दूर जा गिरे। इसी दौरान सड़क से गुजर रहे दो बाइक सवार भी चपेट में आ गए। इस हादसे में कुल नौ लोग घायल हुए हैं, जिनमें दो की हालत गंभीर है। घायल ग्रामीणों को तत्काल स्थानीय लोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोण्डे पहुंचाया गया। यहां सभी का इलाज जारी है। वहीं दो युवकों की हालत नाजुक होने पर डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही बड़गांव पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रक को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि छिंदपाल के पास सड़क काफी संकरी है और भारी वाहनों की तेज रफ्तार अक्सर हादसों का कारण बनती है। लोगों ने प्रशासन से चेतावनी संकेतक लगाने और यातायात नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। फिलहाल पुलिस हादसे के कारणों की जांच में जुटी है… लेकिन यह घटना फिर एक बार बड़े सवाल खड़े करती है—क्या भारी वाहनों की लापरवाही पर लगाम लगेगी?
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