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Mainpuri205001

Mainpuri: भोगांव में भू माफियाओं का कब्जा, दिव्यांग ने की शिकायत

Jan 02, 2025 06:35:31
Mainpuri, Uttar Pradesh

मैनपुरी के भोगांव तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत मंछना में भू माफियाओं ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। दिव्यांग राम मोहन मिश्रा ने डीएम को शिकायत दर्ज कराते हुए जमीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग की है। उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी और मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी है। सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर गांव में नाराजगी बढ़ रही है।

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HSHITESH SHARMA
Dec 05, 2025 06:03:42
Durg, Chhattisgarh:दुर्ग ज़िले के धमधा क्षेत्र के ग्राम घोटवानी में इन दिनों लगातार अजगर दिखाई दे रहे हैं पिछले कुछ हफ्तों से गांव व आसपास के खेतों में बार-बार अजगर मिलने की घटनाओं ने ग्रामीणों में डर और जिज्ञासा दोनों बढ़ा दी है सुबह गांव में तब हड़कंप मच गया जब राजकुमार वर्मा के खेत में एक विशाल अजगर दिखाई दिया तुरंत सूचना मिलते ही 112 की टीम और वन विभाग मौके पर पहुंच गया और अजगर को सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया. वी/ओ-वन विभाग की टीम अजगर को धमधा ले जा ही रही थी कि तभी गांव के ही बुधारू साहू के खलिहान में एक और बड़ा अजगर दिख गया इस बार स्थानीय निवासी वेदराज संतु वर्मा ने सूझबूझ का परिचय देते हुए सांप को सुरक्षित रूप से नियंत्रित किया और वन विभाग को सौंप दिया एक ही दिन में दो अजगर मिलने के बाद पूरे गांव में खौफ फैल गया घोटवानी में अब तक लगभग 8 अजगर रेस्क्यू किए जा चुके हैं जिससे यह गांव पूरे दुर्ग जिले में चर्चा का केंद्र बन गया है ग्रामीण मानते हैं कि हाल ही में आई बाढ़ के कारण जंगल के निचले हिस्सों से बड़े सांप बहकर गांव के खेतों,मेड़ों, खलिहानों और झाड़ियों की ओर आ गए हैं बाढ़ उतरने के बाद सुरक्षित स्थान तलाशते हुए ये अजगर लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में दिखाई दे रहे हैं लगातार सांप मिलने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है लोग रात में खेतों की तरफ जाने से बच रहे हैं और बच्चों को भी अकेले बाहर न जाने की सलाह दी जा रही है। पशुपालक भी सतर्क हो गए हैं क्योंकि अजगर छोटे पालतू जानवरों का शिकार कर लेते हैं वन विभाग के जवान ओयंबक साहू का कहना है कि अजगर सामान्य प्रजाति है इसलिए डरने की जरूरत नहीं है दिखाई देने पर 112 या वन विभाग को सूचना देकर उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कराया जाना चाहिए.
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PCPUSHKAR CHAUDHARY
Dec 05, 2025 06:03:19
Jokhanalagga Bura, Uttarakhand:चमोली में संतान दायनी माता सती अनुसूया देवी का दो दिवसीय मेला विधिविधान के साथ शुरु हुआ चमोली/ उत्तराखंड यहां अनुसूया मंदिर गेट पर पांच देवियों की मौजूदगी में स्थानीय लोगों द्वारा शुभारंभ किया गया. वहीं देर शाम तक करीब 225 बरोही (निःसंतान दम्पति) ने अनूसुया देवी मंदिर में पंजीकरण किया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दशोली ब्लॉक के बंणद्वारा, खल्ला, सगर, देवलधार और कठूड़ मंदिरों में माता अनुसूया की पांच बहनों की पूजा-अर्चना की गई। जिसके बाद सभी गांवों के ग्रामीण दोपहर में ढोल दामाऊं के साथ देव डोलियों ने अनुसूया मंदिर के लिये प्रस्थान किया। सभी डोलियाँ मंडल में स्थित अनुसूया देवी मंदिर के पैदल मार्ग के मुख्य द्वार पर एक-दूसरे से मिली। इस दौरान पाँचों देव डोलियों के मिलन को देखने बड़ी संख्या में देव भक्त यहाँ पहुंचे थे। यहां भक्तों ने माँ अनुसूया और ज्वाला के जयकारों के साथ देव डोलियों को भव्य स्वागत किया। माता अनुसूया को संतान दायनी माना जाता है, और यहां दत्तात्रेय जयंती पर आयोजित मेला में जो भी निःसंतों द्वारा यहां पूजा-अर्चना की जाती है, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। क्या है पूजा का विधान संतानदायीनी माता अनुसूया को लेकर ग्रामीणों की मान्यता है कि दत्तात्रेय जयंती पर आयोजित मेला में जो भी निःसंतान दम्पति यहां पूजा-अर्चना करते हैं, उन्हें संतान की प्राप्ति होती है। यहां दत्तात्रेय जयंती के पर्व क्षेत्र की सगर, बंणद्वारा, देवलधार, कठूड और खल्ला की देव डोलियाँ अनुसूया मंदिर पहुंचती हैं। जहां विशेष पूजाओं के बाद निःसंतान महिला को रात्रि के समय आयोजित अनुष्ठान में भाग लेना होता है। जिसके बाद यहां आने वाले स्वप्न के बाद महिला अपने पति के साथ स्नान कर लौट आती है। मान्यता है महिला को स्वप्न में फल दिखाई देने पर पुत्र की प्राप्ति होती है।
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MKMANTUN KUMAR ROY
Dec 05, 2025 06:01:04
Bihar:समस्तीपुर में ससुराल आए युवक की संदिग्ध हालत में मौत. युवक के परिजनों ने लगाया जहर खिलाने का आरोप. घटना समस्तीपुर जिले के अंगार थाना क्षेत्र के चैता वार्ड 11 की है. चैता निवासी शैलेन्द्र साहनी के पुत्री प्रीति कुमारी के पति जो चार तारीख को अपने ससुराल, पत्नी की विदाई के लिए आया हुआ था लेकिन युवक के परिजनों को अस्पताल में भर्ती होने की सूचना दी गई. अस्पताल में भर्ती की सूचना पर पहुंचे परिजनों ने एक निजी अस्पताल से उसका शव बरामद किया. घटना की जानकारी पुलिस को दी गई मौके पर पहुंची अंगार थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल भेज आगे की कार्रवाई में जुट गई है. मृतक युवक की पहचान सरायरंजन थाना क्षेत्र रायपुर वार्ड नो निवासी लक्ष्मी साहनी के पुत्र मुनीर साहनी के रूप में हुई. निवासी मृतक युवक के भाई का बताना है कि 30 नवम्बर को लड़की के फुआ की बेटी की शादी थी. उसी में बताया गया है कि पति-पत्नी और उसके ससुराल वालों के बीच विवाद हुआ था इसके बाद वह ससुराल नहीं जाने की बात कह कर चली गई थी लेकिन 4 तारीख को उसके ससुराल वालों ने विदाई करने को लेकर फोन किया था इस फोन पर वह अंगार पहुंचा था. हम लोगों को लगता है कि जहर खिलाकर इसको मार दिया गया है. लड़के की शादी 18 महीने पूर्व हुआ था जिससे दो माह की एक छोटी सी लड़की है. घटना के बाद से ही लड़की के परिवार वाले और लड़की फरार है. जांच में जुटी पुलिस
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NSNITIN SRIVASTAVA
Dec 05, 2025 06:00:46
Barabanki, Uttar Pradesh:ब्रेकिंग बाराबंकी बाराबंकी की एसआरएमयू में फिर बवाल, परीक्षा न देने का आरोप लगाकर छात्रों का जोरदार हंगामा फिर शुरू, सैकड़ों छात्र-छात्राएं कर रहे जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, अगले सेमेस्टर की एडवांस फीस जमा न करने पर उन्हें वर्तमान सेमेस्टर की परीक्षा से वंचित का आरोप, छात्रों का आरोप परीक्षा शुल्क पहले ही जमा, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने पोर्टल बंद कर दिया, जिससे एडमिट कार्ड भी नहीं मिल पा रहे, छात्रों का आरोप- यूनिवर्सिटी प्रशासन के चक्कर काटने के बावजूद किसी ने नहीं की सुनवाई, देरी से फीस पर 10 से 12 हजार रुपये तक पेनल्टी लगाने की दी जा रही धमकी, छात्रों का आरोप- डिप्टी रजिस्ट्रार बोल रहे मोबाइल रीचार्ज हो रहे, बस फीस में ही दिक्कत, बयान ने छात्रों और अभिभावकों का गुस्सा और बढ़ाया, रजिस्ट्रार नीरजा जिंदल ने छात्रों के आरोपों से किया इनकार, बोलीं- घेराव जैसी कोई बात नहीं, सिर्फ दो-तीन शिकायतें आईं, एडमिट कार्ड दे दिए गए, एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष सत्यव्रत त्रिपाठी ने दी चेतावनी, अगर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ, तो संगठन सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेगा, फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच गहराता जा रहा विवाद, छात्रों का भविष्य भी अधर में लटका。
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ADAjay Dubey
Dec 05, 2025 06:00:34
Singrauli, Madhya Pradesh:सिंगरौली। झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने 6 वर्षीय बच्चे को गंभीर हालत में पहुँचा दिया। सरई थाना क्षेत्र के झारा गांव की विमलावती साहू ने आरोप लगाया कि उनके बच्चे के घायल होने पर झांझोपानी में इलाज कर रहे डॉक्टर रामनेश साहू ने बिना एक्स-रे किए ही पक्का प्लास्टर बांध दिया, जिसके बाद बच्चे की स्थिति बिगड़ती चली गई। 4 नवंबर को बच्चा खेलते समय गिरा था, जिससे उसके हाथ में सूजन और दर्द था। परिजनों के अनुसार डॉक्टर ने बिना जांच किए प्लास्टर बांध दिया। इसके बाद बच्चे की सूजन बढ़ती गई और दर्द असहनीय हो गया। दोबारा जाने पर डॉक्टर ने प्लास्टर न खोलने की सलाह दी, जबकि तीसरी बार उन्होंने प्लास्टर किसी अन्य अस्पताल में कटवाने के लिए कह दिया। गंभीर हालत होने पर बच्चे को तुरंत ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। मामले को लेकर विमलावती साहू सिंगरौली कलेक्ट्रेट पहुँचीं और संयुक्त कलेक्टर संजीव पांडे से शिकायत की, जिसके बाद संयुक्त कलेक्टर ने तत्काल जांच के निर्देश जारी किए। सीएमएचओ सिंगरौली ने बताया कि बच्चों को बेहतर उपचार के लिए रीवा रेफर किया गया है और संबंधित झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि लापरवाही साबित होने पर सख्त कार्रवाई होगी। साथ ही जिले में सक्रिय अन्य फर्जी डॉक्टरों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की तैयारी भी की जा रही है। सीएमएचओ ने जनता से अपील की— “इलाज हमेशा योग्य एमबीबीएस डॉक्टर से ही कराएँ。” बाइट डॉ पुष्पराज सिंह, सीएमएचओ
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MKMohammad Khan
Dec 05, 2025 05:50:47
Bhilwara, Rajasthan:भीलवाड़ा। यूआईटी लॉटरी प्रक्रिया को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे है। इस कड़ी में एक और नया विवाद जुड़ गया है। इस बार विवाद का कारण है ट्रांसजेंडर को आवंटित भूखंड। दरअसल भीलवाड़ा के किन्नर समाज ने भूखंड आवंटन को लेकर कुछ सवाल उठाए हैं। इसको लेकर फिर नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल किन्नर समाज से आने वाली प्रिया बाई ने कहा कि जिले में किन्नर समाज के लोगों की संख्या करीब 25 है तो यूआईटी की ओर से आवंटित भूखंड की संख्या 35 कैसे हो गई। हमारे में से एक या दो लोगों ने आवेदन किया है बाकी ट्रांसजेंडर कहां से आ गए है। दूसरा, जिनकी लिस्ट निकाली गई प्राथमिक स्तर पर ऐसा लग रहा है कि वे फर्जी है क्योंकि जिन ट्रांसजेंडर आवेदकों को यह भूखंड आवंटित हुए हैं उनके नाम में पिता या अन्य किसी का नाम लग रहा है जबकि हमारे किन्नर समाज में गुरू शिष्य की pratha है। यानी हमारे आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र में हमारा स्वयं का नाम और पिता की जगह हमारे गुरू जैसे किरण बाई का नाम लगाया जाता है। लेकिन लिस्ट में गुरू के नाम पर उनके असली पिता और अन्य का नाम, जाति आदि सभी दिखाई दे रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर ये लोग कौन है। प्रिया बाई ने तो यहां तक कहा कि जिन ट्रांसजेंडर को भूखंड आवंटन हुआ है उनकी जांच होनी चाहिए क्योंकि हमारे समाज के लोगों का हक किसी और को नहीं छीनने देंगे। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि ट्रांसजेंडर आवेदकों की सत्यता पता लगाने के लिए कमिटी का गठन हो जिसमें हमारे समाज का प्रतिनिधि भी शामिल हो क्योंकि कोई फर्जी दस्तावेज लगाकर भूखंड प्राप्त न कर लें। इधर, यूआईटी सचिव ललित गोयल ने कहा कि ट्रांसजेंडर के लिए पूरे राजस्थान से आवेदन आए है जिन्हें भूखंड आवंटित किए हैं। दस्तावेजों के सत्यापन के साथ ही कलेक्टर के यहां जारी होने वाला सर्टिफिकेट भी अनिवार्य कर दिया है। ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आवंटित भूखंड उन्हें दिए जाएंगे अन्य किसी को नहीं। अगर किसी ने दस्तावेजों में हेरफेर किया है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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Dec 05, 2025 05:48:42
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RKRupesh Kumar
Dec 05, 2025 05:48:23
Betul, Madhya Pradesh:बैतूल की दुर्लभ शिल्पकला भरेवा आर्ट को GI टैग मिला है. इसी साल भोपाल आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को CM डॉ मोहन यादव ने भरेवा शिल्पकला से निर्मित पुष्पक विमान उपहार में दिया था, जो बैतूल के ही टिगरिया गाँव में बनाया गया था. भरेवा आर्ट बैतूल जिले की पहली शिल्पकलाओं में से एक है जिसे GI टैग मिला है. बैतूल जिले के टिगरिया गाँव के भरेवा कलाकारों की मेहनत के चलते इस गाँव को क्राफ्ट विलेज के नाम से भी जाना जाता है. भारत सरकार के बौद्धिक संपदा अधिकार चेन्नई की ओर से भरेवा आर्ट को GI टैग दिया गया है. भरेवा कला बैतूल की प्राचीनतम शिल्पकलाओं में से एक है जिसमें मिट्टी के सांचे बनाकर उनमें पिघली हुई पंचधातु को भरा जाता है और एक से बढ़कर एक शिल्पकलाएँ बनाई जाती हैं. हर कलाकृति खुद में बेजोড় दिखती है और इन्हें बनते हुए देखना भी खास होता है. बैतूल के भरेवा कलाकारों द्वारा बनाई गई मोर चिमनी काफी प्रसिद्ध है. अब GI टैग मिलने से भारत के प्रधानमंत्री और राजदूत इन शिल्पकलाओं को दूसरे देशों के राजदूतों को उपहार स्वरूप दे सकते हैं, वहीं भरेवा कला अब पूरी दुनिया के आर्ट गैलरी तक पहुंच पाएगी. GI टैग मिलने से भरेवा शिल्पकारों को ना सिर्फ दुनियाभर के बाजारों तक पहुंचने का मौका मिलेगा बल्कि इस लुप्त होती कला को नया जीवन मिल गया है. अब से लगभग दो दशक पहले भरेवा शिल्पकरी लगभग लुप्त हो चुकी थी लेकिन भरेवा कलाकारों ने अपनी जनजातीय संस्कृति और रोजमर्रा के जीवन से जुड़े सामानों और अनुभवों को भरेवा शिल्पकारी से व्यक्त किया तो इस कला को पुनर्जीवन मिल गया है.
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