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Kanpur Dehat209303

रुरा- थाना क्षेत्र में अलग- अलग जगह हुए विवाद पर पुलिस ने चार लोगों पर की कार्यवाही

Nov 30, 2024 11:22:45
Rura, Uttar Pradesh

रुरा थाना क्षेत्र में अलग -अलग जगहों पर मामूली झगड़ा फसाद हो गया था, दोनों पक्षों द्वारा एक दूसरे पर आरोप लगाकर शिकायती पत्र भी दिया गया। वहीं पुलिस ने जांच पड़ताल कर चार लोगों पर शांतिभंग करने की कार्यवाही की। थाना प्रभारी जयप्रकाश शर्मा ने बताया कि चार लोगों पर शांतिभंग करने की कार्यवाही की गई है।

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KSKISHORE SHILLEDAR
Nov 27, 2025 11:34:22
Raj Nandgaon, Chhattisgarh:राजनांदगांव शहर के मानव मंदिर चौक देर रात हुई चाकूबाजी की घटना अफरा–तफरी मच गई , दो दोस्तों के बीच हुआ विवाद खौफनाक चाकूबाजी में बदल गया। इस घटना में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही कांबिंग गश्त पर निकली पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हमलावर को कुछ ही देर में दबोच लिया। पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि आरोपी पीड़ित को सड़क से एक दुकान के भीतर घसीटकर ले जाता है और उस पर लगातार चाकू से वार करता है। दृश्य इतने खौफनाक थे कि फुटेज देखने वाले भी सिहर उठे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा ने बताया कि घायल युवक अनूप यादव और आरोपी महफूज खान दोनों आपस में दोस्त थे। दोनों के बीच रुपयों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था, जो मंगलवार रात अचानक हिंसक रूप में भड़क उठा। जांच में यह भी सामने आया कि दोनों ही युवक अपराधिक प्रवृत्ति के हैं और इनके खिलाफ अलग–अलग थानों में मामले पहले से दर्ज हैं। पुलिस दोनों से जुड़े पुराने विवादों और घटनाओं की भी जांच कर रही है, ताकि पूरे मामले की तह तक पहुंचा जा सके। आरोपी को आज न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस वारदात ने एक बार फिर शहर में आपराधिक प्रवृत्ति वाले युवकों की बढ़ती गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस का दावा है कि ऐसे तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि शहर में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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PKPrakash Kumar Sinha
Nov 27, 2025 11:33:45
Patna, Bihar:बीते सोमवार को अपार्टमेंट से छलांग लगाकर 15 वर्षीय लड़की की संदिग्ध मौत के मामले ने आज तूल पकड़ लिया है। पुलिस जांच से नाराज़ परिजनों का प्रदर्शन उग्र गुरुवार के दिन परिजनों और स्थानीय लोगों ने नाला रोड पर आगजनी कर सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। परिजनों के गंभीर आरोप परिजनों का दावा— प्रशासन ने मामले की सही जांच नहीं की, लड़की के साथ रेप की आशंका, मौत को आत्महत्या करार देने की जल्दबाजी की जा रही है। सड़क जाम की जानकारी मिलते ही मौके पर कदमकुआं,पीरबहोर थाने की पुलिस के साथ टाउन डीएसपी वन भी मौके पर पहुंचे आक्रोशित लोगों को समझने की प्रयास में जुटे।
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RKRakesh Kumar Bhardwaj
Nov 27, 2025 11:32:48
Jodhpur, Rajasthan:जोधपुर राजस्थान हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के मामले में एक महत्वपूर्ण व मिसाल कायम करने वाला फैसला सुनाते हुए स्पष्ट कर दिया कि इस प्रकार की नियुक्ति पाने के लिए परिवार का ‘भिखारी जैसी स्थिति’ में पहुंचना जरूरी नहीं है। जस्टिस फरजंद अली ने अपने रिपोर्टेबल जजमेंट में कहा कि करुणा का उद्देश्य परिवार की तात्कालिक आर्थिक समस्या का समाधान करना है, न कि उन्हें पूर्ण दयनीयता की कगार तक धकेलकर पात्रता परखना। उन्होंने कहा—“करुणा को अंकगणित के खेल में नहीं बदला जा सकता।” यह मामला ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (जो अब पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो चुका है) के उस निर्णय से जुड़ा था, जिसमें बैंक ने एक मृतक कर्मचारी के बेटे हरजीत सिंह को अनुकंपा नियुक्ति देने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि परिवार को रिटायरमेंट लाभ के रूप में करीब 34.66 लाख रुपए मिले थे और इसलिए वे ‘निर्धन’ या ‘दयनीय स्थिति’ में नहीं माने जा सकते। मामले की पृष्ठभूमि श्रीगंगानगर निवासी दिवंगत दर्शन सिंह बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे। 37 वर्षों की सेवा के बाद 17 जनवरी 2019 को बीमारी के कारण उनका निधन हो गया। वे परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। बेटे हरजीत सिंह, जो ग्रेजुएट हैं, ने मार्च 2019 में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। बैंक की सक्षम समिति ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि परिवार को ग्रेच्युटी व पीएफ मिलाकर 34 लाख से अधिक राशि मिली है, फैमिली पेंशन चल रही है और आर्थिक स्थिति ‘निर्धन’ जैसी नहीं है। वास्तविक स्थिति: बैंक ने ही काटे 8.58 लाख, इलाज का 12–15 लाख का कर्ज मृतक की पत्नी कमलजीत कौर ने बैंक को पुनर्विचार आवेदन देकर बताया कि ग्रेच्युटी में से ही बैंक ने ओवरड्राफ्ट व विभिन्न लोन मिलाकर कुल 8.58 लाख रुपए काट लिए थे। चार साल तक चले उपचार पर परिवार को बजाज फाइनेंस से 5 लाख, मुथOOT से 2.50 लाख तथा बाजार से 7–8 लाख का कर्ज लेना पड़ा। परिवार किराए के मकान में रह रहा है और बेरोजगार हरजीत ही एकमात्र आश्रित पुरुष सदस्य हैं। सभी कर्ज चुकाने के बाद परिवार के पास कोई स्थायी आय नहीं बची। इसके बावजूद बैंक ने मार्च 2020 में पुनर्विचार भी खारिज कर दिया। हाईकोर्ट की चार महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ गरीबी का पैमाना गलत: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि CPC की ‘कंगाल’ या ‘पॉपर’ की परिभाषा अनुकंपा नियुक्ति पर लागू नहीं की जा سکتی। कोई वेतनभोगी कर्मचारी मरने के बाद ‘भिखारी’ बन जाए, यह अपेक्षा अनुचित है। भुखमरी का इंतजार क्यों? अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य परिवार को तत्काल राहत देना है, न कि उन्हें पहले भुखमरी की स्थिति में पहुँचने देना। टर्मिनल लाभ आय नहीं: PF, ग्रेच्युटी जैसे सेवानिवृत्ति लाभ सुरक्षा राशि होते हैं, इन्हें नियमित आय मानकर नियुक्ति से इनकार करना अनुचित है। योजना का विरोधाभास: बैंक की नीति में स्पष्ट लिखा है कि परिवार में कमाने वाला सदस्य होने पर भी अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकती है। ऐसे में बेरोजगार बेटे को ‘गरीब नहीं हो’ कहकर कैसे मना किया जा सकता है? फैसला हाईकोर्ट ने बैंक के दोनों आदेशों को “दिमाग का इस्तेमाल न करने वाला” करार देते हुए रद्द कर दिया और बैंक को निर्देश दिया कि चार सप्ताह में मामले पर पुनः विचार कर तर्कसंगत आदेश जारी करे।
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ASAkash Sharma
Nov 27, 2025 11:32:23
Moradabad, Uttar Pradesh:
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SPSatya Prakash
Nov 27, 2025 11:31:40
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SKSandeep Kumar
Nov 27, 2025 11:31:20
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