वीरभूमि झांसी महानगर में पहली बार होगी मुनिसुव्रतनाथ भगवान की प्राण प्रतिष्ठा
झांसी नगर के कटरा मौहल्ला स्थित श्री अतिशयकारी पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री विलोकसागर जी महाराज ने अपनी दिव्यवाणी में कहा कि “कर्म तुम्हें सजा दे उसके पहले अपने आपको सजा लो”. हमारे साथ जो भी शुभ और अशुभ घटनाएं घट रही हैं ,उसका कारण कर्मोदय ही हैं. कर्मों के कारण ही चेतन के अंदर ही भगवान या शैतान बनने के भाव आते हैं ,संस्कार अमंगल से मंगल की ओर ले जाते हैं. हमारा लक्ष्य सिद्धत्व की प्राप्ति का होना चाहिए।
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