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Gonda271503

Gonda - जर्जर विद्युत लाइन पर शुद्धिकरण का कार्य शुरू

Dec 07, 2024 06:25:47
Bangawan, Uttar Pradesh

गोंडा क्षेत्र के रंजीतपुर फीडर के जर्जर विद्युत लाइन पर शुद्धिकरण का कार्य शुरू हो गया है,बिजली विभाग के लाइन मैन राहुल गौतम ने बताया कि फीडर के जर्जर खम्भो व तार को बदला जा रहा है।लाइन के शुद्धिकरण से फॉल्ट कम होगा।

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Nov 07, 2025 14:32:31
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PSPramod Sharma
Nov 07, 2025 14:32:27
Delhi, Delhi:एनआईए ने भोपाल हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) आतंकी साजिश मामले में 18वें आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, 5 अन्य पर नए आरोप लगाए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) आतंकी साजिश मामले में एक और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है और पांच अन्य के खिलाफ अतिरिक्त आरोप जोड़े हैं। यह केस 2023 में भोपाल में दर्ज हुआ था, जिसमें HuT संगठन से जुड़े लोगों पर आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने का आरोप है। एनआईए ने इस मामले में पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट (अतिरिक्त चार्जशीट) भोपाल स्थित एनआईए विशेष अदालत में दाखिल की है। इस ताज़ा चार्जशीट के साथ अब तक इस मामले में कुल 18 आरोपी चार्जशीट किए जा चुके हैं। इससे पहले, 4 नवंबर 2023 को 17 आरोपियों के खिलाफ पहली चार्जशीट दाखिल की गई थी। एनआईए की नई चार्जशीट में मोहसिन खान उर्फ दाऊद, मोहम्मद आलम, मिसबह-उल-हसन, यासिर खान, सैयद दानिश अली और मोहम्मद शाहरुख के नाम शामिल हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने अपने विदेशी हैंडलर के इशारे पर एक पुलिस अधिकारी की कार में आग लगाने जैसी आतंकी कार्रवाई को अंजाम दिया। एनआईए ने मोहसिन खान के खिलाफ यूएपीए (UAPA) और आईपीसी की कई धाराओं के तहत नए आरोप जोड़े हैं, जबकि बाकी पांच आरोपियों के खिलाफ पहले से दर्ज आरोपों में अतिरिक्त धाराएं जोड़ी गई हैं। यह मामला मई 2023 में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS), भोपाल द्वारा दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि HuT संगठन के सदस्य गुप्त रूप से मुस्लिम युवाओं की भर्ती कर रहे थे ताकि भारत की लोकतांत्रिक सरकार को गिराकर शरीयत आधारित ख़िलाफ़त (Caliphate) स्थापित की जा सके। इस नेटवर्क के सदस्य धार्मिक सभाओं (दार्स) के नाम पर गुप्त मीटिंग्स कर रहे थे, जहां युवाओं को सरकार विरोधी और हिंसक विचारधारा सिखाई जा रही थी। इसके अलावा, संगठन के लोग फिजिकल ट्रेनिंग और कॉम्बैट एक्सरसाइज भी करते थे ताकि भविष्य में हिंसक जिहादी गतिविधियों के लिए तैयार हो सकें। एनआईए ने कहा है कि वह इस पूरे आतंकी नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने के लिए जांच जारी रखे हुए है। एजेंसी अब फरार सदस्यों, समर्थकों और विदेशी हैंडलरों का पता लगा रही है ताकि भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल इस संगठन के नेटवर्क और फंडिंग चैनलों को पूरी तरह खत्म किया जा सके।
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DSDevendra Singh
Nov 07, 2025 14:32:16
Bharatpur, Rajasthan:शादी सीजन को देखते हुए शहर की दो डेयरियों पर छापा मारा गया। इस दौरान टीम ने शिव डेयरी से दूध, क्रीम और मावा के सेंपल लिए साथ ही डेयरी पर रखे 350 लीटर खट्टा बदबूदार दूध, 60 किलो मावा और 35 किलो क्रीम को नष्ट किया। इसके अलावा टीम ने विकास मिल्क डेयरी और बंसल बुरा उद्योग से खाने की चीजों के सेंपल लिए। खाद्य सुरक्षा अधिकारी महेश कुमार शर्मा ने बताया कि शादी समारोह का सीजन को देखते हुए दूध और दूध से बनी खाने की चीजें, परचून का सामान, खाद्य तेल की उपयोगिता काफी बढ़ जाती है। इसमें मिलावट न हो इसके लिए विभाग की तरफ से एक अभियान चलाया गया है। आज खाद्य विभाग की टीम ने शहर के विकास मिल्क डेयरी पर छापा मारा। वहां से टीम ने पनीर का सेंपल लिया। शिव डेयरी से मावा, पनीर और क्रीम का सेंपल लिया। इस दौरान डेयरी पर करीब 350 लीटर खट्टा बदबूदार दूध, 60 किलो मावा और 35 किलो क्रीम मिली। जिसे जब्त कर नष्ट किया गया। साथ ही सेंपल लिए गए।
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AMAsheesh Maheshwari
Nov 07, 2025 14:32:01
Noida, Uttar Pradesh:बस्सी में मिलावटी सॉस की फैक्ट्री पर कार्रवाई 500 किलो मिलावटी सॉस जप्त और 1200 किलो नष्ट शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत एक्शन फ़ूड कमिशनर राजस्थान डॉक्टर टी शुभमंगला के निर्देश पर CMHO सेकंड डॉ मनीष मित्तल की टीम ने की कार्रवाई बस्सी के मोहनपुरा गांव के मैसर्स श्रीश्याम एंटरप्राइजेज़ पर एक्शन लेते हुए 500 किलो मिलावटी सॉस जप्त किया और 200 किलो सॉस और 1000 किलो पल्प नष्ट करवाया। फैक्ट्री में सड़ी गली गाजर को उबाल कर उसमें कलर और सेक्रीन डालकर मिलावटी सॉस करवाया जा रहा था तैयार मौके पर 41 कार्टूनों में लगभग 500 बोतल में मिलावटी सॉस तैयार कर बेचने के लिए रखी मिली लगभग 200 किलो मिलावटी सॉस और सड़ी गली गाजर से तैयार 1000 किलो पल्प को नष्ट करवाया गया
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ASASHISH SHRIVAS
Nov 07, 2025 14:31:46
Raebareli, Uttar Pradesh:कटंगी में हाके दंपति रमेश हांके और पत्नी पुष्पकला हांके का घर में रक्तरंजीत शव मिला था। जहां पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच शुरू की। 24 घंटे के भीतर ही घटना को अंजाम देने वाले भतीजे और नाती को दबोच लिया गया। 05 नवंबर की रात अज्ञात आरोपियों द्वारा घर में घुसकर धारदार हथियार से हाके दंपति की हत्या कर दी गई थी। अगले ही दिन सुबह दूध वाले की आवाज न मिलने पर पड़ोसी द्वारा दरवाजा खोलने पर हत्या का पता चला। निरीक्षण के दौरान यह पता चला कि घर के मुख्य दरवाजे सहित अन्य घर के अंदर के दरवाजे एवं खिड़कियों में कोई तोड़फोड़ के साक्ष्य नहीं मिले। परंतु इस मामले का जल्द खुलासा करना पुलिस के लिये बड़ी चुनौती बन चुकी थी। जहां पुलिस ने 12 टीमें का गठन किया था और बारीकी से जाँच शुरू की। गठित टीमों द्वारा कंटगी के आने जाने वाले रास्ते एवं कालोनियों के 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। प्रारंभिक विवेचना एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने मृतक के भतीजे दुलीचंद्र हांके निवासी सुकली और नाती सचिन हांके को तकनीकी साक्ष्यों, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदेही माना और उन्हें पुलिस अभिरक्षा में लिया गया। जहां पूछताछ करने पर दोनों ने अपराध स्वीकार किया। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ गया था। लगभग दोनो पर करीब 04 लाख रुपए की उधारी हो चुकी थी। ऐसे में उन्होने HACKE दंपति के घर चोरी करने की योजना बनाई। उन्हें यह जानकारी थी कि मृतक के पास काफी मात्रा में कैश व गहने हैं। उन्हें यह भी जानकारी थी कि मृतक रमेश हांके सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद ब्याज में पैसे देने का व्यापार करते थे। साथ ही ग्राम सुकली में पोल्टीफार्म भी है जिसकी देखरेख आरोपी नाती सचिन हांके करता था। इस तरह आरोपीयों ने पैसों की लालच में आकर चोरी और हत्या की योजना बनाई। दोनों आरोपियों ने जेवर, नकदी चोरी करने की सुनियोजित योजना बनाते हुए आरोपी सचिन हांके द्वारा 05 नवंबर की रात्रि लगभग 11.30 बजे मृतक रमेश हांके को मोटर-साइकिल पंचर होने का बहाना बनाकर घर से बाहर बुलवाया। जैसे ही रमेश हांके पंचर की दुकान देखने बाहर निकले, दोनो आरोपी प्लान के मुताबिक घर में दाखिल हुए और पुष्पकला हांके की धारदार हथियार चाकू से हत्या कर दी। इसके बाद रमेश हांके के घर लौटने पर उसकी भी उसी हथियार से हत्या कर दी। उसके बाद दोनो ने आलमारी से सोने-चाँदी के जेवर व 1,15,000 रुपये नगद सहित लगभग 10 लाख रुपये का मशरूका चोरी करके फरार हो गए।
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MDMahendra Dubey
Nov 07, 2025 14:31:28
Damoh, Madhya Pradesh:दमोह में फिर बुलडोजर एक्शन, मुख्य मार्ग के अतिक्रमण हटाना शुरू, डीएम ने कहा मैं खुद करूंगा मॉनिटरिंग..एंकर/ दमोह में बड़ी समस्या के रूप में जाने जाने वाला अतिक्रमण आम लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है तो अब बारिश और त्योहारी सीजन खत्म होते ही एक बार फिर प्रशासन का बुलडोजर तैयार हो गया है और नगर पालिका के साथ राजस्व की टीम सड़कों पर दिखाई देने लगी है। आधिकारिक रूप से एक बार फिर अतिक्रमण के खिलाफ मुहिम शुरू की गई है और इस बार पहले दौर में इन दुकानदारों को निशाना बनाया जा रहा है जो अपनी दुकानों के सामने कब्जा किए हुए है। आज दोपहर बाद शुरू हुई मुहिम में बस स्टैंड चौक से कोआपरेटिव बैंक चौराहा और तहसील मैदान के सामने अतिक्रमण हटाए गए है तो कुछ दुकानदारों का कीमती सामान भी जब्त किया गया है, इतना ही नहीं नगर पालिका ने इन दुकानदारों का चालान भी किया है। सीएमओ के मुताबिक दुकानदारों की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है। वहीं अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन भी सख्त है, कलेक्टर ने संबंधित विभागों को सख्त निर्देश जारी किए है वहीं कहा है कि अतिक्रमण के खिलाफ अभियान की वो खुद मानिटरिंग करेंगे। बाइट/ राजेंद्र सिंह ( सीएमओ नगर पालिका दमोह) बाइट/ सुधीर कोचर ( कलेक्टर दमोह)
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AGAdarsh Gautam
Nov 07, 2025 14:31:15
Sidhi, Madhya Pradesh:एंकर/ सीधी जिले से सूरत मजदूरी करने गए युवक के साथ बर्बरतापूर्वक मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर बायरल हुआ था जिसके बाद युवक का मोबाइल बन्द आ रहा था जिससे परिजनों को अनहोनी की चिंता सता रही थी वह युवक आज सकुशल सीधी पहुँचा जहाँ उसके परिजन व सीधी सांसद बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, युवक ने पहुँच कर पूरी घटना का बृतान्त बताया जिस पर सांसद ने हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया है। सीधी जिले के बहरी थानांतर्गत नकझर गांव निवासी सुधीर पांडेय 5-6 पूर्व मजदूरी करने सूरत गए हुए थे, सुधीर पांडेय ने बताया की गोलू यादव के अंडर में काम करता था उसके पहले भोला यादव का अंडर में काम करता था फिर गोलू यादव के अंडर में काम करने लगा, चार पांच दिन की छुट्टी थी तो दोस्त कृष्णा यादव के साथ पुणे चला गया वहां जाते ही दोस्त कृष्णा यादव द्वारा कमरे में बंद करके पैर बांधकर मारपीट करने लगे और चाकू से वार कर रहे थे, हमें पता नहीं था कि दोस्त ही ऐसा कृत्य करेगा, हमें मरवाने वाला भोला यादव था जिसने काम छोड़ने पर हमसे रंजिश रखता था, भोला यादव बनारस का रहने वाला है उसने कृष्णा यादव को जान से मारने को कहा था, अमित यादव उर्फ भोला यादव बनारस के रहने वाला है जबकि मारने वाला कृष्णा यादव उर्फ विजय यादव प्रयागराज का रहने वाला है। मारपीट की जानकारी जब मालिक को लगी तो কिबाड़ खुलवाया और वहां से हमको दवाई कराने के लिए भेजा गया लेकिन वहां पुलिस में शिकायत होने के बाद उपचार होने की बात कही गई तब ये वहां से बिना उपचार कराए ही सीधी के लिए निकल पड़ा। वही अपने बेटे को पाकर माँ भावुक हो गई और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है। पीड़ित का मेडिकल चेकअप भी कराया गया है। बाइट- 1सुधीर पांडेय पीड़ित बाइट- 2पीड़ित की माँ बाइट/ जैसे ही सुधीर सीधी पहुँचा तो सांसद आवास में सांसद डॉ राजेश मिश्रा, माँ और बहन इंतजार कर रहे थे, जैसे ही यह पहुँचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया और सांसद ने पूरी घटना की जानकारी की और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से की है वही पीड़ित को हर सम्भव चिकित्सकीय मदद और आर्थिक मदद करने की बात कही है वही ब्राह्मण समाज के राकेश दुबे ने दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग शाशन- प्रशासन से की है वही सभी से हर सम्भव मदद की अपील की गई है। बाइट- 3डॉ राजेश मिश्रा सांसद सीधी बाइट,4राकेश दुबे, अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज बहरहाल जिले में रोजगार को लेकर पलायन लोगो का जारी है लोग रोजगार करने अन्य राज्यो में जाते हैं और वहां से इस तरह की भयावह वीडियो बायरल होता हैं जिसके बाद लोगो की रूह कांप जाती है, वही सुधीर की वापसी के बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है अब देखना दिलचस्प होगा कि क्रूरता पूर्वक मारपीट करने वाले ओर किस प्रकार की कार्यवाही हो पाती है।
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KSKartar Singh Rajput
Nov 07, 2025 14:30:38
Morena, Madhya Pradesh:ग्वालियर शहर की तिघरा पुलिस ने हवाई फायर करने वाले मुरैना के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से बोलेरो जीप एक कट्टा चार जिंदा राउंड और लाठी आदि बरामद किए हैं। पता चला है कि नरेश सिंह गुर्जर लखनपुर से आरोपियों का विवाद चल रहा है। गुरुवार के दिन दोपहर में जब वह अपने भाई के साथ खेत में गाय भैंस चरा रहा था तभी रेंडाकी के रहने वाले नरेंद्र, दिलीप, तहसीलदार आदि ने उनके ऊपर फायरिंग कर दी। किसी तरह नरेश आदि बच गए। तिघरा पुलिस ने इस मामले में मुरैना के बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस को पता चला कि एक आरोपी बोलोरो गाड़ी से लखनपुर होते हुए जौरा की तरफ भागने की फिराक में है। इस पर तिघरा पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ लिया।
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PCPUSHPENDRA CHATURVEDI
Nov 07, 2025 14:30:20
Shahdol, Madhya Pradesh:शहडोल जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र के ग्राम बरकछ की खबर के अनुसार एक युवक ने अपनी ही मां सावित्री बाई कोल की हत्या कर दी। आरोपी का नाम राजकुमार कोल बताया जा रहा है, जिसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। 4 नवंबर की रात मामूली विवाद के बाद लाठी से वार कर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और तीन दिन तक मां के शव के साथ उसी कमरे में सोता और खाता-पीता रहा। तीन दिन बाद पड़ोसियों को शक हुआ, पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़ने पर अंदर महिला की लाश मिली और बेटा शव के पास बैठा मिला। आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और एफएसएल टीम जांच कर रही है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में मानसिक अस्थिरता को वजह बताया जा रहा है। सवाल ये है कि आखिर कैसे एक बेटा अपनी ही मां का दुश्मन बन गया और तीन दिन तक शव के साथ रहकर खाता-पीता रहा, ये घटना पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला रही है। Ram Ji Srivastav (पुलिस अधीक्षक शहडोल)
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Nov 07, 2025 14:29:21
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VMVimlesh Mishra
Nov 07, 2025 14:22:56
Mandla, Madhya Pradesh:मण्डला - कभी दुआओं का घर कहा जाने वाला आनंदम आज लापरवाही का अड्डा बन चुका है । जहां कभी लोगों की नेकी से गरीबों के चेहरे खिलते थे, आज वहीं उन्हीं दुआओं पर धूल जम चुकी है । मंडला के कलेक्ट्रेट परिसर में बना 'आनंदम' जिसे जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की जगह कहा जाता था आज वह अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है । यहां जमा किए गए कपड़े और सामग्री न तो सुरक्षित रखी गई न ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाई । लापरवाही इतनी कि अब ये कपड़े सड़ चुके हैं और नगर पालिका के ट्रैक्टर में भरकर फेंके जा रहे हैं । सोचिए ज़रा की लोग नेक नीयत से अपने नए-पुराने कपड़े दान करते हैं ताकि किसी गरीब जरूरतमंद को मिल सके और वह इन्हें पहन सके, लेकिन यहां तो वो कपड़े कबाड़ में बदल गए । अब लोगों में आक्रोश है, और सवाल भी की आखिर कौन है इस लापरवाही का जिम्मेदार? व्ही ओ - 1 - गरीबों, जरूरतमंदों की मदद के लिए आनंदम का संचालन किया जा रहा है जहां लोग अपने घर, दुकान की अनुपयोगी सामग्री यहां दे जाते हैं ताकि आनंदम आने वाले जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री प्राप्त कर सकें, लेकिन जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट के पास आनंदम के हाल-बेहाल है । यहां लोग जो सामग्री दे जाते हैं.... उन्हें यहां सुरक्षित नहीं रखा जाता है जिससे लोगों द्वारा दी जाने वाली अधिकांश सामग्री जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है । जो लोग दूर-दूर से यह सोचकर आनंदम में सामग्री दे जाते हैं कि वह किसी जरूरतमंद के काम आ जाएगी लेकिन आनंदम में जिस अव्यवस्थित तरीके से सामग्री को रखा जाता है उससे जहां यह जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है वहीं सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं होने से अधिकांश सामग्री कचरा में तब्दील होती जा रही है । लाखो रुपए के कपड़े ऐसे ही बर्बाद हो गए । आलम ये है की नगरपालिका के ट्रैक्टर में भरकर आनंदम से कपड़े ले जाए गए, जिनका अब विनस्टिकरण किया जाएगा । बताया गया कि ये कपड़े खराब हो गए थे । आनंदम में वैसे तो लोग कई तरह की सामग्री देकर जाते हैं जिसमें कपड़े, बर्तन, पुस्तक-कॉपी के साथ कई तरह की सामग्री शामिल होती है, लेकिन इसमें ज्यादातर कपड़े शामिल होते हैं । देखा गया है कि कई लोग नए कपड़े तक यहां दे जाते हैं ताकि किसी जरूरतमंद की आवश्यकता पूरी हो सके लेकिन यहां सामग्रियों को सुरक्षित नहीं रखने के कारण कई बार लोगों द्वारा दी जाने वाली सामग्री खराब होकर नष्ट हो जाती है । आनंदम में सुबह से गरीब, जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री की चाह लेकर दूर-दूर से पहुंचते हैं लेकिन कई बार उन्हें यहां का गेट लगा होने से मायूस होकर लौटना पड़ता है । अक्सर यहां के गेट को बंद देखा जाता है जिससे जहां जरूरतमंदों को बैरंग वापिस लौटना पड़ता है वहीं जो लोग दूर-दूर से यहां देने के लिए सामग्री लेकर पहुंचते हैं वे या तो उन सामग्री को लेकर वापिस लौट जाते हैं या फिर गेट के बाहर ही छोड़कर चले जाते हैं इसी तरह की सामग्री खुले में रखने से किसी काम की नहीं रह जाती है । हालांकि यहां शेड के अंदर भी सामग्री को सुरक्षित और व्यवस्थित नहीं रखा जाता है जिसके कारण जरूरतमंदों के लिए आई सामग्री खराब हो जाती है । दान का ये सामान अब सिर्फ कचरा बन चुका है । आनंदम में मौजूद शासकीय कर्मचारी बताते हैं दो महीना से रखरखाव नहीं हुआ है, ढेर सारे कपड़े इकठ्ठे हो गए हैं । अब इन्हें अलग कर जलाने के लिए भेजा जा रहा है वही इस पूरे मामले पर आनंदम के संचालक का जवाब भी उतना ही कचरा है । वह भी सुन लीजिए उनका कहना है की हमारा एक साथी किसी कारणवश काम नहीं कर पा रहा था साथ ही, बजट का भी भारी अभाव है इसी वजह से ऐसी स्थिति बन गई । हम इसे ठीक करने की कोशिश कर रहे थे । ​बाइट - 1 -नीलेश दुबे - आनंदम कर्मचारी । बाइट - 2 - विष्णु कुमार सिंगोर - क्षेत्र संयोजक - आनंदम विभाग मंडला । व्ही ओ - 2 - इसे आनंदम कहिए या इसे नेकी की दीवार जहां लोग कपड़े दान करने आते ہیں, जरूरतमंद सामान दान करते हैं, उन दानदाताओं का कहना है कि हमने यह कपड़े इसलिए दिए थे ताकि किसी जरूरतमंद को राहत मिले लेकिन यहां तो सब बर्बाद हो रहा है । ये देखकर बहुत दुख होता है और आक्रोश भी है । अब यहाँ कपड़े देने से क्या फायदा? हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है । बाईट - 3 - रेणु कछवाहा - समाजसेवी । बाइट - 4 - आशीष कछवाहा - दानदाता । बाईट - 5 - सालिगराम पटेल - दानदाता । व्ही ओ - 3 - सवाल सिर्फ लापरवाही पर नहीं, बल्कि व्यवस्था पर उठते हैं । क्या आनंदम जैसे नेक प्रयासों को सिर्फ नाम के लिए चलाया जा रहा है? क्या दान किए गए सामान की देखरेख की कोई जवाबदेही नहीं है? अब उम्मीद है इस खबर को देखने के बाद प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और दान की गरिमा को बहाल करेगा ।
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VMVimlesh Mishra
Nov 07, 2025 14:22:38
Mandla, Madhya Pradesh:मण्डला - कभी दुआओं का घर कहा जाने वाला आनंदम आज लापरवाही का अड्डा बन चुका है । जहां कभी लोगों की नेकी से गरीबों के चेहरे खिलते थे, आज वहीं उन्हीं दुआओं पर धूल जम चुकी है । मंडला के कलेक्ट्रेट परिसर में बना 'आनंदम' जिसे जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की जगह कहा जाता था आज वह अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है । यहां जमा किए गए कपड़े और सामग्री न तो सुरक्षित रखी गई न ही जरूरतमंदों तक पहुंच पाई । लापरवाही इतनी कि अब ये कपड़े सड़ चुके हैं और नगर पालिका के ट्रैक्टर में भरकर फेंके जा रहे हैं । सोचिए ज़रा कि लोग नेक नीयत से अपने नए-पुराने कपड़े दान करते हैं ताकि किसी गरीब जरूरतमंद को मिल सके और वह इन्हें पहन सके, लेकिन यहां तो वो कपड़े कबाड़ में बदल गए । अब लोगों में आक्रोश है, और सवाल भी की आखिर कौन है इस लापरवाही का जिम्मेदार? व्ही ओ - 1 - गरीबों, जरूरतमंदों की मदद के लिए आनंदम का संचालन किया जा रहा है जहां लोग अपने घर, दुकान की अनुपयोगी सामग्री यहां दे जाते हैं ताकि आनंदम आने वाले जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री प्राप्त कर सकें, लेकिन जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट के पास आनंदम के हाल-बेहाल है । यहां लोग जो सामग्री दे जाते हैं.... उन्हें यहां सुरक्षित नहीं रखा जाता है जिससे लोगों द्वारा दी जाने वाली अधिकांश सामग्री जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है । जो लोग दूर-दूर से यह सोचकर आनंदम में सामग्री दे जाते हैं कि वह किसी जरूरतमंद के काम आ जाएगी लेकिन आनंदम में जिस अव्यवस्थित तरीके से सामग्री को रखा जाता है उससे जहां यह जरूरतमंदों के काम नहीं आ पा रही है वहीं सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं होने से अधिकांश सामग्री कचरा में तब्दील होती जा रही है । लाखो रुपए के कपड़े ऐसे ही बर्बाद हो गए । आलम ये है कि नगरपालिका के ट्रैक्टर में भरकर आनंदम से कपड़े ले जाए गए, जिनका अब विनस्टिकरण किया जाएगा । बताया गया कि ये कपड़े खराब हो गए थे । आनंदम में वैसे तो लोग कई तरह की सामग्री देकर जाते हैं जिसमें कपड़े, बर्तन, पुस्तक-कॉपी के साथ कई तरह की सामग्री शामिल होती है, लेकिन इसमें ज्यादातर कपड़े शामिल होते हैं । देखा गया है कि कई लोग नए कपड़े तक यहां दे जाते हैं ताकि किसी जरूरतमंद की आवश्यकता पूरी हो सके लेकिन यहां सामग्रियों को सुरक्षित नहीं रखने के कारण कई बार लोगों द्वारा दी जाने वाली सामग्री खराब होकर नष्ट हो जाती है । आनंदम में सुबह से गरीब, जरूरतमंद लोग अपनी जरूरतों की सामग्री की चाह लेकर दूर-दूर से पहुंचते हैं लेकिन कई बार उन्हें यहां का गेट लगा होने से मायूस होकर लौटना पड़ता है । अक्सर यहां के गेट को बंद देखा जाता है जिससे जहां जरूरतमंदों को बैरंग वापिस लौटना पड़ता है वहीं जो लोग दूर-दूर से यहां देने के लिए सामग्री लेकर पहुंचते हैं वे या तो उन सामग्री को लेकर वापिस लौट जाते हैं या फिर गेट के बाहर ही छोड़कर चले जाते हैं इसी तरह की सामग्री खुले में रखने से किसी काम की नहीं रह जाती है । हालांकि यहां शेड के अंदर भी सामग्री को सुरक्षित और व्यवस्थित नहीं रखा जाता है जिसके कारण जरूरतमंदों के लिए आई सामग्री खराब हो जाती है । दान का ये सामान अब सिर्फ कचरा बन चुका है । आनंदम में मौजूद शासकीय कर्मचारी बताते हैं दो महीना से रखरखाव नहीं हुआ है, ढेर सारे कपड़े इकठ्ठे हो गए हैं । अब इन्हें अलग कर जलाने के लिए भेजा जा रहा है वही इस पूरे मामले पर आनंदम के संचालक का जवाब भी उतना ही कचरा है । वह भी सुन लीजिए उनका कहना है कि हमारा एक साथी किसी कारणवश काम नहीं कर पा रहा था साथ ही, बजट का भी भारी अभाव है इसी वजह से ऐसी स्थिति बन गई । हम इसे ठीक करने की कोशिश कर रहे थे । बाइट - 1 -नीलेश दुबे - आनंदम कर्मचारी । बाइट - 2 - विष्णु कुमार सिंगोर - क्षेत्र संयोजक - आनंदम विभाग मंडला । व्ही ओ - 2 - इसे आनंदम कहिए या इसे नेकी की दीवार जहां लोग कपड़े दान करने आते हैं, जरूरतमंद सामान दान करते हैं, उन दानदाताओं का कहना है कि हमने यह कपड़े इसलिए दिए थे ताकि किसी जरूरतमंद को राहत मिले लेकिन यहाँ तो सब बर्बाद हो रहा है । ये देखकर बहुत दुख होता है और आक्रोश भी है । अब यहाँ कपड़े देने से क्या फायदा? हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है । बाईट - 3 - रेणु कछवाहा - समाजसेवी । बाइट - 4 - आशीष कछवाहा - दानदाता । बाईट - 5 - सालिगराम पटेल - दानदाता । व्ही ओ - 3 - सवाल सिर्फ लापरवाही पर नहीं, बल्कि व्यवस्था पर उठते हैं । क्या आनंदम जैसे नेक प्रयासों को सिर्फ नाम के लिए चलाया जा रहा है? क्या दान किए गए सामान की देखरेख की कोई जवाबदेही नहीं है? अब उम्मीद है इस खबर को देखने के बाद प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और दान की गरिमा को बहाल करेगा ।
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